सोमवार, 30 मार्च 2015

पीएम की सभा हुई वहां की हाईमास्क लाईट टावर 33 हजार केवी बिजली लाइन पर गिरा:नट निकाले हुए थे?


सूरतगढ़ स्टेडियम में पीएम का मंच व ऑफिस करीब 100 मीटर दूरी पर थे। 19 फरवरी को सभा हुई थी।
अगर टावर सभा वाले दिन गिरता तो क्या होता?
पूरा मामला बेहद गंभीर जांच का। नगरपालिका  सवालों में घिर गई
स्पेशल रिपोर्ट - करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 30 मार्च 2015.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 19 फरवरी को नगरपालिका स्टेडियम में जहां सभा हुई थी वहां पर लगाया हुआ हाई मास्क लाइट का टावर आज अचानक शाम को वहां से निकली हुई 33 हजार केवी की बिजली लाइन पर गिर गया। उससे बिजली लाइन के टावर टेढ़े हो गए व भयानक आग लगने का खतरा पैदा हो गया। यहां बिजली लाइन बस्ती के पास से व ऊपर से गुजरती है वहां बुरा हाल होता। स्टेडियम में कुछ ही दूरी पर पचासों बच्चे व युवक खेलने में लगे हुए थे।
जोधपुर विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी टावर को बिजली की तारों पर से हटाने में लगे व नगरपालिका कर्मचारी व जेसीबी मशीन भी थी।


वहां पर पालिका कर्मचारियों के मुंह से निकल रहा था कि टावर जिस सीमेंट के आधार पर टिका था के बोल्टों के कई नट गायब थे। ये नट कब और किसके द्वारा खोले गए थे?
अगर सच्च में नट खोले जाने से यह घटना हुई है तो गंभीर मामले की ओर संकेत करती है। जहां से नट खोले गए वहां के बोल्ट की चूडिय़ां जंग लगी है। मतलब ताजा दो चार दिनों में खोले हुए नहीं थे?
मामला जो कुछ भी हो गंभीर जरूर हो गया है।
करीब सवा महीना पहले 19 फरवरी को प्रधानमंत्री की स्टेडियम में सभा हुई थी। उसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। सभा में 9 राज्यों के मुख्यमंत्री आने वाले थे जिनमें 2 के मुख्यमंत्री आए। वसुंधरा राजे व प्रकाशसिंह बादल आए थे। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का लोकार्पण हुआ था जिसमें 9 राज्यों के उच्च स्तरीय अधिकारी व प्रगतिशील किसान आए थे।








प्रधानमंत्री की सभा की सुरक्षा वास्ते 33 हजार वाली बिजली लाइन में बिजली का प्रवाह बंद किया गया था लेकिन टावर गिरता तब भगदड़ तो मच ही जाती और उस समय भीड़ को नियंत्रित करना कठिन होता और वह सुरक्षा को खतरा होता।
प्रधानमंत्री की सभा सुख शांति से हो गई लेकिन नगरपालिका पर इस हादसे के बाद कई सवालों में घिर गई
है
नगरपालिका  सवालों में घिर गई

शनिवार, 28 मार्च 2015

करणी माता मंदिर सूरतगढ़ :नवमी पूजन हवन:


सूरतगढ़,28 मार्च 2015.
चैत्रीय नवरात्रों पर मां करणी मंदिर में नवमी पर देवी दुर्गा और करणी माता देशनोक वाली का पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर हवन किया गया। राजपूत सरदारों व उनके परिवारों व अन्य श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। लालसिंह बीका सपत्नीक श्रीमती प्रेमकंवर और पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत ने सपत्नीक श्रीमती विनीता सूर्यवंशी पूजन अर्चन व हवन किया। राजपूत क्षत्रिय धर्मशाला प्रांगण में कन्याओं को जिमाया गया और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।

=========================
विजयश्री करणी भवन में नवमी पर पूजन और कन्याओं को जीमण:
सूर्योदय नगरी में विजयश्री करणी भवन में मां दुर्गा,काली मां व करणी माता का नवमी पर पूजन हुआ।
माँ की जोत की गई। कन्याओं को जीमण कराया गया। करणीदानसिंह राजपूत एवं पत्नी विनीता सूर्यवंशी और योगेन्द्र प्रतापसिंह एवं पत्नी रीतिका भाटी ने पूजन किया।
पूजन के बाद कन्याओं को जीमण कराया गया।




