गुरुवार, 30 दिसंबर 2021
9 मेडिकल स्टोर के अनुज्ञा पत्र निलम्बित: 4 से 12 एनडीपीएस शैड्यूल की स्वीकृति वापस
श्रीगंगानगर, 30 दिसम्बर 2021.
औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा विभिन्न मेडिकल स्टोर की जांच में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं पाए जाने के कारण 9 मेडिकल स्टोर के अनुज्ञा पत्र निलम्बित किये गए हैं।
सहायक निदेशक औषधि श्री डी.एस. उप्पल ने बताया कि अम्बिका मेडिकल स्टोर गांव ऐटा का 10 जनवरी से 8 फरवरी, शर्मा मेडिकल स्टोर गजसिंहपुर का 10 जनवरी से 29 जनवरी, चौधरी मेडिकल स्टोर वीपीओ लाधूवाला का 10 से 24 जनवरी, अरमान मेडिकल हॉल गांव 11 पी पतरोड़ा का 10 जनवरी से 24 जनवरी, बजाज मेडिकल स्टोर गजसिंहपुर का 10 जनवरी से 13 फरवरी, शर्मा मेडिकल स्टोर रावला मंडी का 10 से 24 जनवरी, राज मेडिकोज नई मण्डी घडसाना का 10 जनवरी से 19 जनवरी, बहल मेडिकल ऐजेंसी गंगानगर का 10 से 14 जनवरी, रतन सर्जिकल एण्ड मेडिकल स्टोर गंगानगर का 10 से 14 जनवरी, प्रगति मेडिकोज गंगानगर का 10 जनवरी से 14 जनवरी तक के लिये अनुज्ञा पत्र निलम्बित किये गये हैं।
अम्बिका मेडिकल स्टोर गांव ऐटा, शर्मा मेडिकल स्टोर गजसिंहपुर, चौधरी मेडिकल स्टोर वीपीओ लाधूवाला तथा अरमान मेडिकल हॉल गांव 11 पी पतरोड़ा से 12 एनडीपीएस, शैड्यूल एच-1 दवाईयों की स्वीकृति विड्रो कर ली गई है। ०0०
बुधवार, 29 दिसंबर 2021
चेयरमैन कालवा की टेढी नजर कब्जा समर्थक पार्षदों पर:सर्दी में गर्म कार्रवाई में हटेंगे कब्जे.
*करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 29 दिसंबर 2021.
नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा की नजरों में ताजा अतिक्रमण हैं जो काफी कीमती जमीनों पर हैं। कुछ पार्षद कब्जे करने वाले स्थानों पर मौजूद और इंटरेस्ट लेते देते रहे हैं जिनकी मौजूदगी से लगता रहा है कि कुछ गड़बड़ झाला है।
चैयरमैन पिछले करीब छह माह से अधिक कड़ा रुख अपनाए हुए हैं। चैयरमैन को शक्ति दिखाने वाले और अपने को शक्तिशाली पार्षद समझने वाले कुछ पार्षद चैयरमैन की कड़ाई के बाद से चुप हैं।
ऐसा लगता है कि नये साल के आने से पहले ही गर्मी आएगी और अतिक्रमण हटेंगे।०0०
******
मंगलवार, 28 दिसंबर 2021
रेलवे का शर्मनाक व्यवहार और जनप्रतिनिधियों की शर्मनाक लापरवाही
* करणीदानसिंह राजपूत *कोरोना के बहाने रेलवे ने कोविड स्पेशल नाम रख कर रेलों के किराये में बढोतरी कर आम लोगों से वसूली की वह ईमानदार मोदी सरकार में शर्मनाक लूट के अलावा किसी दूसरे शब्दों से नहीं कही जा सकती। इस लूट में गरीब से गरीब भी लुटा क्योंकि किसी न किसी कारण से वह यात्रा करने को मजबूर था।आवागमन शिक्षा चिकित्सा जैसे विभाग जन सेवार्थ होते हैं लेकिन सरकार ने इन्हें भी कमाई का जरिया बना लिया। कोरोना काल में तो हद ही पार करदी गई। रेलवे कमाई के जरिये से भी आगे निकल गया।आश्चर्य यह रहा है कि इस लूट पर पूरी सरकार, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों ने ऐसा मौन व्रत धारण किए रखा मानों इनके शरीर में मामूली सी धड़कन भी न हो। रेलवे ने बंद पड़ी ट्रेनों में से अभी भी अनेक को शुरू नहीं किया है जिसके लिए जनता लगातार शुरू करने की मांग कर रही है।रेलवे ने बंद ट्रेनों को शुरू कर दिया लेकिन लूट की कार्यवाही को बंद नहीं किया।