रविवार, 30 सितंबर 2018

सूरतगढ़ में सीवरेज सिस्टम का उद्घाटन:विधायक राजेंद्र व पालिकाध्यक्ष काजल ने उद्घाटन किया


- करणी दान सिंह राजपूत -


सूरतगढ़ 30 सितंबर 2018.

सरकारी योजना के तहत 104 करोड़ रू से  निर्मित सीवरेज सिस्टम को आज विधायक राजेंद्र सिंह भादू और नगर पालिका अध्यक्ष काजल छाबड़ा ने भव्य उद्घाटन में लोकार्पण किया। आदर्श कल्याण भूमि के पास सीवरेज पानी के ट्रीटमेंट प्लांट पर उद्घाटन किया गया। यहां से साफ पानी ऊंची टंकियों मेंं और वहां से 5  किलोमीटर दूरी तक पाईप लाइनों से किसानों को दिया जाएगा। दूसरा ट्रीटमेंट प्लांट उपकारागृह के पीछे है। यह बताया गया कि 8 हजार घरों को सीवरेज से जोड़ा जाएगा जिसमें से करीब चौथा हिस्सा जोड़ा जा चुका है। विधायक ने अपने भाषण में कहा कि सीवरेज के दोनों सिस्टम 31 अक्टूबर तक मुकम्मल हो जाएंगे। 

विधायक भादू ने सूरतगढ़ क्षेत्र में अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का और काजल छाबड़ा ने नगर पालिका क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी। विधायक ने सूर्योदय नगरी के लिए तीन अंडर पास बना दिये जाने का व पेयजल समस्या का हल भी शीघ्र होने का कहा।

मंच पर उपस्थित नगर मंडल अध्यक्ष महेश कुमार सेखसरिया नगर पालिका उपाध्यक्ष पवन कुमार ओझा ने भी वक्तव्य दिया। मंच का संचालन सुभाष गुप्ता नगर मंडल महामंत्री की ओर से किया गया।

इस समारोहों में राजनीति और भाजपा का प्रचार भी आगामी चुनाव के लिए हुआ। विधायक और पालिकाध्यक्ष दोनों ने कहा कि भाजपा राज में विकास हुए हैं और विकास के लिए फिर से भाजपा को लाइये। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भाषणों में उल्लेख किया गया।भादू ने कहा कि 5 साल भाजपा 5 साल  कांग्रेस का बदलना छोड़ो और विकास के लिए भाजपा को फिर मौका दो। यह कहते भादू ने विकास के लिए अपने लिए भी फिर मौका मांग लिया।








गुरुवार, 27 सितंबर 2018

विवाह के बाद गैर से संबंध बनाना अपराध नही-सुप्रीमकोर्ट:158 साल पुराना कानून असंवैधानिक करार



* सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मूल अधिकारों में महिलाओं के अधिकार भी होते हैं, लिहाजा समाज में महिलाओं के साथ गैर-बराबरी नहीं की जा सकती।*


जनसत्ता ऑनलाइन

27 सितंबर 2018.


- सीजेआई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने आम राय से यह फैसला दिया है।-

- सुप्रीम कोर्ट ने एडल्‍ट्री से जुड़ी आईपीसी की धारा 497 को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्‍त कर दिया है। सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्‍यक्षता वाली संविधान पीठ ने इसे मनमाना, एकपक्षीय और महिलाओं के खिलाफ करार दिया। धारा 497 158 साल पुरानी है। इसमें पति की अनुमति या मंजूरी के बिना शादीशुदा महिला से शारीरिक संबंध बनाने को अपराध करार दिया गया है। धारा 497 में मौजूद प्रावधानों के तहत इस तरह के शारीरिक संबंध को रेप के बजाय एडल्‍ट्री माना गया है। दोषी पाए जाने पर अधिकतम 5 साल कैद या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अब इसे खारिज कर दिया है। सीजेआई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने आम राय से यह फैसला दिया है।


संबंध खत्‍म करने का बन सकता है आधार: 

संविधान पीठ में सीजेआई दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस आर. नरीमन, जस्टिस एएम. खानविलकर, जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्‍होत्रा शामिल थीं। 

आम राय से दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एडल्‍ट्री को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। हालांकि, पीठ ने सपष्‍ट किया कि एडल्‍ट्री संबंध खत्‍म करने का आधार बन सकता है। सीजेआई ने अपने फैसले में कहा कि पति महिला का स्‍वामी या मालिक नहीं हो सकता है। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्‍पष्‍ट किया कि आईपीसी की धारा 497 महिलाओं की यौन स्‍वतंत्रता को बाधित करता है।


"समाज डालता है महिलाओं पर सदाचार का बोझ"


न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने एकमत लेकिन अलग फैसले में कहा कि समाज में यौन व्यवहार को लेकर दो तरह के नियम हैं, एक महिलाओं के लिए और दूसरा पुरूषों के लिए। उन्होंने कहा कि समाज महिलाओं को सदाचार की अभिव्यक्ति के रूप में देखता है, जिससे ऑनर किलिंग जैसी चीजें होती हैं।

   

समाज नहीं तय कर सकता महिला क्‍या सोचे : सुप्रीम कोर्ट


मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "किसी भी तरह का भेदभाव संविधान के कोप को आमंत्रित करता है। एक महिला को उस तरह से सोचने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, जिस तरह से समाज चाहता है कि वह उस तरह से सोचे।" न्यायाधीश रोहिंटन एफ. नरीमन ने फैसला सुनाते हुए कहा।

   

"महिलाओं के साथ जानवरों जैसा बर्ताव नहीं किया जा सकता"

फैसला सुनाने वाले एक जज ने कहा कि महिलाओं के साथ जानवरों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता। मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता। यह निजता का मामला है। पति, पत्नी का मालिक नहीं है। महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना चाहिए।" 


 सीजेआई ने पढ़ा फैसला, सबने जताई सहमति


न्यायमूर्ति मिश्रा ने अपनी और न्यायमूर्ति खानविलकर की ओर से फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘‘हम विवाह के खिलाफ अपराध से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 497 और सीआरपीसी की धारा 198 को असंवैधानिक घोषित करते हैं।’’ अलग से अपना फैसला पढ़ते हुए न्यायमूर्ति नरीमन ने धारा 497 को पुरातनपंथी कानून बताते हुए न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति खानविलकर के फैसले के साथ सहमति जताई।

   

महिलाओं के प्रति असमानता असंवैधानिक: सीजेआई


मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने भी आईपीसी की धारा 497 को लेकर सख्‍त टिप्‍पणी की। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं के प्रति असमानता बरतने वाला प्रावधान संविधान के अनुकूल नहीं हो सकता है। सीजेआई के अनुसार, एडल्‍ट्री से वैवाहिक जीवन क्‍लेशपूर्ण नहीं भी हो सकता है, लेकिन एडल्‍ट्री अंसतुष्‍ट दांपत्‍य जीवन का परिणाम हो सकता है।

