सोमवार, 31 दिसंबर 2018

सफाई निरीक्षक निलम्बित- निरीक्षण मेंं गंदगी पर कलेक्टर का सख्त निर्देश-कहांं हुआ?

जिला कलक्टर ने शहर श्री गंगा नगर के दौरे के दौरान सफाई व्यवस्था तथा कचरे के उठाव को भी देखा। उन्होंने वार्ड नम्बर 33 में सफाई व्यवस्था संतोषजनक नही पाये जाने पर संबंधित सफाई निरीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये। आयुक्त नगरपरिषद ने वार्ड नम्बर 33 के कार्यवाहक सफाई निरीक्षक राजकुमार को निलम्बित कर दिया है। 

निरीक्षण के दौरान नगर विकास न्यास के सचिव श्री कैलाशचंद शर्मा, आरएसआरडीसी के अधीक्षण अभियंता श्री सुमन बिनोचा, आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता श्री दलीप गौड, अधिशाषी अभियंता न्यास श्री संदीप नागपाल, सहायक अभियंता श्री  मंगत सेतिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्ट्रेट के दो कार्मिक गोपाल खड़गावत व इन्द्र सिंह सेवानिवृत-क्या बोले कलेक्टर


*इंसान की पूजा उसके काम से होती हैः- जिला कलक्टर*

श्रीगंगानगर, 31 दिसम्बर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि कोई भी अधिकारी कर्मचारी राजकीय सेवाओं में आता है, तो सेवाओं के साथ ही सेवानिवृत होने की तिथि अंकित हो जाती है। कर्मचारी की छाप उनके द्वारा किये गये अच्छे कार्यों से बनती है तथा उन लोगों को सदैव याद किया जाता है, जिन्होंने लगन, समर्पण की भावना से सेवाएं दी है। 

    जिला कलक्टर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री गोपाल खड़गावत एवं सहायक कर्मचारी श्री इन्द्र सिंह के सेवानिवृत होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का कार्य दिन रात तथा अवकाश के दिन भी जारी रहता है, ऐसे में जो कार्मिक अपनी लगन से अवकाश के दिन भी अपनी सेवाओं को देते है, उनसे नये कार्मिकों को सीख लेनी चाहिए तथा कभी भी काम से मन नही चुराना चाहिए। इंसान की पूजा काम से होती है। उन्होंने कहा कि काम में विश्वास करने वालों को सदैव सम्मान मिलता है। उन्होंने सेवानिवृत कार्मिकों तथा पुराने कर्मचारियों से कहा कि नये कार्मिकों का मार्गदर्शन करे तथा उन्हें नियमित कार्यशैली अपनाने हेतु प्रेरित किया जाये। 

एडीएम प्रशासन श्री नख्तदान बारहठ ने कहा कि अंतरमन की भावनाओं को मुखर करने वाले श्री गोपाल खडगावत एक कार्यशील कर्मचारी थे। उन्होंने अपने उतरदायित्वों को भली प्रकार से निभाया है। इसी प्रकार इन्द्रसिंह भी सदैव अपने कार्यों के प्रति सजग रहे है। अतिरिक्त जिला कलक्टर सर्तकता श्री गोपाल राम बिरदा ने कहा कि राजकीय सेवा में आने के बाद समस्त कार्मिकों को अपने उतरदायित्वों को भली प्रकार से समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ कार्मिक ऐसे होते है, जो स्वतः ही आगे बढकर अपने कार्य को पूरा करते है। उन्होंने सेवानिवृत दोनों कार्मिको के सुखद भविष्य की कामना की। सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री गोपाल खडगावत लगभग 38 वर्ष की सेवाएं पूरी करने के बाद तथा इतनी ही लम्बी सेवाओं के बाद श्री इन्द्रसिंह सेवानिवृत हुए है। 


शनिवार, 29 दिसंबर 2018

कई बड़े लोगों पर संकट:स्विस पुलिस ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील से जुड़े दस्तावेज सौंपे:


स्विस पुलिस ने ईडी को हेलीकॉप्टर डील से जुड़े कई ऐसे दस्तावेज सौंपे हैं, जिनका राज अब मिशेल खोलेगा।

 स्विस पुलिस द्वारा हेलीकॉप्टर डील के एक अन्य मध्यस्थ गुडडो हश्के की मां के पास से कई अहम दस्तावेज हासिल किए गए हैं। अब मिशेल से पूछताछ में यह पता लगाया जाएगा कि उसने भारत और दूसरे मुल्कों में बैठे कितने लोगों तक रिश्वत का पैसा पहुंचाया है। साथ ही जांच एजेंसी यह भी पता लगाएगी कि वह पैसा मनी लॉंड्रिग के जरिए किस तरह से इधर-उधर किया गया था। मिशेल ने इसके लिए कौन सी विधियांअपनाई थी। ईडी के मुताबिक, मिशेल ने दिल्ली में कहां-कहां और कितने लोगों से मुलाकात की है, यह सच्चाई भी अब जल्द सामने आएगी। स्विस पुलिस ने 2013 में बिचौलिये गुडडो हश्के को गिरफ़्तार किया था। बाद में वह इस केस में गवाह बन गया।उसने अगस्ता वेस्टलैंड से जुड़े कई पदाधिकारियों का नाम बताया था, जिन्हें बाद में वहां की कोर्ट से सजा भी मिल गई है। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में शामिल रहे पूर्व एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी और उनके भाई को कहां, कैसे और कितनी रिश्वत दी गई थी, यह राज भी गुडडो हश्के ने खोला था। ईडी का कहना है कि स्विस पुलिस ने हश्के की मां के कब्जे से कई अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों में कई नए लोगों के सामने आ रहे हैं। इनमें कई भारतीय नौकरशाह और नेता भी शामिल हैं। ईडी अब इन्हीं दस्तावेजों की मदद से मिशेल से पूछताछ कर यह पता लगाएगी कि दिल्ली में किन ठिकानों पर वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे की रिश्वत दी गई थी। सरकारी सूचनाओं एवं गोपनीय दस्तावेजों का आदान प्रदान कैसे हुआ, मिशेल से यह पूछा जाएगा कि दिल्ली में स्थित सैनिक फार्म का वो बंगला कौनसा है।

इस बंगले पर क्रिश्चियन मिशेल के परिचित और त्यागी बंधुओं के जानने वाले लोगों की अहम बैठक होती थी। इस सौदे के सिलसिले में खुद मिशेल 50-60 बार भारत आया था। इस केस से जुड़े रमेश कुमार नंदा, जो कि मिशेल के बिज़नेस सहयोगी रहे हैं, वे ईडी के समक्ष पहले ही यह बात कह चुके हैं कि क्रिश्चियन मिशेल और उनके जानकारों को होटल हयात से सैनिक फार्म तक ले जाने वाला शख्स पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी का चचेरा भाई संजीव त्यागी ही था। सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में यूपीए सरकार के दौरान एक प्रभावशाली नेता जो कि सरकार में नहीं था, लेकिन वह केंद्र के किसी भी मंत्री से बड़ी पहुंच रखता था, मौजूद बताया गया है। 

इसके अलावा एयरफोर्स व रक्षा मंत्रालय से जुड़े कई अधिकारी भी उक्त बंगले में थे। ईडी अब मिशेल से यह जानकारी हासिल करेगी कि सैनिक फार्म स्थित बंगले में हुई मीटिंग में कौन कौन लोग थे। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में किन लोगों ने जानकारी लीक की थी। मिशेल ने बिचौलिये को कितना पैसा दिलवाया और उसे कहां पर निवेश किया गया। रक्षा मंत्रालय की फाइनेंस कमेटी और टेंडर की जानकारी बिचौलिये तक किसने पहुंचाई थी, आदि सवालों का मिशेल से लिया जाएगा। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी होते ही मिशेल व दूसरे बिचौलियों तक यह जानकारी किसने पहुंचाई थी। जांच एजेन्सी के सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान नंदा और मिशेल को आमने-सामने बैठाया जा सकता है।

 

नंदा ने ईडी को दिए बयान में क्या कहा था...


रमेश कुमार नंदा ने ईडी के समक्ष 9 फरवरी 2015 को दिए अपने बयान में कहा था, वह दिल्ली में पहले मिनी पेन 'इंडिया' प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था। इसके बाद उसने सुप्रीम एयरवेज के नाम से खुद का कारोबार शुरु किया। कुछ समय बाद उसने मिशेल के सहयोग से और एक अन्य पार्टनर जेबी बाला सुब्रमण्यम के साथ मिलकर मीडिया एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड का गठन कर लिया था। यह कंपनी 2005 में स्थापित की गई थी। इसमें आरके नंदा का हिस्सा 99 प्रतिशत, जबकि सुब्रमण्यम का स्वामित्व केवल एक फीसदी रहा है। इस कंपनी की बोर्ड मीटिंग कभी नहीं हुई, क्योंकि जेबी बाला सुब्रमणयम मंबई में रहते थे और उनके बाद में नंदा ही कंपनी का कामकाज देखते रहे। उन्होंने अपनी स्टेटमेंट में लिखा है कि वह यह सब क्रिश्चियन मिशेल के कहने पर ही करता था। 

