रविवार, 31 अगस्त 2025

कासनिया से मिले विधायक गुरवीर बराड़

 





* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 31 अगस्त 2025.

पूर्व राज्यमंत्री  रामप्रताप कासनिया से विधायक गुरवीरसिंह बराड़ आज मिले। यह भेंट कासनिया के जयपुर आवास पर हुई। 

सूचना है कि आधे घंटे तक बाहर फिर कुछ देर कमरे में एकांत में दोनों के बीच बात हुई। कमरे में हुई बातचीत राजनैतिक मुद्दे पर हुई।

विदित रहे कि एक दिन पहले 30 अगस्त 2025 की शाम को सूरतगढ़ में गुरवीरसिंह बराड़ का स्वागत भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं की ओर से किया गया था। उसमें पूर्व विधायक अशोक नागपाल भी शामिल हुए थे। शहर में ऐसा माहौल बनाया गया कि कासनिया विरोधियों ने एकजुट होकर स्वागत किया है और कासनिया के पास कुछ भी नहीं है। हालांकि यह माहौल सिरे नहीं चढ सका था। विधायक गुरवीरसिंह का रामप्रताप कासनिया के घर जाकर मिलने से क्या मतलब निकलेगा और 30 अगस्त के माहौल बनाने का क्या होगा? हालांकि बराड़ के भाषण में ऐसी कोई बात नहीं थी जिससे कासनिया का विरोध झलकता हो। ०0०


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सूरतगढ़: कासनिया एंड संस फर्म ही चलेगी.

 





* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 31 अगस्त 2025. अभी शहर में कासनिया एंड संस का मॉल ही ही चलेगा।  अभी दूसरा कोई मॉल खोलने की पावर में नहीं है। अभी दिखावा किया जा रहा है मॉल खोलने का लेकिन कोई आगे बढ़कर अपना नाम रखने का खतरा मोल लेना नहीं चाहता, खर्चा करना नहीं चाहता।  मॉल खोलने से पहले और उसके बाद खर्चा तो करना ही पड़ेगा जो खर्चा करेगा वही तो नया मॉल चला सकेगा। बाहर की फर्म को दिखाएं कि सूरतगढ़ में मार्केट अच्छा है लेकिन बाहर की फर्म से हरेक तो नहीं जुड़ेगा। बाहर की फर्म संचालक पर कैसे विश्वास होगा कि वह यहां के लोगों की ईच्छा पूरी कर सकेगा।

सूरतगढ़ के पावरफुल ढब्बुओं की तो हवा निकली हुई है दुबारा कैसे भरी जाए? जब तक दूसरा मॉल नहीं खुलता तब तक कासनिया एंड संस फर्म के पास ही जाएंगे। रामप्रताप कासनिया और उसके पुत्र संदीप कासनिया फर्म के मालिक और एकमात्र मालिक। कुछ दम है शक्ति है तभी तो स्वतंत्रता दिवस समारोह में मंच पर प्रशासन बिठाता है, स्वागत करता है। किसी की हिम्मत है बोलने की। सच्च तो कड़वा ही होता है। हवाई बातों से भाषणों से तो कुछ होने वाला नहीं। हनुमान की राजनीति राकेश की राजनीति में कुछ दिखता नहीं। अशोक नागपाल   कुछ करते नहीं,जो करते हैं वह कमजोरी ही दर्शाता है। सूरतगढ़ के ही करें तो बाहर के किसी  की एंटरी ही नहीं। राजनीति में मालाएं और बुके कभी फलदायक सिद्ध नहीं हुए। अपना झंडा गाड़ो तो लोग झंडे के नीचे आएं। देख लेते हैं अपना झंडे का खम्भा कोई गाड़ता है या होर्डिंग्स  छपास जी हजुरियों के चक्कर में रहता है। 

मेरा अभी तो यही मानना है कि अभी किसी में दम नहीं है और कासनिया एंड संस फर्म ही चलेगी। मेरे लिखे को झूठा साबित कर दो तो अच्छी बात है, लेकिन अभी तो कांग्रेसी भ्रष्टाचार  और सड़क का कचरा तथा नालियों की गंदगी साफ कराने की ताकत ही नहीं है। अपने में खोजो लिखने बोलने शिकायत करने की ताकत और फिर कहीं नाम निकल जाएगा,जनता बना लेगी नेता। ०0०

शनिवार, 30 अगस्त 2025

श्रीगंगानगर से कौन हो राज्यमंत्री! बिहाणी या बराड़?