   

'गरिमा और प्रतिष्‍ठा से वंचित करती है धारा 497'


जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़ ने भी आईपीसी की धारा 497 में मौजूद प्रावधानों के प्रति असहमति जताई। उन्‍होंने कहा, 'धारा 497 महिलाओं को उनकी प्रतिष्‍ठा और गरिमा से वंचित करती है।'


   

'आश्रय के सिद्धांत पर आधारित है धारा 497'


संविधान पीठ में शामिल जस्टिस इंदु मल्‍होत्रा ने आईपीसी की धारा 497 पर बेहद तल्‍ख टिप्‍पणी की है। उन्‍होंने कहा कि एडल्‍ट्री से जुड़ी धारा 497 'आश्रय के सिद्धांत' पर आधारित है, जिसमें यह व्‍यवस्था की गई है कि शादी के बाद एक महिला अपनी पहचान और कानूनी अधिकार गंवा देती है। जस्टिस मल्‍होत्रा ने इसे मौलिक अधिकार का हनन करार दिया और कहा कि यह सिद्धांत संविधान सम्‍मत नहीं है।

   

अधिकतम पांच साल सजा का था प्रावधान


आईपीसी की धारा 497 में एडल्‍ट्री का दोषी पाए जाने पर अधिकतम 5 साल कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस व्‍यवस्‍था को खत्‍म कर दिया है।


   

सुप्रीम कोर्ट ने अन्‍य देशों का दिया उदाहरण


सुप्रीम कोर्ट ने एडल्‍ट्री पर फैसला सुनाते हुए कई अन्‍य देशों में मौजूद कानूनी प्रावधानों का भी उदाहरण दिया। पीठ ने चीन और जापान जैसे देशों का हवाला दिया।


   

एडल्‍ट्री अब अपराध नहीं


सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ के फैसले के बाद अब एडल्‍ट्री अपराध नहीं रहा। मतलब यह कि शादी के बाद गैर से संबंध बनाने की स्थिति में अब जेल नहीं जाना पड़ेगा। बता दें कि मुख्‍य न्‍यायाधीश की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने यह ऐतिहासिक फैसला दिया है।


   

एडल्‍ट्री पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला


एडल्‍ट्री पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 497 पर फैसला देते हुए कहा कि शादी के बाद किसी गैर से शारीरिक संबंध बनाना अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि इस मसले पर पति या पत्‍नी में से किसी को आपत्ति है तो उनके के लिए तलाक का दरवाजा खुला हुआ है।

साभार

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सोमवार, 24 सितंबर 2018

अश्लील सीडी कांड-छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल को जेल भेजा-आरोप झूठा-बघेल

रायपुर, 24 सितंबर 2018.

 छत्तीसगढ़ में मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत ने राज्य के कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। सीडी मामले में आरोपी बघेल ने अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान अपने लिए किसी भी अधिवक्ता द्वारा पैरवी करने और जमानत की याचिका लगाए जाने से इंकार कर दिया था। बघेल ने कहा है कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है तथा जेल में भी वह सरकार का विरोध करेंगे। अधिवक्ता फैजल रिजवी ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि सीबीआई ने आज सुमित कपूर की अदालत में अश्लील सीडी मामले में आरोप पत्र दाखिल किया। इस आरोप पत्र में भूपेश बघेल, पत्रकार विनोद वर्मा, विजय भाटिया और दो अन्य पर आरोप लगाया गया है। रिजवी ने पत्रकार वर्मा और भाटिया की तरफ से पैरवी की है। उन्होंने बताया कि इस मामले के एक अन्य आरोपी रिंकू खनूजा ने इस मामले की जांच के दौरान इस वर्ष जून माह में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। रिजवी ने बताया कि सीबीआई ने बघेल, वर्मा और भाटिया को रविवार को नोटिस दिया था, जिसमें सभी को सोमवार को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था। उन्होंने बताया कि आज सुबह जब विशेष अदालत में सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया तब अदालत ने इस आरोप पत्र में कुछ कमी को देखते हुए वापस कर दिया था। तब सीबीआई ने इसे दाखिल करने के लिए दोपहर बाद तीन बजे तक का समय मांगा। अधिवक्ता ने बताया कि आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 469, 471 और 120 बी तथा आई टी एक्ट की धारा 67 ए का आरोपी बनाया है। रिजवी ने बताया कि सुनवाई के दौरान बघेल ने कहा कि वह निर्दोष है तथा उन्हें फर्जी केस में फंसाया जा रहा है। बघेल ने कहा कि पिछले दिनों राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रवास के दौरान उन्होंने उन्हें काला झंडा दिखाने की कोशिश की थी। इसलिए सरकार बदले की कार्रवाई करते हुए इस मामले में घसीटने की कोशिश कर रही है। अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने इस मामले में वर्मा और भाटिया को जमानत दे दी है। लेकिन इस दौरान बघेल ने कानूनी सहायता लेने और जमानत के लिए आवेदन देने से इंकार कर दिया। बाद में अदालत ने बघेल को न्यायिक हिरासत में आठ अक्टूबर तक के लिए जेल भेज दिया। इस दौरान दो अन्य आरोपी भाजपा नेता कैलाश मुरारका और विजय पंडया अदालत में पेश नहीं हुए। इधर राज्य में कांग्रेस के विरष्ठ नेताओं इसे बदले की कार्रवाई कहा है तथा इस मामले को लेकर वह राज्यभर में आंदोलन चलाने की घोषणा की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत ने कहा है कि भाजपा की सरकार विरोधियों को दबाने के लिए सीबीआई का दुरूपयोग कर रही है। राज्य में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने के कारण बघेल को इस मामले में घसीटा गया है। छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित सीडी मामला तब सामने आया जब रायपुर जिले की पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को पिछले वर्ष 27 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। वर्मा को रायपुर के पंडरी थाने में दर्ज प्रकाश बजाज की रिपोर्ट की तहकीकात के दौरान गिरफ्तार किया गया था। बजाज ने थाने में मामला दर्ज कराया था कि एक व्यक्ति ने उसे धमकी दी है कि उसके आका की अश्लील सीडी उसके पास है तथा उसका कहा नहीं मानने पर वह इसे सार्वजनिक कर देगा। वर्मा की गिरफतारी के बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी सार्वजनिक हो गई। मूणत ने इस मामले में यहां के सिविल लाईंस थाने में भी पत्रकार वर्मा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मूणत ने इस वीडियो को फर्जी बताया है। राज्य सरकार ने मंत्री की कथित अश्लील अश्लील सीडी मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया और बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया। इस मामले में पूछताछ के दौरान इस वर्ष जून माह में आरोपी रिंकू खनूजा ने आत्महत्या कर ली थी।

(नभाटा)

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छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूणत के कथित अश्लील सीडी के मामले में सीबीआई की अदालत ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

दरअसल, भूपेश बघेल ने अपनी पैरवी के लिए वकील लेने से भी मना कर दिया और ज़मानत के लिए आवेदन देने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें जेल भेजा जाता है तो वह जेल में सत्याग्रह करेंगे.