वरिष्ठ नागरिकों को किराए में दी जाने वाली छूट कंशेसन पुनः शुरू नहीं किए। वृद्धावस्था में व्यक्ति के पास आय होती नहीं या बहुत कम होती है। ऐसी स्थिति में छूट को कोविड नाम पर बंद करना और पुन: शुरू नहीं करना क्या कहलाएगा? मेल एक्सप्रेस रेलों में जनरल कोच में गरीब और अल्प आय के लोग यात्रा करते हैं, वहां अभी आरक्षण शुरू कर रखा है। आरक्षण के नाम पर यह लूट न जाने कब तक चलेगी। जनरल कोच में यात्रा के लिए भी एक दो दिन पहले आरक्षण हो सकता है जबकि अचानक या तुरंत यात्रा नहीं की जा सकती। पैसेंजर रेलें शुरू की जा चुकी है तब मेल एक्सप्रेस के जनरल कोच में आरक्षण क्यों? मेल और एक्सप्रेस में तो वैसे भी किराया अधिक होता है और ये कोच खाली भी रहते हैं।आखिर रेलवे और जन प्रतिनिधियों का ऐसा व्यवहार कब तक चलेगा?०0० 28 दिसंबर 2021.करणीदानसिंह राजपूत,पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)सूरतगढ़ ( राजस्थान - भारत)91 94143 81356.************
रविवार, 26 दिसंबर 2021
स्मैक पोस्त बेचने बिकवाने में कौन? नशे के विरुद्ध डिकोय आपरेशन अभियान हो
* करणीदानसिंह राजपूत *क्या पुलिस को सच में पता नहीं है के चिट्टा स्मैक पोस्त और मेडिकल नशा कौन बेच रहा है? कौन बिकवा रहा है? इसके आने के रास्ते और साधन क्या है? यह सवाल पिछले करीब एक साल से तो श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले मे और आसपास घूम रहा है।इस सवाल को बिना किसी विलंब के डिकॉय आपरेशन चलाकर खोजा जाना चाहिए। जब नशा बिक रहा है और बेचा जा रहा है तब पुलिस के बीट कांस्टेबल से ऊपर तक के पुलिस अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में खोजबीन में कोई रिपोर्ट तैयार करते रहे होंगे और उनमें अपराधी लोगों के नाम मोबाइल नं और ठिकाने भी होंगे। एक साल में ऐसी कितनी सूचनाएं एकत्रित की गई होंगी। कितने युवा और व्यक्ति यहां तक कि किशोर इसमें लिप्त हैं। नशेड़ियों द्वारा अपराध चोरी चकारी छीनाझपटी लगातार बढ रही है। पुलिस ने अभी तक जो मामले पकड़े हैं। उनमें वाहन खराब हो गया उसमें नशा मिल गया। वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया और पुलिस को उसमें नशा मिल गया। कभी कभी मुखबिर की सूचना पर नशा परिवहन करते वाहन पकड़ में आ गए। पुलिस ने स्वयं कितने गुप्त अभियान चलाए। अनेक मामले तो अभी पकड़े ही नहीं गए जिनमें चोरी, चाकू की नोक पर छीनाझपटी और रास्ता रोक या रात की छीना झपटी के मामले हैं। पुलिस ने अभी ड्यूटी बाबत डीकोय आपरेशन चलाया जिसकी केवल न्यूज ही सामने आई उसका एक्शन किन पर हुआ वह सामने नहीं आया। राजस्थान की सीआईडी की तरफ से सीमा क्षेत्र की छावनियों सूरतगढ़ लालगढ जाटान और साधुवाली के आसपास के क्षेत्रों में सोशल मीडिया से पाक इंटेलीजेंस से संपर्क वालों पर नजर डाली गई। उनमें 25 तो स्पष्ट सामने आ ही गए। यह दो तरह के उदाहरण देने का उद्देश्य यही है कि पुलिस नशे के मामले में भी डिकोय आपरेशन चलाए। जो लोग संदिग्ध मिलें,उनके मोबाइल फोन काल डिटेल से साफ साफ पता लगाए कि कौन लोग जुडे़ हैं? क्या अपराधियों से पुलिस कर्मचारी और अधिकारी तक से संपर्क हैं तो उन पर भी रिपोर्ट तैयार हो।अगर यह डिकोय आपरेशन जैसा अभियान जल्दी ही नहीं चलाया गया तो हालात कभी उड़ता पंजाब जैसे या उससे बदतर हो जाएंगे। यह इलाका उड़ता गंगानगर। उड़ता हनुमानगढ़ या उड़ता बीकानेर के नाम से मशहूर हो जाएगा।वैसे अभी भी कोई कमी नहीं है हालात ऐसे हो रहे हैं कि रात में नहीं दिन में भी नशा परिवहन और विक्रय मैं कोई बाधा महसूस नहीं हो रही।०0०26 दिसंबर 2021.