गुरुवार, 26 मार्च 2015

मौत की खाने मौत के कारखाने:टीबी और सिलिकोसिस की पैदावार:



राजसमंद जिले में जिंदगी को तड़पते हजारों परिवार: खामोशी से मौतें देखता शासन प्रशासन:
40 साल तक का जीवन आगे बीमारियां न खून न मांस:बस तड़पते कंकाल:
राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों के नेता और कार्यकर्ता, एनजीओ, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता उदासीन बने हुये हैं
स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत


मील के पैट्रोल पंप की जमीन निरस्ती की खबर पर बवाल:


श्रीगंगानगर के एक सांध्य दैनिक में 25 मार्च  को खबर-
मील ने बताया झूठा समाचार:
सूरतगढ़,26 मार्च 2015.
पूर्व विधायक गंगाजल मील के परिवार का सूरतगढ़ में राष्ट्रीय उच्च मार्ग नं 15 अब 62 पर पैट्रोल पंप है जिसमें प्रमुख कंपनी के ब्रांड का पैट्रोल बिकता है।
इस पंप की जमीन का गलत आवंटन लोकायुक्त द्वारा खारिज किए जाने का समाचार छपा है। समाचार में यह भी लिखा है कि लोकायुक्त को विधायक राजेन्द्र भादू ने शिकायत की थी।
पूर्व विधायक गंगाजल मील ने इस समाचार को आधारहीन व बदनामी करने वाला बताया है। उन्होंने कहा है कि लोकायुक्त की ओर से जांच के लिए कभी कोई पत्र तक नहीं आया। मील ने इस बाबत यह सूचना जारी की है।

सूरतगढ दिनांक 25.3.2015, एक सांध्य दैनिक समाचार पत्र में सरकारी भूमि का गलत तरीके से आबंटन करवाकर उस भूमि पर लगे हुए पैट्रोल पम्प को हटाने के लोकायुक्त के जारी आदेष के समाचार को पूर्व विधायक गंगाजल मील ने बिल्कुल असत्य एवं निराधार बताते हुए किसी द्वारा सिर्फ बदनाम करने के लिए ये झूठा समाचार छपवाया है। उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में आज तक लोकायुक्त से जॉच सम्बन्धित कोई सूचना या नोटिस प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि मेरे पुत्र महेन्द्र एवं भाई हजारीराम के नाम से लगभग 10  वर्ष पूर्व उक्त साढे पांच बीघा जमीन खसरा न. 326 में तरमीमषुदा खरीदी थी, जिसका इंतकाल  हमारे नाम से है। इसी भूमि में से 170 फुट गुणा 170 फुट भूमि का पैट्रोल पम्प के लिए 90 बी की कार्यवाही करवाकर विधि सम्वत पैट्रोल पम्प लगवाया है।

उक्त समाचार पत्र ने इस भूमि को गलत आबंटन बताया है, बल्कि यह भूमि आबंटन ना होकर हमारी खातेदारी भूमि है।



 


बुधवार, 25 मार्च 2015

पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा आदि:पुलिस पर पथराव का मुकद्दमा वापस:






रजनी मोदी,बलराम वर्मा,मदन औझा,विजय कुमार लाहोटी,भवानीशंकर उर्फ राधाकिशन सोनी निवासी सूरतगढ़। प्रदीप नायक निवासी रंगमहल-सूरतगढ़: जगदीश धनावंशी,गजानन्द सोनी,हजारीलाल,महेन्द्र सोनी,मुस्ताक निवासी सरदारशहर। हजारीलाल मेघवाल हरियासर-सरदारशहर। भी अभियुक्तों में थे।

मुकद्दमा 19 मार्च 2008 को सरदारशहर में दर्ज हुआ था और सरकार के निवेदन पर 27 फरवरी 2015 को अदालत ने वापस किया।
स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत


मंगलवार, 24 मार्च 2015

इंटरनेट सोशल मीडिया पर सुप्रीमकोर्ट का बड़ा फैसला:66ए खत्म की:


आईआईटी की धारा 66 ए हटाई:पुलिस आनन फानन में गिरफ्तारी नहीं कर पाएगी:
भारतीय दंड संहिता के कानून लागू रहेंगे:
सूरतगढ़ 24 मार्च 2015.
फेस बुक व अन्य इंटरनेट की सोशल मीडिया साइटों पर अपने कमेंट्स करने,कार्टून बनाने पर मुकद्दमा दर्ज कराने पर पुलिस आनन फानन में गिरफ्तार कर लेती थी जिस पर देश भर में हल्ला मचा था कि संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर यह कुठाराघात है। पुलिस ने आइआईटी की धारा 66 ए के तहत कई गिरफ्तारियां भी की थी। इन गिरफ्तारियों में कार्टूनिस्ट,विद्यार्थी व सामान्य युवक आदि शामिल रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस धारा के हटाने से सोशल मीडिया पर लिखने वालों को बड़ी राहत मिली है।
हालांकि इससे मनमाने लिखने की छूट नहीं है। किसी को आपत्ति होगी तो वह मुकद्दमा तो कर ही सकेगा व भारतीय कानूनों के तहत,भारतीय दंड संहिता की धाराओं पर कार्यवाही होगी।


रविवार, 22 मार्च 2015

डांडिया नृत्य संग चेटिचंड महोत्सव सूरतगढ़ की शोभा:


सूरतगढ़,22 मार्च 2015.
सिंधी समुदाय ने 21 मार्च को चेटिचंड महोत्सव झूलेलाल मंदिर प्रांगण में हर्षाेललास से मनाया। झूलेलाल का सत्संग और प्रसाद वितरण के बाद संध्या में डांडिया नृत्य के साथ बहराणा साहिब की झांकी की शोभा यात्रा निकाली गई। यह शोभा यात्रा नगर में कई मार्गों से होती हुई शहीद हेमू कल्याणी चौक पर पहुंची जहां काफी 


शनिवार, 21 मार्च 2015

रेलगाड़ी घास लकडिय़ां ढोने का जुगाड़: अधिकारी कर्मचारी शामिल:रेल आमदनी को चपत:


डिब्बों में लकडिय़ां घास भरे होने से यात्रियों को परेशानी:




सूरतगढ़ पहुंचने वाली गाडिय़ों में मिली भगत से चलता धंधा:
टीटी और सुरक्षा बल करते हैं कौनसी ड्यूटी?
- खास खबर -


गुरुवार, 19 मार्च 2015

फर्जी अंकतालिका:सरपंच की पहली गिरफ्तारी:जगदीश गिरफ्तार:


भैरूंपुरा उर्फ सीलवानी का सरपंच:पंचायत समिति सूरतगढ़:
मोहाली से लाया था दसवीं की अंक तालिका:सूरतगढ़ सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया:
सूरतगढ़, 16 मार्च 2015.
पंचायत समिति सूरतगढ़ की ग्राम पंचायत भैरूंपुरा उर्फ सीलवानी के नव निर्वाचित सरपंच जगदीश प्रसाद पुत्र नानुराम जाति नायक को सदर थाना पुलिस ने दसवीं उत्तीर्ण की फर्जी अंक तालिका से चुनाव लडऩे के आरोप में गिरफ्तार किया है। भैरूंपुरा उर्फ सीलवानी ग्राम पंचायत के सरपंच पद का चुनाव  18 जनवरी 2015 को हुआ जिसमें जगदीश विजयी हुआ। उसने निकटतम प्रत्याशी श्रवणकुमार कानाराम मेघवाल को 492 वोटों से हराया था।
इसके बाद श्रवणकुमार ने अदालत एसीजेएम सूरतगढ़ की अदालत में इस्तगासा प्रस्तुत किया जिसमें आरोप लगाया कि जगदीश ने फर्जी अंक तालिका पेश कर चुनाव लड़ा है। उसने कई तथ्य पेश किए। अदालत के आदेश पर सदर थाना पुलिस ने मुकद्दमा दर्ज कर जांच शुरू की तथा जगदीश को गिरफ्तार किया।
अदालत में श्रवणकुमार की ओर से जगदीश पर फर्जी अंक तालिका का आरोप लगाते हुए कई सबूत प्रस्तुत किए थे।
जगदीश ने अपनी दसवीं उत्तीर्ण की शैक्षणिक योग्यता के लिए काऊंसिल ऑफ सैकेंडरी एज्यूकेशन मोहाली द्वारा 2009-10 की जारी अंक तालिका पेश की थी। जगदीश ने स्वयंपाठी और स्वयं को जिला पटियाला का निवासी बतलाया था।
नामंाकन पत्रों की जांच के समय श्रवणकुमार ने जगदीश की अंक तालिका पर आपत्ति प्रगट की लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने आपत्ति पर विचार नहीं किया। इस पर जगदीश का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया गया।
18 जनवरी 2015 को चुनाव हुआ जिसमें जगदीश को निर्वाचित घोषित कर दिया गया। आरोप लगाया गया कि पंजाब का सैकेंडरी परीक्षा का बोर्ड रोपड़  में है लेकिन अंक तालिका में इसका कोई उल्लेख नहीं है।
जगदीश राजस्थान का मूल निवासी है तथा बीस वर्षों से अमरपुरा जाटान गांव में निवास कर रहा है। उसने राजकीय माध्यमिक विद्यालय भगवानसर  तहसील सूरतगढ़ से 26-4-1997 में कक्षा 4 उत्तीर्ण की थी तथा कक्षा 5 की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। जगदीश ने दिनांक 3-10-2013 को इसी विद्यालय से उक्त परीक्षा की टीसी प्राप्त की थी।
फर्जी अंक तालिका से चुनाव लडऩे के आरोप में इस इलाके में राजस्थान में संभवत: यह पहली गिरफ्तारी है।