इस मामले में सोमवार को ही सीबीआई ने रायपुर की विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया था. इधर इस मामले में एक अन्य आरोपी वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा और कांग्रेस नेता विजय भाटिया को कोर्ट ने ज़मानत दे दी है.

जिस 'ब्लैकमेलिंग' का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस ने विनोद वर्मा को पिछले साल गिरफ़्तार किया था, उस ब्लैकमेलिंग के आरोप को सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में शामिल ही नहीं किया है.

पिछले साल 27 अक्तूबर की सुबह छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी के मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने ग़ाज़ियाबाद से गिरफ़्तार किया था.

इस मामले में भाजपा के एक पदाधिकारी प्रकाश बजाज ने ही पुलिस में रिपोर्ट दर्ज़ कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें एक फ़ोन आया जिसमें उनके 'आका' की सेक्स सीडी बनाने की बात कही गई.

प्रकाश बजाज की एफ़आईआर में विनोद वर्मा के नाम का ज़िक्र नहीं है लेकिन एक दुकान का ज़िक्र था जहां पर कथित तौर पर सीडी की नकल बनाई जा रही थी.

ये एफ़आईआर 26 अक्तूबर की दोपहर साढ़े तीन बजे के आस पास दर्ज की गई थी और इस रिपोर्ट के दर्ज होने के लगभग 11 घंटों के भीतर ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने दिल्ली जा कर कथित दुकानदार, फ़ोन करने वाले की जानकारी, तमाम फुटेज एकत्र कर लिये और फिर वहां से गाज़ियाबाद पहुंचकर विनोद वर्मा को गिरफ़्तार कर लिया था.

इस मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई से इस मामले की जांच करवाने की घोषणा की थी. सीबीआई ने राज्य के मंत्री राजेश मूणत की रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था.

भूपेश बघेल और विनोद वर्मा के खिलाफ अश्लील सीडी बांटने के अलावा कथित रुप से फिरौती मांगने का आरोप है. राजेश मूणत ने भी 27 अक्टूबर 2017 को ये रिपोर्ट लिखवाई थी.

इस मामले में 60 दिनों के भीतर सीबीआई विनोद वर्मा के मामले में चालान पेश नहीं कर पाई थी. इसके बाद पिछले साल 28 दिसंबर को विनोद वर्मा को ज़मानत दे दी गई थी.


शनिवार, 22 सितंबर 2018

आम आदमी पार्टी नेता राजू जाट गिरफ्तार:थानाधिकारी की हत्या की कोशिश का मुकदमा:

सूरतगढ़ 22-9-2018.

आज सूरतगढ़ पुलिस ने राजू जाट को गिरफ्तार किया।आरोप है कि राजू जाट और बाघ अली ने ने 6 सितंबर को उपखंड कार्यालय पर कब्जे के कार्यक्रम में गेट पर थाना अधिकारी निकेत कुमार की हत्या का प्रयास व पुलिस पर हमला किया।

यह मुकदमा थाना अधिकारी निकेत कुमार की ओर से दर्ज करवाया गया। बाघ अली पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है व न्यायिक हिरासत में जेल में है।


राजू जाट की गिरफ्तारी का समाचार सोशल मीडिया पर सूरतगढ़ आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सुमित भटेजा की ओर से दिया गया।

इस सूचना के साथ आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को एक संदेश भी था कि हमें शासन-प्रशासन की व्यवस्था को बदलना है। पुलिस ने  6 सितंबर की घटना पर अन्य पार्टी अन्य पार्टियों के नेताओं की गिरफ्तारी की और मुकदमा भी नहीं बनाया गया उस पर आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता विचार नहीं रखेगा,यह हमारा काम नहीं है। बल्कि सरकार की जनविरोधी नीतियों को बदलने की चेष्टा करेंगे।

विदित रहे कि 6 सितंबर के मुकदमे में पुलिस ने 28 व्यक्ति  नामजद किये।कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने उत्तेजित भाषण दिए लेकिन उनको नामजद नहीं किया न आगे अन्य में भी शामिल कर गिरफ्तार किया।

पुलिस ने आम आदमी पार्टी के सत्यप्रकाश सिहाग को भी मुकदमें में गिरफ्तार किया जो 2018 का सूरतगढ सीट से चुनाव लड़ने के लिए घोषित हैं। सूरतगढ संघर्ष समिति और पूर्व में गिरफ्तार जमानत पर छूटे नेता व कार्यकर्ता पत्रकारवार्ता में मुकदमें को झूठा बता चुके हैं। आम आदमी पार्टी की पत्रकार वार्ता में भी मुकदमे को फर्जी बताया जा चुका है कि केवल इसी पार्टी नेताओं को टारगेट बनाया गया।










कर्मचारियों की हड़ताल पर क्या मायने रखते हैं सीएम की गौरव यात्रा और अमितशाह का बूथ सम्मेलन।




राजस्थान  की वसुंधरा राजे गौरव यात्रा निकाल रही हैं, तब राजधानी जयपुर की सड़कों पर सरकार के कर्मचारियों का डेरा जमा हुआ था। सीएम राजे विधानसभा क्षेत्रों के गली कूचों में घूम घूम कर अपनी पांच वर्ष की उपलब्धियों पर इतरा रही हैं, जबकि हकीकत यह है कि सरकार का काम काज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।
 21 सितम्बर को पांचवें दिन रोडवेज की बसें नहीं चली तथा विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल ने प्रदेश भर में बिजली सप्लाई ठप होने के कगार पर है। गत 19 सितम्बर से ही पंचायतीराज के कर्मचारी हड़ताल पर है तो मंत्रालयिक कर्मचारी भी 20 सितम्बर से जयपुर में महापड़ाव कर रहे हैं। राजस्थान में नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं और प्रदेश के हालात बद से बदत्तर हो गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। चारों तरफ अराजकता का माहौल है। कई स्थानों पर तो साम्प्रदायिक तनाव भी हो गए है। चूंकि राजनीतिक इच्छा शक्ति बेहद कमजोर है, इसलिए प्रशासनिक अधिकारी भी खामोश हैं। कोई भी अधिकारी मन से कार्य नहीं कर रहा है। यह माना कि कर्मचारियों की हड़ताल के पीछे राजनीतिक नजरिया भी होगा, लेकिन सवाल उठता है कि कर्मचारियों के हर वर्ग में नाराजगी क्यों हैं? क्या कोई भी वर्ग सरकार से खुश नहीं है? यदि ऐसा है तो किस बात के लिए गौरव यात्रा निकाली जा रही है।  कर्मचारियों की हड़ताल से आम व्यक्ति बहुत परेशान है। अकेले रोडवेज की हड़ताल  से रोजाना 10 लाख यात्री सफर नहीं कर पा रहे हैं। गंभीर बात तो यह है कि अभी तक किसी भी कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री के स्तर पर कोई वार्ता नहीं हुई है। सवाल यह भी है कि मुख्यमंत्री को अपने ही कर्मचारियों से बात करने पर गुरेज क्यों हैं?
पिछले राज्यकर्मचारियों के एक संगठन ने सीएमआर में वसुंधरा राजे का शानदार अभिनंदन किया था, तो क्या वसुंधरा राजे सिर्फ मिजाजपुर्सी करने वालों से ही मुलाकात करती हैं?