करणीदानसिंह राजपूत,पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)सूरतगढ़ ( राजस्थान - भारत)91 94143 81356.********
शनिवार, 25 दिसंबर 2021
*मोदीजी, कृपया लोहिया को ठीक से जानिये !!- के. विक्रम राव ( वरिष्ठ पत्रकार)
नरेन्द्र मोदी ने अपने डेढ घंटे के संबोधन में गोवा मुक्ति संघर्ष के जनक डा. राममनोहर लोहिया का नाम केवल एक बार लिया। स्वतंत्रता दिवस के दिन तलईगांव में जनसभा कल (19 दिसम्बर 2021) थी। प्रधानमंत्री का यह उल्लेख भी केवल वाक्यांश के तौर पर। सरसरी रीति से। इससे नेहरुवादी अतीव प्रमुदित हुये होंगे। राष्ट्रभक्त मर्माहत। इतिहास में दर्ज है कि सर्वप्रथम 18 जून 1946 को गोवा की साम्राज्यवादी पुर्तगाल सरकार को लोहिया की जनसभा से चुनौती मिली थी। उसे बाधित किया गया तथा लोहिया को नजरबंद कर दिया। यह चार सदियों की गुलामी के युग के में गोवा का प्रथम स्वाधीनता संघर्ष था। मगर उस दौर के नेहरु—समर्थक कांग्रेसी इस गोवा संघर्ष के प्रारम्भ की आलोचना करते रहे। ''लोहिया एक जीवनी'' में लेखक—द्वय अरविंद मोहन तथा ओम प्रकाश दीपक ने कहा था : ''नेहरु ने फरवरी 1947 को कहा था कि गोवा की आजादी का प्रश्न गौण है।'' बल्कि बताया था ''गुलाम गोवा केवल एक फुंसी है जिसे कभी भी मसला जा सकता है।'' मगर विपरीत विचार था महात्मा गांधीजी का। बापू ने मुक्तकंठ से लोहिया की सराहना की। इतना ही नहीं, 14 अगस्त 1946 को अपनी पत्रिका ''हरिजन'' में महात्मा गांधी ने लिखा, ''लोहियाजी को बधाई दी जानी चाहिए।'' गांधीजी ने गोवा की प्रजा पर पुर्तगाली सरकार के दमन की कड़े शब्दों में आलोचना की और पुर्तगाली प्रशासन द्वारा डॉ. लोहिया की गिरफ्तारी पर सख्त बयान दिया। गांधीजी ने नेहरु से कहा कि वह गोवा में डॉ. लोहिया की रिहाई सुनिश्चित करें। नेहरु ने इस मामले में हस्तक्षेप करने में अपनी असमर्थता जताई। गांधीजी ने कहा कि डॉ. लोहिया कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, ''बल्कि भारत की आत्मा गोवा की जेल में है।'' उसके बाद गांधीजी ने भारत के वायसराय लॉर्ड वेवेल को पत्र लिखकर कहा कि वह डॉ. लोहिया की रिहाई के लिए पुर्तगाल की सरकार पर दबाव डालें। गांधीजी ने वायसराय और गोवा के चर्च से इस बारे में बार-बार अनुरोध किया। उनके प्रयास सफल हुए और 9 अक्टूबर 1946 को डॉ. लोहिया रिहा कर दिए गए। नेहरु ने डॉ. लोहिया के संघर्ष को अनावश्यक तथा आतिशी कदम बताया था। पर लाहौर जेल की कठोर यातना का भोगी यह गांधीवादी यातना से क्यों पीछे हटता? फिर पंजिम में जो हुआ वह सर्व विदित है। बापू के समर्थन के बावजूद कुछ कांग्रेसियों ने डॉ. लोहिया के कदम को नापसंद किया लेकिन भारत के आधुनिक इतिहास का दुखद अध्याय यही है कि गोवा की मुक्ति को लेकर डॉ. लोहिया के जनसंघर्ष के पंद्रह वर्ष बाद देश के चेहरे पर मुहासे जैसा गोवा पूरा फोड़ा बन गया। गोवा के पुर्तगाली गवर्नर जनरल मैनुअल सिल्वा ने 11 दिसंबर 1961 को भारतीय