रविवार, 30 अप्रैल 2023

सीवरेज घोटाले में अध्यक्ष कालवा को नोटिस:हाईकोर्ट में होगी कानूनी लड़ाई.

 

* विशेष समाचार : करणी दान सिंह राजपूत *


सूरतगढ़ 30 अप्रैल 2023.

 नगर पालिका सूरतगढ़ के अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को सीवरेज घोटाले के मामले में प्रस्तुत हुई जांच रिपोर्ट के बाद स्वायत्त शासन निदेशालय की ओर से जवाब तलबी नोटिस जारी किया गया है। 24 अप्रैल को जारी इस नोटिस में 7 दिन का समय दिया गया है। माना जाता है कि नोटिस मिलने के दिन से 7 दिन शुरू होते हैं।

* सूचना है कि ओमप्रकाश कालवा के मेल आईडी पर उसी दिन नोटिस सेंड हो गया था।

** एक कॉपी रजिस्टर्ड पोस्ट डाक से भी भेजी गई।

***नोटिस की एक प्रति नगर पालिका सूरतगढ़ को भेजी गई जो कालवा को सौंपी जाने का आदेश था। सूचना है कि नगर पालिका की ओर से 29 अप्रैल को नोटिस ओमप्रकाश कालवा को सुपुर्द कर दिया गया। 7 दिन का समय कब से शुरू होगा और कब खत्म होगा?

 यदि इसे 29 अप्रैल भी माना जाए तो भी यह जवाब देने की लड़ाई कानूनी दांव पेंच में चलेगी।


👍 ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष बनवारी लाल मेघवाल ने सीवरेज घोटाले में एक करोड़ 48 लाख रुपए का भुगतान  फर्जी रूप से मैनटो कार्लो कंपनी को किए जाने का आरोप लगाया था। आरोप था कि जो काम नहीं हुआ उसका भुगतान कर दिया गया।

*एक मुकदमा अदालत के आदेश से सूरतगढ़ सिटी थाने में दर्ज हुआ। ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध दर्ज उस मुकदमे में दो बार एफआर लगाने की कोशिश हुई। शिकायतें हुई और नए बिंदु बने जिन पर जांच की जानी थी।

*ओमप्रकाश कालवा उस फाइल को सीआईडी क्राइम में ले गए। वहां यह फाइल पड़ी है। * ओमप्रकाश कालवा इस मुकदमे की एफआईआर को निरस्त कराने के लिए पहले से ही हाईकोर्ट पहुंचे हुए हैं। नगर नगर पालिका की ओर से उसमें केविट लगवाई हुई है कि पालिका के वकील की मौजूदगी में ही सुनवाई होगी। 

 * बनवारी लाल मेघवाल की एक शिकायत पर जिला कलेक्टर ने फास्ट ट्रेक ब्रांच के आईएएस से जांच करवाई जो मार्च 10 मार्च 2023 को जिला प्रशासन ने स्वायतशासन विभाग को भेज दी थी। जिला कलेक्टर की जांच में नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह लेखापाल सुनील और जिन अभियंताओं ने बिलों का सत्यापन किया था उन सब को दोषी माना गया। उस रिपोर्ट के अंदर गलत भुगतान की पुन: वसूली करने का भी लिखा गया। 

वह रिपोर्ट कई दिनों से स्वायत शासन विभाग में विचाराधीन पड़ी रही।

 उस रिपोर्ट का नोटिस ओमप्रकाश कालवा को 24 अप्रैल को जारी हुआ। कालवा इस नोटिस से पहले ही राजस्थान उच्च न्यायालय में पहुंच गए। जहां उनका आवेदन है कि राजनीतिक द्वेषता से उनको इस रिपोर्ट के बहाने सस्पेंड किया जा सकता है,हटाया जा सकता है। सरकार की इस कार्यवाही से बचाया जाए। यह सूचना नगरपालिका को सुनवाई तिथि से एक दिन पहले मिल गई। नगर पालिका प्रशासन को ओमप्रकाश कालवा के  इस प्रकरण में पहले से हाईकोर्ट पहुंचने का मालूम होते ही नगर पालिका की ओर से इसमें भी समय पर पहुंच कर केविट लगा दी गई। 

👍 यह सारा प्रकरण अब बड़ा रोचक कानूनी रूप ले रहा है। इसमें क्या कुछ होगा?यह जानने के लिए राजनीतिक लोग बहुत उत्सुक हैं।