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान के मंत्री मंडल में नए मंत्री लिए जाने की चर्चित खबरों में श्रीगंगानगर जिले से जयदीप बिहाणी और गुरवीरसिंह बराड़ के नाम हैं, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर सरदार शरणपालसिंह मान के होते एक और पद सरदार गुरवीरसिंह बराड़ को दिया जाना राजनैतिक दृष्टि से भाजपा की शक्ति बढाएगा या कम करेगा। श्रीगंगानगर से एक पद सरदार को दूसरा भी सरदार को तब अन्य वर्गों में भाजपा नेतृत्व के प्रति कितना प्रेम रह पाएगा? जिलाध्यक्ष पद को राजनीति में केबिनेट मंत्री स्तर का पावरफुल माना जाता है और यह पद सरदार शरणपालसिंह को लगातार दूसरी बार सौंपा जा चुका है। मंत्री पद पर दूसरे वर्ग भी आशा करते हैं कि उनको शामिल किया जाए। श्रीगंगानगर जिले में भाजपा की दोनों सीटें सादुलशहर और श्रीगंगानगर महत्व रखती हैं। सादुलशहर से गुरवीरसिंह विधायक हैं और जिला मुख्यालय श्रीगंगानगर से जयदीप बिहाणी विधायक हैं। दोनों पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा में पहुंचे हैं। जिलाध्यक्ष पद पर स.शरणपालसिंह मान के बाद राज्य मंत्री जयदीप बिहाणी को बनाया जाता है तो भाजपा की राजनैतिक स्थिति नगर निकाय और पंचायत राज चुनाव से पहले मजबूत हो सकती है जो जिले और भाजपा दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है। विधायक गुरवीरसिंह का स्वागत सम्मान एक प्रकार का पावर प्रगट का खेल है जिसका कितना असर जयपुर और दिल्ली पर होगा? अभी जिला परिषद जोन नं 22 में उप चुनाव में भाजपा की हार हुई है। यह क्यों हुई? इस हार की जिम्मेदारी भी किसी को अपने ऊपर लेनी चाहिए या नेतृत्व को समीक्षा करनी चाहिए। जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान को जिलाध्यक्ष  के नाते बताना चाहिए कि उक्त क्षेत्र की जिम्मेदारी गुरवीरसिंह बराड़ की थी या जयदीप बिहाणी की थी? आखिर क्या कमी रही कि यह सीट हार बैठे? 

श्रीगंगानगर जिले में भारतीय जनता पार्टी की शक्ति बढे ऐसा निर्णय मंत्री मंडल विस्तार में लिया जाना भविष्य के लिए उपयुक्त हो सकता है। श्री करणपुर सीट पर राज्य मंत्री घोषित सुरेंद्र पालसिंह टीटी को लोगों ने हरा दिया था। भाजपा में शक्ति प्रदर्शन मांग आदि सभी गौण हैं और कोई महत्व नहीं रखते और इनका दबाव भी कोई असर नहीं करता। लोग सभी वर्गों को महत्व दिए जाने का संकेत दे चुके हैं।०0०

30 अगस्त 2025.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत लाईफटाइम)

सूरतगढ़ ( राजस्थान)

94143 81356.






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शुक्रवार, 29 अगस्त 2025

सूरतगढ़ में न भाजपा के लीडर न लीडरशिप.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 29 अगस्त 2025.

