सोमवार, 29 जुलाई 2019

मूल संविधान का हिस्सा नहीं अनुच्छेद 35-A. बाद में जोड़ा,क्यों और कैसे?



आजादी के 7 साल बाद यानी 1954 में संविधान में जोड़ा गया था. ये अनुच्छेद नेहरू कैबिनेट की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के एक आदेश से संविधान में जोड़ा गया था. इसका आधार है 1952 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला के बीच हुआ दिल्ली एग्रीमेंट. जिसमें भारतीय नागरिकता के मामले को जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में राज्य का विषय माना गया.


क्या विशेष अधिकार देता है ये अनुच्छेद

35-A संविधान का वो अनुच्छेद है जिसके तहत कश्मीर के स्थायी निवासियों के लिए नियम तय हुए हैं. इस अनुच्छेद के तहत कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार और सुविधाएं दी गई हैं जो कि नौकरियों, संपत्ति की खरीद-विरासत, स्कॉलरशिप, सरकारी मदद और कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं से संबंधित हैं.

राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जुड़ा ये अनुच्छेद

राष्ट्रपति का ये आदेश संविधान के अनुच्छेद 370 (1) (d)के तहत जारी किया गया था. ये प्रावधान राष्ट्रपति को जम्मू-कश्मीर के मामले में राज्य के विषय पर संविधान में आवश्यकता पड़ने पर बदलावों और छूट देने का अधिकार देता है.

अनुच्छेद 35-A से जुड़ी खात बात ये है कि इसे बनाते समय संसदीय प्रणाली से कानून बनाने की प्रक्रिया की जगह राष्ट्रपति के आदेश के जरिए इसे संविधान में जोड़ा गया. जबकि संविधान का अनुच्छेद 368 (i)संविधान में किसी भी संशोधन का अधिकार सिर्फ संसद को देता है. 1961 में ये मामला आदालत के सामने आया था कि क्या राष्ट्रपति 370 के तहत संसद को बाइपास करके संविधान में संशोधन का अधिकार रखते हैं. हालांकि अदालत के फैसले में इस बात का तब जवाब नहीं मिला था.

किन तर्कों के आधार पर दी गई कोर्ट में चुनौती?

2014 में सुप्रीम कोर्ट में एक एनजीओ ने याचिका दायर कर इस अनुच्छेद को एक भारत की भावना के खिलाफ और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला प्रावधान बताया. इस याचिका में अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी. इस याचिका में तर्क दिया गया कि आजादी के बाद देश का संविधान बनाने के लिए जो संविधान सभा बनी थी उसमें जम्मू-कश्मीर के 4 प्रतिनिधि भी शामिल थे. साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य को कभी भी स्पेशल स्टैटस नहीं दिया गया. ये भी तर्क दिया गया कि 35-ए एक अस्थायी उपबंध था जिसे राज्य में हालात को उस समय स्थिर करने के लिए जोड़ा गया था. इस अनुच्छेद को संविधान के निर्माताओं ने नहीं बनाया.

अलगाववाद को बढ़ावा देने का क्यों लगता है आरोप

याचिका में यह भी कहा गया कि ये अनुच्छेद नागरिकों के बीच भेद उत्पन्न करता है और एक भारत की सोच को कमजोर करता है. ये अनुच्छेद बाकी राज्यों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में नौकरी हासिल करने, संपत्ति खरीदने से रोकता है जो कि संविधान में दिए गए मूल अधिकारों का उल्लंघन है. देश के हर नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 में मूल अधिकार यानी फंडामेंटल राइट्स दिए गए हैं. इसी के साथ दायर एक अन्य याचिका में जम्मू-कश्मीर की महिलाओं के बाहरी शख्स से शादी करने पर उनके बच्चों को नागरिकता नहीं मिलने के प्रावधान को भी चुनौती दी गई है.

इस कानून के प्रावधानों को कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला बताते हुए खारिज करने की मांग की गई. दरअसल कश्मीर में सियासी दलों में इसे खत्म करने की आशंकाओं को देखते हुए उबाल इसी का नतीजा है. क्योंकि इससे अलगाववाद पर रोक लगेगी और स्थानीय दलों के वोट बैंक पर भी चोट पड़ेगी.

क्या प्रावधान हैं अनुच्छेद 35-ए में:

-अनुच्छेद 35-A से जम्मू कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते हैं

-जम्मू कश्मीर सरकार उन लोगों को स्थाई निवासी मानती है जो 14 मई 1954 के पहले कश्मीर में बस गए थे

-ऐसे स्थाई निवासियों को राज्य में जमीन खरीदने, रोजगार हासिल करने और सरकारी योजनाओं में लाभ के लिए अधिकार मिले हैं.

-किसी दूसरे राज्य का निवासी जम्मू-कश्मीर में जाकर स्थाई निवासी के तौर पर नहीं बस सकता

-किसी दूसरे राज्य के निवासी ना तो कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं, ना राज्य सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है

-अगर जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले तो उसके अधिकार छीन जाते हैं, हालांकि पुरुषों के मामले में ये नियम अलग है

उदाहरण के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला राज्य से बाहर के व्यक्ति से विवाह करने के बाद संपत्ति के अधिकार से वंचित कर दी गई थीं जबकि उमर अब्दुल्ला की शादी भी राज्य से बाहर की महिला से हुई, लेकिन उनके बच्चों को राज्य के सारे अधिकार हासिल हैं. याचिका में इस तरह के भेदभावपूर्ण नियम को खत्म करने पूरे देश में एक जैसे कानून को लागू करने की मांग की गई थी. अब 35-ए को खत्म करने की अटकलों के बीच देश में एक राष्ट्र-एक कानून की मांग फिर तेज होने लगी है.

शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

डीएसपी महमूद खान रिश्वत लेते पकड़े गए:एसीबी ने ट्रेप किया:नोखा में थी पोस्टिंग


* एसीबी के एडीएसपी रजनीश पूनिया ने अपनी टीम के साथ की कार्यवाही*
* दहेज हत्या के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए मांगी थी  2 लाख की रिश्वत, 50 हजार की किश्त लेते ट्रैप *

बीकानेर 26, 2019.
एसीबी की टीम में शुक्रवार को एक कार्रवाई के दौरान जिले के नोखा डिप्टी सुपरिटेंडेंट महमूद खान को 50 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप किया। 
यह राशि परिवादी से दहेज हत्या के मुकदमे में आरोपियों को गिरफ्तार करने की एवज में मांग गई थी। परिवादी की शिकायत पर एडीएसपी रजनीश पूनिया ने अपनी टीम के साथ इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

एसीबी के अनुसार 23 जुलाई 2019 को परिवादी मान्याणा निवासी पन्नाराम ने परिवाद दिया कि उसके ताऊ की लड़की हड़मानी की शादी 2014 में फलाना में हुई थी। उसे ससुराल पक्ष द्वारा परेशान करने पर ताऊ देवीलाल ने देशनोक थाने में मामला दर्ज करवाया था। कुछ दिन बाद हड़मानी की मौत हो गई तो दहेज हत्या का मामला दर्ज करवाया। मामले की जांच नोखा सीओ महमूद खान कर रहे हैं जो नामजद छह आरोपियों को गिरफ्तार करने की एवज में ₹5 लाख रिश्वत की मांग कर रहे हैं। एसीबी के सत्यापन के दौरान ₹2लाख  रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई।
उसके बाद शुक्रवार  26-7-2019 को सीओ महमूद खान को उनके सरकारी आवास पर ₹50 हजार रिश्वत लेते एसीबी टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। 

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बुधवार, 24 जुलाई 2019

सूरतगढ़ ट्रैफिक पुलिस सहायता केंद्र बाजार में स्थापित

^^ करणी दान सिंह राजपूत ^^

 सूरतगढ़ 23 जुलाई ,2019.

मुख्य बाजार में सुभाष चौक और पुराना बस स्टैंड के ठीक बीच में करनानी धर्मशाला के सामने  एक प्रमुख मोड़ पर पुलिस सहायता केंद्र 23 तारीख को स्थापित कर दिया गया। यहां से कार्य शुरू करने का इंतजार है।

सूरतगढ़ में कुछ महीने पहले ट्रैफिक पुलिस के लिए गुमटियों की मांग हुई थी, कि भयानक गर्मी में पुलिस कर्मचारियों को काम करना पड़ता है इसलिए मुख्य स्थानों पर गुमटियों की स्थापना की 

जाय । यह मांग पुलिस उप अधीक्षक के पास भी पहुंची थी।

समाचार पत्रों में खूब प्रचार-प्रसार भी हुआ। सोशल मीडिया पर भी यह मांग उठती रही।  जिस स्थान पर यह सहायता केंद्र स्थापित किया गया है वह स्थान तो सही है। 

अब यह चालू कब होता है। अच्छा हो कि

पुलिस और ट्रैफिक पुलिस यहां हर समय मौजूद रहे। महाराणा प्रताप चौक पर भी स्थापित कर दिया गया है। सुभाष चौक और भारतमाता चौक (भग्गू वाला कुआ) पर भी स्थापित किए जाएंगे।


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मंगलवार, 23 जुलाई 2019

नाबालिग ने कोर्ट में कहा, विधायक के पास भेजते थे-विधायक की पहचान में जुटी पुलिस

23 जुलाई 2019.

बिहार के आरा में एक नाबालिग लड़की ने कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए सनसनीखेज खुलासा किया है। 

देह व्यापार के धंधे में जबरन धकेली गई नाबालिग के बयान से सफेदपोशों का काला सच सामने आ गया है।


 कोर्ट में सोमवार  22-7-2019 को बयान में लड़की ने विधायक का जिक्र किया है लेकिन उसका नाम नहीं बताया है।

नाबालिग ने कोर्ट में कहा कि उसे एक विधायक के पास भी भेजा जाता है। उसने किसी का नाम नहीं लिया है। मालूम हो कि दो दिनों पूर्व आरा की एक किशोरी के माध्यम से भोजपुर पुलिस ने पटना में चल रहे एक बड़े सैेक्स रैकेट का खुलासा किया था।

 सेक्स रैकेट का मास्टरमाइंड पटना का संजय पासवान फरार है। उस मामले में सोमवार को नाबालिग का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया गया।  नाबालिग ने कोर्ट में दिये बयान में आरा के एक इंजीनियर के आवास व होटलों में ले जाए जाने की बात कही है। पुलिस विधायक की पहचान और मास्टर माइंड की गिरफ्तारी में जुटी है। 

भोजपुर के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि किशोरी ने किसी विधायक का नाम नहीं लिया है। सिर्फ एक विधायक के पास भेजे जाने की बात कही है। 

पहले सेक्स रैकेट में जिले के एक विधायक का नाम आया। अब एक अन्य नेता पर दो नाबालिगों से रेप का आरोप लगा है। बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के खिलाफ दोनों किशोरियों को अगवा कर छह माह तक रेप करने और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है। आरोपित नारायणपुर के चवरियां निवासी व पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष संतोष सिंह है। उसे दलित किशोरी के परिजनों ने रविवार की शाम शहर के रमना मैदान के समीप पकड़ा। उसकी कार से दोनों किशोरियों को भी बरामद किया गया। पुलिस ने दोनों किशोरियों का कोर्ट में बयान दर्ज कराया।  

पटना में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 5 महिलाएं व 2 पुरुष गिरफ्तार

छपरा: देह व्यापार के अड्डे पर छापा

नौकरी दिलवाने के नाम पर जिस्मफरोश करवाने वाले रैकेट का भंडाफोड़

खुलासा: 12 से 15 साल की लड़कियों को ट्रैप कर रही महिला।।

शनिवार, 20 जुलाई 2019

सूरतगढ़ में होता रहेगा हथियार लाइसेंस का नवीनीकरण

सूरतगढ़ 20-7-2019.