मुक्ति सेना के मुखिया जनरल कुन्हीरामन पी. कैंडेथ के समक्ष आत्मसमर्पण किया और हिन्दुस्तान का आखिरी यूरोपीय उपनिवेश मुक्त हो गया। यहां गमनीय बात है कि नेहरु का तर्क था कि गोवा, दमन द्वीव, दादरा नगर हवेली आदि पुर्तगाली उपनिवेश की जनता को खुद तानाशाह डा. एन्वोनिओ ओलिव सालाजार के विरुद्ध स्वतंत्र होने का संघर्ष चलाना चाहिये। अर्थात यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों के तुष्टिकरण की यह बात थी। जैसे भारत से कोई सरोकार नहीं है। पुर्तगाल स्वयं अधिनायकवादी गणराज्य था। ब्रिटेन और फ्रांस की भांति लोकतांत्रिक नहीं जो गुलाम भारत तथा पाण्डिचेरी के संघर्ष को समझकर उन्हें आजादी दे देता। दमन पुर्तगाली साम्राज्य की नीति रही। फिर नेहरु लगातार कहते रहे कि वे सैन्यबल से गोवा को मुक्त नहीं करायेंगे। तो 19 दिसम्बर 1961 को नेहरु क्यों पलटे? तब भारतीय सेना ने गोवा में घुसकर पुर्तगाली गर्वनर—जनरल से आत्म समर्पण करा दिया। क्या कारण था? मूल बात यह थी कि तब (1962 फरवरी) तीसरी लोकसभा का आम चुनाव था। उत्तर मुम्बई सीट से नेहरु के रक्षामंत्री और कम्युनिस्ट चीन के यार रहे वीके कृष्णमेनन की पराजय तय थी गांधीवादी निर्दलीय प्रत्याशी आचार्य जेबी कृपलानी की विजय निश्चित थी। अपनी तथा अपने कम्युनिस्ट—समर्थक रक्षामंत्री मेनन को बचाने हेतु गोवा में नेहरु ने अपनी सर्वविदित, बारंबार कही गयी बात को झुठलाकर, बहुघोषित अहिंसक सत्याग्रह का मार्ग छोड़कर, सेना को चुनाव के ठीक डेढ माह पूर्व गोवा कूच करा दिया। उस जनावेश में मेनन जीत गये। मगर कीमत नेहरु ने चुकाई कि इसी मेनन का दावा झूठा पड़ा कि सीमा पर खतरा अमेरिका—समर्थित पाकिस्तान से है, न कि कम्युनिस्ट चीन से। फिर चीन ने भारत को (अक्टूबर 1962) हराया और मेनन को निर्वाचित होने के छह माह के अंदर काबीना से त्यागपत्र देना पड़ा। लेकिन तब तक पूर्वोत्तर और लद्दाख के बड़े भूभाग पर चीन का कब्जा हो गया था। आज भी है। इस बारे में भी डा. लोहिया चेतावनी दे चुके थे। इसी परिवेश में नरेन्द्र मोदी का मुक्त गोवा के लिये डा. लोहिया के योगदान को पर्याप्त न आंकना और मामूली तौर पर दो चार शब्दों में समेट डालना, अत्यंत शोचनीय है। शायद भाजपा की सोच अभी भी नेहरु—अटल के अप्रत्यक्ष दबाव में है। वर्ना इतिहास को ऐसे कमतर नहीं आंका जाता। हम लोहिया के लोग मर्माहत हैं।K Vikram Rao Mobile : 9415000909E-mail: k.vikramrao@gmail.comTwitter ID: @Kvikramrao( साभार)*********(के विक्रम राव वरिष्ठ पत्रकार हैं।आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस और के विक्रम राव को डायनामाइट केस बनाकर जेल में डाल दिया गया था। जॉर्ज फर्नांडिस मुख्य अभियुक्त और के विक्रम राव द्वितीय अभियुक्त बनाए गए थे। फांसी पर चढा ने की मंशा थी। सरकार बदली तब वह केस हटा। करीब 35 साल पहले के.विक्रम राव के करकमलों से मैं सम्मानित हुआ थाःकरणीदानसिंह राजपूत.94143 81356.