* ओमप्रकाश कालवा पहले कांग्रेस के सदस्य थे। पूर्व विधायक गंगाजल मील से मील ग्रुप से बहुत अच्छी बनती थी। दोनों का रोजाना मिलना भी निश्चित होता था। ओमप्रकाश कालवा नगरपालिका के पट्टे आदि बनवाने में बांटने में 

 गंगाजल मील को प्राथमिकता देते थे।

 वर्तमान विधायक रामप्रताप कासनिया ऐसे व्यवहार से  कार्यक्रमों में  जाते नहीं थे।

* राजनीति बड़ी विचित्र होती है ओमप्रकाश  कालवा के कार्यों पर मील आरोप लगाने लगे कि नगरपालिका में भ्रष्टाचार हो रहा है।

 * कालवा ने गंगाजल मील और  ग्रुप पर आरोप लगाया कि वे तंग करते हैं और गलत काम करवाना चाहते हैं। कालवा ने यह कहते हुए भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कर लिया। 24 फरवरी 2023 को श्रीगंगानगर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कराया। रामप्रताप कासनिया और भाजपा के नेता उस समय मौजूद थे।

27 फरवरी 2023 को ओमप्रकाश कालवा को गाजे-बाजे के साथ समारोह जैसा माहौल बनाकर अध्यक्ष की कुर्सी पर फिर से बिठाया गया। ओमप्रकाश कालवा को भाजपा में लेने का भी अनेक कार्यकर्ताओं ने अच्छा नहीं माना।

अब ओमप्रकाश कालवा भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया के बहुत खास है।

 लेकिन रामप्रताप कासनिया ने 27 फरवरी को और उसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुले रूप से कहा कि ओमप्रकाश कालवा ने यदि भाजपा में आने से पहले कोई गलत काम किए हैं और उसमें दंड मिलता है तो भारतीय जनता पार्टी उसके लिए जिम्मेदार नहीं होगी,ओमप्रकाश कालवा ही कार्यवाही के जिम्मेदार होंगे। कासनिया ने यह भी कहा कि अब से नगरपालिका में हर काम ईमानदारी से होगा।

👍 नगर पालिका में इस झगड़े के कारण आम जनता का काम नहीं हो रहा है।जो पट्टे बनाने चाहिए थे उनका काम पूर्ण रूप से रुका हुआ है। आरोप लगाया जा रहा है कि ओमप्रकाश कालवा पट्टों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा।

* ओमप्रकाश कालवा का कहना है कि मेरे सामने कोई पट्टा रखा ही नहीं गया।  पट्टा रखा जाए तो हस्ताक्षर की बात हो।

* एक एंपावर्ड कमेटी की बैठक रिपोर्ट पर अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाने का आरोप भी लगाया जा रहा है। ओमप्रकाश कालवा से इस बाबत जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को एंपावर्ड कमेटी की बैठक बताई गई है और मैं 2 फरवरी को सूरतगढ़ में नहीं था। ऐसी स्थिति में हस्ताक्षर करके मुझे मरना है? मैं हस्ताक्षर क्यों करूं?  लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब अध्यक्ष नहीं था तब एंपावर्ड कमेटी की बैठक आयोजित कैसे हुई?अध्यक्ष के बिना तो उसका आयोजन भी नहीं हो सकता था। 

एक बार फिर पट्टों की बात करें राजस्थान सरकार ने स्पष्ट रूप से एक आदेश जारी किया कि नगर पालिका अध्यक्ष के पास पट्टे की फाइल पेश की जाए। यदि 3 दिन में हस्ताक्षर नहीं होते हैं तो अधिशासी अधिकारी हस्ताक्षर कर पट्टा जारी कर देगा। अगर ओमप्रकाश कालवा अध्यक्ष के नाते हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं तो अधिशासी अधिकारी के मार्फत यह पट्टा जारी करवाया जाना चाहिए। 

सच यह है कि आरोप-प्रत्यारोप में सब काम ठप्प हैं। भाजपा भी कामों के मामले में अनदेखी कर रही है। 

सच्च यह है कि ओमप्रकाश कालवा के पीछे गंगाजल मील और ग्रुप हाथ धोकर पीछे पड़ा हुआ है। कालवा अकेला ही भागदौड़ करने में लगा है।

 * यदि ओमप्रकाश कालवा को सरकार सस्पेंड करती है तो कांग्रेस के पार्षद को ही अध्यक्ष पद पर बैठाया जाएगा। कौन बैठाया जाएगा में पार्षद परसराम भाटिया हो सकते हैं।०0०

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सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान: 41 वां दिन. कौन कौन बैठे क्रमिक अनशन पर.





