शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020
बुधवार, 26 फ़रवरी 2020
हनुमानगढ़:विवाह समारोह में सजावट से आकर्षण और आनंद चौगुना बढ़ जाता है
** करणी दान सिंह राजपूत **
विवाह समारोह हो या फिर किसी भी प्रकार की पार्टी हो उसमें सजावट होने से आकर्षण और आनंद कई गुना बढ़ जाता है।
जो लोग समारोहों में भाग लेते हैं शामिल होते हैं वे कई दिनों तक सजावट की चर्चा करते हैं।एक दूसरे से बतियाते समय अच्छी सजावट की प्रशंसा करते हैं। आज सजावट दिन और रात में अनेक प्रकार से होती है जिसमें फूलों का,रंगीन कपड़ों का चुनरियों आदि का इस्तेमाल मंच (स्टेज) का रूप निखार देते हैं। समारोह के परिसर में और प्रवेश द्वार के आसपास विभिन्न प्रकार की सजावट की जाती है।
रात्रि समारोह में विभिन्न प्रकार की प्रकाश व्यवस्था होती है जो समारोह को आनंदित कर देती है।
समारोह में भाग लेने वाले लोगों का चाहे नर नारी हो या लड़के लड़कियां हो या बच्चे हो उनका उत्साह और अधिक बढ़ जाता है।
विवाह समारोह का महत्व हर समाज में हर धर्म में है। विवाह एक बार होता है जिसके लिए लाखों रुपए सजावट पर खर्च किए जाते हैं ताकि दूल्हा और दुल्हन ही नहीं बराती और घराती आमंत्रित लोग सभी आनंदित होते हैं।

सजावट के अनेक सीन देखने के लिए यहां संकेत पर क्लिक करें।
मिठाई निर्माण व उपयोग की अंतिम तिथि बतानी होगी-कानून सख्त-सड़क वाली थाली पर 'स्वच्छता मिशन
** विशेष समाचार-करणीदानसिंह राजपूत**
-25 फरवरी 2020.-
*भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने स्वास्थ्य खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया है. कस्टमर्स को बासी(खाने की अवधि समाप्त होने के बाद भी) मिठाइयों की बिक्री की सूचना मिलने के बाद इस संबंध में एक निर्देश जारी किया गया *
देशभर में स्ट्रीट फूड (Street Food) का जबरदस्त क्रेज है, लेकिन यहां बिकने वाले खाद्यों की क्वालिटी को लेकर कोई खास सख्ती नहीं होने पर बासी भी बिकता रहा लेकिन अब सरकार दुकानों पर मिलने वाले खाने-पीने के सामानों को लेकर गंभीर हो रही है।
सरकार इन सामानों की क्वालिटी में सुधार लाने के लिये कदम उठा रही है. इसके तहत जून 2020 के बाद से, स्थानीय मिठाई की दुकानों को भी परातों एवं डिब्बों में बिक्री के लिए रखे गए मिठाई के लिए ‘बनाने की तारीख’ (Sweets making date) तथा 'उपयोग की सही अवधि’ (use before date) जैसी जानकारी प्रदर्शित करनी होगी.
(मौजूदा समय में, इन जानकारियों को पहले से बंद डिब्बाबंद मिठाई के डिब्बे पर उल्लेख करना जरूरी है.) भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने स्वास्थ्य खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया है।
ग्राहकों को बासी(खाने की अवधि समाप्त होने के बाद भी) मिठाइयों की बिक्री की सूचना मिलने के बाद इस संबंध में एक निर्देश जारी किया गया है.
खाद्य नियामक एफएसएसएआई के ताजा आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक हित में और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, यह तय किया गया है कि खुली बिक्री वाली मिठाइयों के मामले में, बिक्री के लिए रखी मिठाई के परात कंटेनर/ट्रे पर बनाने की तारीख और 'उपयोग का सही समय' जैसी जानकारियों को प्रदर्शित करना होगा।
यह आदेश एक जून, 2020 से प्रभावी होगा. आदेश के अनुसार राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का गठन भारत सरकार ने वर्ष 2006 में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत किया है। एफएसएसएआई का काम लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने एवं इसके तय मानक को बनाए रखना है।
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मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020
माखण खालो बनवारी,मत मारो पिचकारी. धमाल-कविता, करणीदानसिंह राजपूत.