******
शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021
पाक इंटेलिजेंस से संपर्क में केस संभव: सूरतगढ़ व श्रीगंगानगर इंटरोगेशन सेंटरों में पूछताछ:बड़ी खबर
* करणीदानसिंह राजपूत *
श्रीगंगानगर, 24 दिसम्बर 2021.
* सूरतगढ़ लालगढ जाटान व साधुवाली छावनी क्षेत्रों में सोशल मीडिया संचालित करने वाले कुछ का पाक इंटेलिजेंस से संपर्क होने के पक्के सबूत होने की वजह सामने आई*
पाक आईएसआई एवं पाक ऑपरेटिब्ज (पीआईओ) द्वारा छदम नाम से फेसबुक आईडी बनाकर फोर कॉल करके भारत में संवेदनशील संस्थानों (छावनी क्षेत्र) के आस-पास निवास करने वाले भारतीय नागरिकों, जैसे संस्थानों में कार्यरत कार्मिकों से सोशल मीडिया के माध्यम से सम्पर्क करके सैन्य एवं सामरिक महत्व की सूचनाएं प्राप्त करने का निरंतर प्रयास किया जाता रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप उक्त लोगों के हनी ट्रेप ( प्रेम जाल) में फंसाकर व आस्था परिवर्तन करवाने में सफल होने के उपरन्त सूचना साझा करने के काफी प्रकरण भी समय-समय पर देश के विभिन्न क्षेत्रों में दर्ज हुए है।
* इस सन्दर्भ मं राज्य विशेष शाखा जयपुर द्वारा वर्ष 2021 के दौरान दर्ज करवाए गये है।
इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु जिला श्रीगंगानगर के संवेदनशील संस्थाओं के आस-पास एवं भारत-पाक सीमा क्षेत्र में श्री उमेश मिश्रा, आईपीएस महानिदेशक पुलिस, इन्टेलीजेंस राजस्थान जयपुर द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत ऑपरेशन निगहबानी चलाया जा रहा है।
* यह ऑपरेशन तीन क्रमबद्व चरणों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें राज्य विशेष शाखा, जयपुर व सीआईडी जोन श्रीगंगानगर के करीब 50 अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रथम चरण में सूरतगढ, लालगढ व साधुवाली छावनी क्षेत्र व इसके आस-पस रहने वाले ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गयी, जो किसी भी तरह से पीआईओ के सम्पर्क में है या आ सकते है। द्वितीय चरण में ऐसे चिन्हित व्यक्तियों पर तकनीकी व अन्य माध्यमों से निगरानी रखकर डेटा संकलन किया गया।
*** अन्तिम चरण में ऐसे चिन्हित लगभग 25 व्यक्तियों को इंटेरोगेशन सेंटर सूरतगढ व गंगागनर में बुलाकर विस्तृत पूछताछ की गयी, पूछताछ के दौरान उक्त व्यक्तियों में से कुछ व्यक्तियों के पीआईओ के सम्पर्क में होने की पुख्ता जानकारी मिली है। कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के तकनीकी उपकरणों को कब्जे में लिया जाकर अग्रिम जॉंच एवं विशलेषण हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर भिजवाया जा रहा है।
पूछताछ से प्राप्त तथ्यों एवं तकनीकी विशलेषण रिपोर्ट होने के आधार पर विधिक राय प्राप्त कर कानूनी कार्यवाही की जावेगी।