जिला कलक्टर ने बताया कि सूरतगढ़ में हथियार लायसेंस नवीनीकरण शुरू कर दिया गया है।

जिला कलक्टर ने 71 आरबी में रात्रि चौपाल में यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि एडीएम सूरतगढ का पद रिक्त होने के कारण हथियार लायसेंस नवीनीकरण नहीं किये जा रहे थे लेकिन अब एडीएम सूरतगढ का कार्यभार एडीएम सतर्कता गंगानगर को दिया गया है तथा हथियार लायसेंस नवीनीकरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

रात्रि चौपाल में लोगों ने कहा कि सूरतगढ़ में हथियार लायसेंस नवीनीकरण नहीं होने से परेशानी हो रही है।

गुरुवार, 18 जुलाई 2019

मत मारो मुझे कोख में धरती पर आने दो- भ्रूण हत्या एक अभिशाप विषय पर संगोष्ठी,


 सूरतगढ़ 18-7-2019.

 गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति की ओर से एक सेमिनार का आयोजन राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में किया गया।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य मोहिनी पुरी ने की। विशिष्ट अतिथि व्याख्याता मनजीत कौर राजस्थानी साहित्यकार मनोज कुमार स्वामी व समिति के मंत्री किशन लाल  थे। 


छात्रा रेखा ने गर्भस्थ शिशु की हत्या को कानूनी व सामाजिक अपराध बताया।

छात्रा योगिता ने कहा कि  बेटियों के बिना समाज का भविष्य अंधकार में होगा।

 छात्रा माफिया ने इस बुराई को बढ़ावा दिए जाने पर रोक लगाने की महती आवश्यकता पर बल दिया उन्होंने कहा कि कन्या है जीवन का वरदान इसे मार कर कैसे रखोगे स्वाभिमान।

छात्रा अंजलि ने कहा कि बेटियों को भी जीने का हक है।

छात्रा मुस्कान ने कहानी लड़का और लड़की में भेद पर अपनी बात कही जिसमें कहानी के माध्यम से बताया गया कि बेटियां हीरे जवाहरात से कम नहीं है, वे समाज को अपनी चमक और झिलमिला से चमकदार बनाती हैं।

छात्रा रूमी पाल ने मत मारो मुझे कोख में धरती पर आने दो कविता सुनाकर भाव विभोर किया।

सुमेशता ने कहा कि जिस प्रकार एक पहिए से गाड़ी नहीं चल सकती उसी प्रकार बेटियों के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। 

छात्रा मोनिका ने बेटियों को बरसात की हवा बताया।

गुंजन ने कहा कि भ्रूण हत्या से बढ़कर कोई पाप नहीं हो सकता समाज में यह बड़ा क्रूर कृत्य माना जाना चाहिए।

कुसुम ने कहा कि मैं नहीं हूं ना मुझ को मारो तुम।

 छात्रा प्रियंका स्वामी ने भावपूर्ण कविता अब मुझे डोली में बिठा दिया तो आंसू ना हो पापा।

कार्यक्रम का  संचालन करते हुए शारीरिक व्याख्याता बलजिंदर कौर ने कहा कि छात्राएं अपने आपको समाज की इतनी ऊंचाइयों पर स्थापित करें कि सामने वाले को ऊपर देखना पड़े। उन्होंने कहा कि समाज में बेटियों को अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए समाज में अग्रणी स्थान पर उनको स्थापित करना चाहिए और इस भेदभाव को मिटाने में वे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

राजस्थानी साहित्यकार मनोज कुमार स्वामी ने भावपूर्ण दोहों के माध्यम से बताया कि किस तरह से बेटियों को गर्भ में टुकड़े-टुकड़े करके डस्टबिन में डाल दिया जाता है। इस बुराइयों को रोकने के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा।


प्रधानाचार्य मोहिनी पुरी ने कहा कि नारियों को सम्मान मिलना चाहिए। वे सदैव अग्रणी रही हैं। हर क्षेत्र में उन्होंने बताया कि नारी हूं सबला हूं परंतु अबला नहीं हूं। सबसे पहले सवाल उठता है कि नारियों को समाज में भेदभाव कर  दोयम दर्जे का क्यों माना जाता है? इसके लिए जरूरी है कि छात्राएं अपने भीतर आत्मविश्वास को पैदा करें और उमंग के साथ जीवन में आगे बढें।लड़कियां  लक्ष्य निर्धारित करें और समाज से इस बुराई को उठाकर फेंक दें। इस कार्यक्रम में समिति के मंत्री किशन लाल स्वामी ने विद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया व भविष्य में भ्रूण हत्या नहीं करने और  उस में सहयोग न करने के लिए छात्राओं से संकल्प पत्र भरवाए। 

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सेठ रामदयालराठी राजकीय उ.मा.विद्यालय सूरतगढ़ भवन खतरे में:



सैंकड़ों छात्रों व अध्यापकों की जान जोखिम में:नगरपालिका के बनाए नाले से हुआ बंटाधार:

करणीदानसिंह राजपूत -

सूरतगढ़ 16 जून 2016.

प डेट 23-5-2017.

अपडेट 18-7-2019.