* करणीदानसिंह राजपूत 

सूरतगढ 30 अप्रैल 2023.

 समिति के तत्वाधान में सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर अनशन के 41 वे दिन श्री योगेश स्वामी अध्यक्ष विविधा संस्था श्री किशन लाल स्वामी अध्यक्ष श्री अमरनाथ यात्रा लंगर सेवा समिति सूरतगढ़ श्री विक्रम बाल्मीकि मनोनीत पार्षद व शिक्षक संघ की ओर से बंशीलाल खोड क्रमिक अनशन पर बैठे।

 आज बिश्नोई समाज की ओर से सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति की ओर से सूरतगढ़ को जिला बनाने को लेकर किये जा रहे प्रयासों के लिए शील्ड देकर सम्मानित किया गया



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शनिवार, 29 अप्रैल 2023

राजनीतिक दल सूरतगढ़ सीट नारी के लिए छोड़ दें : 2023 में नारी को टिकट दें


 * करणीदानसिंह राजपूत *

 सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र 2008 से नए रूप में आया उससे पहले बड़ा विस्तृत रूप था। 1952 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ और उसके बाद आज तक केवल एक नारी श्रीमती विजयलक्ष्मी बिश्नोई ही विधायक बनी।  विजयलक्ष्मी विश्नोई 1998 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुनी गई थी। सन् 2003 के चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी के अशोक नागपाल से पराजित हो गई।

सन् 1952 से लेकर 2018 तक के चुनावों में केवल एक बार नारी विधायक बनी।

 आश्चर्यजनक है कि सभी राजनीतिक दल पहले चुनाव से लेकर 2018 तक के चुनाव में  पुरुष नारी युवा सभी पुरुषों के लिए वोट मांगते रहे। किसी राजनीतिक दल ने राजनीतिक नेताओं ने कार्यकर्ताओं ने नारी सम्मान में यह आवाज नहीं उठाई की चुनाव में पुरुष के बजाय नारी को पार्टी का टिकट दे दिया जाए। नारी को चुनाव लड़ाया जाए।

क्या नारी का यह सम्मान भाषणों तक सीमित है? क्या यह सम्मान कागजों तक सीमित है? पार्टी कार्यक्रमों तक सीमित है?

 हर राजनीतिक दल में महिला मोर्चा बना हुआ है। उसमें पदाधिकारी भी होते हैं कार्यकर्ता भी होते हैं। हर चुनाव में वोट मांगने के लिए घर के अंदर जाकर के वोट मांगने का कार्य नारी मोर्चा ही करता है। उस समय कहा जाता है कि इनकी पहुंच रसोई तक होती है।यह पार्टी की आवाज प्रत्याशी की आवाज चूल्हे चौके तक पहुंचा सकती हैं लेकिन चुनाव के समय हर राजनीतिक दल नारी का सम्मान बातों से करता हुआ नजर आता है. लेकिन चुनाव लड़ाने के लिए बात नहीं करना चाहता। हर जगह टिकट मांगने वालों में पुरुषों की भीड़ होती है। उनके पद देखे जाते हैं कितने सालों से कार्य कर रहा है यह देखा जाता है लेकिन नारी को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते हैं। नारी को आगे लाने की कोई कोशिश भी नहीं करता।

सन् 2008 के चुनाव में मैंने यह आवाज उठाई थी कि सूरतगढ़ सीट महिलाओं के लिए छोड़ दी जाए लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।

* एक बार मीनाक्षी लेखी भाजपा  नेता सूरतगढ़ आई। सनसिटी रिसोर्ट में श्रीमती राजेश सिडाना के निवास पर मेरी उनसे बात हुई। मैंने यही प्रश्न किया कि जब चुनाव आते हैं तो कम से कम महिलाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए और चुनाव में महिलाओं को भी टिकट देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वे बहुत ऊंचे पद पर रही लेकिन उन्होंने प्रश्न मेरे से किया कि कितनी महिलाएं जीत पाती हैं? उन्होंने कहा जितनी महिलाओं को टिकट देते हैं उनमें से करीब आधी ही जीत पाती हैं। यह उनका साक्षात्कार मेरे कहीं रिकॉर्ड में पड़ा भी होगा। मुझे आश्चर्य हुआ और मैंने कहा भी कि क्या पुरुष सभी जीतते हैं? पुरुष भी तो चुनाव हारते हैं। महिला चुनाव में जीत नहीं पाएगी हार जाएगी वाली यह सोच पहले से ही क्यों होनी चाहिए? महिला को टिकट देंगे और वह जीत नहीं पाएगी।