महानिदेशक पुलिस, इन्टेलीजेंस श्री उमेश मिश्रा, आईपीएस द्वारा आमजन से विशेष अपील की गई है कि पीआईओ/आईएसआई द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्वीटर, वाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि के माध्यम से छद्म नामों से आईडी बनाकर सम्पर्क कर पहले आपसी सौहार्द बढाते है तथा बाद में सामरिक/सैन्य संस्थाओं के बारे में जानकारी यथा फोटोग्राफी, विडियोंग्राफी, अधिकारियों के मोबाईल नम्बर, लोकेशन आदि की मांग करते है, जिससे कुछ व्यक्तियों द्वारा जाने अनजाने में साझा कर ली जाती है, जो प्रतिबंधित है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अनुचित है। इस प्रकार के व्यक्तियों द्वारा सम्पर्क करने पर तुरन्त निकटतम सुरक्षा एजेंसियों की सूचित कर राष्ट्रीय सुरक्षा में भागीदारी बने। ०0० करणीदानसिंह राजपूत पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत) सूरतगढ़ राजस्थान
94143 81356.
*********
---------
सूरतगढ़ बार संघ ( न्यायिक) चुनाव:कड़ी टक्कर में जगतपाल थोरी 9 वोटों से जीते.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 24 दिसंबर 2021.
बार संघ न्यायिक के अध्यक्ष पद पर कड़ी टक्कर से हुए निर्वाचन में जगतपाल थोरी अध्यक्ष चुने गए।
जगतपाल थोरी को 88 और बजरंग स्वामी को 79 मत प्राप्त हुए। जीत में केवल 9 मतों का अंतर रहा। कुल 179 मतों में से 167 मत डाले गए।
जगतपाल थोरी को माल्यार्पण और गुलाल खेलकर बधाइयां दी गई।
कार्यकारिणी में सचिव पद पर विकास राजपुरोहित और कोषाध्यक्ष पद पर गौरव गोदारा चुने गए।
* निर्वाचन कार्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी एडवोकेट सहदेव जोशी, निर्वाचन अधिकारी एडवोकेट सुभाष बिश्नोई एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी एडवोकेट पूनम शर्मा ने संपन्न कराया।०0०
रात के अंधेरे में सूरतगढ़ रेल कर्मचारी, परिवार और आवासीय क्षेत्र: असुरक्षित हालात
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 24 दिसंबर 2021.
रेलवे के मुख्य द्वार से पुराने लोको तक के रेलवे आवास ( कॉलोनी ) रात के अंधेरे में खो जाते हैं। स्ट्रीट लाइटें कई महीनों से रोशन नहीं हो रही है। इलाका पहले बिजली से रोशन होता था। उसके बाद सौर ऊर्जा से रोशन होने लगा लेकिन बाद में उनकी बैटरियां हटादी गई।
रेलवे आवासों में रहने वाले रात को ड्यूटी पर आने जाने वालों के लिए रात का अंधेरा खतरा बना रहता है। अधिकारी जिनका सार संभाल की ड्यूटी है. वे इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। अधिकारियों की इस लापरवाही से कभी भी दूर्घटना हो जाएगी। रेल आवासों के पास ही सूर्यास्त के बाद नशेड़ियों दारूड़ियों किशोरों युवकों का जमावड़ा होने लगता है।
सूर्योदय नगरी क्षेत्र के रेल यात्रियों का भी इस इलाके से आवागमन होता है। उनके लिए भी खतरा रहता है। उनके साथ भी कभी लूटपाट छीनाझपटी आदि हो सकती है। यहां पर दिन और रात के फोटो दिए जा रहे हैं।
* आश्चर्य यह है कि रेल कर्मचारियों के संगठन भी इस गंभीरता पर लापरवाह बने हुए हैं। ०0०
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत )
सूरतगढ़।
94143 81356.