साल 2005 से 2007 के बीच क्रिश्चियन मिशेल ने दुबई से छह-सात करोड़ रुपये भेजे थे। यह पैसा मीडिया एग्जिम के सिटी बैंक और एचडीएफसी बैंक के खातों में जमा कराया गया था। प्रारंभ में उसे बताया गया कि वह जेवरात और म्यूजिक सीडी का काम कर रहा था। किसी वजह से यह सामान एक्सपोर्ट नहीं हो पाया और उसने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए वह पैसा लगवा दिया। यह सारा पैसा क्रिश्चियन मिशेल ने दुबई स्थित अपनी कंपनी ग्लोबल सर्विस एफजेडई के नाम से ट्रांसफर किया था। मिशेल ने इस पैसे से ही सफदरजंग एंक्लेव में ए2/75 प्रॉपर्टी खरीदी गई थी। इस मकान पर एक ड्राइवर भी रखा गया, जो मिशेल को एयरपोर्ट पर छोड़ने और लेकर आने का काम करता था। नंदा ही उसकी सेलरी देते थे। उसने चार-पांच साल क्रिश्चियन मिशेल के साथ काम किया था और वह उससे आखिरी बार 2012 में एयरपोर्ट पर मिला था। बतौर नंदा, इसके बाद वह कभी भारत नहीं आया। एक दिन दुबई से मिशेल का फोन आया कि मार्क पीटर और क्रिस आदि उसके तीन दोस्त दिल्ली आ रहे हैं। वे हयात में ठहरे हैं और उन्हें सैनिक फार्म तक छोड़ दें। संजीव त्यागी भी लेने आया था। 2008 में भी त्यागी कई बार वह मिशेल से मिला था।


मिशेल पर लगे हैं ये आरोप 


मिशेल ने कई दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की उड़ान सीमा को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर करा दिया गया। अन्य आरोपियों में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी, उनके परिवार के सदस्य और कई दूसरे नौकरशाह शामिल थे। बता दें कि उड़ान सीमा घटने की वजह से ही अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी हेलिकॉप्टर का अनुबंध पाने की दौड़ में आगे आ सकी थी। 3600 करोड़ रुपए से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद का सौदा किया था, लेकिन अनुबंध शर्तो के उल्लंघन और कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए रिश्वत बांटने के आरोप लगने के बाद भारत सरकार ने 2014 में यह सौदा रद्द कर दिया था। 


शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

सूरतगढ़ में राजपूत क्षत्रिय धर्मशाला निर्माण तीव्र प्रगति पर

** करणी दान सिंह राजपूत **

राजस्थान के सूरतगढ़ में राजपूत क्षत्रिय करणी माता मंदिर परिसर में भव्य धर्मशाला का निर्माण तेज गति से चल रहा है। यह मंदिर हनुमानगढ़ श्री गंगा नगर बाईपास पर शहर से सटा हुआ है जहां पर देशनोक करणी मां की अनुक्रति शिला प्रतिमा स्थापित है। 

राजपूत क्षत्रिय समाज की धर्मशाला निर्माण की चर्चा और विचार पिछले कई सालों से चल रहा था। वर्तमान संचालन समिति के द्वारा धर्मशाला निर्माण का निर्णय संकल्प लेकर किया गया और यह शुभ कार्य शुरू हुआ।इस निर्माण में राजपूत समाज के कई प्रतिष्ठित सदस्यों ने अपनी श्रद्धा से अच्छी खासी रकम भेंट की है। अन्य राजपूत सरदार जो समाज को आगे बढ़ाने में सोच रखते हैं, जो सूरतगढ़ में आसपास या अन्यत्र रहते हैं वे भी इस निर्माण में अपनी श्रद्धा से धन राशि भेंट कर सहयोग प्रदान कर सकते हैं।

इस सहयोग के लिए वर्तमान अध्यक्ष मल सिंह जी भाटी जिनके मोबाइल नंबर 94135 43 490 और संंरक्षक लाल सिंह बीका के मोबाइल नंबर 94148 75652 पर संपर्क कर सकते हैं।


 

गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

रेलयात्रा:वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं का लोअर बर्थ कोटा बढाया

27-12- 2018.

रेलवे ने मेल, एक्सप्रेस, राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों और महिला यात्रियों के लिए लोअर बर्थ (निचली सीट) का कोटा बढ़ा दिया है।

 गुरुवार 27-12-2018 को जारी एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है। 

वर्तमान में वरिष्ठ जनों और  45 वर्ष या उससे अधिक की उम्र वाली महिलाओं व गर्भवती महिलाओं के लिए रेलगाड़ी के शयनयान, एसी-3 टीयर और एसी-2 टीयर में 12 लोअर बर्थ निर्धारित की गई है। राजधानी, दुरंतो और अन्य पूर्ण रूप से वातानुकूलित एक्सप्रेस ट्रेनों में इनके लिए आरक्षित सीटों की संख्या सात है।

रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश में कहा गया, 'इस मामले की समीक्षा की गई है और यह निर्णय किया गया है कि वरिष्ठ जनों, 45 वर्ष या उससे अधिक की उम्र वाली महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए संयुक्त आरक्षण कोटा को बढ़ा दिया जाए।

बयान में कहा गया कि बोर्ड ने कोटा को संशोधित करते हुये उन मेल एक्सप्रेस ट्रेनों, जिनमें इन श्रेणी का एक ही डिब्बा है, उनमें इसे बढ़ाकर 13 सीट कर दी गयी हैं। जबकि उन ट्रेनों में , जिनमें इन श्रेणी के एक से अधिक डिब्बे हैं, उनमें सीटों की संख्या बढ़ाकर 15 की गयी हैं। उसमें आगे कहा गया कि राजधानी, दुरंतो और अन्य एसी ट्रेनों में आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ाकर नौ कर दी गयी है।