शाह का बूथ प्रबंधनः

नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह सितम्बर माह में अब तक चार दिन राजस्थान में गुजार चुके हैं। अपने प्रवास में शाह ने बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता से संवाद किया है। सवाल यह भी है कि आखिर अमित शाह अपनी सरकार के कामकाज की समीक्षा क्यों नहीं करते? जब भाजपा शासित प्रदेश में अराजकता का माहौल है तो फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मूक दर्शक क्यों बने बैठे हैं? क्या इन हालातों को संभालने की जिम्मेदारी संगठन की नहीं हैं? अमितशाह जब भी किसी भाजपा शासित प्रदेश में जाते हैं तो वहां के मुख्यमंत्री के साथ होते हैं। ऐसा यूपी, एमपी, गुजरात आदि में देखा जा सकता है, लेकिन हाल में अमितशाह ने जब पाली, जोधपुर और नागौर का दौरान किया तो किसी भी स्थान पर सीएम राजे नहीं थीं। बहाना कुछ भी हो सकता है।
एस.पी.मित्तल) (21-09-18)











मंगलवार, 18 सितंबर 2018

छात्रनेता रामूछींपा को मुकदमे से बाहर करो या बड़े नेताओं को गिरफ्तार करो

करणी प्रेस इंडिया -

 सूरतगढ़ 18 सितंबर 2018.

 थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक पर जानलेवा हमला व पुलिस दल पर पर दल पर पर हमला करने के आरोप में दर्ज मुकदमे में से रामू छींपा छात्र नेता को बाहर करने की मांग को लेकर कॉलेजिएट छात्रों ने ने उपखंड अधिकारी कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और सरकार के नाम एक ज्ञापन दिया।

 छात्र नारे लगाते हुए उपखंड कार्यालय पर पहुंचे थे। उपखंड कार्यालय पर काफी देर तक नारेबाजी हुई।

 थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक द्वारा 6 सितंबर को दर्ज कराए गए मुकदमे में से रामू छिंपा को को छिंपा को को बाहर करने की मांग की जा रही थी। छात्रों का आरोप था कि रामू छिंपा को फंसाया गया है वहीं बड़े नेताओं को उकसाने वाले भाषण देने के बावजूद पुलिस ने नामजद करने के बजाय मुकदमे से बाहर रख दिया। 

छात्रों का आरोप था कि रामू छिंपा को पुलिस मुकदमे में फंसा रही है तो बड़े नेताओं को भी मुकदमे में शामिल करें जिन्होंने 6 सितंबर की आम सभा में भाषणों में उत्तेजक शब्दों का इस्तेमाल किया था। आम सभा के बाद में ही उपखंड कार्यालय के आगे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच लाठी-भाटा जंग हुई जिसमें सीआई के सिर में चोट लगी और CI ने उसके बाद उसके बाद बाद खुद की हत्या की कोशिश का और पुलिस पर हमला करने का वह सरकारी संपत्ति को नष्ट करने के आरोप लगाते हुए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।(करणी प्रेस इंडिया)

 पुलिस ने इस मुकदमे में 28 लोगों के नाम लिखे बाकी बिना नाम के रखे हैं। कुछ लोग गिरफ्तार किए गए जिनको पुलिस स्टेशन में भयानक अमानवीय यातनाएं देने के आरोप प्रेस कान्फ्रेंस में लगाए गये। 

आज 18 सितंबर के प्रदर्शन में छात्रों ने ने स्पष्ट रूप से 7 दिन की चेतावनी दी है। अगर छात्र नेता रामू छिंपा को मुकदमे से बाहर नहीं किया गया तो 25 सितंबर को जिला मुख्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया जाएगा। छात्रों की भीड़ पुलिस पर सीधे आरोप लगा रही थी कि बड़े नेताओं में मील,वर्मा और गेदर को व अन्य को जानते हुए भी बाहर रखा।

ज्ञापन देने वालों में कांग्रेस के टिकटार्थी युवा नेता अमित कड़वासरा और गगनदीपसिंह विडिंग भी शामिल थे। इस प्रदर्शन मेंं एन एस यू आई के प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने भी भाग लिया।


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शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

सूरतगढ संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्याम मोदी सहित 9 जनों की जमानत हुई


सूरतगढ़ 14 सितंबर 2018.

अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने आज  समिति के अध्यक्ष श्याम कुमार मोदी,संघर्ष समिति के सचिव राजेंद्र मुद्गल उसके भाई उमेश मुद्गल, लियाकत अली, सत्य प्रकाश, हरिमोहन सारस्वत, अब्दुल गफ्फार, अनिल,सुनाम अली की जमानत अर्जियां स्वीकार कर ली।

 ये सभी पुलिस CI निकेत कुमार पारीक पर वह पुलिस पर पर हमला करने के मुकदमे में सूरतगढ़ उप कारागृह में बंद थे।

सूरतगढ़ में शखी मोहम्मद के ऊपर पुलिस अत्याचार के विरोध में संघर्ष चल रहा था। 6 सितंबर को आम सभा के बाद उपखंड कार्यालय पर कब्जा करने के लिए भीड़ आगे बढ़ी तब किसी के पत्थर या लाठी मारने से थाना अधिकारी निकेतकुमार पारीक के सिर में चोट आई और उसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए भीड़ को खदेड़ा। तत्काल कुछ गिरफ्तारियां और बाद में भी कुछ गिरफ्तारियां हुई।

पत्रकार हाईलाइन के संपादक हरिमोहन सारस्वत पर भी आरोप था और उन्हें कल 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। आज एसीजेएम अदालत में पेश करने पर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। उनकी भी  जमानत की अर्जी लगाई गई थी जो स्वीकार हो गई।

 अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने बाघ अली की जमानत अर्जी को अस्वीकार कर दिया। बाघ अलीऔर एक अन्य पर आरोप है कि उनके वार से थाना अधिकारी निकेतकुमार के चोट लगी थी।


