रविवार, 31 अगस्त 2025
सूरतगढ़: कासनिया एंड संस फर्म ही चलेगी.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 31 अगस्त 2025. अभी शहर में कासनिया एंड संस का मॉल ही ही चलेगा। अभी दूसरा कोई मॉल खोलने की पावर में नहीं है। अभी दिखावा किया जा रहा है मॉल खोलने का लेकिन कोई आगे बढ़कर अपना नाम रखने का खतरा मोल लेना नहीं चाहता, खर्चा करना नहीं चाहता। मॉल खोलने से पहले और उसके बाद खर्चा तो करना ही पड़ेगा जो खर्चा करेगा वही तो नया मॉल चला सकेगा। बाहर की फर्म को दिखाएं कि सूरतगढ़ में मार्केट अच्छा है लेकिन बाहर की फर्म से हरेक तो नहीं जुड़ेगा। बाहर की फर्म संचालक पर कैसे विश्वास होगा कि वह यहां के लोगों की ईच्छा पूरी कर सकेगा।
सूरतगढ़ के पावरफुल ढब्बुओं की तो हवा निकली हुई है दुबारा कैसे भरी जाए? जब तक दूसरा मॉल नहीं खुलता तब तक कासनिया एंड संस फर्म के पास ही जाएंगे। रामप्रताप कासनिया और उसके पुत्र संदीप कासनिया फर्म के मालिक और एकमात्र मालिक। कुछ दम है शक्ति है तभी तो स्वतंत्रता दिवस समारोह में मंच पर प्रशासन बिठाता है, स्वागत करता है। किसी की हिम्मत है बोलने की। सच्च तो कड़वा ही होता है। हवाई बातों से भाषणों से तो कुछ होने वाला नहीं। हनुमान की राजनीति राकेश की राजनीति में कुछ दिखता नहीं। अशोक नागपाल कुछ करते नहीं,जो करते हैं वह कमजोरी ही दर्शाता है। सूरतगढ़ के ही करें तो बाहर के किसी की एंटरी ही नहीं। राजनीति में मालाएं और बुके कभी फलदायक सिद्ध नहीं हुए। अपना झंडा गाड़ो तो लोग झंडे के नीचे आएं। देख लेते हैं अपना झंडे का खम्भा कोई गाड़ता है या होर्डिंग्स छपास जी हजुरियों के चक्कर में रहता है।
मेरा अभी तो यही मानना है कि अभी किसी में दम नहीं है और कासनिया एंड संस फर्म ही चलेगी। मेरे लिखे को झूठा साबित कर दो तो अच्छी बात है, लेकिन अभी तो कांग्रेसी भ्रष्टाचार और सड़क का कचरा तथा नालियों की गंदगी साफ कराने की ताकत ही नहीं है। अपने में खोजो लिखने बोलने शिकायत करने की ताकत और फिर कहीं नाम निकल जाएगा,जनता बना लेगी नेता। ०0०
शनिवार, 30 अगस्त 2025
श्रीगंगानगर से कौन हो राज्यमंत्री! बिहाणी या बराड़?
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान के मंत्री मंडल में नए मंत्री लिए जाने की चर्चित खबरों में श्रीगंगानगर जिले से जयदीप बिहाणी और गुरवीरसिंह बराड़ के नाम हैं, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर सरदार शरणपालसिंह मान के होते एक और पद सरदार गुरवीरसिंह बराड़ को दिया जाना राजनैतिक दृष्टि से भाजपा की शक्ति बढाएगा या कम करेगा। श्रीगंगानगर से एक पद सरदार को दूसरा भी सरदार को तब अन्य वर्गों में भाजपा नेतृत्व के प्रति कितना प्रेम रह पाएगा? जिलाध्यक्ष पद को राजनीति में केबिनेट मंत्री स्तर का पावरफुल माना जाता है और यह पद सरदार शरणपालसिंह को लगातार दूसरी बार सौंपा जा चुका है। मंत्री पद पर दूसरे वर्ग भी आशा करते हैं कि उनको शामिल किया जाए। श्रीगंगानगर जिले में भाजपा की दोनों सीटें सादुलशहर और श्रीगंगानगर महत्व रखती हैं। सादुलशहर से गुरवीरसिंह विधायक हैं और जिला मुख्यालय श्रीगंगानगर से जयदीप बिहाणी विधायक हैं। दोनों पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा में पहुंचे हैं। जिलाध्यक्ष पद पर स.शरणपालसिंह मान के बाद राज्य मंत्री जयदीप बिहाणी को बनाया जाता है तो भाजपा की राजनैतिक स्थिति नगर निकाय और पंचायत राज चुनाव से पहले मजबूत हो सकती है जो जिले और भाजपा दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है। विधायक गुरवीरसिंह का स्वागत सम्मान एक प्रकार का पावर प्रगट का खेल है जिसका कितना असर जयपुर और दिल्ली पर होगा? अभी जिला परिषद जोन नं 22 में उप चुनाव में भाजपा की हार हुई है। यह क्यों हुई? इस हार की जिम्मेदारी भी किसी को अपने ऊपर लेनी चाहिए या नेतृत्व को समीक्षा करनी चाहिए। जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान को जिलाध्यक्ष के नाते बताना चाहिए कि उक्त क्षेत्र की जिम्मेदारी गुरवीरसिंह बराड़ की थी या जयदीप बिहाणी की थी? आखिर क्या कमी रही कि यह सीट हार बैठे?