परख -राजस्थानी कहाणियां री अेक टाळवीं पोथी “किंयां..: -भवानी शंकर व्यास ‘विनोद‘

मनोजकुमार स्वामी री कहाणियां री पोथी “किंयां “ पढ़ती बेळा पाठका नै केई टाळवां, तीखा, अर अमूजो उपजावै जिसा सवालां सूं भचभेड़ा करणा पड़ै। इण रै लारै देस -विदेस रै रचनाकारां री रचनात्मता खेचळ री, वां री दीठ अर संवेदण री लांबी जातरावां रा भांत भांत रा पड़ाव है। आज सूं 137 बरस पैलीनार्वे रा रचनाकार हेमरिक इब्रानआपरै काळजीतणै नाटक ‘ए डॉल्स हाऊस ‘ में आ थरपणा करी कै, “लुगाई आपरै विचारां री धिराणी है, वा आपरा फैसला खुद ई लेवै अर मोकळा अळूझाडां अर अबखायां रै बिचाळै नींं तो किणी रो धणियाप मानै अर नीं खुद री सुंततरता रै सागै समझौतो ई करै।” नारी सुतंतरता री बात पैलीपोत उण नाटक में साम्ही आई ही। दूजै कांनी लुगायां रै मनोविग्यान री पारखी ‘सीमोन द बउआ अर वर्जीनिया वूल्फ‘ रो मानणो है कै, “लुगाई आपरै चौफेर(परिवेश) री उपज हुया करें ओ उणनें जियां ढाळणो चावै, वा ढळती जावै। उणरो कोई अलायदो चेतन आपो नीं हुवै। वा हाड-मांस री जीवंती-जागती काया नीं हुयर कोरी अेक जिनस हुवै। समाज रै छळछंदा में दळीजती रैवै, तड़बड़जती रैवै पण चुंकारो ई नी करै।” तीजै कानी आज री कहाणियां रै गुंथाव में आज रै जीवण रा चितराम है। कृष्णा सोबती रो मानणो है कै, “कहाणी रो रचाव नी तो कोई धरम-चरचा है अर नीं सत्संग, अर नीं कोई जमो-जागण ई है। कहाणी मे तो आज रा जीवण झळकणो चाईजै।
अै सील अर अस्लील री थोथी बांता अबै काम नीं आवै। कहाणी में जो आज रै समाज रो पड़बिंब नीं हुवै तो वा साव बेकार है। अै मान-मरमजात रा चोचला अबै नीं चालै।”
अेक और दीठ प्रेमचंद जिसै लेखकां री है। जिका मिनख रै मनोग्यिान नैं साम्ही लावै। जियांं , पंचपरमेश्वर, नशा अर कफन में है। च्यारूंमेर फैलियोड़ै भिस्टाचार माथै चोट करै, जियां नमक का दरागो में है। अै कहाणियां चावै नैतिकता री भावभोम री भलांई हुवो पण कहाणी री लगैटगै सौ बरसां री जातरा माथै आं कहाणियां आपरी छाप तो छोड़ी‘ज है। अबै देखणो है कै, मनोज स्वामी री कहाणियां में आं च्यारूं विचारां सूं कठै तांई समानता है। अर कठैतांई इण संग्रै री कहाणियां आपरै तेवर अर तासीर में, सोच अर संवेदण में साव अलायदै धरातल माथै रचीजी है।
इब्सन री मान्यता कै, लुगाई आपरै जीवण रा फैसला लैवणै में सुतंतर है, किणी री दबेल कोनी आ बात इण संग्रै री लगैटगै च्यार कहाणियां मांय साम्ही आवै। ‘च्यार टाबरां री मां‘ इमरती न्याव रै खातर बीसूं अबखायां रै बिचाळै जोरावर चौधरीयां सूं, पुलिस-सत्ता सूं, धन अर धरम री धमाचौकड़ी सूं अर कूड़ी समाजू संस्थावां सूं अेकली मोर्चो मांडै। इणी भांत नारी सुतंतरता रा भाव ‘सात लाख रो पाणी‘ कहाणी में आधुनिक जीवण सैली ढळियोड़ी सतै री बीनणी, “कैदी” कहाणी री जोरावर जेलर(घर धिराणी) अर अेक सींव तांई ‘गुमड़ियो कहाणी मांय धणी री पीड़ सारू लूपरियो करणै री ठौड़ देवी देवतावां नै धोकण वाळी लुगाई माथै ई लागू हुवै।
दूजै कांनी ‘अट्टो-सट्टो‘ कहाणी में अधखड़ का पछै पांगळै बीन सूं परणीजण वाळी काची उमर री बेबस छोरियां माथै लागू हुवै। फेरूं चावै ‘सुवाल‘ कहाणी री किरण हुवो चायै ‘किंया‘ कहाणी री वै लुगायां हुवो जिकी मिनख रै सुवाद नें पळटण सारू आप-आप रै डील रो सौदो करणै में अर भोग री जिनस बणनै में भागीदार बणै। इणी कठपूतळीपण री निसाणी है। चार्वाक जीवण सैली री कहाणी ‘किंया‘ धरम-करम, मान मरजादा अर नैतिकता रै पचड़ै में पड़‘र आज रै जीवण रो अेक सखरो दरसाव देवै। आधुनिक लेखकां री कहाणियां (कृष्णा सोबती, मैत्रेयी पुष्पा आद) में अैड़ा दरसाव दड़ाछंट आवता रैवै। प्रेमचंद जिण भिस्टवाड़ै अर सूगलवाड़ै रो बखाण कियो हो, उण री कीं न कीं झलक ‘आली चामड़ी‘, ‘झाड़ागर‘ अर ‘च्यार टाबरां री मा‘ कहाणियां में मिलै। सिद्धांत रूप में च्यार तरै री प्रवृतियां मनोज स्वामी री कहाणियां में कठैई भलांई झलको पण तेवर अर तासीर में, संवेदना री संरचना में, मिनख रै मांयलै अमूजै नै दरसावण में कथ्य रै मोड़ अर मिजाज में, रिस्तां रै समीकरण मै, भासा रै रळकवैं प्रयोग में अर कहाणी रचणै रै सिल्प अर ढंग-ढाळै में मनोज स्वामी माथै किणी दूजै रचनाकार रो कोई पड़बिंब कोनी। मनोज स्वामी माथै जे किणी री छाप है तो वा मनोज स्वामी री‘ज है। वां री कहाणियां रो रचाव निरवाळो है, टकसाळी है अर पाठकां सारू अनुभव रै नुंवा खितिजां नै खोलण वाळो है।
म्हनै अै कहाणियां क्यूं दाय आई, उणरै लारै अेक नंही कम सूं कम दस कारण है। पैलो औ कै, हरेक कहाणी में खुद रो निजू कहाणीकार अर कथारस है। घटनां मांय सूं कहाणी निकाळण सारू अेक खास कौसल चाईजै। वो कौसल इण संग्रै री पंदरै री पंदरै कहाणियां में है। दूजो कै, सगळी कहाणियां आज रै जुगबोध सूं, आज रै जीवण सूं जुडि़योड़ी है। यूटोपियन रचना किणी में नीं है। नीजीकरण घणों महताऊ है। रूसी कथाकार चेखव नै कहाणी नै आपरै ढाळै ढाळण सारू संजोग रो सायरो लेवण में कीं आंट अर अड़चल नीं ही, जदकै मोमांस कहाणी रै निस्कर्स संजोग रै सायरै नै आछौ नीं मानता। तीजो कै, मनोज स्वामी री कहाणियां में जे कठैई संजोग है तो कहाणी नें मनमरजी रो मोड़ देवण सारू नीं है। संजोग हुवो चावो नीं हुवो, वां री कहाणियां में सुवभाविक विगसाव में आ बात आडी नीं आवै। ‘हारग्यो‘ कहाणी रै नायक भागू रै जीवण में संजोग री केई थितियां आवै पण वै उणरै हुंस अर हौसलै नैं कमती नीं कर सकै।
मनोज स्वामी माथै नीं तो चेखव अर नीं मोपासां रो अेक तरफो असर है।चौथी बात भांत-भांत री सैलियां नै आछी तरै परोटण री है। संवाद सैली तो लगैटगै सगळी कहाणियां में है। छोटा-छोटा वाक्य, ओपता संवाद, सवाल अर पड़ूतर अर निरवाळी कसावट कहाणी नै थुलथुलैपण सूं बचावै। संवाद सैली रै अलावा कठैई बिम्बात्मक है तो कठई प्रतीकात्मक सैली, कठैई फ्लैस बैक है तो कठैई फंतासी सैली, कठैई विवरणात्मक है तो कठैई रेखाचित्रात्मक सैली। कहाणियां में प्रयोग तो है पण लेखक वां नै निरी प्रयोगसाला बणाणै सूं बचावण में सफल रैयो है। 
पांचवीं विसेसता कहाणियां री भासा  नै लेय‘र है। म्हनै अैड़ी रूड़ी, रळकवीं, असरदार अर सुभाविक भासा साचाणी विस्मय जनक लागै। आंचलिक सबदां अर मुहावरां सूं सजियोड़ी इण भासा में नीं तो कठैई सबद छळ है, नीं आडंबर है। अर नीं पंडिताई दरसावण रा भाव ई है। नमूनें सारू अै ओळ्या पढ़णै जोग है- “छोरी सट्टै छोरी रो सौदो तै हुग्यो जाणै, उरणती देयर पाडियो लियो हुवै, वो ई जुंवा रो खायेड़ो। इण सौदै में अेक जुवान मोट्यार छोरी अर दूजी बाण औस्था री छोरी सरैआम इण समाज री मानखी भूख री भेंट चढ़सी। अेक सारू अधखड़ बित्योड़ो अर दूजी सारू पांगळो, जिण रै ढंुगा हेठीटांग कोनी, पण दोनुवां नै भोगण सारू खेलणियो चाईजै।” ०००(2)००० “अरे बड्डा के चाम सट्टै चाम ल्यार चौड़ा हुवै, सीधे परणार ल्यांवता दिखाण।” कोई गळी में ओ केयर पार बोल्यो।‘ (अट्टो-सट्टो पेज 11,12,13)
छठै कांनी कहाणियां में कीं अैड़ी ओळयां है जिकी जीवण दरसण रै उद्धरणां रो रूप लेय सकै। अै उद्धरण पाठे-मन में रड़कता रैवै, वो भूलणो चावै तो ई नीं भूल सकै। जियां “अेक गुमडि़यो म्हारै काळजै मायं ई फूटग्यो, उण री रस्सी आंख्यां मांयकर निसरै ही।”       ( गुमडि़यो पेज 22) 
(2)“देख हर साथी साथ निभावै आ जरूरी कोनी, हर वादो पूरो हू ज्यावै आ जरूरी कोनी, केई लासां नागी भी रैहज्यावै भायला, हर लास नै खाफण मिल ज्यावै आ भी जरूरी कोनी।”( भायला पेज 27)
(3) “अरे! यार नां तो फीको हूं। अर ना तातो। आपां सगळा कैदी ई तो हां उमर रै इण पड़ाव पर सजा काटणी पड़ै। हूं तेरी नीं मेरी बात करै हो।”(कैदी पेज 31)
(4) “करां के, बठैई थै थारै खानी सूं दरखास्त देयर बणवाओ नीसं तो थारै ई रमाण बधजैगी। भाईड़ा साच्याणी अणहोई भींत सूं काठी हुवै।” ( भींत सूं काठी पेज 30)
सातवो कारण कहाणी रै अंत  नै लेयर है। पाठक कहाणी पढ़तो जावै पण कहाणी रो अंत किंयां हुवैला, इण रो अंदाज वो पेला सूं नीं लगाय सकै। अै कहाणियां सीधी सपाट अर सरल रेखा में चालण वाळी नीं होय‘र घुमावदार है। अचाणक कोई कौध्ंा, कोई बदळाव इसो हुवै कै, कहाणी नुंवो मोड़ लेय लेवै। ‘सात लाख रो पाणी, ‘हुवो चावै ‘वोट फोरणा है, ‘ ‘हारग्यो‘ हुवो चावै, ‘ आली चामड़ी, ‘बेटो बऊ‘ हुओ चावै ‘झाड़ागर‘ अै सगळी कहाणियां केई अैड़ा घुमाव लेवै जिकां रै बारक् में पाठक पैला सूं नीं सोच सके।
आठवीं बात कथानक री है। सबळा कथानक अेक-दुजै सूं न्यारा है। कथानकां में नी ंतो दुसराव है अर नीं घिसी-पीटी बातां री कोई पड़त है। हरेक कथानक आप-आपरा नुंवा खितिज खोलै, पाठकांरी जिग्यासा बधावै अर जीवण रै सागै जुगलबंदी करतो रैवै। नींतो कठैई कोई अल्लम गल्लम है, नींतो  कोई बिखराव अर नीं कोई गैर जरूरी विस्तार।
नंवै कांनी दुंद अर तणाव रा केई अैड़ा दरसाव है जिका कहाणियां नै अेक न्यारो-निरवाळो रूप देवै। अै दरसाव ‘कैदी‘, ‘भींत सूं काठी‘, ‘सुवाल‘ अर ‘आली चामड़ी‘ कहाणियां में है। ‘कैदी‘ कहाणी में कैदी री जूण भूगतण वाळै आज रै मिनखरी पीड़ा है।  ‘भींत सूं काठी‘, कहाणी में वारस प्रमाण पत्र बणावण सारू जागा-जागा फोड़ भुगतण रा, दफ्तरी कानूनां रै आळ जंजाळ रा, वकीलां रै दावपेच में पजण अर रिस्वत री राफड़ लीला सूं जुडि़योड़ा केई तणाव है। आ ई बातं ‘सुवाल‘ अर ‘आली चामड़ी‘ कहाणियां में है। ‘सुवाल‘ री किरण अर ‘आली चामड़ी‘ रो भैरो मेघवाळ जिकै तणावां मांय सूं निसरै वै संवेदनसील पाठकां नै मांय झकझोरदै।
अर छेकड़लो दसवों बिन्दूं संरचना सूं बेसी कहाणियां में विनसमत संवेदण रा है। कहाणीकार तटस्थ दरसक हुवण री जागा वां सगळा निरबळ, दुखी अर तळतळीजता पात्रां सारू साची हमदरदी अर कंवळो काळजो राखै जिका आं कहाणियां में पीड़ा भोगण सारू लाचार है।
टूकै में कैयो जाय सकै है कै, अै कहाणियां साहित्य री दूजी विधावां री भेळप रै कारण बेसी अरथवान बण सकी है। इयां में कठैई कविता वाळो लालित्य तो कठैई बातपोसी वाळी रंजकता, कठैई संस्मरणां रो आस्वाद है तो कठैई सबद चितरामां रा सांगोपा्रग चित्रण, कठैई निबंधा वाळी कसाावट है तो कठैई विरतांतां वाळी रोचकता।
म्हे इण पोथी “किंयां.......!!!“ रो सुवागत करूं अर कामना करूं कै, मनोज स्वामी लगोलग इसो करता र।वै जिको कथात्मकता अर कलात्मकता रै स्तर माथै खरो उतरै।
- भवानी शंकर व्यास ‘विनोद‘,
  सरस्वती 9 पवनपुरी, बीकानेर-334003.
     (093526-53164)