सोमवार, 10 सितंबर 2018

सूरतगढ़:कालेज छात्रा से बलात्कार:छात्राओं ने प्रदर्शन कर गिरफ्तारी की मांग की


सूरतगढ 10-9-2018.अनुसूचित जाति की शारीरिक रूप में लाचार 

एक कोलेज छात्रा से बलात्कार कर फरार होने वाले कुलदीप वर्मा को

गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आज कॉलेज की छात्राओं ने रैली निकालकर उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उपखंड अधिकारी श्रीमती सीता शर्मा को ज्ञापन दिया। छात्राएं  आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने और दंड देने की मांग कर रही थी। उनके हाथों में पोस्टर थे।

उपखंड अधिकारी से कुछ महिलाएं भी मिली और आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। 

रविवार 9 सितंबर को छात्रा अपने घर में थी थी तब पड़ोस में रहने वाला कुलदीप वर्मा घर में घुस आया।उसने छात्रा से बलात्कार किया और भाग गया। इस घटना का पता लगते ही सिटी पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया था।

इस घटना का मालूम पड़ते ही कालेज छात्राओं में रोष व्याप्त हो गया। छात्राओं ने कालेज से पैदल चलते हुए नारे लगाते 2 किलोमीटर पर उपखंड कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन दिया।


रविवार, 9 सितंबर 2018

सूरतगढ विधायक ग्रुप का वार्डों में भाजपा वास्ते जनसंपर्क अभियान



- करणीदानसिंह राजपूत-

 सूरतगढ।

विधानसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजेंद्र सिंह भादू ग्रुप की ओर से जनसंपर्क अभियान शुरू है।

जनसंपर्क अभियान में विधायक राजेंद्र सिंह भादू के पुत्र अमित भादू नगर पालिका मंडल के उपाध्यक्ष पवन ओझा ओझा व अन्य एक दो पदाधिकारी वार्ड में घर घर पर अपनी पहुंच दर्ज करवा रहे हैं।इस जनसंपर्क में वार्ड के पार्षद और वार्ड के कुछ प्रमुख लोग शामिल होते हैं। इस जनसंपर्क में विधायक राजेंद्र भादू के चित्र का का पत्र दिया जाता जाता है लेकिन वोट भारतीय जनता पार्टी को ही देने का आग्रह किया जा रहा है।

 इस अभियान में नागरिकों की ओर से विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी सामने रखी गई है। कुछ दिन पूर्व यह अभियान वार्ड नं 23 में चला जहां लोगों ने पेयजल की समस्या से अवगत कराया। अमित भादू और पवन ओझा ने बताया कि उच्च जलाशय टंकी का निर्माण पूर्ण होने के बाद यह समस्या इस वार्ड में में नहीं रहेगी और पानी का वितरण प्रतिदिन होने लगेगा। अमित भादू का कहना था कि कहना था कि का कहना था कि कहना था कि जनसंख्या बढ़ोतरी के कारण और पेयजल कनेक्शन निरंतर बढते हुए काफी होने के कारण पेयजल की समस्या आने लगी है जिसे शीघ्र ही दूर कर दिया जाएगा।ःः







अशोक गहलोत और हरचंद सिंह सिद्धू की चुनावी चर्चा


* करणीदानसिंह राजपूत 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व विधायक स. हरचंद सिंह सिद्धू की आगामी चुनाव को लेकर गंभीर चर्चा बज्जू किसान सम्मेलन में 8 सितंबर को हुई। 

सरदार हरचंद सिंह सिद्धू अचानक बज्जू पहुंचे। वहां पर किसान सम्मेलन में में भाग लिया। अशोक गहलोत और सरदार हरचंदसिंह सिद्धू की श्री गंगानगर जिले की जिले की वर्तमान राजनैतिक स्थिति, किसानों की स्थिति, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का श्रीगंगानगर दौरे में क्या हाल रहा आदि पर चर्चा हुई। सूरतगढ़ सीट पर कांगरेस की स्थिति के बारे में और वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की स्थिति के बारे में भी गंभीर चर्चा हुई। विदित रहे कि सूरतगढ सीट पर कांग्रेस टिकट के दावेदारों में स.हरचंदसिंह सिद्धु भी शामिल हैं।



शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

सूरतगढ पुलिस व थानाधिकारी निकेतकुमार पारीक पर जानलेवा हमला: 28 पर सख्त मुकदमा:


सूरतगढ़ उपखंड कार्यालय के आगे थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक पर जानलेवा हमला करने,पुलिस बल पर हमला करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने षड़यंत्र करने के आरोप में 28 लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं  307 332 353 336 109 153 147 149 120 बी के तहत  मुकदमा नंबर 434 दर्ज करके जांच लक्ष्मण सिंह सहायक सब इंस्पेक्टर को सौंपी गई है।यह घटना 6-9-2018 को हुई।

 यह मुकदमा थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक की ओर से दर्ज करवाया गया है।

इसमें निकेत कुमार ने  राजू जाट और बाघ अली पर जान से मारने के लिए थानाधिकारी पर हमला करने का आरोप लगाया है।

लिखा गया है कि सखी मोहम्मद,बाघ अली, राजू जाट और हरिमोहन सारस्वत ने षड्यंत्र रचा पुलिस बल पर हमला करने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का जिसके तहत पुलिस बल पर हमला हुआ और निकेतकुमार पारीक पर जानलेवा हमला हुआ।

इन लोगों ने भड़काऊ भाषणों में कहा जनता जो चाहती है वह करती है सत्ता जनता जो चाहे होती है। यह कहते हुए भीड़ को साथ लेकर उपखंड कार्यालयमें घुसने का प्रयत्न किया।

 पुलिस ने समझाइश कर रोकने की कोशिश की तब यह लोग नहीं माने। नतीजा यह हुआ कि इन को रोकते वक्त हमला हुआ।

राजू जाट और बाघ अली ने आक्रमण कर थाना अधिकारी निकेतकुमार पारीक को जान से मारने के लिए वार किये जिससे थाना अधिकारी के चोटें आई। 

 पुलिस ने इस प्रकरण में प्रकरण में अभी फिलहाल 26 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है जिसमें

राजू जाट जाट ,बाघ अली, अनिल कुमार पुत्र बागाराम भोजूसर, सत्यप्रकाश सिहाग हाल निवासी सूरतगढ़,

 उमेश मुद्गल, राजेंद्र मुद्गल सूरतगढ़, अब्दुल गफ्फार पुत्र सादिक खान सरदारगढ,सुनाम अली पुत्र जाफर खां सादकवाली,श्रीमती राधा पत्नी राजकुमार वार्ड नंबर 1 सूरतगढ,

 बाग अली उर्फ बागी पुत्र अहमद यार सादक वाली,

अमित कुमार पुत्र जनकलाल अरोड़ा वार्ड नंबर 12 सूरतगढ़,

मुखराम खिलेरी अमरपुरा,रामू छिंपा पुत्र मांगीलाल सूरतगढ़,मनीराम कामरेड 34 एसटीजी,मखुशाह पीर सूरतगढ,