👍 अभी सन्  2023 के चुनाव में कुछ महीने बाकी हैं तो मेरे मन में एक बार फिर पुरानी आवाज पैदा हुई है कि सूरतगढ़ सीट पर राजनीतिक दल मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी  महिलाओं को चुनाव लड़ाए। 

भाजपा और कांग्रेस पार्टी अगर महिलाओं को टिकट देती है तो अन्य दल जैसे बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी भी ऐसा कर सकेंगी।

सन् 1952 के बाद में केवल एक महिला विधायक बनी। इस पर विचार करना चाहिए।

👍 राजनीतिक दलों के अध्यक्ष आदि सोचें कि पार्टी में केवल महिला मोर्चा दिखावे का और  कागजी नहीं है। यह साबित करें कि सच में महिलाओं को आगे लाना चाहते हैं और 2023 का चुनाव भी महिला को टिकट देकर चुनाव लड़ाना चाहते हैं। 

* राजनीतिक दल के नेता घोषणा करें कि वे यह चुनाव सूरतगढ़ सीट का चुनाव महिला मोर्चा को लड़ाएंगे। महिला को आगे बढ़ाने का जो नारा लगाया जाता है उसको सिद्ध करके भी दिखाएं।जो महिला सीट जीत सकती है उसको टिकट दें। ०0०

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राजस्थान में बढता नशा:बीट कांस्टेबल से रिपोर्ट ली जाए:लोकसभा अध्यक्ष को नरेंद्र घिंटाला का ज्ञापन।

 



सूरतगढ 29 अप्रैल 2023.


भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र घिंटाला  निवासी अमरपुरा जाटान सूरतगढ़ ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से कोटा में भेंट की।


नरेंद्र घिंटाला ने राजस्थान में बढ़ते नशे के विरुद्ध

बीट कास्टेबल से सूचनाएं लेकर कार्यवाही की जाने की मांग करते हुए राजस्थान सरकार को निर्देश दिए जाने का आग्रह करते हुए ज्ञापन दिया। 

यह भेंट और ज्ञापन 24 अप्रैल 2023 को दिया गया। घिंटाला ने पुलिस की कार्यवाही को सामान्य बताया।

 उन्होंने कहा कि ज्ञापन में लिख कर दिया कि पुलिस कोई केस सामने आता है तो पकड़ती है लेकिन खोज के लिए जांच नहीं करती कि नशा कौन बेच रहा है कौन खरीद रहा है कौन सेवन कर रहा है।




 उन्होंने कहा कि बीट कांस्टेबल से जांच करवाई जाए नशा बेचने वाले सेवन करने वाले थोक में व्यापार करने वालों का मालुम हो सके ताकि उन पर  कार्रवाई हो सके।०0०


* करणीदानसिंह राजपूत.

पत्रकार,

( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ ( राजस्थान )

94143 81356.

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शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

टीटीई प्रदीप ने यात्री का लेपटॉप लौटा रेलवे की शान बढ़ाई


* करणीदानसिंह राजपूत *
श्रीगंगानगर, 28 अप्रैल 2023.

उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर रेल मंडल के टीटीई प्रदीप कुमार ने अपनी ईमानदारी की मिशाल पेश करते हुए ट्रेन में यात्री द्वारा भूलवश छोड़े गए बैग को सुरक्षित लौटाकर  अपनी ईमानदारी का परिचय दिया और  रेलवे की शान भी बढ़ाई है।                    
 अपनी ड्यूटी पर सजग रहने वाले प्रदीप कुमार की ड्यूटी विगत 23 अप्रैल को गाड़ी संख्या 14727 श्री गंगानगर तिलकब्रीज में थी। ट्रेन के कोच नम्बर एस 2 की बर्थ नम्बर 8 के यात्री ने लुहारु स्टेशन पर अपना बैग भूलवश ट्रेन में ही छोड़ दिया व उतर कर चले गए। इस पर टीटीई प्रदीप ने बैग के बारे में पूछताछ की तो ट्रेन के यात्रियों ने अनभिज्ञता जाहिर की।
प्रदीप ने बीकानेर कंट्रोल को मैसेज किया व अपने इंचार्ज सीटीआई रोहतास को फोन पर इसकी सूचना दी।
इसके बाद प्रदीप ने 25 अप्रैल की सुबह श्रीगंगानगर पहुंचने के बाद आरपीएफ की मदद से बैग के मालिक का पता लगवा कर हनुमानगढ़ निवासी श्री रघुनंदन सोनी को बैग पूरे सामान सहित उन तक पहुंचाकर अपने कर्तव्य का पालन किया।
       गौरतलब है कि विगत दिनों इसी ट्रेन में दिल्ली से आते हुए एक यात्री की तबियत बिगड़ने पर प्रदीप ने अधिकारियों से संपर्क कर रेवाड़ी स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाकर यात्री की जान बचाने का कार्य किया था।०0०
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मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत हुआ उप स्वास्थ्य केंद्र मुकलावा