सूरतगढ़ में न भारतीय जनता पार्टी के लीडर हैं न लीडरशिप है। शहर के हालात देखकर ऐसा ही लगता है। कांग्रेस के उसके पदाधिकारियों के भ्रष्टाचारों पर कोई बोले, शिकायत करे,जांच करवाए तभी तो नजर आएगा लेकिन यहां तो लीडर खत्म हो गए इसलिए कांग्रेस ताल ठोक रही है और युवा भाजपा बाहर के नेताओं का मान सम्मान करते हैं। बड़े लीडर कालोनियों की ऐशगाह में भटक गए। युवाओं को आगे बढाने शिखर चढाने राजनीति सिखलाने वाला कोई मौजूद नहीं। जो खुद को नेता नेतियां समझते हैं वे बहुत बड़े वहम में हैं। शहर उनको लीडर नहीं मानता। सूरतगढ़ का यह कड़वा सच्च है जिसे जिला गंगानगर और राजधानी जयपुर के बड़े भाजपाई समझ नहीं रहे। ०0०






गुरुवार, 28 अगस्त 2025

सामाजिक धर्मशाला,भवन विवाद में भूमि नियम

 



* करणीदानसिंह राजपूत *


 सामाजिक भवनं,धर्मशालाओं में भवनों के निर्माण, सामाजिक और व्यावसायिक उपयोग को लेकर विवाद, शिकायतें,मुकदमें आदि चल रहे हैं और झगड़े हो रहे हैं। ये विवाद बढ रहे हैं जिसके तहत समाजों में गुट बनते हैं जो एक दूसरे को नीचा दिखाने, पछाड़ने, हराने में लग जाते हैं और मूल उद्देश्य को छोड़ देते हैं फेंक देते हैं जिस प्रयोजन के लिए सरकार से छूट पर भूमि प्राप्त की थी।

👌 सरकार को भूमि आवंटन के लिए संस्था ने जो आवेदन किया उसमें भूमि का उद्देश्य स्पष्ट लिखा होता है और यह महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।

👌👌 सरकार की ओर से भूमि आवंटन की स्वीकृति का आदेश भी महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जिसमें नियम धाराएं वर्णित होती है जिनके अनुसार ही भूमि का उपयोग कर सकते हैं।

👌👌👌 जिन प्रयोजन के लिए भूमि ली जाती है, उससे भिन्न उपयोग नहीं किया जा सकता। 

👍 संस्थाएं नियमों के विपरीत भूमि का उपयोग व्यावसायिक करने की कोशिश करती है तब विवाद शुरू हो जाते हैं। संस्था के पदाधिकारी व्यावसायिक निर्माण व उपयोग कराते हैं और अपने खास खास को दुकानें बनाकर देते हैं या बनाने की छूट दे देते हैं। यहां लाभ का सवाल होता है जो कुछ लोग लेते हैं।

वहीं अनेक लोग सदस्य ऐसा व्यावसायिक निर्माण और उपयोग करने के लिए मना करते हैं। समाज की एकता यहां भंग होने लगती है।

** विवाद बढने से एक तो संस्था के भवन का निर्माण और विकास रूक जाता है और लोग समय पर उसका उपयोग ही नहीं कर पाते।

👍 विवाद में पदाधिकारी लोग आवंटन का आवेदन पत्र, आवंटन आदेश दोनों को छुपाते हैं। वे विवाद होने पर अपने लैटरहैड का पद का इस्तेमाल करते हैं और पत्र लिखते हैं,प्रतिनिधि मंडल मिलते हैं। 

👌 अब प्रश्न तो सबसे बड़ा यह होता है कि या तो सभी किसी उपयोग के लिए सहमत हों यदि सहमत नहीं हों तब फैसला सरकार के नियमों के तहत ही हो सकता है,वहां पदाधिकारियों या कानूनी सलाहकारों का मौखिक तर्क नहीं चल सकता। 