888888888888888888888888888888888888888888
 

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

श्रीगंगानगर जिला कलक्टर श्री एन शिवप्रसाद मदान ने कार्यभार संभाला


 श्रीगंगानगर, 26 दिसम्बर2018।
 राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में पद स्थापित जिला कलक्टर श्री एन शिवप्रसाद मदान ने जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट का कार्यभार संभाल लिया है। जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने श्री मदान को कार्यभार सौंपा।
    कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिला कलक्टर श्री मदान ने कहा कि इस क्षेत्र के किसानों व उनसे संबंधित समस्याओं का निराकरण मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। मेरा प्रयास रहेगा कि किसानों से जुड़ी समस्याओं का निदान हो। इसके अलावा सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के साथ किया जायेगा। इस क्षेत्रा में समाज के सभी वर्गो के साथ संवाद बनाये रखना भी प्राथमिकता में रहेगी।
उन्होंने कहा कि आमजन की सुनवाई करना तथा उनका समाधान किया जायेगा। आमजन द्वारा प्राप्त होने वाली समस्याओं का त्वरित गति से निदान किया जायेगा, जिससे आमजन को राहत मिल सकें। उन्होंने उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की तथा जिले की कानून व्यवस्था तथा अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन श्री नख्तदान बारहठ, अतिरिक्त जिला कलक्टर सर्तकता श्री गोपालराम बिरदा, एसडीएम श्री सौरभ स्वामी, न्यास सचिव श्री कैलाशचंद शर्मा तथा जिला रसद अधिकारी श्री पार्थ सारथी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

****************************************************



शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018

न जेबें भरी न किसी को भरने देंगे- गंगाजल मील पूर्व विधायक


सूरतगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए पूर्व विधायक गंगाजल मील ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में लोगों की समस्याएं सुलझाने में कोई कसर नहीं रखी जाएगी। अब प्रदेश में हमारी कांग्रेस की सरकार बनी है जिसके माध्यम से इस क्षेत्र में कार्य करवाएंगे। सबसे बड़ी प्राथमिकता ट्रॉमा सेंटर को सुचारू करने राजकीय अस्पताल में सही व्यवस्था करने,सूरतगढ़ क्षेत्र में पारदर्शी अधिकारियों कर्मचारियों की नियुक्ति करवाने और अपेक्षित सिंगरासर माईनर का बजट स्वीकृत करवा कर निर्माण करवाना है।

गंगाजल मील ने उपस्थित लोगों के समक्ष कहा कि न तो हमने कभी जेबें भरी है और ना किसी को गलत रूप से भरने देंगे। मैं और हनुमान मील कंधे से कंधा मिलाकर जनता की समस्याओं का निराकरण करवाएंगे तथा काम करने वाले कार्यकर्ताओं का मान सम्मान बरकरार रखेंगे। मील ने कहा कि आगामी संसदीय चुनाव,नगर पालिका और पंचायत चुनाव में निश्चित रूप से हम विजय हासिल करेंगे। 

हनुमान मील कांग्रेस के प्रत्याशी थे जो भाजपा प्रत्याशी रामप्रताप कासनिया से हार गए। गंगा जल मील ने कहा कि कभी कभी जीत हार ऐसे समीकरण बन जाने से हो जाती है।


 

ढाबांझलार में नशामुक्ति जनजागृति कार्यशाला का आयोजन



श्रीगंगानगर, 21 दिसम्बर। जिला पुलिस अधीक्षक श्री योगेश यादव के निर्देशानुसार पुलिस प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से जिला स्तर पर चलाये जा रहे नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय ढाबांझलार में नशामुक्ति जनजागृति कार्यशाला का आयोजन पुलिस थाना सूरतगढ सदर के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम में नशामुक्ति विशेषज्ञ डा0 रविकांत गोयल ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कहा कि नशा किसी भी पदार्थ का हो, नशे की लत कितनी भी पुरानी क्यों न हो, बिना किसी तकलीफ के नशा छोडा जा सकता है। डा0 गोयल ने नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुये नशे से स्वयं बचने, नशा छोडने व नशा छुडवाने के सरल उपायों की जानकारी देते हुये उपस्थित जनसभा से समाज को नशामुक्त करने का आह्वान किया।
 पीएलवी इन्द्रमोहन सिंह जुनेजा ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को नशीले का कंटीला मार्ग त्याग कर विद्यार्जन के साथ साथ प्रतिदिन व्यायाम करने तथा समाज को नशे से बचाने हेतु अपना योगदान देने की प्रेरणा प्रदान की। ग्राम सरपंच सतपाल नायक ने प्रत्येक ग्रामवासी नशामुक्ति की शुरूआत अपने घर से ही करने की प्रेरणा देते हुये सम्पूर्ण ग्राम को नशामुक्त ग्राम बनाने का आह्वान किया।
 पुलिस थाना सूरतगढ सदर के एच0 एम0 छोटुराम ने विद्यार्थियों को अपने जीवन में अनुशासन का कडाई से पालन करने, नशे से दूर रहने तथा समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने हेतु प्रेरित किया।

 प्रधानाचार्य मुकेश वर्मा ने विद्यार्थियों एवं ग्रामवासियों को नशे की बुराइयों से अवगत कराते हुये नशे से दूर रहने तथा अपने आसपास को नशामुक्त बनाने की प्रेरणा प्रदान की, जिससे आने वाली पीढी नशामुक्त वातावरण में सांस ले सकें। कार्यक्रम में राबामावि ढाबांझल्लार व रा उमावि ढाबांझल्लार के विद्यार्थियों ने, अभिभावकों व ग्रामवासियों को डा0 गोयल ने जीवन भर नशा न करने की शपथ दिलवायी। 
 -----------




सोमवार, 17 दिसंबर 2018

1984 सिख दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा:


 *कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा*


*सिख विरोधी दंगों में पूरे 34 साल के बाद आया बड़ा फैसला*

*कांग्रेस नेता सज्जन कुमार 

निचली अदालत से बरी हुए, अब मिली उम्रकैद की सजा*

*3 राज्यों में सरकार बनाने के दिन ही कांग्रेस के लिए बुरी खबर*


नई दिल्ली 17-12-2018.


दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया है। दंगा भड़काने और साजिश रचने के आरोपी सज्जन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सज्जन को 31 दिसंबर 2018 को सरेंडर करना है। उन्हें शहर न छोड़ने का निर्देश दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में उसे सियासी हमले भी झेलने पड़ सकते हैं। 


दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला पढ़ते हुए कहा, '1947 की गर्मियों में बंटवारे के वक्त कई लोगों की हत्या की गई थी। 37 साल बाद दिल्ली में ऐसी ही घटना घटी। आरोपी राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाकर सुनवाई से बच निकले।' जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने यह फैसला सुनाया। सज्जन कुमार के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा हुई है। वहीं, किशन खोखर और पूर्व विधायक महेंदर यादव को 10 साल जेल की सजा हुई है। 

पूरे 34 साल के बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार को सजा हुई है, जबकि इससे पहले उन्हें बरी कर दिया गया था। दरअसल, सीबीआई ने 1 नवंबर, 1984 को दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में पांच सिखों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किए जाने के निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा था कि स्टेट मशीनरी क्या कर रही थी? घटना दिल्ली कैंटोनमेंट के ठीक सामने हुई थी। 


अकाली दल ने कहा, फांसी हो 


शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी जबतक कि सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर को मौत की सजा नहीं मिल जाती। उन्होंने गांधी परिवार को भी कोर्ट में खींचने और जेल पहुंचाने की बात कही। गौरतलब है कि मई 2013 में सीबीआई और पीड़ित परिवार के लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 


शनिवार, 15 दिसंबर 2018

जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर में था एजबेस्‍टॉस:कैंसर होने का आरोप क्या है?


^ कंपनी : रिपोर्ट रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में कंपनी के शेयर्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसके शेयर 10 फीसदी गिर गए। इससे पहले 19 जुलाई 2002 को कंपनी के शेयर्स में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।

-- जनसत्ता ऑनलाइन

December 15, 2018 साभार। --


* कंपनी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसके पाउडर से कैंसर होता है।*


डार्लिन कोकर जानती थी कि वह मर रही थी। वह सिर्फ जानना चाहती थी क्यों? वह जानती थी कि उसका कैंसर, मेसोथेलियोमा, उसके फेफड़ों और अन्य अंगों के आस-पास पहुंच गया था। यह जितना दुर्लभ था उतना ही घातक भी था। वह जानती थी कि यह ज्यादातर ऐसे पुरुषों को होता है जिन्होंने खदानों में एस्बेस्टस धूल को सांस के माध्यम से लिया हो। कोकर की बेटी कैडी इवांस ने कहा कि, 52 वर्षीय कोकर की दो बेटियां थीं और पूर्वी टेक्सास के एक छोटे शहर लंबरटन में एक मसाज स्कूल चला रही थीं। वह एस्बेस्टोस के संपर्क में कैसे पहुंची थी? “वह जवाब चाहता थीं।” मशहूर अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर आरोप लगा कि इसके बेबी पाउडर से कैंसर होता है। कंपनी पर इस चक्कर में 32 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना भी लग चुका है। हालांकि कंपनी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसके पाउडर से कैंसर होता है। अब रॉयटर्स की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कंपनी के पाउडर में एस्बेस्टस होता है इसकी जानकारी कंपनी को दशकों पहले से थी। आपको बता दें कि एस्बेस्टस से कैंसर होता है।