 




* करणीदानसिंह राजपूत *
श्री गंगानगर 28 अप्रैल 2023.
-ग्रामीणों ने आज सुबह मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप की थी मांग*
माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता से रायसिंहनगर क्षेत्र के गांव मुकलावा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सौगात मिली है।
 शुक्रवार सुबह सर्किट हाउस में जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि श्री इंद्रदेव गोदारा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप उप स्वास्थ्य केंद्र मुकलावा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत करने की मांग की गई थी।
ग्रामीणों ने बताया कि मुकलावा उप स्वास्थ्य केंद्र से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी अधिक होने से ग्रामीणों को उपचार सुविधा में परेशानी आ रही है, जबकि मुकलावा गांव में ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए जगह उपलब्ध है।
      इस पर मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने संवेदनशीलता दिखाते हुए स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र मुकलावा 17 टीके (ग्राम पंचायत मुकलावा) पंचायत समिति रायसिंहनगर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में क्रमोन्नत करने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।
मुकलावा उप स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में क्रमोन्नत करने पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त किया है।०0०
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सीएम से विनती में कोई कमी नहीं रखी.बहुत अच्छे तरीके से रखी मांग.




* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 28 अप्रैल 2023.

सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति का प्रतिनिधिमंडल आज 10:30 बजे सुबह श्रीगंगानगर की खुली सुनवाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने सूरतगढ़ को जिला बनाने के लिए बड़ी विनती से बात रखी। सूरतगढ को जिला बनादो सा'ब,किरपा करदो सा'ब जैसे शब्दों में की मांग को अशोक गहलोत ने मुस्कुराते सुना और गर्दन हिलाते रहे। हां नहीं की, जो तुरंत की भी नहीं जाती। सीएम को सूरतगढ़ जिला बनाने की मांग का ज्ञापन सौंपा गया। इस भेंट वार्तालाप के समय श्रीगंगानगर के विधायक राजकुमार गौड़ भी पास में खडे़ थे।


* इसके बाद प्रतिनिधिमंडल प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिला प्रदेश प्रभारी ने प्रतिनिधि मंडल का ज्ञापन लिया एवं मुख्यमंत्री से सूरतगढ़ को जिला बनाने की अनुशंसा करने का आश्वासन दिया।

* इसके बाद प्रतिनिधिमंडल राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मिला और सूरतगढ़ को जिला बनाने के संबंध में लोगों के आक्रोश और मांग से अवगत करवाया। उन्होंने भी सूरतगढ़ को जिला बनाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष आग्रह करने का आश्वासन दियाः

 प्रतिनिधिमंडल में सूरतगढ क़ जिला बनाओ अभियान समिति के अध्यक्ष  विष्णु शर्मा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम वर्मा, प्रवक्ता मदन ओझा, ,डॉ. सचिन जेटली व अंकुश गाबा शामिल थे।




आज हुई वार्ता के संबंध में शीघ्र ही कमेटी की बैठक बुलाकर सभी कमेटी सदस्यों को इसकी जानकारी दी जाएगी और आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा। 

👍कांग्रेस की जिला परिषद सदस्य जुलेखां एक दिन पहले मुख्यमंत्री से श्रीगंगानगर में जनसुनवाई में मिल कर सूरतगढ़ को जिला बनाने का कह चुकी। आमरण अनशन भी कर चुकी थी।

 👍 शराबबंदी नशामुक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा को भी अपने प्रयास करने चाहिए। सबसे पहले आमरण अनशन पर बैठी थी।


👍 मुख्यमंत्री आशोक गहलोत की जिला बनाओ अभियान समिति की इस भेंटवार्ता के बाद अभियान जारी रखने और आमने सामने मेजवार्ता तक पहुंचना जरूरी है। 