* ऐसे विवाद आपसी रजामंदी से तो निपटाए जा सकते हैं लेकिन संस्था के पदाधिकारी पद की धौंस से मनमर्जी से भूमि का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं कर सकते। मंजूर शुदा नक्शे के अनुसार निर्माण न होकर गलत निर्माण हो व विवाद बढे झगड़े की आशंका हो तब किसी भी परिस्थिति में सरकार का अधिकारी भवन को स्थल को सीज कर सकता है ताकि कोई हल निकल सके।

सरकारी नियम क्या कहते हैं ये सभी संस्था पदाधिकारियों को पढने चाहिए। आवेदन पत्र और आवंटन आदेश भी पढना उचित होता है।

👌 जहां सहमति है वहां संस्थाएं चल रही है और भवनों का हर उपयोग भी हो रहा है।


(सूरतगढ़ 28 अगस्त 2025.)

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बुधवार, 27 अगस्त 2025

सूरतगढ़ नये मास्टर प्लान से परेशानियां होंगी.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 27 अगस्त 2025.

सूरतगढ़ के मास्टर प्लान 2023 से 2047 में अनेक गड़बड़ियां हैं जो भविष्य में शहरी और ग्रामीण लोगों के लिए भारी परेशानियां पैदा करेंगी। कॉलोनाइजरों को विशेष लाभ देने के चक्कर में बहुत से ऐसे प्रपोजल है जो जनहित में नहीं है या भविष्य में जनता को परेशानियों में डालने वाले हैं। प्लान एक कं ने बनाया है जिसमें  आम लोगों से पहले ही सुझाव ले लिए जाते तो मास्टर प्लान जन हित का बन जाता। नगरपालिका तक से सुझाव नहीं लिए गए। 

* मास्टर प्लान के विभिन्न पहलुओं को लेकर लोगों में चर्चा हो रही है और अनेक नागरिक विभिन्न प्रकार के आपत्तियां और सुझाव पेश कर चुके हैं। 

* आश्चर्य यह है कि अनेक गलत सूचनाएं और जानकारियां भी भरी है। गढ का फोटो हनुमान गढ के भटनेर का है व हथियारों की जानकारी एकदम झूठी है। यहां कोई हथियार गढ में नहीं है। रिको क्षेत्र को पूर्ण विकसित बताया गया है जो भी झूठ है। मास्टर प्लान 1997-2023 के तहत भी अनेक विकास नहीं हुए हैं या निर्धारित निर्माण के अलावा कोई अन्य निर्माण कर दिए गये हैं।

 नये मास्टर प्लान की आपत्तियां और सुझाव देने की अंतिम तिथि 28 अगस्त है। आपत्तियां और सुझाव नगर पालिका कार्यालय में भी दिए जा सकते हैं।०0०


मंगलवार, 26 अगस्त 2025

नगरपालिका के कुए पर रात को कब्जा अवैध निर्माण. सूरतगढ़ प्राचीन कुआ.

 




* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 26 अगस्त 2025.

सूरतगढ  नगर पालिका के प्राचीन खारिया कुआं जो राजकीय स्कूल नंबर 2 के पास में है उस पर भूमाफिया की नजर काफी समय से थी और 25 अगस्त 2025 की रात को अचानक इस पर   निर्माण कार्य शुरू किया गया और 26 तारीख को यह निर्माण कार्य पूर्ण कर दीवार खींच दी गई और कुएं पर अतिक्रमण कर दिया गया। चर्चा है कि नगर पालिका प्रशासन को सूचना मिलने पर नगर पालिका प्रशासक उपखंड अधिकारी भरत जय प्रकाश मीणा मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया व आगे कोई निर्माण नहीं करने की हिदायत दी और निर्माण कार्य कर रहे संबंधित को कहा गया है कि वह अगले दिन यानी की 27 तारीख को अपने संबंधित कागजात पेश करे। 



* पूर्व में कुएं पर अतिक्रमणकारियों की निगाह को लेकर करणी प्रेस इंडिया में 30 मार्च 2024 को विस्तृत सचित्र समाचार प्रकाशित किया गया था,उस समय अतिक्रमण नहीं था।