रिपोर्ट में इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए कहा कि कंपनी ही नहीं बल्कि इसके एग्जीक्यूटिव से माइन मैनेजर तक, सब इस बात को जानते थे। इतना ही नहीं साइंटिस्ट, डॉक्टर और यहां तक की कंपनी के वकील को भी इस बात की जानकारी थी। इतना सब होने के बावजूद भी कंपनी अपने प्रॉडक्ट बेच रही थी। रिपोर्ट इससे जुड़े कई दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद तैयार की गई, रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 1971 से 2000 के बीच कई बार कंपनी के रॉ पाउडर और बेबी पाउडर की टेस्टिंग हुई और हर बार एस्बेस्टस होने की पुष्टि हुई। रिपोर्ट में तो यह भी कहा गया है कि कंपनी की तरफ से अमेरिकी रेगुलेटर्स पर दवाब भी बनाया गया। दवाब इसलिए बनाया गया क्योंकि वह एस्बेस्टस की मात्रा को लिमिटेड करना चाहते थे, कंपनी अपनी तरफ से दवाब बनाने में काफी हद तक कामयाब भी रही।


इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में कंपनी के शेयर्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसके शेयर 10 फीसदी गिर गए। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनी की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट थी। 19 जुलाई 2002 को कंपनी के शेयर्स में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इसके बाद से 14 दिसंबर 2018 को दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। तब कंपनी की एक पुरानी कर्मचारी ने कंपनी पर रिकॉर्ड्स में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।


रामलीला (राजस्थानी मांय)-कृति मनोज कुमार स्वामी:समीक्षा हिंदी


मंचन के उद्देश्य से रचित यह कालजयी  कृति मील का पत्थर सिद्ध होगी - केसरी कान्त शर्मा ’केसरी’

पत्रकारिता और साहित्य - सृजन में संलग्न एंव विशेषतया राजस्थानी  भासा के प्रति समर्पित जाने माने नाम मनोज कुमार स्वामी की प्रकाशित कृति रामलीला (राजस्थानी  मांय ) पढ़ कर सुखद अनुभूति होती है। हिन्दी ब्रज व अवधी की बोलियों में दशकों  पहले रामलीला  पार्टियां शेखावाटी के कस्बों  में चौत्र नवरात्रो में व अन्य अवसरो पर नौ दिनों तक रामलीला का आयोजन करती थी। वह लोकरंजक परम्परा टेलीविजन संस्कृति  के दौर में बंद प्राय: है। 

ऐसे में जन जन के आराध्य भगवान राम के लोकोत्तर चरित्र का राजस्थानी  भाषा में नारद मोह से  रावण - वध तक की सभी घटनाओं और प्रसंगों  के क्रमबद्ध  मंचन के उद्देश्य से रचित,  यह कालजयी कृति मील का पत्थर सिद्ध होगी। नौ रात्रियों तक प्रस्तुति की सामग्री का मायड़ भाष राजस्थानी  में मंचन हो तो,  इस भासा से जुड़े करोड़ों लोगों के लिये एक एक नये सांस्कृतिक  जागरण का माध्यम सिद्ध होगी और राजस्थानी  के प्रचार प्रसार में भी सहायक होगी ।

अपनी भासा में अपने पन की खुशबू,  मिठास और संप्रेषणीयता आम और खास सभी के लिए विशिष्ट होगी। हम कहीं भी जाएं,  देश विदेश में कहीं भी रहें  पर अपने लोगों सें अपनी भाषा में वार्तालाप होता है तो जीवन में अपनत्व सहज ही बरस जाता है।

इसकी प्रमुख विशेषता यह कि,  पात्रों के कथोपकथन और संवाद की तुकान्त पद्दात्मक रूप में प्रस्तुति रचनाकार की विलक्षण प्रतिभा की परिचायक है जो राधेश्याम  रामायण के तत्स्वरूप संवादों  से भी विस्तृत और विशिष्ट  और प्रभावी है।

बचपन में देखी गयी रामलीलाओं में प्रस्तुत काव्यात्मक लक्ष्मण-परशुराम संवाद,  हनुमान रावण संवाद पर दर्शको के सीधे मनोगत जुड़ाव और तालियों के जोश से पण्डाल गुंजायमांन हो उठता था। इस कृति में भी ऐसे संवाद- स्थलों के प्रसंग ऐसे ही भाव से आपूरित है।

यदि इस राजस्थानी रामलीला की रामानंन्द सागर की टी. वी.  रामकथा की तरह टी. वी.  सीरियल बनने की व्यवस्था  हो और राजस्थानी भाषा  के विकास  के प्रति  जुड़ाव रखने वाले लोक कलाकार,  रंगकर्मी रामलीला पार्टियां गठित कर इसका जगह जगह  मंचन करें तो एक महती कार्य होगा। 

नानी बाई रो मायरो की भांति  राजस्थानी  रामलीला  भी अत्यन्त लोकप्रिय होगी और लोगों में राजस्थानी  सीखने की प्रवृति जागृत होगी। राजस्थानी  रामलीला  की टोलियां गठित कर राजस्थानी  भाषा  की मान्यता  हेतु जन जागरण करें तो सोने पे सुहागा । अभी  राजस्थानी मान्यता  से वंचित होने के कारण पाठ्यक्रमों  में भी इसके माध्यम से शिक्षण नही हो रहा है। इस लिये राजस्थानी के प्रति पाठकीय रूझान का अभाव है भले ही अनेक राजस्थानी साहित्यकारों ने ही केवल अपनी मायड़ भाषा  की जोत जगा रखी है। भगवान राम का विशाल भक्त समुदाय राजस्थानी  रामलीला के मंचन से अपनी ही भाषा से जुड़ेगें  ओर भाषा में पढ़ कर सीखेंगे। जिस प्रकार देवकीनंदन  खत्री के जासूसी उपन्यासों  के पठन के लिए लाखों लोगो नें हिन्दी सीखी। अतरू प्रस्तुत राजस्थानी रामलीला ऐसे ही उपन्यास  का सेतु बननें की संभावना से आपुरित है। तमिल रामायण,  कम्ब रामायण,  बंग रामायण आदि आदि  पच्चिसों रामायण है किन्तु तुलसी के रामचरित मानस की लोकप्रियता का कारण समग्र उतरी और पूर्वी भारत  में सरलता सें समझी जा सकने वाली अवधी भाषा  रही है।

इस कृति को आद्दोपरान्त अक्षरशरू पढ़नें वाला पाठक अंक दर अंक पर्दा गिरने व उठने पर आगत घटनाओं को मनोगत भाव लोक में घटते देखने की भावानुभूति रखे तो,  पूरी रामलीला  साक्षात देखा हुआ सा हो जाता है। राम के वन-गमन,  दशरथ-मरण,  श्रवण-प्रसंग,  सीता-हरण,  राम-विलाप आदि प्रसंगों के स्थलो को मैं भी ऐसी ही भावातीत स्थिति में अश्रुपात करते हुए पढ़ पाया। राजस्थानी  के विशिष्ट  शब्दभण्डार द्वारा ऐसी मार्मिकता पैदा करना भाई मनोज का कौशल अनुभव है।

अपने प्राक्कथन में रचनाकार का यह मन्तव्य कि राजस्थानी  को मान्यता का प्रशन हो तो कोई यह नहीं कहे कि,  राजस्थानी  में रामलीला  ही नही है।  एक अभाव की पूर्ती करता है जिस प्रकार अनेक राजस्थानी  कोश और व्याकरण इसे मान्यता दिलाने के लिए वजनदार आधार है। इस प्रकार भाई मनोज स्वामी इस मान्यूमेटल रचना के द्वारा राजस्थानी  साहित्य की श्री वृद्धि  करने के साथ-साथ  महती उद्देश्य में सफल हुए है। भाषा  की ऐसी अनूठी सेवा के लिए उन्हें कोटिश धन्यवाद  और बधाईयां । उन पर भगवान  राम की कृपा सदा बनी रहे।


**



पुस्तक - ’रामलीला - राजस्थानी  मांय’

लेखक - मनोज कुमार स्वामी 

बोधि प्रकाशन - जयपुर,  पैली खेप- मई 2017

मोल- 200 -  पृष्ठ - 244

केसरीकान्त शर्मा ’केसरी’ 

आनन्द पुरा वार्ड नं.  01

मण्डावा - 333704

जिला - झुंझनू (राज.)

बुधवार, 12 दिसंबर 2018

करणी प्रेस इंडिया के पाठक 12 लाख से पार!

 * करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़,12-12- 2018.

