सूरतगढ। राष्ट्रीय उच्च मार्ग के पास सनसिटी रिसोर्ट के पीछे खाली पड़े विशाल भूखंड की मील के विधायक काल में कांग्रेस के बड़े लोगों ने नगरपालिका जमीन की बंदरबांट की। इसमें निजी कहे जाने वाले जी हजूरी करने वाले सात पत्रकारों को भी गैर कानूनी रूप से प्लाट दिए गए। इन प्लाटों की नींव भर कर छोड़ा हुआ है। चर्चा यह होती रही है कि मील साहेब ने पत्रकारों को यह कॉलोनी दी। इन पत्रकारों व अन्य लोगों के अतिक्रमणों की जांच एक साथ ही चल रही है। इसमें मील व वली के लोगों के बेनामी कब्जों को आरोप हैं।
पिछले सत्ताधरी के एक कम्प्यूटर में पत्रकारों के नाम की सूची थी लेकिन अब कोई पत्रकार सामने आना नहीं चाहता।
वसुंधरा राजे के सरकार आपके द्वार के दौरे में अचानक इस भूखंड व उस पर अतिक्रमण हुए सभी प्लाटों की जांच शुरू हुई। उप निदेशक स्वायत शासन बीकानेर हजारीलाल ने मौका देखा व संबंधित रिकार्ड भी प्राप्त किया। इस स्थान की विडियोग्राफी भी कराई जाने की सूचना है।
हजारीलाल के मौका देखे जाने के बाद यह खबर बड़े दैनिकों व अन्य अखबारों में नहीं छपी। ब्लास्ट की आवाज में छपी तब खलबली मची जो अभी तक चल रही है। खबर छपने से पत्रकार ही तैस में आए लेकिन किसी ने भी शिकायत कर जांच कराने वाले के बारे में मालूम करने की कोशिश नहीं की। शिकायत क्यों की गई?
यह महत्वपूर्ण शिकायत कृष्ण सोनी आजाद पत्रकार,संपादक सीमा की ललकार निवासी सूरतगढ़ ने की और उन्होंने स्वीकारा है कि इस जांंंच के पूरी होते ही अतिक्रमण हटा दिए जाऐंगे। इस प्रकार के संकेत जांच के तरीके से लग रहे हैं।
सोनी ने उस समय के विधायक व पत्रकारों की शिकायत आखिर क्यों की?
सोनी ने बताया कि नगरपालिका सूरतगढ़ में अधिशाषी अधिकारी पृथ्वीराज जाखड़ आया जो मील का खास था और उसके होते ये अतिक्रमण कराए गए। पृथ्वीराज की किसी सूचना पर कृष्ण सोनी से टकराव हुआ। पृथ्वीराज ने कृष्ण सोनी को जेल में पहुंचाने के लिए एक मुकद्दमा दायर किया। उसमें पार्षद राजाराम गोदारा का बेटा महेन्द्र गोदारा गवाह बना। यह सारा प्रकरण कृष्ण सोनी आजाद को सीधा करने के लिए किया गया जिसमें पत्रकारों की शह रहने का आरोप भी है। पत्रकारों ने कृष्ण सोनी को रत्ती भर साथ नहीं दिया। कृष्ण सोनी अकेला लड़ता रहा और उसने यह शिकायत पृथ्वीराज व उसके काल में कराए गए कब्जों की। कृष्ण सोनी ने इसके बारे में ताजा बयान भी बीकानेर में दर्ज करवा दिया है। एक प्रकार से अब यह शिकायत कृष्ण सोनी की नहीं रही अब राज्य सरकार का दखल हो गया है। अब राज्य सरकार कार्यवाही करने में जुटी है। संकेत ये आ रहे हैं कि जल्दी ही जांच पूरी होने के बाद वहां के सभी अतिक्रमणों को साफ कर दिया जाएगा।