उन्हीं दिनों में साप्ताहिक ब्लास्ट की आवाज अखबार में भी सचित्र समाचार प्रकाशित हुआ था लेकिन नगर पालिका प्रशासन ने इस पर गौर नहीं किया। इसके बाद में फरवरी 2025 को कुएं के परिसर में बेरी के विशाल वृक्ष की डालें काट कर केवल तने को छोड़ा गया। दीवार  तोड़ी गई गेट गायब किया गया और अब अचानक इस पर निर्माण कार्य नगर पालिका की बिना मंजूरी के किया गया। अब शिकायत हुई और प्रशासन में कार्रवाई शुरू की है। अभी करीब 10-12 दिन पहले पूर्व पार्षद ओम अठवाल व एक अन्य पूर्व पार्षद ने भी नगर पालिका प्रशासन को इस पर कब्जे की सूचना दी थी। आशंका है कि इस कुए और जमीन का गुपचुप पट्टा बना दिया गया है या किसी ने अपना बता कर गैरकानूनी रूप से ठगी कर बेच दिया है। ०0०


सोमवार, 25 अगस्त 2025

एक दिन बेटियों के नाम 2025 का आयोजन.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 25 अगस्त 2025

     महावीर इंटरनेशनल और  वसुंधरा हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में  'एक दिन बेटियों के नाम' कार्यक्रम आयोजित किया गया। हॉस्पिटल में आयोजित इस कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता सहित अनेक कार्यक्रम आयोजित करके बेटियों का सम्मान किया गया।

     अतिथि ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल, शिक्षाविद् प्रवीण भाटिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अक्षय भंसाली, ब्रह्माकुमारी बी के रानी बहिन ने केक काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

      वसुंधरा हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर इंद्र चुघ, डॉ श्रीमती नरेश चुघ की पुत्री वसुंधरा के जन्म दिवस पर अस्पताल में वर्ष 2011 से लगातार इलाके की बेटियों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

           वसुंधरा हॉस्पिटल और महावीर इंटरनेशनल संस्था के सहयोग से आयोजित पर्यावरण संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों की लगभग 120 बच्चियों ने भाग लिया।

जूनियर वर्ग में हरिका और हिताक्षी प्रथम, हनिषा द्वितीय,दिव्या तृतीय स्थान पर घोषित हुई। सीनियर वर्ग में जसलीन तनेजा प्रथम, वर्षा द्वितीय,लक्ष्मी कल्याणा तृतीय घोषित हुई। सभी को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

      प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. पारुल बलाना, श्रीमती मंजू रांगेरा, ब्रह्माकुमारी बीके रानी ने सीनियर व जूनियर वर्ग का परिणाम घोषित किया।

  कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर इन्द्र चुघ, शिक्षाविद् प्रवीण भाटिया ने प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में ज्ञानवर्धक प्रश्न पूछ कर बच्चों के परिजनों को पुरस्कार देकर सम्मान किया।

       कार्यक्रम के आयोजक डॉक्टर इन्द्र चुघ, डॉक्टर श्रीमती नरेश चुघ ने अतिथियों को सम्मान प्रतीक देकर सम्मानित करते हुए आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का मंच संचालन संजय बैद ने किया।०0०


अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान कवयित्री जसिन्ता केरकेट्टा को

 


* करणीदानसिंह राजपूत *


दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान प्रो. प्रभाशंकर प्रेमी को.