सच्च को सामने लाने में और दबे हुए लोगों की आवाज को उठाने व समाज को जगाने के समाचारों विचारों के सामने लाने के प्रयास में करणी प्रेस इंडिया पाठकों की पसंद में शिखर पर है। पाठक 12 लाख से अधिक बार देख कर और आगे बढ चुके हैं। यह ऊंचाई पार करना प्रसन्नता पैदा करने वाली तो है ही और आगे बढने की प्रेरणा देने वाली भी है।

इस साइट सीधेे ही देेखने या इसके लिंक को फेस बुक मेरे नाम करणीदानसिंह राजपूत पर तथा ऑल वर्ल्ड ब्लॉग संगठन की न्यूज में देख पढ़ कर तत्काल विचार प्रगट करने में पाठक गण भी आगे रहे हैं। ये कदम ऐसे प्रभावशाली रहे हैं कि इनसे निरंतर तेज गति मिली  है।

 हमने विचारों को नया विस्तार दिया है जिसमें अनेक नए विषय शामिल किए हैं। व्यक्तियों के बजाय तथ्यों वाले कानून   एवं नियमों को सर्वाेपरि मानते हुए आगे बढ़ें हैं।

 महिलाओं व लड़कियों के साथ अपराध बढ़े हैं इसलिए सावधान व सतर्क रहने की जागरूकता के लिए भी पोस्टों को लिखा जा रहा है। कन्याओं को बचाने का अभियान हो  या नशा मुक्ति अभियान हो, उनके समाचार देने में आगे रहे हैं।

कई लोग व संगठन कानूनों से परिचित नहीं होते और इसलिए उनको लिखा हुआ अच्छा नहीं लगता,लेकिन उनकी आलोचनाओं  व टिप्पणियों पर गौर किया जाता रहा है। 

विशाल देश में नए नए समाचार तेजी से आते हैं। हमारे क्षेत्र में भी समाचारों का बाहुल्य है इसलिए किसी विषय को पकड़ कर नहीं रखा जा सकता। नए विषय पर भी आगे बढना होता है।

राजनीतिज्ञ​ सत्ताधारी धनबली और भ्रष्टाचारी सदा ही मीडिया को अपने विचारों से चलाना चाहते हैं लेकिन लोगों के साथ रहते हुए सच्चाई को ही आगे लाने के प्रयास में रहे हैं।

बड़े अखबार जिन समाचारों को रोकने में दबाने में व अपनी ईच्छानुसार बदल कर छापने में समय के अनुसार लगे हुए हैं। ऐसे समय में निर्भीक स्वतंत्र लेखन व समाचार देने का प्रयास रहा है। यही एक महत्वपूर्ण प्रमाण है कि अनेक समाचार बड़े अखबारों में नहीं मिलते जो करणी प्रेस इंडिया में पढ़ने को मिल जाते हैं। अखबारों में व चैनलों में आसपास के समाचार देने में आनाकानी होती है,लोग समाचार देखने को पढ़ने को आतुर रहते हैं लेकिन मिलते नहीं हैं। वे समाचार विचार करणी प्रेस इंडिया में देने का प्रयास रहता है। 

राजनैतिक आपराधिक सामाजिक धार्मिक आर्थिक विषय शहरी व ग्रामीण,सरकारी व गैर सरकारी सभी में आगे रहने का प्रयास सदा सफल रहा है।

हमारे समाचार,विचार,टिप्पणियां,लेख कहानियां,कविताएं एवं 

फोटो कवरेज आसपास और देश प्रदेश में सभी वर्गों द्वारा सराहे जाते रहे हैं। 

हमारे असंख्य पाठकों की आलोचनाओं समालोचनाओं ने ही इस ऊंचे शिखर पर पहुंचाया है। उनकी आलोचनाओं समालोचनाओं भरी राय से ही आगे और आगे बढने की प्रेरणा मिली है।

उच्च कोटि की टिप्पणियों व समाचारों के लिए लोग इस साइट पर भरोसा करते हुए देखते हैं। 

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2018 बीत चुके हैं। सरकार में परिवर्तन हो गया।जनता ने नई सरकार चुन ली।अन्य प्रदेशों मे भी परिवर्तन हुआ है।लोकसभा चुनाव 2019 मेंं कुछ महीने ही बाकी हैं तथा सभी उसकी तैयारी मेंं लग गए हैं। राजस्थान में 2019 में ही नगरपालिकाओं नगरपरिषदों के चुनाव होंगे।

पाठकों से आग्रह है कि करणी प्रेस इंडिया को देखते रहें व फोलोवर बनें।

www.karnipressindia.com

mail- karnidansinghrajput@gmail.com


^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^


अशोक नागपाल की जिम्मेदारी में सूरतगढ़ रायसिंहनगर अनूपगढ़ भाजपा विजयी:


* करणीदान सिंह राजपूत * 


भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाने के अभियान में  पूर्व विधायक अशोक नागपाल को 3 विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सौंपी थी।

अमित शाह और पूर्व विधायक अशोक नागपाल की 30 नवंबर 2018 शाम को विडिओ वार्ता हुई। इस वार्ता में नागपाल को 3 विधानसभा सूरत गढ रायसिंहनगर व अनूपगढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसे नागपाल ने स्वीकार किया है। नागपाल ने बिना किसी पद के पार्टी की सेवा करने का कहा लेकिन तीन विधानसभा सीटों पर जीत से नागपाल का कद पार्टी में बढा है।

अशोक नागपाल और अमितशाह की बातचीत में भारतीय जनता पार्टी की विशेष टीम ने भूमिका निभाई।

इस टीम में सूरतगढ़ के प्रभारी रवि कुक्कड़ जलालाबाद (पंजाब )भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता पूर्व जिला अध्यक्ष श्रीमती रजनी मोदी,भाजपा के वरिष्ठ युवा नेता मुरलीधर पारीक और संघ से जुड़े विश्व हिन्दू परिषद के नगर अध्यक्ष नवनीत मुंजाल की भूमिका अहम रही। 

इस विशेष टीम ने इन 3 विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी के साथ भारतीय जनता पार्टी को मत देने के लिए अभियान शुरू किया था।अशोक नागपाल 2003 से 2008 तक सूरतगढ़ से भाजपा विधायक रहे तब क्षेत्र में सूरत गढ से घड़साना तक का विशाल इलाका शामिल था। 

******************************************



मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

सूरतगढ़ जीत गया कासनिया,राह में कांटे खूब बिछाए



* करणी दान सिंह राजपूत*

 सूरतगढ़ 11 दिसंबर 2018.

 भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामप्रताप कासनिया की जीत बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाएगी। राह में कांटे बिछाने में कोई कमी नहीं रखी गई।दिन रात दुष्प्रचार किया गया। आधारहीन बातें प्रचारित की गई, लेकिन कासनिया अपने महत्वपूर्ण संकल्प को लेकर कांटों  भरी राह के बीच से दुष्प्रचार को पछाड़ता जीत की ओर बढ़ता गया। परिणाम सबके सामने है।बहुत अच्छे वोटों से कासनिया की जीत हुई है।


 रामप्रताप कसनिया ने जीत के बाद जनता का आभार प्रकट करते हुए अपना पहला बयान यही दिया कि यह जीत जनता की है। जनता ने दिल से साथ देकर उन्हें विधायक की सीट सौंपी है। वे इस पद को पूर्ण मर्यादा के साथ निभाएंगे।रामप्रताप कसनिया पूर्व में राज्य मंत्री पद तक का दायित्व निभा चुके हैं।

सूरतगढ़ में 2008 में पराजय के बाद अब 10 साल बीतने के बाद  2018 में मिली जीत जबरदस्त जीत है।

 

कासनिया श्री गंगानगर से सूरतगढ़ शाम को चुनाव कार्यालय में पहुंचे जहां उनका जबरदस्त स्वागत किया गया। जयकारों से आकाश गुंजा दिया गया।मालाएं एक के बाद एक पहनाई जाती रही और काफी समय तक आतिशबाजी हुई व पटाखे छुड़ाए गए।