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सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन खतरे में है और यहां पढऩे वाले छात्रों और पढाने वाले व्याख्याताओं की जान जोखिम में है। 

राजस्थान कांग्रेस-एक व्यक्ति एक पद की मांग से हलचल-

राहुल गांधी ने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए एक व्यक्ति एक पद का नारा दिया था लेकिन वह पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया।

 राजस्थान में कांग्रेस के नेता 2 पदों पर विराजमान हैं। सत्ता में भी हैं और संगठन में भी हैं।

एऐसे नेताओं के लिए अब अड़चन आ सकती है।

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अब एक पद एक व्यक्ति का सिद्धांत राजस्थान में लागू करने की मांग करनी शुरू की है। राजस्थान में इससे बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है।

राजस्थान की गहलोत सरकार  की मंत्री परिषद में छह प्रदेश उपाध्यक्ष मंत्री हैं और 3 विधायक हैं। 

इनमें 5 कैबिनेट मंत्री और 1 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं।

विश्वेंद्र सिंह,मास्टर भंवरलाल, प्रमोद जैन, रघु शर्मा,उदयलाल आंजना,गोविंद सिंह डोटासरा (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं, इनमें खिलाड़ी बैरवा, अशोक बैरवा, महेंद्रजीत सिंह मालवीय हैं। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री मुरारी लाल मीणा विधायक महेंद्र चौधरी सरकारी उप मुख्य सचेतक हैं।

 अलवर के जिलाध्यक्ष टीकाराम जूली के इस्तीफे से गरमाई राज्य कांग्रेस की राजनीति में आम कार्यकर्ता भी कहने लगा है कि दो पदों पर एक व्यक्ति काबिज  रहेगा तो पार्टी की नींव मजबूत कैसे होगी? इस तरह से तो पार्टी सदा कमजोर ही रहेगी,क्योंकि नेता पार्टी संगठन को समय ही नहीं दे सकेंगे।

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बुधवार, 17 जुलाई 2019

सीवररेज की अति आवश्यक तकनीकी कानूनी जानकारी-(सूरतगढ़ वाले भी समझलें)


* लोगों का दायित्व क्या है?*


श्रीगंगानगर, 17 जुलाई 2019.

 राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के तहत श्रीगंगानगर शहर के वार्ड नम्बर 33,34,35,36,37,38 व नेहरा नगर आदि में सीवर कनेक्शन करने का कार्य नगरपरिषद द्वारा किया जा रहा है। इस व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिये जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने क्षेत्र के उपभोक्ताओं से सहयोग का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आवश्यक तकनीकी व कानूनी जानकारियां नागरिकों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। 

तकनीकी जानकारियां

रसोई व बाथरूम के सभी आउटलेट पर जाली लगाना आवश्यक है। गली ट्रेप के पाइप के मुंह पर गैस पाइप जरूर लगायें, जिससे बदबू घरों में न आये। घर से निकले व्यर्थ पानी के सभी आउटलेट को घर के बाहर एक स्थान पर जोड़ कर प्रोपर्टी चेम्बर से गली ट्रेप के माध्यम से जोड़ने का खर्च स्वयं उपभोक्ता को वहन करना होगा। विभाग ने मेनहाल से प्रोपर्टी चेम्बर तक पाइप बिछाया हुआ है। घर की छत के बरसाती पानी को सीवर लाईन से ना जोड़े। बरसाती पानी खुली नाली में बहने दे। गली ट्रेप पर जाली होनी चाहिए। सीवर लाइन जाम होने पर इससे छेड़ छाड़ न करें क्योंकि इसमें जहरीली गैस हो सकती है। 

कानूनी जानकारियां

राजस्थान म्यूनिसीपल एक्ट 2009 के नियम 259 की धारा 202 के अनुसार मल-नाली के पानी को, किसी अन्य तरल पदार्थ अथवा अन्य वस्तु को, जो दुर्गन्धपूर्ण हो, किसी खुले स्थान में बहाना या निकालना कानूनन जुर्म है। जो नागरिक इस अधिनियम का पालन नही करेगा जुर्म का भागी होगा। उसे कम से कम 5 हजार रूपये दण्ड के रूप में वहन करने पड़ सकते है। 

सीवरेज प्रणाली को सुचारू रखने हेतु ध्यान देने योग्य बातें

रसोई व स्नानघर का व्यर्थ जल भी सीवर कनेक्शन के द्वारा सीवर लाईन में जायें। सभी आउटलेट पर जाली लगाना आवश्यक है। नियमित रूप से इन जालियों की सफाई करें। गर्भ निरोधक व सेनेटरी नेपकीन को शौचालयों में प्रवाहित न करें। शौचालयों द्वारा ठोस कचरा सीवर लाईन में न जाने दें। मेनहॉल में मृत पशु अथवा उनके अंग न डाले व अन्य किसी को भी नही डालने दें। मेनहॉल खुला न छोड़े व न ही पत्थर, मलबा, प्लास्टिक, पॉलीथीन आदि डालें। सीवर लाईन जाम होने पर पाईप को न काटें न तोडे़। सीवर लाईन जाम होने पर इससे छेड़छाड न करें क्योंकि इसमें जहरीली गैसे हो सकती है। परेशानी के समय नगरपरिषद को सूचित करें। 

जिला प्रशासन की आमजन से अपील

शहर के वार्ड नम्बर 33,34,35,36,37,38 व नेहरा नगर आदि में सीवर कनेक्शन करने का कार्य स्थानीय निकाय द्वारा किया जा रहा है। इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन के लिये क्षेत्र के उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है। रसोई व बाथरूम के उपयोग किये गये पानी को किसी भी स्थिति में खुली नालियों में नही बहने दे, इसे सीवर में ही प्रवाहित करें। राज्य सरकार द्वारा पारित नगरपालिका अधिनियम के अनुसार जहां पर सीवर लाईन है, वहां पर गन्दे पानी के नाली में बहने पर नगरपरिषद द्वारा 5 हजार तक जुर्माना किया जा सकता है। 