श्रीगंगानगर जिले में भारतीय जनता पार्टी की शक्ति बढे ऐसा निर्णय मंत्री मंडल विस्तार में लिया जाना भविष्य के लिए उपयुक्त हो सकता है। श्री करणपुर सीट पर राज्य मंत्री घोषित सुरेंद्र पालसिंह टीटी को लोगों ने हरा दिया था। भाजपा में शक्ति प्रदर्शन मांग आदि सभी गौण हैं और कोई महत्व नहीं रखते और इनका दबाव भी कोई असर नहीं करता। लोग सभी वर्गों को महत्व दिए जाने का संकेत दे चुके हैं।०0०
30 अगस्त 2025.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत लाईफटाइम)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
शुक्रवार, 29 अगस्त 2025
सूरतगढ़ में न भाजपा के लीडर न लीडरशिप.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 29 अगस्त 2025.
सूरतगढ़ में न भारतीय जनता पार्टी के लीडर हैं न लीडरशिप है। शहर के हालात देखकर ऐसा ही लगता है। कांग्रेस के उसके पदाधिकारियों के भ्रष्टाचारों पर कोई बोले, शिकायत करे,जांच करवाए तभी तो नजर आएगा लेकिन यहां तो लीडर खत्म हो गए इसलिए कांग्रेस ताल ठोक रही है और युवा भाजपा बाहर के नेताओं का मान सम्मान करते हैं। बड़े लीडर कालोनियों की ऐशगाह में भटक गए। युवाओं को आगे बढाने शिखर चढाने राजनीति सिखलाने वाला कोई मौजूद नहीं। जो खुद को नेता नेतियां समझते हैं वे बहुत बड़े वहम में हैं। शहर उनको लीडर नहीं मानता। सूरतगढ़ का यह कड़वा सच्च है जिसे जिला गंगानगर और राजधानी जयपुर के बड़े भाजपाई समझ नहीं रहे। ०0०
गुरुवार, 28 अगस्त 2025
सामाजिक धर्मशाला,भवन विवाद में भूमि नियम
* करणीदानसिंह राजपूत *
सामाजिक भवनं,धर्मशालाओं में भवनों के निर्माण, सामाजिक और व्यावसायिक उपयोग को लेकर विवाद, शिकायतें,मुकदमें आदि चल रहे हैं और झगड़े हो रहे हैं। ये विवाद बढ रहे हैं जिसके तहत समाजों में गुट बनते हैं जो एक दूसरे को नीचा दिखाने, पछाड़ने, हराने में लग जाते हैं और मूल उद्देश्य को छोड़ देते हैं फेंक देते हैं जिस प्रयोजन के लिए सरकार से छूट पर भूमि प्राप्त की थी।
👌 सरकार को भूमि आवंटन के लिए संस्था ने जो आवेदन किया उसमें भूमि का उद्देश्य स्पष्ट लिखा होता है और यह महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।
👌👌 सरकार की ओर से भूमि आवंटन की स्वीकृति का आदेश भी महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जिसमें नियम धाराएं वर्णित होती है जिनके अनुसार ही भूमि का उपयोग कर सकते हैं।
👌👌👌 जिन प्रयोजन के लिए भूमि ली जाती है, उससे भिन्न उपयोग नहीं किया जा सकता।
👍 संस्थाएं नियमों के विपरीत भूमि का उपयोग व्यावसायिक करने की कोशिश करती है तब विवाद शुरू हो जाते हैं। संस्था के पदाधिकारी व्यावसायिक निर्माण व उपयोग कराते हैं और अपने खास खास को दुकानें बनाकर देते हैं या बनाने की छूट दे देते हैं। यहां लाभ का सवाल होता है जो कुछ लोग लेते हैं।
वहीं अनेक लोग सदस्य ऐसा व्यावसायिक निर्माण और उपयोग करने के लिए मना करते हैं। समाज की एकता यहां भंग होने लगती है।
** विवाद बढने से एक तो संस्था के भवन का निर्माण और विकास रूक जाता है और लोग समय पर उसका उपयोग ही नहीं कर पाते।
👍 विवाद में पदाधिकारी लोग आवंटन का आवेदन पत्र, आवंटन आदेश दोनों को छुपाते हैं। वे विवाद होने पर अपने लैटरहैड का पद का इस्तेमाल करते हैं और पत्र लिखते हैं,प्रतिनिधि मंडल मिलते हैं।
👌 अब प्रश्न तो सबसे बड़ा यह होता है कि या तो सभी किसी उपयोग के लिए सहमत हों यदि सहमत नहीं हों तब फैसला सरकार के नियमों के तहत ही हो सकता है,वहां पदाधिकारियों या कानूनी सलाहकारों का मौखिक तर्क नहीं चल सकता।
* ऐसे विवाद आपसी रजामंदी से तो निपटाए जा सकते हैं लेकिन संस्था के पदाधिकारी पद की धौंस से मनमर्जी से भूमि का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं कर सकते। मंजूर शुदा नक्शे के अनुसार निर्माण न होकर गलत निर्माण हो व विवाद बढे झगड़े की आशंका हो तब किसी भी परिस्थिति में सरकार का अधिकारी भवन को स्थल को सीज कर सकता है ताकि कोई हल निकल सके।
सरकारी नियम क्या कहते हैं ये सभी संस्था पदाधिकारियों को पढने चाहिए। आवेदन पत्र और आवंटन आदेश भी पढना उचित होता है।
👌 जहां सहमति है वहां संस्थाएं चल रही है और भवनों का हर उपयोग भी हो रहा है।
(सूरतगढ़ 28 अगस्त 2025.)