भैरूंपुरा के सरपंच जगदीश की जमानत अस्वीकार:
अदालत ने जेल भिजवाया:
सूरतगढ़, 19 मार्च। सदर थाना पुलिस ने फर्जी अंक तालिका आदि के आरोप में गिरफ्तार किया था।
अदालत में पुलिस ने रिमांड पूरा होने के बाद पेश किया। अदालत में जमानत की अर्जी दी गई लेकिन अदालत ने अस्वीकार कर दी।
अदालत ने  18 मार्च को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवा दिया।
 

===============================

बुधवार, 18 मार्च 2015

अच्छे फंसे .जुगाड़ के सर्टिफिकेट से सरपंच


गांव की सरपंची का मजा ही अनोखा होता है और सरपंच कहलाना तथा सरपंची का ताज पहनना हर कोई चाहता है मगर हरेक की किस्मत में यह ताज पहनना लिखा नहीं होता।
 पंजाबी फिल्मों के सरपंचों की तो टोर ही गजब की होती। सालों पहले देखा करते थे। कम राजस्थान के सरपंच भी नहीं होते। राजस्थान में भी सरपंची की गजब की टोर हो गई। हरेक सरपंच बनने को उत्साहित था। यहां तक की पहले विधायक रह गए लोग भी अपने यार दोस्तों से चर्चा करते रहे कि सरपंच का चुनाव लड़ लेने में क्या बुराई है?
राजस्थान सरकार ने सन् 2015 के सरपंच चुनाव में पंगा डाल दिया।
सरकार ने अधिसूचना जारी करवा दी कि सरपंच कमसे कम आठवीं तक पढ़ा लिखा जरूर होना चाहिए।
अचानक हुई इस घोषणा ने अनेक लोगों की नींद हराम करदी।
अब अचानक आठवीं उत्तीर्ण कहां से हो जाएं?
पढ़ाई किसी ने चार के बाद छोड़ दी थी तो कोई पांच के बाद स्कूल नहीं गया।
कई सालों से सरपंची का दावा कर रहे थे लेकिन राजस्थान सरकार ने सब पर पानी फेर दिया।
सारी उम्मीदें मिट्टी में भी मिला दी। अचानक क्या किया जाए?
अपने हिन्दुस्तान में एक खास बात है।
अपने यहां पर बीमार की दवा बताने वाले सैंकड़ों डाक्टर वैद्य हकीम एक मिनट में पैदा हो जाते हैं।
बस आठवीं तक की परीक्षा उत्तीर्ण का सर्टीफिकेट चाहिए।
सोचा जाने लगा।
मित्र दोस्तों ने दिन रात एक किया और भाग दौड़ कर स्थानीय स्कूल वालों से अतापता किया कि कोई जुगाड़ बैठ जाए।
अपने यहां जुगाड़ तो हर बात का हर सामान का हो जाता है सो आठवी उत्तीर्ण का एक सर्टिफिकेट कबाडऩा कोई मुश्किल कैसे होता?
दोस्तों ने एक ही राय दी कि पैसा तैयार रहे।
धोती की गांठ में हजारों की गड्डीे हो।
राजस्थान से बाहर के इलाके तलाशे गए।
अपने तो सात समंदर पार खोज लें और पाताल में खोज लें।
पंजाब,हरियाणा,उत्तर प्रदेश, बिहार प्रदेशों में एक ही नहीं कई स्कूल वाले और उनके बिचौलिए तैयार।
काम बन गया।
मजा आ गया। जुगाड़ से सरपंची का चुनाव लड़ा और जीत भी गए।
हार जाने वालों का और विरोध करने वालों का दिमाग तो सदा से ही घमसाण मचाने में रहा हे।
सो अपनी सरपंची का ताज उनको नहीं सुहाया।
अदालतों में इस्तगासे दायर कर पुलिस में मुकद्दमें करवा दिए।
बस। एक बात का डर हो गया।
अपन खुद सरपंच होते हुए जेल चले भी जाते तो कोई बात नहीं थी।
इस बार सीट ओरत के नाम थी सो यार दोस्तों के दबाव देने से और अपने दिल में भी हिलोरें उठने से अपन ने पत्नी जी को चुनाव लड़ा दिया।
पत्नी जी जुगाड़ के सर्टिफिकेट से सरपंच बन गई।
अब जुगाड़ यार दोस्तों का दबाव। कौन पूछता है? सारी बातें हवा हो गई।
दोस्तों अपने ही पैसों से जेल का प्रबंध कर लिया।