सीवर लाईन जो आपके यहां डाली गयी है, वह घर के डब्ल्यू.सी., रसोई घर एवं बाथरूम में उपयोग किये पानी के लिये बनाई गयी है। सड़क के किनारे स्थित नाली केवल बरसात के पानी के लिये है। बरसाती पानी को सीवर लाईन से नही जोडे़, क्योकि सीवर लाईन बरसात के पानी के लिये नही बनायी गयी है। सीवर लाईन में रसाई व बाथरूम का कचरा (सब्जी, झूठन, चायपती, अदरक का टुकड़ा, राख, मिट्टी, बाल के गुच्छे, साबुन व कागज आदि) नही जाने चाहिए, इससे आपका सीवर लाईन से गली ट्रेप चोक होगा एवं आपके घर के पास पानी गली ट्रेप के उपर से बहकर गन्दगी फैलायेगा।

आपके घर से सड़क तक डाली गई सीवर लाईन आपकी स्वयं मिल्कियत है एवं उसमें स्थित गली ट्रेप की सफाई करना आपकी स्वयं की जिम्मेदारी है। सीवर के मेनहॉल में कोई कचरा नही फेंके, इससे सीवर लाईन चोक होती है एवं सीवेज सड़क पर बहने लगता है। सूखा कचरा, पत्थर, प्लास्टिक की थैलियां इत्यादि सीवर लाईन या मेन हॉल में नही डाले, इससे सीवर लाईन अवरूद्ध हो जायेगी एवं गन्दा पानी सड़क पर बहने लगेगा। सीवर संबंधी कोई भी शिकायत होने पर जाली या पाईप को काटे नही। नगरपरिषद को सूचित करें।

सीवरेज प्रणाली की आवश्यकता क्यों

रसोई व स्नानघर का पानी सीधे नालियों में छोडे़ जाने से पानी सड़क पर फैलता है, जिससे जीवाणु पैदा होते है, सीवरेज प्रणाली हानिकारक जीवाणुओं की उत्पति रोकने में सहायक जिससे चिकित्सा व्यय कम होता है। सीवरेज प्रणाली जल-जनित होने वाली लगभग 70 प्रतिशत बीमारियांं से बचाव करती हैं सीवरेज प्रणाली भूमिगत जल का प्रदूषण रोकती है। व्यर्थ पानी को सीवरेज प्रणाली में डालकर घर के आस-पास भरने से रोक कर घरों का सीलन व क्षति से बचाव किया जा सकता है, जिससे रख रखाव का खर्च कम होता है। सीवर शोधन संयंत्र में शोधित जल व मल का उपयोग सिंचाई, खाद के रूप में किया जाता है। सीवरेज प्रणाली शहर को साफ-सुथरा बनाने में सहायक है।  

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मंगलवार, 16 जुलाई 2019

बिना लाईसेंस नशे की दवा बेचने पर विभाग का इस्तगासा- तीन से पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान



श्रीगंगानगर, 16 जुलाई 2019.

औषधि विभाग द्वारा फर्म पावॅर मैडिकल स्टोर, वीपीओ जोरावरपुरा (53 एफ) तहसील करणपुर, जिला श्रीगंगानगर पर एनडीपीएस औषधियों के बिना लाईसेंस उल्लंघन के प्रकरण में औषधि नियंत्रण अधिकारी श्रीमति श्वेता छाबड़ा द्वारा माननीय न्यायालय सीजेएम, श्रीगंगानगर में फर्म व उसके मालिक श्री भंवरलाल व रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट श्री राजीव पाण्डे के विरूद्ध इस्तगासा दायर किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण को केस संख्या 174/2019 पर दर्ज कर प्रंसज्ञान लेकर अभियुक्तों को तलब करने के आदेश जारी किये गये। प्रकरण में फर्म को नशे के रूप में दुरूपयोग होने वाली औषधियों की अनुमति लाईसेंसों पर जारी नही थी, परन्तु निरीक्षण के दौरान ट्रामाडोल घटक औषधियों का स्टॉक पाया गया, जिसका क्रय-विक्रय रिकोर्ड प्रस्तुत नही किया गया। 
फर्म के लाईसेंस कार्यवाही कर निरस्त किये गये व बिना लाईसेंस औषधियों के प्रकरण में जांच पूर्ण कर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत अलग से वाद दायर किया गया। जिसमें कम से कम तीन वर्ष व अधिकतम पांच वर्ष की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। 
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बुधवार, 10 जुलाई 2019

सूरतगढ़- राजकीय महाविद्यालय का नाम स्व.गुरु शरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय किया गया


 * मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट प्रस्तुत करते घोषणा *


^^विशेष समाचार करणी दान सिंह राजपूत ^^


 10 जुलाई 2019.