लियाकत अली उदयपुर गांव, राजविंदर सिंह घड़ीसाज सूरतगढ,त्रिलोकराम पुत्र बीरबलराम वार्ड नंबर 5 सूरतगढ़, जवाहर लाल छिंपा सूरतगढ,अयूब खां उर्फ जुबी प्रधान पुत्र अहमद सरदारगढ़,

 हरिमोहन सारस्वत सूरतगढ़, चेतन कालवा जानकीदास वाला और श्याम कुमार मोदी सूरतगढ़ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

लिखा गया है कि 50 -60  अन्य लोग भी थे।



बींटा गोल कर देंगे किसान समझती नहीं भाजपा वसुंधरा की सरकार




 - करणीदान सिंह राजपूत -

बींटा गोल कर देंगे। पुरानी मगर लोकप्रिय चेतावनी है जो श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ जिलों के किसान लगातार अपनी मांगों के जरिए, प्रदर्शनों के जरिए,जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने के जरिए दे रहे हैं। राजस्थान की भाजपा वसुंधरा राजे की सरकार इस पर गौर नहीं कर रही है। इस इलाके के मंत्री डॉ रामप्रताप सुरेंद्र पाल सिंह टीटी तथा विधायक  गण किसानों की मांगों को समझते हुए,जानते हुए भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वसुंधरा राजे को बताने से डर रहे हैं। श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ जिले जब एक थे तब 1969 मैं किसान आंदोलन मोहनलाल सुखाड़िया की सरकार को भारी पड़ा था।



राजस्थान की सारी जेलें श्रीगंगानगर जिले के किसानों से भर गई थी। सरकार को किसानों की मांगे माननी पड़ी और भूमि नीलामी को रोककर आगे भूमि का आवंटन करना पड़ा।




वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में श्रीगंगानगर के सीमांत इलाके घड़साना रावला में पानी आंदोलन चला जो ऐतिहासिक बना  लेकिन सरकार उससे भी कोई सीख नहीं ले पाई। सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए लाठी गोली का इस्तेमाल किया। आंदोलन में 6 किसान शहीद हुए।  सरकार ने अजमेर जेल में बंद किसान नेताओं को बाहर निकालकर वार्ता की। वह आंदोलन किसी तरह से शांत हुआ लेकिन किसानों की पानी की मांग का कोई स्थाई हल वसुंधरा सरकार नहीं निकाल पाई।




 उस समय के भाजपा मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने कोई नीति बनाने की कोशिश नहीं की। उसके बाद 2008 से 2013 तक कांग्रेस की सरकार राजस्थान में आई मगर उसने भी श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के किसानों को सिंचाई पानी वितरण के मामले में स्थाई नीति नहीं बनाई । सन 2013 में भारतीय जनता पार्टी के वसुंधरा राजे की सरकार दोबारा बनी लेकिन 3 साल पूरे होने पर किसानों के प्रति न कोई नीति है ना कोई हमदर्दी है। किसानों को कुचलने की उनपर सख्ती करने की पुरानी परिपाटी अभी भी कायम है।




समझ में नहीं आता कि सरकार अपने 3 साल को बेमिसाल बताते हुए समारोह आयोजित कर रही है और उस पर जन धन को लगाया जा रहा है। नोट बंदी के बाद हर जगह के लोग त्रस्त हैं,परेशान हैं। उसी में श्री गंगानगर हनुमानगढ़ के किसान सरकार के द्वारा दी जा रही चोटों से परेशान हैं।




 सिंचाई पानी की मांग आखिर किसान क्यों करें? सबसे बड़ा सवाल यह है। सरकार को खुद आगे बढ़कर सिंचाइ पानी का बंदोबस्त करना चाहिए क्योंकि खेतों में पैदा होने वाली उपज किसान अपने घर में नहीं रखता। वह उत्पादन राष्ट्रीय उत्पादन है। राष्ट्रीय उत्पादन अधिक हो उसके लिए सरकार को ही उचित प्रबंध आगे बढ़कर करना चाहिए। किसान पानी के लिए आंदोलन करें प्रदर्शन करें मांग पत्र दे और अपना समय खेतों के बजाय सरकारी कार्यालयों में गंवाएं। इससे बड़ा दुर्भाग्य और कोई नहीं हो सकता। किसानों को उत्पादन के लिए स्वतंत्र करना चाहिए ताकि वह दिन रात अपने खेतों काम कर सके।


किसान जो मेहनत करता है वह राष्ट्र के विकास में काम आए। देश को अनाज के लिए दूसरे देशों की तरफ देखना न पड़े। आज किसान की हालत स्वतंत्र नहीं है। उसका अधिक समय खेतों के बजाय सरकारी कार्यालयों में या बीज खाद प्राप्त करने में बीत जाता है।

 मैं श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के किसानों पर फिर लौट रहा हूं की सरकार इनको कमजोर न समझें । इनके आंदोलन से सरकार के बींटे गोल हो जाएंगे। बींटे  गोल होने का यह वाक्य पुराना है मगर आम जनता इसे भलीभांति समझती है और यह कार्य करके भी दिखा देगी।



राजस्थान सरकार के इलाकाई मंत्रियों डॉक्टर रामप्रताप सुरेंद्र पाल सिंह टीटी और विधायकों को समझना चाहिए।विशेषकर डॉ रामप्रताप जल संसाधन मंत्री हैं। वे हनुमानगढ़ से विधायक बनते हैं  और उसके बाद मंत्री बनते हैं। वर्तमान में श्रीगंगानगर के प्रभारी मंत्री भी हैं।




 मैं एक बार फिर यह लिख रहा हूं कि सरकार किसानों की सिंचाई पानी की मांग को समझे और उसका निस्तारण बिना विलंब के करे। किसानों को पुलिस हिरासत में लिया जाना अन्य स्थानों पर ले जाकर के छोड़ना अनुचित कार्यवाहियां हैं। सरकार को यह समझना चाहिए किआंदोलनकारी और संघर्ष करने वाले किसान इस प्रकार की कार्यवाहियों से डरने वाले नहीं हैं, जो किसान सरकार की लाठी और गोली से नहीं डरे वे अब भी डरने वाले नहीं हैं।


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लिखा गया 19-12-2016.

अपडेट      14-6-2017.

अपडेट        3-2-2018. 

अपडेट        7-9-2018.


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गुरुवार, 6 सितंबर 2018

सूरतगढ सीआई निकेत पारीक के सिर पर चोट:लाठी का वार


सूरतगढ़ 6-9-2018.

