सूरतगढ़ स्टेडियम में पीएम का मंच व ऑफिस करीब 100 मीटर दूरी पर थे। 19 फरवरी को सभा हुई थी।
अगर टावर सभा वाले दिन गिरता तो क्या होता?
पूरा मामला बेहद गंभीर जांच का। नगरपालिका सवालों में घिर गई
स्पेशल रिपोर्ट - करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 30 मार्च 2015.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 19 फरवरी को नगरपालिका स्टेडियम में जहां सभा हुई थी वहां पर लगाया हुआ हाई मास्क लाइट का टावर आज अचानक शाम को वहां से निकली हुई 33 हजार केवी की बिजली लाइन पर गिर गया। उससे बिजली लाइन के टावर टेढ़े हो गए व भयानक आग लगने का खतरा पैदा हो गया। यहां बिजली लाइन बस्ती के पास से व ऊपर से गुजरती है वहां बुरा हाल होता। स्टेडियम में कुछ ही दूरी पर पचासों बच्चे व युवक खेलने में लगे हुए थे।
जोधपुर विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी टावर को बिजली की तारों पर से हटाने में लगे व नगरपालिका कर्मचारी व जेसीबी मशीन भी थी।
वहां पर पालिका कर्मचारियों के मुंह से निकल रहा था कि टावर जिस सीमेंट के आधार पर टिका था के बोल्टों के कई नट गायब थे। ये नट कब और किसके द्वारा खोले गए थे?
अगर सच्च में नट खोले जाने से यह घटना हुई है तो गंभीर मामले की ओर संकेत करती है। जहां से नट खोले गए वहां के बोल्ट की चूडिय़ां जंग लगी है। मतलब ताजा दो चार दिनों में खोले हुए नहीं थे?
मामला जो कुछ भी हो गंभीर जरूर हो गया है।
करीब सवा महीना पहले 19 फरवरी को प्रधानमंत्री की स्टेडियम में सभा हुई थी। उसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। सभा में 9 राज्यों के मुख्यमंत्री आने वाले थे जिनमें 2 के मुख्यमंत्री आए। वसुंधरा राजे व प्रकाशसिंह बादल आए थे। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का लोकार्पण हुआ था जिसमें 9 राज्यों के उच्च स्तरीय अधिकारी व प्रगतिशील किसान आए थे।
प्रधानमंत्री की सभा की सुरक्षा वास्ते 33 हजार वाली बिजली लाइन में बिजली का प्रवाह बंद किया गया था लेकिन टावर गिरता तब भगदड़ तो मच ही जाती और उस समय भीड़ को नियंत्रित करना कठिन होता और वह सुरक्षा को खतरा होता।
प्रधानमंत्री की सभा सुख शांति से हो गई लेकिन नगरपालिका पर इस हादसे के बाद कई सवालों में घिर गई है ।
नगरपालिका सवालों में घिर गई