👍 प्रशासन बीकानेर से सीएमओ को वार्ता समय तय करने का संदेश किया हुआ है। उम्मीद है की सीएम को समय मिलते ही मेजवार्ता भी होगी।०0०








 






मुख्यमंत्री गहलौत ने सूरतगढ़ को जिला बनाने पर विचार का आश्वासन दिया.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति का प्रतिनिधिमंडल आज 10:30 बजे सुबह  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिला और सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग का ज्ञापन सौंपा।


 मुख्यमंत्री को सूरतगढ़ के जिला बनने की सभी अहर्ताओं के पूरा करने के बाबत जानकारी दी तथा विनम्रता से निवेदन किया कि सूरतगढ़ को आप तुरंत जिला घोषित करें।

मुख्यमंत्री को सूरतगढ़ में चल रहे अनशन आमरण अनशन धरना प्रदर्शनों चक्का जाम आदि से भी अवगत कराया गया।

👍 इस पर मुख्यमंत्री ने विचार का आश्वासन दिया।

* इसके बाद प्रतिनिधिमंडल प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिला प्रदेश प्रभारी ने प्रतिनिधि मंडल का ज्ञापन लिया एवं मुख्यमंत्री से सूरतगढ़ को जिला बनाने की अनुशंसा करने का आश्वासन दिया।

* इसके बाद प्रतिनिधिमंडल राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मिला और सूरतगढ़ को जिला बनाने के संबंध में लोगों के आक्रोश और मांग से अवगत करवाया। उन्होंने भी सूरतगढ़ को जिला बनाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष आग्रह करने का आश्वासन दियाः

 प्रतिनिधिमंडल में सूरतगढ क़ जिला बनाओ अभियान समिति के अध्यक्ष  विष्णु शर्मा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम वर्मा, प्रवक्ता मदन ओझा,डॉ. सचिन जेटली व अंकुश गाबा शामिल थे।

आज हुई वार्ता के संबंध में शीघ्र ही कमेटी की बैठक बुलाकर सभी कमेटी सदस्यों को इसकी जानकारी दी जाएगी और आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा।०0०










मुख्यमंत्री से मिलने का सच्च!नहीं हुई भेंट.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

मुख्यमंत्री से जन समस्याओं पर जनसुनवाई जैसी व्यवस्था में मिलना और जिला बनाने की मांग को लेकर मिलने में बहुत बड़ा अंतर है।

 दोनों के तरीके बहुत अंतर वाले होते हैं, और यह मिलने वाली संस्थाओं को, लोगों को ध्यान में होता ही होगा।

 जन समस्या के लिए या व्यक्तिगत समस्या के लिए ज्ञापन देना नमस्कार करना 1 मिनट में कहना कि मेरी यह समस्या है बस बात खत्म। ज्ञापन भी मुख्यमंत्री अपने साथ नहीं ले जाते स्थानीय प्रशासन यानी कि जिला कलेक्टर आदि को दे देते हैं कार्यवाही करने के लिए।


* जहां तक बात है जिला बनाने की मांग की। यह जनसुनवाई में नहीं कही जा सकती क्योंकि पूरी बात नहीं हो पाती।

 मुख्यमंत्री किसी विशेष अभियान में टूर पर है इसलिए बात नहीं हो पाई क्योंकि यह एक 2 मिनट की बात नहीं है। पूर्ण रूप से आमने-सामने बैठकर समझाने वाली बात होती है। जिला बनाने की मांग बहुत महत्व रखती है। इसका 5 या 10 मिनट में ज्ञापन तो दिया जा सकता है लेकिन समझा करके मांग को स्वीकार करवाना पूरे तरीके से असंभव होता है। 

 राजनीति में काम करने वालों को इतना ज्ञान तो होना ही चाहिए।

 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत श्री गंगानगर हनुमानगढ़ जिले के टूर में अभी महंगाई राहत शिविरों में भ्रमण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का ध्यान ही उसी में है और प्रशासन का ध्यान भी उसी पर होता है कि कोई कमी नहीं रह जाए। प्रशासन इसके अलावा किसी विषय पर बात कराने के लिए भेंट भी नहीं कराता। प्रशासन आफत क्यों ले? यह रवैया होता है। 

कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा को कहें कि मुख्यमंत्री से मिलाने की व्यवस्था करो,बात करवा दो तो वह कभी यह काम नहीं करेंगे। वे अध्यक्ष हैं और मुख्यमंत्री से ऊंचे हैं। वे पी.ए. वाला काम नहीं करेंगे। किसी से भी मिल लो बात कर लो और ज्ञापन तक दे दो लेकिन मुख्यमंत्री से मिलना और संपूर्ण बात करना अलग होता है।