 राजस्थान सरकार के बजट 2019- 20 को प्रस्तुत करते समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ का नामकरण स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय करने की घोषणा की।

 यह राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ में राष्ट्रीय उच्च मार्ग नंबर 62 पर आकाशवाणी केंद्र के सामने स्थित है। विदित रहे कि सूरतगढ़ के पूर्व विधायक गुरु शरण छाबड़ा ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर जयपुर में अनशन करते हुए 3 नवंबर 2015 में प्राण त्याग दिए थे।

 गुरूशरण छाबड़ा आपातकाल के बाद 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उस समय भैरों सिंह शेखावत जिस दिन मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए उसी रात्रि में 11 बजे विधायक गुरुशरण छाबड़ा,राजा राम कड़वासरा मानकसर (अब स्वर्ग वासी) पत्रकार करणी दान सिंह राजपूत भैरों सिंह जी से मिले। सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने की मांग रखते हुए बताया कि विधायक का चुनाव सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोले जाने की बात पर लड़ा गया है। जनता ने साथ दिया है इसलिए सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोला जाए। माननीय भैरों सिंह जी शेखावत ने तत्काल ही कहा कि प्रदेश में जब भी राजकीय महाविद्यालय खोले जाएंगे तब सूरतगढ़ प्रथम रहेगा। उसी घोषणा के तहत ही सूरतगढ़ में 1977 में राजकीय महाविद्यालय खोला गया। उस समय भवन निर्माण के लिए एक समिति का गठन सोहन लाल रांका की अध्यक्षता में हुआ।

पहले भवन निजी रूप से बना कर सार्वजनिक निर्माण विभाग को सौंपा गया और बाद में उसका विस्तार सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा समय-समय पर किया जाता रहा। इस राजकीय महाविद्यालय की नींव उस समय के गृहमंत्री प्रोफेसर केदार के कर कमलों से रखी गई थी। आज यह महाविद्यालय आसपास के हजारों छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। महाविद्यालय का नाम गुरु शरण छाबड़ा के नाम से किए जाने पर यह सदा के लिए एक महत्वपूर्ण यादगार रहेगी।

विदित रहे कि गुरु शरण छाबड़ा के स्वर्गवास के बाद उनकी  पुत्र वधु पूजा छाबड़ा पत्नी गौरव छाबड़ा ने भी शराबबंदी को लेकर आमरण अनशन किया था और राजस्थान सरकार ने उनसे एक समझौता किया जिसमें राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ का नाम स्वर्गीय गुरु शरण छाबड़ा के नाम से किए जाने का निर्णय हुआ था।

आज इस घोषणा के तुरंत बाद गुरु शरण छाबड़ा के बड़े पुत्र गौरव छाबड़ा से मेरी टेलीफोन पर बात हुई तब उन्होंने कहा कि छाबड़ा जी के प्राण न्योछावर करने के बाद हमारी महत्वपूर्ण मांग राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी की है उसके पूरा होने पर ही निश्चिंत था होगी।

(यहां पर राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ का चित्र दे रहा हूं।


स्वर्गीय गुरु शरण छाबड़ा की आदम कद प्रतिमा राजकीय चिकित्सालय के पास स्थित है उसके पास ही पुत्र वधु पूजा छाबड़ा का चित्र भी यहां दे रहा हूं।)

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मंगलवार, 9 जुलाई 2019

EWS प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया-सरकारी नौकरी व शिक्षा संस्थाओं में उपयोगी



वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं।


1. *क्या है लाभ*

  

EWS प्रमाण पत्र से केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को 10% आरक्षण का लाभ मिलेगा।


2. *क्या है पात्रता*


जिसका परिवार निम्नलिखित शर्ते पूरी करता हो-


a) परिवार की समस्त स्रोतो से कुल आय 8 लाख रूपये से कम हो।


b) 5 एकड़ ( अर्थात 12 बीघा 10 बिस्वा, जिसमे 1 बीघा = 132 फुट X132 फुट है।) से कम कृषि भूमि हो।


c) 1000 वर्ग फुट से कम का रहवासीय फ्लैट/मकान हो।


d) शहरी निकाय क्षेत्र में 100 वर्ग गज (अर्थात 900 वर्ग फ़ीट ) क्षेत्रफल से कम का आवासीय प्लॉट हो।


f) ग्रामीण क्षेत्र में 200 वर्ग गज (अर्थात 1800 वर्ग फ़ीट) क्षेत्र से कम का आवासीय प्लॉट।


g) आवेदक राजस्थान का मूल निवासी हो, और वह सामान्य वर्ग (SC/ST/OBC वर्ग की आरक्षित श्रेणी का नहीं हो) से संबंधित हो।


3. *EWS की पात्रता हेतु परिवार की परिभाषा में कौन कौन शामिल है*

परिवार से आशय है कि 

आवेदक स्वयं एवं उसके माता पिता, आवेदक की पत्नी अथवा पति ,18 साल से छोटे-भाई- बहिन,18 साल से छोटे पुत्र-पुत्री परिवार की परिभाषा में शामिल है।


4. *आय की गणना*

आय की गणना में कृषि, रोजगार, व्यवसाय आदि सभी स्रोतों से आय को जोड़ा जाएगा। साथ ही संपत्ति चाहे अलग अलग स्थानों पर हो, सभी को साथ (क्लब) करके जोड़ा जाएगा।


5. प्रमाण पत्र बनाने हेतु केवल उपर्युक्त सभी अर्हताएं ही है। इनके अतिरिक्त अन्य कोई नही। सरकारी कर्मचारी भी EWS प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं यदि वे उपरोक्त शर्ते पूरी करते हों।


6. EWS प्रमाण पत्र 1 वित्तीय वर्ष हेतु बनता है।


7. राजस्थान मे EWS प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम अधिकारी SDO (उप खण्ड अधिकारी) है।


8. *आय प्रमाण पत्र* 

जिसके पास आयकर रिटर्न/फॉर्म नम्बर -16/वेतन विवरण/पे-स्लीप न हो तो वे निर्धारित प्रमाण पत्र में दो अलग-अलग राज्य, केन्द्रीय अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र सलंग्न करे।


9. *प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं*

किसी भी नजदीकी ई-मित्र पर जाकर EWS का निर्धारित आवेदन पत्र प्राप्त करें। फॉर्म की सभी प्रविष्टियां पूरी तरह से भरें। कोई भी प्रविष्टि खाली नही छोड़ें। "यदि लागू नही है" तो N/A लिखें।