आयो होली रो तिंवार
लाओ रंग गुलाल
मारी मारी पिचकारी
घेरो डाल्यो रै बनवारी
गोप्यां करै मनवार
जोड़े हाथ बारंबार
मत मारो पिचकारी
छोड़ो छोड़ो रे बनवारी।
गोप्यां आई पनघट
घड़िया भरिया लबालब
पूठी घरां नै बै चाली
घेरो डाल्यो बनवारी
मारी रंगभरी पिचकारी।
अंधेरे अंधेरे गोप्यां माखण ले रे चाली
झुरमुटां रै बीच रस्ता रोक्या बनवारी
गोप्यां करै मनवार
माखण खाल्यो बनवारी
मत मारो पिचकारी।
गोपाला गुलाल लाया
चंग जोरां सूं बजाया
मारी रंगभरी पिचकारी
चूनर लाल कर डाली।
लाओ रंग गुलाल
मारी मारी पिचकारी
घेरो डाल्यो रै बनवारी
जोड़े हाथ बारंबार
मत मारो पिचकारी
छोड़ो छोड़ो रे बनवारी।
घड़िया भरिया लबालब
पूठी घरां नै बै चाली
घेरो डाल्यो बनवारी
मारी रंगभरी पिचकारी।
झुरमुटां रै बीच रस्ता रोक्या बनवारी
गोप्यां करै मनवार
माखण खाल्यो बनवारी
मत मारो पिचकारी।
चंग जोरां सूं बजाया
मारी रंगभरी पिचकारी
चूनर लाल कर डाली।
सोमवार, 24 फ़रवरी 2020
भादूओं के छवि सिनेमा भूखंड के आगे बढाई दिवार हटाने के निर्देश-
*करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 24 फरवरी 2020.
भादुओं के छवि सिनेमा बंद के बाद उस भूखंड के करीब 6 फुट आगे बढ कर बनाई गई चारदीवारी को हटाने का कहा गया है। अधिशासी अधिकारी लालचंद सांखला ने 20-2-2020 को बताया कि मालिकों को उक्त दीवार हटाने का कहा है और उनके नहीं हटाने पर नगरपालिका प्रशासन यह हटा देगा।
यह सिनेमा कुछ साल पहले बंद कर दिया गया था। काफी समय बंद के बाद सिनेमा भवन हटा दिया गया। वर्तमान में खंडहर जैसा स्वरूप हो गया है और भीतर कंटीली झाड़ियां आदि ऊग चुकी है।
राजस्थान और केन्द्र की राजनीति में अनेक सालों तक
चौ.मनफूलसिंह भादू सक्रिय रहे थे। विधायक, उपमंत्री और लोकसभा सदस्य रहे।। मनफूल सिंह के नाम से ही यह सिनेमा जाना जाता रहा। उनका स्वर्गवास हो गया। उनके परिवार पोतों का मालिकाना है। इससे सटा हुआ मनफूलसिंह भादू का आवास मोटाराम भवन है जो उनके पिताजी का नाम है।
नगरपालिका ने मनफूलसिंह भादू के छोटे भाई स्व.बीरबल के पुत्रों पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू और उनके 2 भाईयों द्वारा बनाया गया कटला सीज कर रखा है।00
रविवार, 23 फ़रवरी 2020
राजेंद्र भादू और भाइयों के कटले कोठी के भूखंडों की जांच हो रही
**शिकायत पर जांच -मूल रूप में कैसे मिली जमीनें?अगर विस्तार हुआ तो कैसे हुआ? **
++ करणीदानसिंह राजपूत ++
सूरतगढ़। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद सांखला ने बताया कि पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू उनके भाइयों का कटला और भादू की कोठी आदि की जमीन मूल रूप से कहां से आई और बाद में इसमें कोई खांचा भूमि आदि जोड़ी तो कैसे जोड़ी आदि की जांच की जा रही है।
सांखला ने बताया कि कई फाईलों में यह जांच की जा रही है। सांखला के अनुसार फाईलों की संख्या दस बारह से अधिक हो सकती है। स्टाफ कर रहा है यह जांच।