      बेंगलूरु स्थित साहित्यिक संस्था ‘शब्द’ ने वर्ष 2025 के लिए ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ तथा ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ के विजेताओं की घोषणा की है। एक लाख रुपए का ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’  हिंदी की मूर्धन्य कवयित्री जसिन्ता केरकेट्टा को उनके कविता संग्रह ‘प्रेम में पेड़ होना’ के लिए प्रदान किया जाएगा। पच्चीस हजार रुपए के साथ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ शिक्षाविद प्रो प्रभाशंकर प्रेमी को कर्नाटक में उच्च एवं प्रौढ़ शिक्षा में हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय अवदान के लिए दिया जाएगा। 

‘शब्द’ के अध्यक्ष डॉ श्रीनारायण समीर के अनुसार पुरस्कारों का निर्णय हिंदी भाषा और साहित्य के सर्जक विद्वानों की पाँच सदस्यीय मूल्यांकन समिति की संस्तुति के आधार पर सर्वसम्मति से हुआ।

निर्णायक मंडल ने ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ के लिए अपनी संस्तुति में कहा है कि कवयित्री जसिन्ता केरकेट्टा ने आदिवासी समाज के जीवन और संघर्ष को कविता में मुखरित कर महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। उनकी कविता प्रेम के वैभव की अभिव्यक्ति है।

‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ की संस्तुति में कहा गया है कि हिंदी तथा कन्नड़ के बीच समन्वय एवं सौहार्द का विकास एवं प्रसार को निर्बाध बनाने तथा उत्तर-दक्षिण के बीच आपसदारी के भाव को मजबूत करने में प्रो प्रभाशंकर प्रेमी का अवदान अमूल्य है।

( ओम थानवी.फेसबुक पर)

 करणीदानसिंह राजपूत 

91 94143 81356



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रविवार, 24 अगस्त 2025

परसराम को परोसेंगे अध्यक्षता?



* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 24 अगस्त 2025. नगरपालिका का अध्ययक्ष पद कांग्रेसी नेता को परोस देने की सौदेबाजी हुई है क्या जो भाजपा के नेता अपने अपने व्यक्तिगत लाभों के लिए हर तरह से चुप हो चुके हैं। भाजपा का कोई एक नेता ही नहीं, सभी बड़े नेता परसराम भाटिया के भ्रष्टाचारों पर एक शब्द बोल नहीं रहे और न लिखित में शिकायत कर रहे। सभी के अपने अपने बड़े कीमती हितों और लाभ के राजनीतिक मार्ग हैं। परसराम भाटिया 120 दिन नगरपालिका के अध्यक्ष नियुक्त रहे थे और इस अवधि में बहुत घोटाले हुए। पट्टों में बड़ी गड़बड़ी हुई। भाजपा नेता डीएलबी और अपनी पार्टी के प्रदेश कार्यालय तक भाटिया की शिकायत नहीं कर रहे। 

 भाटिया अध्यक्ष पद चुनाव लड़ने और पाने की तैयारी में हैं और  कुछ नेताओं से संपर्क में हैं। भाटिया भी पहले भाजपा नेताओं की शिकायतें करते हैं फिर चुप हो जाते हैं। अभी परसराम भाटिया चुप हैं। 

भाजपा नेता भाटिया के सामने हर चुनाव में हर तरह से कमजोरी रखेंगे ताकि वह अध्यक्ष पद की जीत हासिल करने तक पहुंच सके। प्रदेश में भाजपा का राज हैं जहां से परसराम भाटिया के घोटालों पर तुरंत कानूनी कार्वाई करवाई जा सकती है लेकिन यहां तो भाजपा नीतियों के सब  उलट किया जा रहा है।०0०






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शनिवार, 23 अगस्त 2025

सूरतगढ़ पालिकाध्यक्ष सामान्य या आरक्षित? भाजपा कांग्रेस में कौन भारी?