 * जिले की मांग के बारे में एक 2 मिनट में या 10,15 मिनट में भी जा जानकारी देना असंभव है। 

* हां लोगों को यह बताया जा सकता है कि मुख्यमंत्री से हम जिले की मांग के लिए मिलने गए थे। तो क्या मुख्यमंत्री मिले यह बहुत बड़ा सवाल है? अब लोग इतने तो पढ ही गये हैं कि सच्च और घुमा कर की जाने वाली बात समझने लगे हैं। सोशल मीडिया के समय में एक एक मिनट की विडिओ आ जाती है तो बनाई हुई बात चल नहीं पाती।

* सच्चाई को जाननी चाहिए जब कोई गांव का व्यक्ति शहर में रहने वाले विधायक से मिलने आता है तो पहले सरपंच पंच से बात करता है कि हमें विधायक जी से बात करनी है, हमारे साथ चलो हमारी बात करो। विधायक पूर्व विधायक राजनीतिक लोग यह जानते हैं। मुख्यमंत्री का दौरा गंगानगर जिले में आ रहे हैं तो तुरंत तैयार हो गए कि मुख्यमंत्री से मिल आते हैं। यदि भेंट हो जाती तो पांच 10 मिनट में क्या बताते? 27 अप्रैल को इंतजार करते रहे भेंट नहीं हुई, भेंट जैसी बात भी नहीं हुई। 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री से भेंट हो जाएगी। इसकी कोई गारंटी नहीं। जल्दबाजी और मिल लेते हैं से कभी काम नहीं होते। 

👍 क्या दस्तावेज तैयार कर लिए हैं? 

पहले जिले के लिए आवश्यक कागजात तथ्य एकत्रित करके मजबूत फाईल बनाई जाए और फिर जयपुर में समय लेकर मिले तो ही संभव होगा। ०0०

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बुधवार, 26 अप्रैल 2023

सीवरेज:कालवा को नोटिस:कालवा के जवाब और निलंबन से कई और घिरेंगे

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 26 अप्रैल 2023.

पूर्व विधायक गंगाजल मील ने अमित कल्याणा का धरना समाप्त कराते हुए कहा कि सीवरेज घोटाले के मामले में नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को नोटिस जारी हो गया है और सरकार ने जवाब मांगा है। यह धरना सीवरेज घोटाले भुगतान में ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग को लेकर था।

ओमप्रकाश कालवा पर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल ने सीवरेज घोटाले का आरोप लगाते हुए चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह और लेखाकार सुनील मेघवाल पर आरोप लगाया था और जांच की मांग की थी। जिला कलेक्टर के आदेश से प्रतीक जुईकर आईएएस फास्टट्रैक ने अपनी टीम के साथ जांच की और पाया कि सेफ्टी टैंक कुई आदि सड़क बीच में थे नहीं और  तोड़े नहीं गए और उनका भुगतान मोंटी कार्लो कंपनी को कर दिया गया।

जिन लोगों ने कार्मिकों ने अधिकारियों ने बिलों का सत्यापन किया उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए जिला कलेक्टर ने शासन सचिव स्वायत शासन विभाग को लिखा। यह रिपोर्ट 10 मार्च को जयपुर भेजी।  इस पर कार्यवाही चलती रही। गंगाजल मील के बयान के अनुसार ओमप्रकाश कालवा को नोटिस जारी हो गया है। ओमप्रकाश कालवा को अपना जवाब देना है और इस जवाब में ओमप्रकाश कालवा निश्चित रूप से अपने बचाव के लिए इस मामले का इतिहास भी लिखेगा। 


ओमप्रकाश कालवा और अधिकारी गलत भुगतान करने के जिम्मेदार हैं।जिला कलेक्टर ने जो रिपोर्ट भेजी है उसमें लिखा गया है कि गलत भुगतान संबंधित कंपनी से वापस लिया जाए। ओमप्रकाश कालवा गलत भुगतान के जिम्मेदार है,यह तो निश्चित होगा लेकिन सीवरेज कंपनी के घोटाले या खामियां शिकायतकर्ता बनवारीलाल मेघवाल के समय से ही शुरू हो गई थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओम प्रकाश कालवा ने बनवारीलाल पर भी आरोप लगाए थे। आरोप थे कि बनवारी लाल के कार्यकाल के अंदर बनी हुई सीवरेज तो कहीं दिखाई भी नहीं देती जो करीब 19 किलोमीटर लंबाई में डाली गई थी।