जिन लोगों ने जुगाड़ का सटिफिकेट लाकर दिया वे किनारा कर गए।
वे लोग यार दोस्त परिचित इस तरह के जुगाड़ में जुट गए ताकि पुलिस उन तक न पहुंचे।
सभी चाहते हैं कि पुलिस सरपंच जी तक ही रहे।
ऐसा हो भी रहा है। पुलिस नहीं पूछ रही कि सरपंच बना व्यक्ति अपने जीवन में गांव के आसपास से दूर नहीं गया तो वह दूसरे प्रदेशों से कैसे ले आया आठवीं का सर्टिफिकेट?
बिचौलियों ने अच्छे खासे पैसे बटोरे और अब सरपंच जी अकेले फंसे हैं और जमानत तक नहीं हो रही।
बिचौलियों ने जरूर इतना जुगाड़ कर लिया है कि पुलिस कोई ऐसा बयान ही जांच में रिकार्ड न करे जिसमें किसी बिचौलिए द्वारा सर्टिफिकेट लाकर देने,सहयोग देने आदि का उल्लेख हो।
सरपंची तो यार दोस्त रिश्तेदार सांझा घोटते लेकिन अब जेल जाने में सरपंचजी के साथ कोई साझेदार नहीं।
=================================
आपको यह अच्छा लगा है तो दूसरों को भी भेजें। साझा करें। शेयर करें।

====================== 

रविवार, 15 मार्च 2015

पालिका बोर्ड अध्यक्षों की धौंस-90 दिनों में संचालन समितियों का गठन नहीं किया:

नगरपालिकाओं में संचालन समितियां गठित करने की पावर राज्य सरकार के पास:
पालिका बोर्ड अध्यक्षों की धौंस-चुनाव के 90 दिनों में संचालन समितियों का गठन नहीं किया:
विशेष रिपोर्ट - करणीदानसिंह राजपूत -

राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 में धारा 55 में स्पष्ट निर्देश है कि संचालन समितियां बोर्ड के गठन के 90 दिनों के भीतर गठित कर दी जानी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर राज्य सरकार इन समितियों का गठन करने को सक्षम है।
राजस्थान की 46 नगरपालिकाओं में 22 नवम्बर 2014 को चुनाव हुए और 25 को परिणाम घोषित हुए। इसके अगले दिन अध्यक्षों व उसके अगले दिन उपाध्यक्षों के चुनाव हुए। इसके बाद 90 दिनों में यानि कि 25 फरवरी 2015 तक 90 दिनों में प्रत्येक नगरपालिका बोर्ड में कार्य संचालन समितियों का गठन कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन अधिनियम में स्पष्ट निर्देश होते हुए भी समितियों का गठन नहीं किया गया तथा जहां पर मांग हुई वहां भी अध्यक्ष की धींगामस्ती के निजी पावर चलाए जाने के कारण मांग को ठुकरा दिया गया।
नियम की अवहेलना इतनी हुई कि जिला कलक्टर ने अधिशाषी अधिकारी को निर्देश दिया तब भी पालना नहीं की गई।
ऐसी सूरत में नगरपालिकाओं में कार्य संचालन समितियां गठित कराने का कानून के साथ प्रथम दायित्व सरकार का बन जाता है तथा सरकार को इसके बाद कोई देरी नहीं करनी चाहिए।
सच्चाई यह है कि नगरपालिकाओं में अध्यक्ष व अधिशाषी अधिकारी दोनों ही तथा वहां के चुने हुए जन प्रतिनिधि तक इन संचालन समितियों के गठन को उत्सुक नहीं होते। काय्र संचालन समितियों के गठन के बाद अध्यक्ष व अधिशाषी अधिकारी अपनी मनमानियां नहीं कर पाते। नगरपालिकाओं में इन समितियों के नहीं होने पर खुल कर भ्रष्टाचार होने की व करने की संभावना रहती है। सालों का अनुभव यही बतलाता है कि करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार होता है। नगरपालिकाओं में भ्रष्टाचार न हो सके व कार्य तेजी से भी हो सके इसलिए इन समितियों के गठन का कानून बनाया हुआ है।
नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 के अनुसार निम्र समितियां बनाई जानी चाहिए।

कार्यपालक समिति-
इसमें निम्र शामिल होंगे।
1.नगरपालिका का अध्यक्ष,
2. नगरपालिका का उपाध्यक्ष,
3.विपक्ष का नेता,
4.नगरपालिका बोर्ड के निर्वाचित सदस्य जिनकी संख्या 5 से अधिक ना हो।
5.नगर परिषद व नगर निगम के मामले में चुनी हुई 2 महिला सदस्यों सहित संख्या 7 हो।
इसके अलावा नगरपालिका में निम्र समितियों का गठन भी होगा।
1.वित्त समिति
2.स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति
3.भवन अनुज्ञा एवं संकर्म समिति
4.गंदी बस्ती सुधार समिति
5.नियम और उप नियम समिति
6. अपराधों का शमन और समझौता समिति
इनके अलावा भी समितियों का गठन किया जा सकता है।
इन समितियों की अलग से बैठक होने व निर्णय लेने का नियम है जो बोर्ड को सामान्य रूप से बोर्ड के हित में मानना ही पड़ता है।
वित्त,भवन,कच्ची बस्ती सुधर आदि समितियां काफी पावर फुल होती है और इसलिए अध्यक्ष वा अधिशाषी अधिकारी समितियों गठन को टालते रहते हैं।
इसलिए अधिनियम में स्पष्ट उल्लेख है कि बोर्ड द्वारा 90 दिनों में गठन नहीं किए जाने पर राज्य सरकार समितियों का गठन कर सकती है।
======================================

बुधवार, 4 मार्च 2015

होली महोत्सव 2015:व्यापार मंडल सूरतगढ़:गीत संगीत नृत्य:


रंगारंग झूमते, हास्य चुटकले, चुटीली मजेदार फब्तियां,किस्सों में लपेट कर हंसाती बातें:
शिव आर्ट ग्रुप हनुमानगढ़:शर्मा पार्टी चुरू:पं.विजेन्द्र चंग पार्टी सूरतगढ़:
विशेष रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 4 मार्च 2015.
होली का रंगारंग महोत्सव का नजारा व्यापार मंडल कार्यालय सूरतगढ़ का अनाज मंडी का परिसर। शहर के हर वर्ग के लोग उमड़े हुए। राजनीति के धुरंधर,व्यापारी,पत्रकार,समाजसेवी,वकील,डाकटर,पत्रकार और अधिकारी। आनन्द में सब सारोबार।
संजय बैद की चुटीली हास्य में लपेटी प्रस्तुति।
राजस्थानी गीत संगीत और नृत्य के साथ चंग पर धमाल।
वाह वाह गजब ढ़ाती रंग जमाती लटके झटके की नृत्य में गोरियां रूप धरे नृतक।

यह ब्लॉग खोजें