बुधवार, 27 अगस्त 2025
सूरतगढ़ नये मास्टर प्लान से परेशानियां होंगी.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 27 अगस्त 2025.
सूरतगढ़ के मास्टर प्लान 2023 से 2047 में अनेक गड़बड़ियां हैं जो भविष्य में शहरी और ग्रामीण लोगों के लिए भारी परेशानियां पैदा करेंगी। कॉलोनाइजरों को विशेष लाभ देने के चक्कर में बहुत से ऐसे प्रपोजल है जो जनहित में नहीं है या भविष्य में जनता को परेशानियों में डालने वाले हैं। प्लान एक कं ने बनाया है जिसमें आम लोगों से पहले ही सुझाव ले लिए जाते तो मास्टर प्लान जन हित का बन जाता। नगरपालिका तक से सुझाव नहीं लिए गए।
* मास्टर प्लान के विभिन्न पहलुओं को लेकर लोगों में चर्चा हो रही है और अनेक नागरिक विभिन्न प्रकार के आपत्तियां और सुझाव पेश कर चुके हैं।
* आश्चर्य यह है कि अनेक गलत सूचनाएं और जानकारियां भी भरी है। गढ का फोटो हनुमान गढ के भटनेर का है व हथियारों की जानकारी एकदम झूठी है। यहां कोई हथियार गढ में नहीं है। रिको क्षेत्र को पूर्ण विकसित बताया गया है जो भी झूठ है। मास्टर प्लान 1997-2023 के तहत भी अनेक विकास नहीं हुए हैं या निर्धारित निर्माण के अलावा कोई अन्य निर्माण कर दिए गये हैं।
नये मास्टर प्लान की आपत्तियां और सुझाव देने की अंतिम तिथि 28 अगस्त है। आपत्तियां और सुझाव नगर पालिका कार्यालय में भी दिए जा सकते हैं।०0०
मंगलवार, 26 अगस्त 2025
नगरपालिका के कुए पर रात को कब्जा अवैध निर्माण. सूरतगढ़ प्राचीन कुआ.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 26 अगस्त 2025.
सूरतगढ नगर पालिका के प्राचीन खारिया कुआं जो राजकीय स्कूल नंबर 2 के पास में है उस पर भूमाफिया की नजर काफी समय से थी और 25 अगस्त 2025 की रात को अचानक इस पर निर्माण कार्य शुरू किया गया और 26 तारीख को यह निर्माण कार्य पूर्ण कर दीवार खींच दी गई और कुएं पर अतिक्रमण कर दिया गया। चर्चा है कि नगर पालिका प्रशासन को सूचना मिलने पर नगर पालिका प्रशासक उपखंड अधिकारी भरत जय प्रकाश मीणा मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया व आगे कोई निर्माण नहीं करने की हिदायत दी और निर्माण कार्य कर रहे संबंधित को कहा गया है कि वह अगले दिन यानी की 27 तारीख को अपने संबंधित कागजात पेश करे।
* पूर्व में कुएं पर अतिक्रमणकारियों की निगाह को लेकर करणी प्रेस इंडिया में 30 मार्च 2024 को विस्तृत सचित्र समाचार प्रकाशित किया गया था,उस समय अतिक्रमण नहीं था।
उन्हीं दिनों में साप्ताहिक ब्लास्ट की आवाज अखबार में भी सचित्र समाचार प्रकाशित हुआ था लेकिन नगर पालिका प्रशासन ने इस पर गौर नहीं किया। इसके बाद में फरवरी 2025 को कुएं के परिसर में बेरी के विशाल वृक्ष की डालें काट कर केवल तने को छोड़ा गया। दीवार तोड़ी गई गेट गायब किया गया और अब अचानक इस पर निर्माण कार्य नगर पालिका की बिना मंजूरी के किया गया। अब शिकायत हुई और प्रशासन में कार्रवाई शुरू की है। अभी करीब 10-12 दिन पहले पूर्व पार्षद ओम अठवाल व एक अन्य पूर्व पार्षद ने भी नगर पालिका प्रशासन को इस पर कब्जे की सूचना दी थी। आशंका है कि इस कुए और जमीन का गुपचुप पट्टा बना दिया गया है या किसी ने अपना बता कर गैरकानूनी रूप से ठगी कर बेच दिया है। ०0०