बनवारी लाल के बाद में भारतीय जनता पार्टी की काजल छाबड़ा नगर पालिका अध्यक्ष बनी जिनके कार्यकाल में 60 करोड़ से अधिक का भुगतान हुआ और गलत निर्माण की परेशानयां जनता अभी भी भोग रही है।

काजल के कार्यकाल में सेफ्टी टैंक कुईयां तोड़ने आदि का रिकॉर्ड फर्जी तैयार हुआ।माप पुस्तिका के अंदर दर्ज हुआ और उसका भुगतान हो गया।पता चलने पर उस गलत भुगतान की रकम को सिक्योरिटी रकम में रोक लिया गया।

  वह रोका गया भुगतान ओमप्रकाश कालवा आदि ने कर दिया। जिसका दोष इन पर लगाया जा रहा है। विभागीय जांच के अलावा एक मुकदमा भी बनवारी लाल की ओर से कराया हुआ है।


 ओमप्रकाश कालवा को नोटिस मिलने की जो सूचना दी गई है। उसका ओमप्रकाश कालवा जवाब देंगे और उस जवाब में कई लपेट में आएंगे। ओमप्रकाश कालवा को जवाब के बाद निलंबन करने में कोई पेच आ सकता है। निलंबन रुक सकता है। यदि ओमप्रकाश कालवा को निलंबित कर दिया जाता है तो निश्चित है कि कालवा उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे। कालवा खुद अपने को बचाने के लिए जो जवाब देगें उसमें बनवारीलाल से लेकर आगे जो भी गड़बड़ियां करने में रहे हैं उन सभी पर आफत आ सकती है।

सीवरेज का सबसे बड़ा निर्माण और सबसे बड़ा भुगतान काजल छाबड़ा के कार्यकाल में हुआ। 

*  रामप्रताप कासनिया  ने यह मामला जुलाई  2019 में उठाया उस समय ओमप्रकाश कालवा अध्यक्ष नहीं था। उस समय काजल छाबड़ा का अध्यक्ष काल था। ओमप्रकाश कालवा ने नवम्बर 2019 में चुनाव जीता और 2 दिसंबर 2019 को कार्य संभाला। काजल छाबड़ा के कार्यकाल में जो कागजात बने गलत बने माप पुस्तिका में गलत लिखा गया। फिर एक गलत भुगतान भी हो गया या कर दिया। बाद में जमा राशि में वह रकम रोकी गई। वह रकम ओमप्रकाश कालवा ने  कंपनी को भुगतान कर दी और आरोपों में घिर गये।  ओमप्रकाश कालवा ने एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया था कि बनवारीलाल के कार्यकाल में बनी सीवरेज तो गायब है काम ही नहीं आ रही है। उसका कोई स्पष्टीकरण और मौका बनवारीलाल मेघवाल ने प्रेस को नहीं दिखाया।

👍अब नोटिस से सीवरेज घोटाले का ढक्कन जल्दी ही खुलने वाला है। शासकीय जांच तो वर्तमान अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के ऊपर लगे आरोपों से शुरू होगी। इसमें कौन-कौन अधिकारी लपेट में आएंगे, इसमें समय लग सकता है लेकिन अब यह ढक्कन खुलने वाला है। * रामप्रताप कासनिया ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न पूछा तब उसका जवाब काजल छाबड़ा के अध्यक्ष काल में ईओ लालचंद सांखला ने भेजा जो झूठा तथ्य छुपाकर भेजा गया। * जो सेफ्टी टैंक कुईयां तोड़ी उनका मलबा गंदगी 5 किलोमीटर से दूर डाली और उस पर रेत डाल कर ढका गया। यह जवाब भेजा गया था। सेफ्टी टैंक और कुईयां सड़क के बीच वाली तोड़नी थी और सड़क में सेफ्टी टैंक और कुईयां थी नहीं। विदित रहे कि ओमप्रकाश कालवा  पहले कांग्रेस में थे और गंगाजल मील के खास थे। 24 फरवरी को भाजपा में चले गए। अब विधायक रामप्रताप कासनिया के खास हैं।

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** सीवरेज का ढक्कन खुलेगा तब क्लीन चेहरों के परदे हटेंगे और सार्वजनिक रूप से उजागर होंगे तथा सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने से बचेंगे।०0०

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ।

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