जनता कासनिया को अलग नहीं करना चाह रही थी और न खुद ही हटना चाह रही थी।






 ÁÁÁÁÁÁÁ





मंगलवार, 4 दिसंबर 2018

सूरतगढ:टिब्बा क्षेत्र व शहर में कासनिया भाजपा के काम:कोई मुकाबला नहीं







***** पांच सितारा विशेष रिपोर्ट: करणीदानसिंह  राजपूतः
सूरतगढ़ तहसील के टिबा क्षेत्र में करीब 5 हजार किसान परिवारों को रामप्रताप कसनिया के विधायक कार्यकाल और वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री काल में सन 2007-2008 में बारानी भूमि दो मुरब्बा तक का मुफ्त में खातेदारी अधिकार दिया गया।
50 सालों से किसान पीढ़ी दर पीढ़ी टीसी( अस्थायी) जोत रहे थे लेकिन मालिकाना अधिकार नहीं था। यह जमीन निशुल्क दी गई। कोई कीमत नहीं ली गई। इसके अलावा करीब दो हजार से ज्यादा किसानों को बालिग पुत्रों की भूमि पुख्ता आवंटित की गई। यह एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड है जिसका कोई मुकाबला नहीं है। किसी भी विधायक के कार्यकाल में इतना बड़ा कार्य नहीं हुआ। 
 इसके अलावा रामप्रताप कासनिया के पूर्व के विधायक काल में रायसिख आदि को जमीने आवंटित की गई। विभिन्न प्रकार के समाज जो नहर निकलने के समय से जमीनों पर काबिज थे मगर उनके पास पट्टा नहीं था उनको पुख्ता आवंटन नहीं था।वे जमीनों के मालिक नहीं थे। ऐसी हजारों बीघा जमीन रामप्रताप कसनिया के विधायक काल में और मुख्यमंत्री वसुंधरा के राज में खातेदारी अधिकार मालिकाना अधिकार दिए गए। यह काम बहुत बड़ा काम था लेकिन कासनिया के काल में हुआ।
करीब चालीस पचास सालों से जो किसान जमीनों पर थे उनको मालिकाना अधिकार दिए गए।
कासनिया के काल में ही सेम ग्रस्त इलाकों का भी कायापलट करवाने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं बनाई गई। जहां अब खेती हो रही है। रामप्रताप कसनिया सन 2003 से 8 तक पीलीबंगा के निर्दलीय विधायक थे। उस समय सूरतगढ तहसील का  टिब्बा व अन्य क्षेत्र पीलीबंगा में था।
भाजपा के राज  वर्ष 2003 से 8 तक में सूरतगढ़ विधानसभा सीट से अशोक नागपाल विधायक थे। अशोक नागपाल के सूरतगढ़ तहसील क्षेत्र में सन 2007-8 में करीब 1 हजार किसानों को बारानी भूमिका पुख्ता आवंटन कर मालिकाना अधिकार दिए गए। यह भी एक रिकॉर्ड है।उस समय भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की थी।
इसके अलावा पिछले भारतीय जनता पार्टी के राज में 2013 से 2018 तक में विकास के अनेक कार्य हुए। गावों को सड़कों से जोड़ा गया। उच्च कोटि की पेयजल योजनाएं बनाई गई।शिक्षा और चिकित्सा के केंद्र खोले गए।सूरतगढ़ से अनूपगढ़ तक की सड़क बनाई गई। सूरतगढ़ शहर में गौरव पथ का निर्माण हुआ( जिसे बीकानेर रोड कहते हैं )आज आसानी से वाहन दौड़ रहे हैं।सीवरेज का कार्य महत्वपूर्ण कार्य है।निर्माण के समय निश्चित है कि खुदाई के बिना यह कार्य संभव नहीं था लेकिन अब आने वाले समय में संपूर्ण शुरुआत से शहर में एक नई प्रकार की सफाई व्यवस्था होगी और पानी शुद्ध होकर किसानों के खेतों को सिंचित करेगा जिसका एक बहुत बड़ा लाभ होगा।
टिब्बा क्षेत्र में सिंचाई के लिए सुविधा देने में कोई कमी नहीं रखी गई। टिब्बा क्षेत्र में खेतों में सिंचाई के लिए नलकूप लगाने के लिए बिजली के कनेक्शन आधी दरों पर दिए गए यानी कि 50% अनुदान दिया गया। इस प्रकार से करीब 500 किसानों को बिजली के कनेक्शन दिए गए। जिन खेतों में नलकूप पूर्ण काम कर रहे हैंवह खेत आज हरे भरे हैं और अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। करीब 700 आवेदन बिजली के लिए और पड़े हैं आने वाले कार्यकाल में निश्चित रूप से उनके कार्य भी संभव होंगे।इसके अलावा खेतों में सिंचाई के लिए डिगियां  भी काफी बनाई गई है।
कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में अनेक कार्य हुए हैं जिनका कोई मुकाबला नहीं है।
रेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है।श्री गंगानगर हनुमानगढ़ सूरतगढ़ इलाके के अंदर से दूर दूर तक जाने वाली रेलें शुरू हुई है या ये जुड़े हैं। यात्रा का महत्वपूर्ण साधन इलाके को मिला है। बठिंडा से सूरतगढ़ तक रेल लाइन बिजली से जोड़ी जा रही है। जहां बिजली से रेल चलेगी और उनकी गति और अधिक हो सकेगी।
पेयजल की योजनाओं में सूरतगढ़ शहर में सूर्योदय नगरी और कच्ची बस्तियों में कई उच्च जलाशय बनाए गए हैं और कुछ का निर्माण अभी चल रहा है। सूर्योदय नगरी को शहर से जोड़ने के लिए 3 अंडरपास दिए गए हैं जिन पर करोड़ों रुपए का खर्चा हुआ है और नागरिकों की महत्वपूर्ण मांग पूरी हुई।
सूर्योदय नगरी के लिए एक डिस्पेंसरी भी खोली गई। सूर्योदय नगरी के लिए रेलवे का एक नया मुख्य द्वार भी बनाने की योजना है।
सूरतगढ़ की अनेक सड़कें और नाले नालियों का विकास हुआ है कुछ पार्क भी विकसित किए गए हैं।
सामाजिक संस्थाओं को नगर पालिका क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में धर्मशाला आदि के लिए विशेष छूट पर भूमि दी गई है और वहां पर संस्थाओं के भवन बन चुके हैं। वहां सामाजिक कार्य और समारोह हो रहे हैं। सूरगढ शहर के बीच बिश्रोई धर्मशाला के लिए पट्टा दिया गया जिसके लिए करीब तीस चालीस साल से मांग हो रही थी।
भाजपा के राज में पंचायत समिति कार्यालय के पास लाखों का अम्बेडकर भवन तैयार है। बस्तियों के ऊपर से गुजरती उच्च शक्ति की बिजली तारें हटाने का कार्य भी काफी क्षेत्र में हुआ है।
शहर में विशाल नंदी शाला का निर्माण हुआ जिसमें करीब 300 बेसहारा गौवंश को रखा हुआ है।
पुरानी धानमंडी परिसर जो गंदे पानी गंदगी में भरा रहता था को इंटरलॉकिंग टाईल्स लगाकर साफसुथरा रूप दिया गया जिससे वहां व्यवसाय करने वाले सुखी हुए हैं।
आलोचना करने वालों के पास थोथे बयानों के अलावा कोई प्रमाण नहीं है।
( मेरी जानकारी व अध्ययन से यह रिपोर्ट है - करणीदानसिंह राजपूत, प
*****पांच सितारा विशेष रिपोर्ट: करणीदानसिंह  राजपूतः
सूरतगढ़ तहसील के टिबा क्षेत्र में करीब 5 हजार किसान परिवारों को रामप्रताप कसनिया के विधायक कार्यकाल और वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री काल में सन 2007-2008 में बारानी भूमि दो मुरब्बा तक का मुफ्त में खातेदारी अधिकार दिया गया।
50 सालों से किसान पीढ़ी दर पीढ़ी टीसी( अस्थायी) जोत रहे थे लेकिन मालिकाना अधिकार नहीं था। यह जमीन निशुल्क दी गई। कोई कीमत नहीं ली गई। इसके अलावा करीब दो हजार से ज्यादा किसानों को बालिग पुत्रों की भूमि पुख्ता आवंटित की गई। यह एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड है जिसका कोई मुकाबला नहीं है। किसी भी विधायक के कार्यकाल में इतना बड़ा कार्य नहीं हुआ। इसके अलावा रामप्रताप कासनिया के पूर्व के विधायक काल में रायसिख आदि को जमीने आवंटित की गई। विभिन्न प्रकार के समाज जो नहर निकलने के समय से जमीनों पर काबिज थे मगर उनके पास पट्टा नहीं था उनको पुख्ता आवंटन नहीं था।वे जमीनों के मालिक नहीं थे। ऐसी हजारों बीघा जमीन रामप्रताप कसनिया के विधायक काल में और मुख्यमंत्री वसुंधरा के राज में खातेदारी अधिकार मालिकाना अधिकार दिए गए। यह काम बहुत बड़ा काम था लेकिन कासनिया के काल में हुआ।
करीब चालीस पचास सालों से जो किसान जमीनों पर थे उनको मालिकाना अधिकार दिए गए।
कासनिया के काल में ही सेम ग्रस्त इलाकों का भी कायापलट करवाने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं बनाई गई। जहां अब खेती हो रही है। रामप्रताप कसनिया सन 2003 से 8 तक पीलीबंगा के निर्दलीय विधायक थे।
उस समय सूरतगढ तहसील का  टिब्बा व अन्य क्षेत्र पीलीबंगा में था।
भाजपा के राज  वर्ष 2003 से 8 तक में सूरतगढ़ विधानसभा सीट से अशोक नागपाल विधायक थे। अशोक नागपाल के सूरतगढ़ तहसील क्षेत्र में सन 2007-8 में करीब 1 हजार किसानों को बारानी भूमिका पुख्ता आवंटन कर मालिकाना अधिकार दिए गए। यह भी एक रिकॉर्ड है।उस समय भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की थी।इन रिकार्डों को कोई चुनौती नहीं दे।
इसके अलावा पिछले भारतीय जनता पार्टी के राज में 2013 से 2018 तक में विकास के अनेक कार्य हुए। गावों को सड़कों से जोड़ा गया। उच्च कोटि की पेयजल योजनाएं बनाई गई।शिक्षा और चिकित्सा के केंद्र खोले गए।सूरतगढ़ से अनूपगढ़ तक की सड़क बनाई गई। सूरतगढ़ शहर में गौरव पथ का निर्माण हुआ( जिसे बीकानेर रोड कहते हैं )आज आसानी से वाहन दौड़ रहे हैं।सीवरेज का कार्य महत्वपूर्ण कार्य है।निर्माण के समय निश्चित है कि खुदाई के बिना यह कार्य संभव नहीं था लेकिन अब आने वाले समय में संपूर्ण शुरुआत से शहर में एक नई प्रकार की सफाई व्यवस्था होगी और पानी शुद्ध होकर किसानों के खेतों को सिंचित करेगा जिसका एक बहुत बड़ा लाभ होगा।
टिब्बा क्षेत्र में सिंचाई के लिए सुविधा देने में कोई कमी नहीं रखी गई। टिब्बा क्षेत्र में खेतों में सिंचाई के लिए नलकूप लगाने के लिए बिजली के कनेक्शन आधी दरों पर दिए गए यानी कि 50% अनुदान दिया गया। इस प्रकार से करीब 500 किसानों को बिजली के कनेक्शन दिए गए। जिन खेतों में नलकूप पूर्ण काम कर रहे हैंवह खेत आज हरे भरे हैं और अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। करीब 700 आवेदन बिजली के लिए और पड़े हैं आने वाले कार्यकाल में निश्चित रूप से उनके कार्य भी संभव होंगे।इसके अलावा खेतों में सिंचाई के लिए डिगियां  भी काफी बनाई गई है।
कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में अनेक कार्य हुए हैं जिनका कोई मुकाबला नहीं है।
रेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है।श्री गंगानगर हनुमानगढ़ सूरतगढ़ इलाके के अंदर से दूर दूर तक जाने वाली रेलें शुरू हुई है या ये जुड़े हैं। यात्रा का महत्वपूर्ण साधन इलाके को मिला है। बठिंडा से सूरतगढ़ तक रेल लाइन बिजली से जोड़ी जा रही है। जहां बिजली से रेल चलेगी और उनकी गति और अधिक हो सकेगी।
पेयजल की योजनाओं में सूरतगढ़ शहर में सूर्योदय नगरी और कच्ची बस्तियों में कई उच्च जलाशय बनाए गए हैं और कुछ का निर्माण अभी चल रहा है। सूर्योदय नगरी को शहर से जोड़ने के लिए 3 अंडरपास दिए गए हैं जिन पर करोड़ों रुपए का खर्चा हुआ है और नागरिकों की महत्वपूर्ण मांग पूरी हुई।
सूर्योदय नगरी के लिए एक डिस्पेंसरी भी खोली गई। सूर्योदय नगरी के लिए रेलवे का एक नया मुख्य द्वार भी बनाने की योजना है।
सूरतगढ़ की अनेक सड़कें और नाले नालियों का विकास हुआ है कुछ पार्क भी विकसित किए गए हैं।
सामाजिक संस्थाओं को नगर पालिका क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में धर्मशाला आदि के लिए विशेष छूट पर भूमि दी गई है और वहां पर संस्थाओं के भवन बन चुके हैं। वहां सामाजिक कार्य और समारोह हो रहे हैं। सूरगढ शहर के बीच बिश्रोई धर्मशाला के लिए पट्टा दिया गया जिसके लिए करीब तीस चालीस साल से मांग हो रही थी।
भाजपा के राज में पंचायत समिति कार्यालय के पास लाखों का अम्बेडकर भवन तैयार है। बस्तियों के ऊपर से गुजरती उच्च शक्ति की बिजली तारें हटाने का कार्य भी काफी क्षेत्र में हुआ है।
शहर में विशाल नंदी शाला का निर्माण हुआ जिसमें करीब 300 बेसहारा गौवंश को रखा हुआ है।
पुरानी धानमंडी परिसर जो गंदे पानी गंदगी में भरा रहता था को इंटरलॉकिंग टाईल्स लगाकर साफसुथरा रूप दिया गया जिससे वहां व्यवसाय करने वाले सुखी हुए हैं।
आलोचना करने वालों के पास थोथे बयानों के अलावा कोई प्रमाण नहीं है।
( मेरी जानकारी व अध्ययन से यह रिपोर्ट है - करणीदानसिंह राजपूत, पत्रकार. सूरतगढ़)
सूरतगढ:टिब्बा क्षेत्र व शहर में कासनिया भाजपा के काम:कोई मुकाबला नहीं
*****पांच सितारा विशेष रिपोर्ट: करणीदानसिंह  राजपूतः
सूरतगढ़ तहसील के टिबा क्षेत्र में करीब 5 हजार किसान परिवारों को रामप्रताप कसनिया के विधायक कार्यकाल और वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री काल में सन 2007-2008 में बारानी भूमि दो मुरब्बा तक का मुफ्त में खातेदारी अधिकार दिया गया।
50 सालों से किसान पीढ़ी दर पीढ़ी टीसी( अस्थायी) जोत रहे थे लेकिन मालिकाना अधिकार नहीं था। यह जमीन निशुल्क दी गई। कोई कीमत नहीं ली गई। इसके अलावा करीब दो हजार से ज्यादा किसानों को बालिग पुत्रों की भूमि पुख्ता आवंटित की गई। यह एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड है जिसका कोई मुकाबला नहीं है। किसी भी विधायक के कार्यकाल में इतना बड़ा कार्य नहीं हुआ। इसके अलावा रामप्रताप कासनिया के पूर्व के विधायक काल में रायसिख आदि को जमीने आवंटित की गई। विभिन्न प्रकार के समाज जो नहर निकलने के समय से जमीनों पर काबिज थे मगर उनके पास पट्टा नहीं था उनको पुख्ता आवंटन नहीं था।वे जमीनों के मालिक नहीं थे। ऐसी हजारों बीघा जमीन रामप्रताप कसनिया के विधायक काल में और मुख्यमंत्री वसुंधरा के राज में खातेदारी अधिकार मालिकाना अधिकार दिए गए। यह काम बहुत बड़ा काम था लेकिन कासनिया के काल में हुआ।
करीब चालीस पचास सालों से जो किसान जमीनों पर थे उनको मालिकाना अधिकार दिए गए।
कासनिया के काल में ही सेम ग्रस्त इलाकों का भी कायापलट करवाने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं बनाई गई। जहां अब खेती हो रही है। रामप्रताप कसनिया सन 2003 से 8 तक पीलीबंगा के निर्दलीय विधायक थे।
उस समय सूरतगढ तहसील का  टिब्बा व अन्य क्षेत्र पीलीबंगा में था।
भाजपा के राज  वर्ष 2003 से 8 तक में सूरतगढ़ विधानसभा सीट से अशोक नागपाल विधायक थे। अशोक नागपाल के सूरतगढ़ तहसील क्षेत्र में सन 2007-8 में करीब 1 हजार किसानों को बारानी भूमिका पुख्ता आवंटन कर मालिकाना अधिकार दिए गए। यह भी एक रिकॉर्ड है।उस समय भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की थी।इन रिकार्डों को कोई चुनौती नहीं दे।
इसके अलावा पिछले भारतीय जनता पार्टी के राज में 2013 से 2018 तक में विकास के अनेक कार्य हुए। गावों को सड़कों से जोड़ा गया। उच्च कोटि की पेयजल योजनाएं बनाई गई।शिक्षा और चिकित्सा के केंद्र खोले गए।सूरतगढ़ से अनूपगढ़ तक की सड़क बनाई गई। सूरतगढ़ शहर में गौरव पथ का निर्माण हुआ( जिसे बीकानेर रोड कहते हैं )आज आसानी से वाहन दौड़ रहे हैं।सीवरेज का कार्य महत्वपूर्ण कार्य है।निर्माण के समय निश्चित है कि खुदाई के बिना यह कार्य संभव नहीं था लेकिन अब आने वाले समय में संपूर्ण शुरुआत से शहर में एक नई प्रकार की सफाई व्यवस्था होगी और पानी शुद्ध होकर किसानों के खेतों को सिंचित करेगा जिसका एक बहुत बड़ा लाभ होगा।
टिब्बा क्षेत्र में सिंचाई के लिए सुविधा देने में कोई कमी नहीं रखी गई। टिब्बा क्षेत्र में खेतों में सिंचाई के लिए नलकूप लगाने के लिए बिजली के कनेक्शन आधी दरों पर दिए गए यानी कि 50% अनुदान दिया गया। इस प्रकार से करीब 500 किसानों को बिजली के कनेक्शन दिए गए। जिन खेतों में नलकूप पूर्ण काम कर रहे हैंवह खेत आज हरे भरे हैं और अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। करीब 700 आवेदन बिजली के लिए और पड़े हैं आने वाले कार्यकाल में निश्चित रूप से उनके कार्य भी संभव होंगे।इसके अलावा खेतों में सिंचाई के लिए डिगियां  भी काफी बनाई गई है।
कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में अनेक कार्य हुए हैं जिनका कोई मुकाबला नहीं है।
रेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है।श्री गंगानगर हनुमानगढ़ सूरतगढ़ इलाके के अंदर से दूर दूर तक जाने वाली रेलें शुरू हुई है या ये जुड़े हैं। यात्रा का महत्वपूर्ण साधन इलाके को मिला है। बठिंडा से सूरतगढ़ तक रेल लाइन बिजली से जोड़ी जा रही है। जहां बिजली से रेल चलेगी और उनकी गति और अधिक हो सकेगी।
पेयजल की योजनाओं में सूरतगढ़ शहर में सूर्योदय नगरी और कच्ची बस्तियों में कई उच्च जलाशय बनाए गए हैं और कुछ का निर्माण अभी चल रहा है। सूर्योदय नगरी को शहर से जोड़ने के लिए 3 अंडरपास दिए गए हैं जिन पर करोड़ों रुपए का खर्चा हुआ है और नागरिकों की महत्वपूर्ण मांग पूरी हुई।
सूर्योदय नगरी के लिए एक डिस्पेंसरी भी खोली गई। सूर्योदय नगरी के लिए रेलवे का एक नया मुख्य द्वार भी बनाने की योजना है।
सूरतगढ़ की अनेक सड़कें और नाले नालियों का विकास हुआ है कुछ पार्क भी विकसित किए गए हैं।
सामाजिक संस्थाओं को नगर पालिका क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में धर्मशाला आदि के लिए विशेष छूट पर भूमि दी गई है और वहां पर संस्थाओं के भवन बन चुके हैं। वहां सामाजिक कार्य और समारोह हो रहे हैं। सूरगढ शहर के बीच बिश्रोई धर्मशाला के लिए पट्टा दिया गया जिसके लिए करीब तीस चालीस साल से मांग हो रही थी।
भाजपा के राज में पंचायत समिति कार्यालय के पास लाखों का अम्बेडकर भवन तैयार है। बस्तियों के ऊपर से गुजरती उच्च शक्ति की बिजली तारें हटाने का कार्य भी काफी क्षेत्र में हुआ है।
शहर में विशाल नंदी शाला का निर्माण हुआ जिसमें करीब 300 बेसहारा गौवंश को रखा हुआ है।
पुरानी धानमंडी परिसर जो गंदे पानी गंदगी में भरा रहता था को इंटरलॉकिंग टाईल्स लगाकर साफसुथरा रूप दिया गया जिससे वहां व्यवसाय करने वाले सुखी हुए हैं।
आलोचना करने वालों के पास थोथे बयानों के अलावा कोई प्रमाण नहीं है।
( मेरी जानकारी व अध्ययन से यह रिपोर्ट है - करणीदानसिंह राजपूत, पत्रकार. सूरतगढ़)




शनिवार, 1 दिसंबर 2018

विशेष:अशोक नागपाल ने अमित शाह से बहुत खास क्या कहा?



* बिना पद के पार्टी की सेवा करेंगे *

 -- करणी दान सिंह राजपूत --
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और अशोक नागपाल की  30 नवंबर 2018 को वीडियो कांफ्रेंसिंग (बातचीत) में अशोक नागपाल ने अमित शाह से कहा कि उन्हें पद की कोई लालसा नहीं है। वे बिना किसी पद के पार्टी की सेवा करते रहेंगे। 
अशोक नागपाल ने भाजपा के विजय अभियान के तहत अपना कार्य शुरू कर दिया है। लोग यह देखने के इंतजार में हैै कि पूर्व विधायक अशोक नागपाल और सूरत गढ के प्रत्याशी रामप्रताप कासनिया की तरफ से चुनाव की रणनीति में धमाका होगा।

आजकल कुछ खास


 आजकल कुछ खास

आजकल कुछ खास

 आजकल कुछ खास


आजकल कुछ खास


आजकल कुछ खास


आजकल कुछ खास

यह ब्लॉग खोजें