बताया गया कि यह जमीनों की जांच शिकायत पर चल रही है और गड़बड़ मिली तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र सिंह भादू व भाईयों के कटले को 13 दिसंबर 2019 को सीज किया गया था कि ताजी जानकारी में बताया कि यह प्रकरण उपनिदेशक बीकानेर के समक्ष विचाराधीन है। भादू भाईयों ने उपनिदेशक के समक्ष अपील की है। ईओ को भी नोटिस मिले हैं। अभी तक दो तारीखें पड़ी हैं जिन पर अन्य सरकारी कार्यों के कारण पहुंचा नहीं जा सका।
ईओ से स्पष्ट पूछने पर उत्तर मिला कि भादू कटले की जांच सीज आदि की किसी भी प्रकार की कार्यवाही रंजिश से नहीं की गई है,जो भी कार्रवाई की गई वह कटले निर्माण में स्वीकृति के विपरीत पाए जाने पर नोटिस और जवाब मिलने पर नियमानुसार की गई थी। अब आगे निर्णय उच्चाधिकारियों के द्वारा होगा।( वार्ता 20 फरवरी 2020) 00( ब्लास्ट की आवाज. कापी नहीं करें)
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शनिवार, 22 फ़रवरी 2020
गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020
सूरतगढ़-ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय की भूमि किसकी-विवाद उठा तूफान- पहले था किसान छात्रावास:
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 20 फरवरी 2020.
सेठ रामदयाल राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य के एक पत्र से ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय के भवन और भूमि पर विवाद खड़ा हो गया है। नगर पालिका से इसकी जांच की मांग की गई है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद सांखला ने ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय के संचालक को जमीन आदि के कागजात 26 फरवरी को पेश करने का नोटिस दिया है।
ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय भूमि और भवन पर संचालित हो रहा है वहां पहले किसान छात्रावास था। किसान छात्रावास बाहर से शिक्षा लेने के लिए आने वाले विद्यार्थियों के लिए बनाया गया था लेकिन उस छात्रावास को बंद कर दिया गया
अब वहां हजारों रुपए प्रत्येक छात्र से फीस वसूल कर लाखों रुपए इकट्ठे करने वाला अंग्रेजी माध्यम का स्कूल संचालित किया जा रहा है।
यह बदलाव कैसे हुआ और यह लाखों रुपए कहां जा रहे हैं इसका किसी को मालूम नहीं है।
जांच से सामने आएगा कि असल में यह मामला क्या है?
इस पर भादु परिवार के एक नेता ने अधिकार कर रखा है,जो जांच से स्पष्ट होगा कि किसान छात्रावास के बजाय उसमें स्कूल कैसे चलाया जाने लगा? प्रारंभ में संचालन की ईच्छा रही तो उसका संचालन स्वरूप कैसे बदल दिया गया।
संचालन में ढील अनदेखी के कारण यह खंडहर भी बना और कचरा गंदगी इसमें डाली जाने लगी थी।
चौ.मनफूलसिंह भादू जब लोकसभा सदस्य काल में इसका पुनः निर्माण करवाया। उन्होंने जनसहयोग भी लिया। इसके पुनः निर्माण के बाद भी छात्रावास ही रहा। इसकी संचालन समिति में रामनारायण गोदारा भी रहे। इसके स्वरूप को बदलने की बातें होने लगी उस चक्कर में गोदारा का विरोध था। इसलिए गोदारा को हटा दिया गया तथा समिति का नया रूप आया। महेंद्र भादू को उस समय अध्यक्ष बनाया गया। (मेरी याददाश्त से)
अब इसकी संचालन समिति में कौन है यह सब परदे के पीछे है।
इसके लिए कुछ साल पहले भी छात्रों ने आंदोलन किया था कि इसे छात्रावास के रूप में ही चलाया जाए।००
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