*******
गुरुवार, 23 दिसंबर 2021
सूरतगढ़ में कांग्रेस के हजारीराम मील प्रधान- कांग्रेस ने भाजपा से कैसे छीनी पंचायत समिति
* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 23 दिसंबर 2021.
पंचायत समिति सूरतगढ़ के चुनाव को लेकर जबरदस्त तूफान मचा हुआ था। अपने अपने कयास लगाए जा रहे थे।
कांग्रेस पार्टी ने निरंतर एकजुटता और ताकत लगाकर महत्वपूर्ण मानी जाने वाली पंचायत समिति सूरतगढ़ से भारतीय जनता पार्टी को धकेल दिया।
कांग्रेस ने अपना प्रधान हजारी राम मील को बना ही लिया। हजारी राम मील को 16 वोट मिले। भाजपा ने पेपसिंह राठौड़ को खड़ा किया था जिनको 7 वोट मिले।
हजारी राम मील का जीतना निश्चित ही था। भाजपा ने अपना प्रत्याशी केवल कागजी रिकॉर्ड के लिए ही खड़ा किया था। निर्दलीय भाजपा के समर्थक जीते हुए होते तो कुछ वोट मिलने की आश भी होती।तस्वीर एकदम साफ थी।
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2018 के जीतने बाद बहुत शानदार जानदार जनसमर्थन के कार्य किए। उनका एक फल नगर पालिका चुनाव में मिला और दूसरा पंचायत समिति चुनाव में मिला। नगर पालिका और पंचायत समिति दोनों पर भाजपा का राज था दोनों ही राज भाजपा के अधिकार से निकल गए।
भाजपा के शहरी और ग्रामीण नेता बराबर एक जैसे हो गए। बड़े नेता विधानसभा टिकट के लिए अपनी अपनी खिचड़ी पकाने दूसरे की खिचड़ी में पानी डाल रहे थे। किसी की भी खिचड़ी पक नहीं पाई। पिछले 3 सालों में कहीं भी बड़े नेताओं को और संगठन पदाधिकारियों को जनता के बीच काम करते नहीं देखा गया। हां,यदा कदा कागजी एक दो घंटे के प्रदर्शन जरूर किए गए।
कांग्रेस के पूर्व विधायक गंगाजल मील,पी सी सी हनुमान मील( जो विधानसभा चुनाव 2018 में दूसरे क्रम पर रहे) और सूरतगढ़ के बलाक अध्यक्ष परसराम भाटिया ने रणनीति से काम किया और प्रत्यशियों ने मेहनत की वह जीत के जयघोष में गूंज उठी।०0०
*******
मंगलवार, 21 दिसंबर 2021
भारत सरकार ने जयपुर के सीए शंकर अग्रवाल को पंजाब एण्ड सिंध बैंक में निदेशक बनाया
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 21 दिसंबर 2021.
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने आदेश जारी कर जयपुर के चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट शंकर अग्रवाल को सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक पंजाब एण्ड सिन्ध बैंक में तीन वर्ष के लिये स्वतन्त्र निदेशक नियुक्त किया है। मंत्री मंडलीय नियुक्ति समिति के सचिवालय से जारी आदेश में श्री अग्रवाल की नियुक्ति की अनुशंषा की गई है।
अग्रवाल वर्तमान में भारत सरकार के उपक्रम हिन्दुस्तान साल्ट लि. एवं सांभर साल्ट लि. में भी लम्बे समय से स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
अग्रवाल पूर्व में भी चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट संस्थान दिल्ली में अनेक समितियों में सदस्य, राजस्थान सरकार की राजकीय उपक्रम समिति में तकनीकी निदेशक, जन अभाव अभियोग की राज्य स्तरीय समिति के सदस्य, राजस्थान सरकार की बजट सलाहकार समिति, वित्त सलाहकार समिति एवं वैट सलाहकार समिति में भी सदस्य के रूप में कार्य कर चुके हैं।
वर्तमान में जयपुर की एस. गर्ग एण्ड कंपनी में सीनियर पार्टनर के रूप में कार्य कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी में अनेक पदों पर कार्य करने के साथ ही प्रारम्भ काल से ही आरएसएस से जुड़े हैं।०0०
सदस्यता लें
संदेश (Atom)