उपखण्ड कार्यालय पर सखी मोहम्मद प्रकरण में काम ठप्प की घोषणा में लोग जबरन एसडीएम कोर्ट में घुसने लगे।

पुलिस के धक्के लगाने लगे। अचानक धक्के तेज हुए काले झंडे लिए लोग आगे बढे। सीआई निकेत पारीक वहीं मौके पर थे। किसी ने लाठी या पत्थर मारा जिससे सिर में चोट लगी और खून निकलने लगा। उसी समय पत्थर चलने लगे। पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा।कुछ लोगों को घटनास्थल से हिरासत में लिया गया है। पुलिस की ओर से सभा व बाद की विडियोग्राफी की हुई है। पुलिस मामला दर्ज करने व अनुसंधान मेंं उसका इस्तेमाल करेगी। घटना के बाद में कई नेता मौके पर मौजूद थे और उनका कहना था कि प्रदर्शन मेंं इस घटना को  भीतर घुसे असामाजिक तत्वों ने किया है। 

आज सभा में भाषण देने वालों में कांग्रेस के पूर्व विधायक गंगाजल मील,बलराम वर्मा,परमजीतसिंह रंधावा,परसराम भाटिया,मुखराम खिलेरी,बसपा के डूंगरराम गेदर,अमित कल्याणा पवन सोनी,माकपा के लक्ष्मण शर्मा मदन औझा,आम आदमी पार्टी के सत्यप्रकाश सिहाग पत्रकार संपादक हाईलाईन हरिमोहन सारस्वत,भाजपा नगर मंडल के उपाध्यक्ष ओम सोमानी,पीततांबर दत्त शर्मा,रतनलाल पारीक,संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्याम मोदी,महावीर भोजक,राजू जाट व अनेक लोग थे। भाषाओं में कुछ उग्र थे तो कुछ शांति से काम ठप्प करने का भी कह रहे थे। कामरेड हेतराम बेनीवाल भी भाषण देने वालों मेंं थे मगर वे चले गए थे। सखी मोहम्मद एल.एल.बी कर रहे हैं,उनके साथ पुलिस पिटाई पर वकील सहदेव जोशी व वकील रविकांत ने भी भाषण दिए।

भाषणों में उग्र होने का कारण सीएम की यात्रा और आगामी चुनाव थे। अनेक तो टिकटार्थी हैं व कुछ चुनाव मेंं उतर चुके हैं।

कुछ भाषण उत्तेजित थे और भीड़ उसके कारण उत्तेजित हुई। हालांकि लोगों की संख्या काफी कम थी।

यह मामला ऐसे मौके पर हुआ है जब सीएम संभाग के दौरे पर है और कल सात सितंबर को गौरवयात्रा श्रीगंगानगर जिले में अनूपगढ में प्रवेश करनेवाली है।

 पहले पत्रकारवार्ता में 6 सितंबर को एसडीएम कोर्ट का काम ठप्प करने की चेतावनी दी थी। ( विस्तृत समाचार बाद मेंं)






बुधवार, 5 सितंबर 2018

शीतल सिडाना का सूरतगढ में आमरण अनशन

सूरतगढ 5-9-2018.

माकपा नेता सखी मोहम्मद की अवैध गिरफ्तारी और पुलिस कस्टडी में हथियार रखने का झूठा आरोप स्वीकार कराने के लिए पिटाई की जाने के प्रकरण में दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के निलंबन की मांग को लेकर नागरिक संघर्ष समिति के शीतल सिडाना का आमरण अनशन आज पांचवें दिन जारी रहा। 

दिनांक 6/ 9 /18 को कल 11 बजे उपखंड कार्यालय के समीप आम सभा कर उपखंड कार्यालय का घेराव कर कामकाज ठप करने के लिए धरना स्थल पर रणनीति बनाई गई व इसके लिए जबरदस्त तैयारी कर वार्ड वार्ड, गांव गांव, ढाणी ढाणी, जनसंपर्क किया गया।

शहर में सभी व्यापारिक संगठनों, बार संघ व सामाजिक संगठनों से भी संपर्क किया गया। धरना स्थल पर नागरिक संघर्ष समिति के सभी सदस्यों ने एकमत होकर कहा कि कल प्रशासन को ठप करके  नाकों चने चबा देंगे। अगर कोई आम जन के साथ अनहोनी घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

 धरना स्थल पर जवाहर छिंपा, सहदेव जोशी, कामरेड डोंगर गौड़, बलराम वर्मा, बसपा नगर अध्यक्ष पवन सोनी, अमित कल्याणा, सचिव राजेंद्र मुद्गल, बाबू सिंह खिची, ओम सोमानी, घनश्याम स्वामी, मदन औझा, गौरी शंकर मिश्रा,  उमेश मुद्गल, पितांबर शर्मा, विजय गोस्वामी, पूर्व सरपंच इब्राहिम खान, विजयपाल ढिल्लो, सुभाष राजपूत, लक्ष्मण शर्मा, छात्र नेता रामू छिंपा, अजय चौधरी, कृष्णा भाटी, ज्ञानो देवी, आदि सदस्य मौजूद रहे।



मंगलवार, 4 सितंबर 2018

सूरतगढ सीट पर सर्वे में सबसे ऊपर-रामप्रताप कासनिया का सभा में दावा


- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़ 4 सितंबर 2018.
पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया ने आज नागरिकों की एक सभा में दावा किया कि सर्वे में भाजपा की सूची में उनका नाम सबसे ऊपर है। उन्होंने दावे को मजबूती देते हुए कहा कि अब तक चार सर्वे होने की सूचना है और हर सर्वे में उनका नाम सबसे ऊपर है। उन्होंने यह भी दावा किया कि गुप्तचर रिपोर्ट में भी सूचना है कि उनका नाम सबसे ऊपर है और इसकी सूचना उनको एक अधिकारी ने बताई। कासनिया ने कहा कि उसका नाम मैं यहां बता नहीं सकता और दुबारा उसको बात करने की कोशिश की मगर उसका मोबाईल नं साफ हो गया।
कासनिया ने कहा कि वे आने वाले समय में शीघ्र ही लोगों की एक महा पंचायत भी बुलाऐंगे जिसमें सभी को ःआना है और समर्थन देना है। कासनिया ने कहा कि मेरे विरोधी लोग उस महा पंचायत में पहुंचने से रोकेंगे मगर आपको आना है। कासनिया ने कहा कि वह महापंचायत मेरी तरफ से शक्ति प्रदर्शन होगा इसलिए उसमें आप सभी को आना है।
कासनिया ने एक बात साफ साफ की और कहा कि मैं आज अपने स्वार्थ के कारण आया हूं और चुनाव लडऩे के लिए मैदान में हूं।

