शुक्रवार, 1 अगस्त 2025

डुंगर पर डुंगर और भाजपा के नेता नेतियां.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

1 अगस्त 2025.

सूरतगढ़ के लोग सामाजिक संगठन सभी आराम पसंद। राजनैतिक पार्टियां और पदाधिकारी। डबल ईंजन की सिटी में खोए भगत। बरसात हालात और सूरतगढ़ की इस स्थिति पर कम से कम नेताओं नेतियों के नाम तो पढ ही लेने चाहिए जो लगातार फोटोज में बने रहते हैं।

* डुंगर राम गेदर विधायक जो करीब 58 हजार अधिक वोटों से जीते। डुंगरराम डुंगर पर आराम कर रहे हैं। शहर के हालात पर कभी भी गलियों सड़कों पर निकलना चाहिए था। माना कि डुंगर कांग्रेस के हैं और प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन शहर में घूमने के लिए तो कोई रोक नहीं है। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया के हवाले शहर 120 दिन रहा और ये नगरपालिका के अध्यक्ष रहे। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। इन्होंने क्या क्या किया।

* चलते हुए एक नाम और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादु जो अब कांग्रेस में हैं। भादु  भाजपा की टिकट पर 2013 से 2018 तक भाजपा राज में रहे और अब कांग्रेस में हैं।

* भाजपा का राज है और सूरतगढ़ में रामप्रताप कासनिया और उनके बेटे संदीप कासनिया हैं। कासनिया 2018 से 2023 तक विधायक रहे। 2023 में डुंगर राम गेदर से हार गये। क्योंकि भाजपा के लोगों ने भीतरघात किया। शहर के लोगों को मालुम होना चाहिए नाम और काम। सो जानिए भाजपा के और नेताओं के बारे में भी।

पूर्व विधायक अशोक नागपाल हैं। सन् 2003 से 2008 तक भाजपा टिकट से सूरतगढ़ के विधायक रहे। पूर्व नगरपालिका अध्यक्षों में अभी निवृत ओमप्रकाश कालवा( पहले कांग्रेस से अध्यक्ष बने और बाद में भाजपा में हो गये।,कुछ जगदीश मेघवाल (कुछ दिनों के) , श्रीमती काजल छाबड़ा, बनवारी लाल  मेघवाल ( कांग्रेस में 2009 से 2014 तक अध्यक्ष रहे और अब भाजपा में हैं।) श्रीमती आरती शर्मा। पूजा छाबड़ा भी हैं। वैसे कांग्रेस ने शहर कांग्रेस और भाजपा ने नगर मंडल बनाए हुए हैं। आम आदमी पार्टी,माकपा, और बसपा भी है और उनके लोग भी हैं। सभी ने शहर को जो समय दिया है वह निवासियों  को मालुम ही होगा। आगे के चुनावों में बागडोर लेने के ईच्छुक हैं। इस लेख में कोई टिप्पणी नहीं। जनता समझे और अपनी सोच समझ से करे।

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