पटवारी से जमीन संबंधी दस्तावेजो के आधार पर कृषि भूमि की जॉच करवाएं एवं ग्राम सेवक से आवासीय मकान एवं आवासीय भूखंड की जांच करावें।  स्वयं का आय एवं संपत्ति के संबंध में शपथ पत्र देवें। सभी संबंधित फॉर्म पूरे हो जाने के बाद पुनः ई- मित्र पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें। सभी वांछित दस्तावेजो की स्व-प्रमाणित प्रतियाँ अपलोड करावे। 

कुछ स्थानों पर BDO/EO या तहसीलदार से भी फॉर्म पर हस्ताक्षर मांगे जा रहे है। जिसके बारे में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने स्पष्ट मना किया है।


10.  *जरूरी दस्तावेज*


a)पते की पहचान हेतु:-

आधार कार्ड/ राशन कार्ड/मतदाता परिचय पत्र/किरायानामा (यदि लागू हो)/गैस कनेक्शन/बिजली व पानी के बिल की प्रति।  


b)स्वयं या पिता की जाति के साक्ष्य हेतु प्रमाण पत्र जैसे:- कृषि  भूमि की जमाबंदी/मूल निवास प्रमाण पत्र/जन्म प्रमाण पत्र/ग्राम पंचायत या शहरी निकाय द्वारा भूखण्ड के पट्टे की प्रमाणित प्रति जिसमें जाति अंकित हो।(कोई भी दो) 


c)  राजकीय कार्मिकों/राजकीय उपक्रम/प्राईवेट सेक्टर मे कार्यरत कार्मिको को वेतन से संबंधित फॉर्म नम्बर -16/ पे स्लिप या वार्षिक वेतन विवरण।


d) आवेदन पत्र पर सत्यापित पासपोर्ट साइज फ़ोटो लगावे।


e) दो राज्य या केन्द्रीय अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र /  इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी (अगर हो), पेन कार्ड, बैंक पासबुक कॉपी।

फॉर्म एवं अन्य दस्तावेज पूर्ण करने के बाद उसका एक फोटोकॉपी सेट अपने पास सुरक्षित रखें।


11. प्रमाण पत्र बनाने हेतु कोई सरकारी शुल्क नही है। ई-मित्र का निर्धारित शुल्क ₹40 है।


12. विवाहित महिला का EWS प्रमाण पत्र उसके माता-पिता के मूल निवास स्थान से बनेगा। जिसमें आय व सम्पति की गणना हेतु उसे अपने पति व 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की आय व सम्पत्ति को उसके माता-पिता एवं 18 वर्ष से कम आयु के उसके भाई-बहन की आय व सम्पत्ति में जोड़ना होगा।


(सामान्य जानकारी दी गई है। कोई अड़चन दुविधा आए तो संबंधित से और पूछ लें)

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शुक्रवार, 5 जुलाई 2019

पुलिस इंस्पेक्टर निकेत पारीक ने नशामुक्ति का आह्वान किया-सूरतगढ़ में नशामुक्ति कार्यशाला


सूरतगढ़/श्रीगंगानगर, 5 जुलाई 2019.
 जिला पुलिस अधीक्षक श्री हेमन्त शर्मा के निर्देशानुसार पुलिस प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य एंव शिक्षा विभाग के सहयोग से संचालित नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत नशा मुक्ति कैंम्प का आयोजन हर्ष कोन्वेन्ट स्कुल सुरतगढ में पुलिस थाना सुरतगढ के माध्यम से आयोजन किया गया।
नशा मुक्ति विशेषज्ञ  डॉ0 रविकान्त गोयल ने मुख्यवक्ता के रूप में कहा कि नशा मानव के लिए घातक होता हैं। नशा करने वाला अपनी नशे की लत के कारण धन दौलत जमीन जायदाद अपना कारोबार व मान मर्यादा नष्ट कर बैठता है। उसका तन बीमारियों का घर बन जाता है। डॉ0 गोयल ने  मानव पर पड़ने वाले विभिन्न दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुऐ नशों से दूर रहने नशा छोड़ने व नशाग्रस्त व्यक्ति का नशा छुड़वाने के सम्बन्ध में वैज्ञानिक जानकारी दी व सरल तरीके बताये तथा उपस्थित जनसमूह को जीवनभर नशा नही करने एवं नशा पिड़ितों का नशा छुड़वाने की सामुहिक शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम में समाजसेवी श्री बनवारीलाल शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि नशे के कारण ही व्यक्ति अपराध कर बैठता है। नशे के कारण ही घर टुटते हैं । नशे के कारण ही व्यक्ति समाज में अपनी प्रतिष्ठता खो बैठता है। नशा तमाम बुराईयो की जड़ है इसलिए हम सभी को नशों से बचना चाहिऐ।
कार्यक्रम में पुलिस थाना सूरतगढ़ शहर के थानाधिकारी श्री निकेत कुमार पारीक पुलिस निरीक्षक ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चे देश का भविष्य है। इन्हे नशे से बचना चाहिये, जो लोग नशा करते है, उन्हें  इस बुराई का त्याग कर देना चाहिये। नशा प्रत्येक मनुष्य के विनाश का कारण है। नशे का अपराध से सीधा संबंध है। समाज से नशे को मिटाकर हम समाज को अपराध मुक्त कर सकते है
           कार्यक्रम में हर्ष कोन्वेन्ट स्कूल के डायरेक्टर श्री अनिल धानुका ने पुलिस के इस नशामुक्ति अभियान को मानवता का हितैेषी बताते हुए महापुरूषों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए,उनकी सीख लेने को कहा व नशामुक्त रहते हुए समाज से नशे को जड़ से उखाड़ने का आहवान किया।
           आयोजित कार्यक्रम में सीएलजी सदस्यगण,कैमिस्ट एसोशिएशन के पदाधिकारीगण, पूर्व व वर्तमान नगरपालिका चैयरमैन सहित काफी संख्या में शहरवासी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में समाजसेवी श्री विजय किरोड़ीवाल ने भी सहयोग प्रदान किया।
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नशे से अपराधों और बुराइयों का जन्म-निकेत पारीक पुलिस निरीक्षक-सूरतगढ मे नशा मुक्ति शिविर आयोजित