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान की 309 नगर पालिकाओं में 52 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगे। इसी में अनुसूचित जाति महिलाओं के भी शामिल होंगे जो 17 पद होंगे। ये जो 52 पद अनुसूचित जाति के आरक्षित होंगे  उनमें नये परिसीमन के कारण सूरतगढ़ भी होगा। लॉटरी में यह महिला के भी निकल सकता है। 

सूरतगढ़ में इसके लिए कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में तैयारियां भी चल रही है। 

*अगर जनता में से सीधा अध्यक्ष चुनाव होता है तो भाजपा कांग्रेस में टिकट मिलने की संभावनाएं इन चेहरों में हो सकती है।

भाजपा में ओमप्रकाश अठवाल वाल्मीकि,जगदीश प्रसाद मेघवाल,अमित कल्याणा वाल्मीकि दावेदार हो सकते हैं। इनमें ओमप्रकाश अठवाल और जगदीश मेघवाल वरिष्ठ हैं और पूर्व में दो दो बार पार्षद रह चुके हैं। जगदीश मेघवाल तो अध्यक्ष पद पर भी मनोनीत रह चुके हैं। भाजपा महिलाओं में पूर्व प्रधान बिरमादेवी नायक और जिला प्रमुख कविता रेगर दो चेहरे नजर आते हैं। इनके अलावा कोई नया चेहरा भी पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया, जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान,पूर्व विधायक अशोक नागपाल और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा की सलाह से सामने आ सकता है।

कांग्रेस पार्टी में परसराम भाटिया और योगेश मेघवाल दावेदार हो सकते हैं। इनमें परसराम भाटिया अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। परसराम भाटिया पर अध्यक्ष पद पर रहते नगरपालिका में भ्रष्टाचार के अनेक आरोप हैं लेकिन विधायक डुंगरराम गेदर के अधिक नजदीक का टिकट में लाभ मिल सकता है। यह माना जा सकता है कि गेदर परसराम के होते किसी ओर के लिए सिफारिश नहीं करेंगे। गेदर भाटिया को प्रथम रखेंगे। योगेश पत्रकारिता के कारण जनता के संपर्क में प्रभावित करने वाले युवा चेहरों में है। स्वच्छ बेदाग चेहरे में पार्टी योगेश को प्रथम स्थान पर रख सकती है। कांग्रेस में महिला चेहरा  कौन हो सकता है? इसमें भी विधायक द्वारा चयन को प्राथमिकता हो सकती है। कृष्णा भाटिया पूर्व में नगरपालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं।कांग्रेस में वरिष्ठतम बलराम वर्मा और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादु किसको आगे रखते हैं? इन दोनों की सलाह भी महत्व रखेगी,खासकर बलराम वर्मा की सलाह।

अभी ये संभावनाएं हैं। सही तस्वीर आरक्षण लॉटरी के बाद ही आ सकेगी।

👌 लेकिन यह निश्चित है कि भाजपा कांग्रेस के बीच तगड़ा घमासान होगा।०0०








गुरुवार, 21 अगस्त 2025

सूरतगढ़: पालिका चुनाव टिकटों के लिए अभी शुरुआती मौसम.

 






* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 21 अगस्त 2025.

नगर निकाय चुनाव नवंबर दिसंबर 2025 में कराए जाने की संभावना के तहत अब अनुभवी तो चुपचाप जुट गए हैं और वार्डों का चयन करने में,संपर्क करने में चेहरा दिखाने में और चुनावी रिश्ते बनाने में।

भारतीय जनता पार्टी,इंडियन नेशनल कांग्रेस के बीच ही मुख्य टक्कर होगी और आज की दशा में कांग्रेस भाजपा से कमजोर नहीं है। इन दोनों पार्टियों के अलावा बसपा, आप,माकपा आदि भी जुगाड़ बैठाऐगी मगर सत्ता समीकरण करने में निर्दलीय अहम भूमिका निभाऐंगे जिनके 45 वार्डों में 10 से 15 वार्डों में जीतने की उम्मीदें मजबूत है। माकपा बसपा और आप सभी की जो धरातलीय हालत है वह पांच सात पार्षदों तक रहने की आशा है। इनका फील्ड वर्क नहीं है।

बड़ी पार्टियों में पार्षदों की टिकटें कांग्रेस में बांटने का बड़ा अधिकार विधायक डुंगरराम गेदर के पास ही है अन्य में पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू,बलराम वर्मा भी प्रमुख नेताओं में होंगे।