पूर्व राज्यमंत्री ने अपने चिर परिचित अंदाज में भाषण हिंदी में शुरू किया मगर आनंद नहीं आने के कारण अपनी रोजाना की राजस्थानी भाषा में बोलना शुरू कर दिया। कासनिया का सभा के बाद में जोरदार स्वागत किया गया व लोगों ने पुष्प मालाएं पहनाई वहीं अनेक ने चरण स्पर्श करते हुए व हाथ मिलाते हुए चुनाव में साथ देने तक का वादा भी किया। कासनिया आधा घंटे से ज्यादा समय बोले जिसमें उन्होंने कहा कि वे किसी भी राजनेता का नाम लेकर विरोध नहीं करेंगे।
कासनिया ने नगरपालिका के निर्माण कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार होने का ख्ुालासा किया व गौरव पथ व अन्य सड़कों के घटिया निर्माण का आरोप लगाया। नगरपालिका के कार्यों का वर्णन करते हुए उन्होंने विधायक,चेयरमेन पदों का उल्लेख किया व पार्षदों को भी कोसा कि वे भी सही नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि सभी पार्षद गलत नहीं है मगर पार्षद चाहें तो निर्माण कार्य घटिया नहीं हो सकते। कासनिया ने नहीं बोलने के लिए खुद को भी दोषी करार किया कि पार्टी के कारण वे नहीं बोले, अगर बोलते तो कहा जाता कि पार्टी का विरोध कर रहे हैं। कासनिया ने कहा कि पार्टी के अनुशासन में बंधे होने और अनुशासित साबित होने के लिए भी चुप रहे।
कासनिया ने कहा कि विरोधियों की ओर से यह प्रचारित किया जाता रहा है कि पार्टी टिकट दे तो पार्टी का नहीं तो निर्दलीय। कासनिया ने कहा कि उन्होंने 2013 के चुनाव में पार्टी की नीति के अनुसार सूरतगढ़ व पीलीबंगा सीटों पर कार्य किया व दोनों सीटें भाजपा को जितवाई। कासनिया ने कहा कि पिछले चुनाव के समय गुलाबचंद कटारिया ने फोन करके पार्टी के लिए अपने को कुर्बान होने का कहा और उनके कहे अनुसार स्वयं को दिन रात होम दिया।
कासनिया ने कहा कि वे चाहे पिछले चुनाव 2013 में नहीं उतरे लेकिन 2008 में तीसरे नंबर पहुंचाए जाने के बावजूद जो भी आया उसका वाजिब कार्य कराने में दस सालों तक दिन रात सेवा की है।
कासनिया ने यह भी बताया कि सन 2003 में वे पीलीबंगा से जीतने के बाद विधानसभा क्षेत्र में पडऩे वाले सूरतगढ़ तहसील के ग्रामों में खूब कार्य किए। उन्होंने कहा कि साढ़े सात हजार लोगों को जमीन के खातेदारी अधिकार दिलाए जिसमें टीसी जमीनें और बालिग पुत्रों की जमीने थी। उन्होंने कहा कि एक परिवार में कमसे कम 5 सदस्य मानें तो साढे सात हजार परिवारों के पैंतीस हजार वोट बनते हैं। उन्होंने कहा कि खातेदारी मुफ्त में दी गई और उस समय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भरपूर सहयोग रहा जिससे वह महान कार्य हो पाया था।
कासनिया ने कहा कि मैं सिंगरासर माईनर निर्माण कराने का झूठा वादा नहीं कर सका क्योंकि यह स्पष्ट था कि नहर में पानी ही नहीं है तो पानी मिलेगा कहां से।
कासनिया ने कहा कि मैं एक बात साफ कहना चाहता हूं कि जनता का जो भी वाजिब काम होगा उसको कराने में आगे रहूंगा लेकिन गलत करने का कार्य नहीं करूंगा।
कासनिया रेल लाईन पार के क्षेत्र सूर्याेदय नगरी के मिनिमार्केट में सभा को संबोधित कर रहे थे।
चुनाव में भाजपा की ओर से ही उतरने के लिए कासनिया शहर में लगातार संपर्क करने में लगे हुए हैं तथा गांवों में भी पहुंच रहे हैं।









सोमवार, 3 सितंबर 2018

वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत एपेक्स हॉस्पीटल में किया राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह का शुभारंभ


सूरतगढ़ 1 सितम्बर 2018.
भारत में एक सितम्बर से सात सितम्बर तक मनाए जाने वाले राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह को यहां एपेक्स हॉस्पीटल द्वारा मनाए जाने का शुभारंभ आज वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। राजपूत ने कुपोषण के शिकार हो रहे नागरिकों को उचित पोषण दिए जाने के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए एपेक्स हॉस्पीटल द्वारा किए जाने वाले कदम को बहुत अच्छा बताया।

राजपूत ने कहा कि विष्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट चौंकाने वाली व सोचने वाली है कि हमारे देश में 20 करोड़ लोगों को एक समय का भोजन मिल पाता है और दूसरे समय के भोजन का मिलना तक अनिश्चित है। इस प्रकार की हालत में लोगों के पूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सोचना और कदम उठाना प्रजातंत्रीय सरकार के लिए श्रेष्ठ माना जाना चाहिए।
राजपूत ने कहा कि आज कोख में बच्चे व गर्भवती महिला से लेकर बच्चों व आगे सामान्य जन को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन मिले, के लिए सरकार की योजनाएं व कार्यक्रम चल रहे हैं।
राजपूत ने एपेक्स हॉस्पीटल की ओर से समय समय पर एपेक्स हॉस्पीटल की ओर से स्वास्थ्य के प्रति जनता को जागरूक करने वाले कार्यक्रमों के आयोजनों की प्रशंसा की।

इस कार्यक्रम में डा.राजेन्द्र छाबड़ा,डा.अरविंद बंसल ने भी लोगों को कुपोषण से बचाने केे बारे में विचार व्यक्त किए। आहार विशेषज्ञ निवेता बजाज ने राष्ट्रीय कार्यक्रम और पोषाहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
प्रवक्ता डा. अश्विनी धवन व पारस जैन ने बताया कि पूरे सप्ताह में अन्य स्थनों पर भी कार्यक्रम करके शहरवासियों को पोषक भेजन के प्रति जागरूक किया जाएगा। कार्यक्रम में डा.राजेन्द्र छाबड़ा व डा. संजय बजाज ने पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

समापन पर मधुसूदन रमण ने सभी का आभार प्रगट किया।




रविवार, 2 सितंबर 2018

वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत के साथ पौधारोपण:सूरतगढ वार्ड नम्बर 28

सूरतगढ 2 सितंबर 2018.

पर्यावरण युवा मंडल और वार्ड नं 28 के

वासियों ने मिलकर पौधारोपण किया।

वार्ड में बड़े परिसरों में खाली पड़ी जगह पर छायादार व फूल वाले पौधे लगाए गए और उसी परिवार को पौधों को सींचने का आग्रह किया। 

परिवार वालों ने पौधा रोपण में सहयोग प्रदान किया और सींचने का आग्रह स्वीकार किया।

आज के पौधारोपण कार्यक्रम में 

वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह, दिनेश शर्मा,पूर्व पार्षद परमजीत पम्मी,नब्बू सिंह,प्रेमसिंह सूर्यवंशी,डॉ परकुल खत्री।

महिला विंग में लक्ष्मी सोनी,मीनू,कामना ,उषा ओर वार्ड वासी शामिल हुए। मातृशक्ति का विशेष योगदान रहा।











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