सूरतगढ़/श्रीगंगानगर, 5 जुलाई 2019.
 जिला पुलिस अधीक्षक श्री हेमन्त शर्मा के निर्देशानुसार पुलिस प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य एंव शिक्षा विभाग के सहयोग से संचालित नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत नशा मुक्ति कैंम्प का आयोजन हर्ष कोन्वेन्ट स्कुल सुरतगढ में पुलिस थाना सुरतगढ के माध्यम से आयोजन किया गया।
नशा मुक्ति विशेषज्ञ  डॉ0 रविकान्त गोयल ने मुख्यवक्ता के रूप में कहा कि नशा मानव के लिए घातक होता हैं। नशा करने वाला अपनी नशे की लत के कारण धन दौलत जमीन जायदाद अपना कारोबार व मान मर्यादा नष्ट कर बैठता है। उसका तन बीमारियों का घर बन जाता है। डॉ0 गोयल ने  मानव पर पड़ने वाले विभिन्न दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुऐ नशों से दूर रहने नशा छोड़ने व नशाग्रस्त व्यक्ति का नशा छुड़वाने के सम्बन्ध में वैज्ञानिक जानकारी दी व सरल तरीके बताये तथा उपस्थित जनसमूह को जीवनभर नशा नही करने एवं नशा पिड़ितों का नशा छुड़वाने की सामुहिक शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम में समाजसेवी श्री बनवारीलाल शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि नशे के कारण ही व्यक्ति अपराध कर बैठता है। नशे के कारण ही घर टुटते हैं । नशे के कारण ही व्यक्ति समाज में अपनी प्रतिष्ठता खो बैठता है। नशा तमाम बुराईयो की जड़ है इसलिए हम सभी को नशों से बचना चाहिऐ।
कार्यक्रम में पुलिस थाना सूरतगढ़ शहर के थानाधिकारी श्री निकेत कुमार पारीक पुलिस निरीक्षक ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चे देश का भविष्य है। इन्हे नशे से बचना चाहिये, जो लोग नशा करते है, उन्हें  इस बुराई का त्याग कर देना चाहिये। नशा प्रत्येक मनुष्य के विनाश का कारण है। नशे का अपराध से सीधा संबंध है। समाज से नशे को मिटाकर हम समाज को अपराध मुक्त कर सकते है
           कार्यक्रम में हर्ष कोन्वेन्ट स्कूल के डायरेक्टर श्री अनिल धानुका ने पुलिस के इस नशामुक्ति अभियान को मानवता का हितैेषी बताते हुए महापुरूषों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए,उनकी सीख लेने को कहा व नशामुक्त रहते हुए समाज से नशे को जड़ से उखाड़ने का आहवान किया।
           आयोजित कार्यक्रम में सीएलजी सदस्यगण,कैमिस्ट एसोशिएशन के पदाधिकारीगण, पूर्व व वर्तमान नगरपालिका चैयरमैन सहित काफी संख्या में शहरवासी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में समाजसेवी श्री विजय किरोड़ीवाल ने भी सहयोग प्रदान किया।
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सूरतगढ़ नगरपालिका सीमांकन-वार्ड 1 से 8-प्रस्तावित

अन्य वार्डों का विवरण अलग से दिया है।



मंगलवार, 2 जुलाई 2019

5 लाख की रिश्वत मेंं गिरफ्तार-1एएसआई 1 हैडकांस्टेबल 1कांस्टेबल फंसे


चुरु 1-7-2019.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के एक एएसआई, हेडकांस्टेबल व कांस्टेबल और दो दलालोंको पांच लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।ये तीनों पुलिसकर्मी दिल्ली केलाहौरी गेट थाने में पदस्थापित हैं। 


यह कार्रवाई डीजी एसीबी डॉ. आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में चुरु एसीबी की टीम ने की। डीजी त्रिपाठी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ASI योगेंद्र पाल, हेड कांस्टेबल विकास व कांस्टेबल राजेश कुमार है। इनके अलावा दो अन्य व्यक्ति हैं। ।रिश्वत की यह रकम एक मुकदमे में पकड़े गए युवक को छोड़ने की एवज में मांगी गई थी।

 दिल्ली के लाहौरी गेट पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ लाखों रुपए की चोरी का एकमुकदमा दर्ज था। जिसमें ये तीनों पुलिसकर्मी अनुसंधान करने दिल्ली से चूरू आए थे। उन्होंने राशिद नाम के एक युवक वअन्य लोगों को पकड़ा और उन्हें जबरन चूरू के एक होटल में ले गए। उन्हें वहां जमकर पीटा गया। 


उसके बाद एसआई योगेंद्र पाल ने राशिद व अन्य को छोड़ने के नाम पर 5 लाख रूपये की रिश्वत मांगी। तब परिवादी व उसके परिजनों नेएसीबी में शिकायत दी। इसके बाद तत्काल ट्रेप रचा गया। इसके बाद परिवादी रिश्वत की रकम लेकर पहुंचे। जहां एसीबी की टीम ने तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों और उनके दो दलालों को पकड़ लिया।

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