कांग्रेस में पार्षद प्रत्याशियों के चयन में विवाद खींचातानी कम होगी लेकिन भाजपा में सब विवाद, खींचतान अधिक होने की संभावना है।  भाजपा में अभी गुटबाजी के कारण कुछ तो एक दूसरे का नाम सुनने के लिए राजी नहीं और एक दूसरे का चेहरा देखना नहीं चाहते। यह सच्च सभी को मालुम भी है। यह हालात अब एकदम से उपजे हुए नहीं हैं। सन् 2019 में ओमप्रकाश कालवा मेघवाल कांग्रेस की तरफ से वार्ड नं 26 सामान्य सीट से लड़े और जीत गये। ऊपरी दबाव से जैसे सामान्य वार्ड से टिकट मिला वैसे ही अध्यक्ष बन गये। गंगाजल मील ने बनाया मगर भूमि के चक्कर में हुए भीतरी विवाद में कालवा ने भाजपा में प्रवेश कर लिया और कहने को भाजपा का बोर्ड बन गया। अभी निवृत बोर्ड भाजपा का रहा लेकिन यह जीता हुआ बोर्ड नहीं था। भाजपा के जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान को यह गंभीरता ध्यान में रखनी चाहिए। अभी भाजपा में जो खेल चल रहा है उससे किसी को आनंद मिले या नहीं लेकिन बोर्ड हाथ से निकल जाने के चांस पचास प्रतिशत से अधिक हैं। 

भाजपा की प्रदेश और केंद्र में सरकारें होने के कारण दबदबा तो रहेगा। 

भाजपा से जो चुनाव लड़ने के ईच्छुक हैं कमर कसे हैं या सोच रहे हैं उनको किसी न किसी से संपर्क तो रखना चाहिए। भाजपा में रामप्रताप कासनिया पूर्व राज्य मंत्री और संदीपकुमार कासनिया पिता पुत्र का खेमा है। ओमप्रकाश कालवा इनके साथ है। दूसरी ओर पूर्व विधायक अशोक नागपाल का खेमा है जिसे जिलाध्यक्ष का संरक्षण है। यह भी स्थिति है कि गौरव बलाना (नगरमंडल अध्यक्ष),काजल छाबड़़ापूर्व अध्यक्ष नगरपालिका आरती शर्मा,पूजा छाबड़़ा 

राकेश बिश्नोईआदि कासनिया के साथ कहीं खड़े नजर नहीं आते। यहां केवल भाजपा ही नहीं है, बल्कि नगरपालिका चुनाव में संघ भी अपनी पावर में रहेगा। एक जो बात तेजी से उभर कर सामने आई है कि पिछड़े और अनुसूचित वर्ग के कार्यकर्ता कासनिया और नागपाल से दूर रहते बड़ा खेल रच सकते हैं और पार्षद चुनाव से आगे अध्यक्ष पद तक बड़ा खेल रचा सकते हैं।०0०


सोमवार, 18 अगस्त 2025

मिशन ग्रीन सिटी समिति पौधरोपण.नई साइट का शुभारंभ*




* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 18 अगस्त 2025.

मिशन ग्रीन सिटी समिति ने 17 अगस्त को महाराजा अग्रसेन आईटीआई कॉलेज के सामने रिको एरिया में पौधरोपण कर नयी साइट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर 80 पौधे लगाए गए जो शहर को हरित और स्वच्छ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम में पूर्व महानरेगा जिला लोकपाल अनिल धानुका, राज्य बीज भंडार के प्लांट मैनेजर प्रेम कुमार, समिति संरक्षक दीनदयाल पिलानिया, संतोष नोखवाल, अशोक सोनी, विक्रम सिंह, दीपक शर्मा, सुनील सोनी, मुकेश सोनी, रवि मुन्दड़ा, छगन, सुनील, नरेंद्र, अमित, विद्याधर जोशी, अमन सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे।०0०






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