मंगलवार, 31 मई 2022
सोमवार, 30 मई 2022
सूरतगढ़:मनोज सुखीजा स्मृति रक्तदान:75 युनिट रक्त संग्रह
सूरतगढ़ 29 मई 2022.
महावीर इन्टरनेशनल , सूरतगढ़ व रक्तकोष फाउण्डेशन एवं सुखीजा परिवार के संयुक्त तत्वावधान में स्व. मनोज सुखीजा की प्रथम पुण्य तिथि पर आज दिनांक 29 मई 2022 , रविवार को चौपड़ा धर्मशाला , सूरतगढ़ में संस्था का 181 वां स्वेच्छिक रक्तदान शिविर लगाया गया । विधानसभा क्षेत्र सूरतगढ़ के विधायक श्री रामप्रताप कासनिया के द्वारा रिबन काटकर शिविर का उद्घाटन किया गया एवं स्व. मनोज सुखीजा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई । मैत्री ब्लड सेंटर , सूरतगढ़ के निदेशक सुनील योगी के नेतृत्व में बृजेंद्र बिश्नोई , रमनदीप कौर व स्मेस्ता गोदारा ने 75 यूनिट रक्त संग्रहण किया ।
शहीद भगत सिंह डिफेंस एकेडमी , सूरतगढ़ के छात्रों व मित्र मंडली मनोज सुखीजा सहित अनेक रक्तदाताओं ने रक्तदान किया ।
शिविर के आयोजन में अशोक सुखीजा , रंजन ताखर , विनोद चुघ , अजय चुघ , विष्णु तरड़ , मनोज जांगू , जयश्री चुघ , अशोक भार्गव , आदित्य बांठिया , सुनील मोदी , आरती चुघ , चैरी चुघ , मोनू धुवा , सेवानिवृत्त इंजीनियर रमेश चंद्र माथुर सहित संस्था सदस्यों ने विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग किया।०0०
सूरतगढ़ आबकारी विभाग के पास वाईन शाप के आगे स्ट्रीट लाईट पोल पर लगा साईनबोर्ड
सूरतगढ़ 30 मई 2022.
आबकारी विभाग इस पर कार्यवाही करे लेकिन वह नहीं करे तब कौन करे? आबकारी विभाग के कार्यालय से इस वाईन शाप की दूरी केवल 100 मीटर ही होगी।
जिला पुलिस कार्यालय इसे आबकारी विभाग की जिम्मेदारी बताता है। आबकारी विभाग ही जानता है कि शराब की दुकान पर कितना बड़ा नामपट्ट होगा और लाईट पोल पर भी लगा सकते हैं या नहीं।
सूरतगढ़ में 9 जून को शहीद गुरुशरण छाबड़ा की जयंती समारोह विशाल रूप में मनाए जाने की तैयारियाँ चल रही है। (राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी आमरण अनशन में पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा ने प्राण त्याग दिए थे।)
ऐसे में यहां आबकारी विभाग की उदासीनता क्यों है? संपूर्ण शहर पर आबकारी विभाग की नजर होनी जरूरी है।०0०
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सूरतगढ़ में तीन दिन: बच्चों का व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 29 मई 2022.
आजादी के 75वें अमृतमहोत्सव के अवसर पर राजयोग एजूकेशन एन्ड रिसर्च फाउंडेसन के अन्तर्गत ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सूरतगढ़ केंद्र पर तीन दिन से चल रहे बाल व्यक्तित्व विकास शिविर में पांच से पंद्रह साल तक के लगभग नब्बे बच्चों ने भाग लिया।
बी के रानी द्वारा बच्चों के समग्र विकास के लिए अनेको शिक्षाओं को जीवन मे धारण करने के लिए कहानियों के माध्यम से समझाया गया। जिसमें सुबह समय पर उठना समय पर स्कूल जाना। झूठ नही बोलना ।झगड़ा नही करना ।दया का भाव रखना ।माता पिता व बड़ों का आदर करना। गुरूओं का सम्मान करना आदि आदि।
रमेश आसवानी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहानी के माध्यम से बताया कि दो जनों के झगड़े का फायदा तीसरा व्यक्ति ले जाता है इसलिए आपस मे मिल जुल कर रहना चाहिये। कभी भी आपस मे झगड़ा नही करना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत मे छोटे छोटे बच्चों ने बहुत ही सुंदर कविताएं गीत कहानियां व नृत्य प्रस्तुत किए। बच्चों में अति उमंग ओर उत्साह का माहौल था। सभी बच्चों ने अनुशासन में रहने का संकल्प लिया। बच्चों में उत्साह इतना अधिक था वे कह रहे थे कि शिविर लगातार चलता रहना चाहिए।
कार्यक्रम में बी के पुष्पा राजपाल यादव राजू परिहार मुरली मनोहर दहिया किशनपाल बी के कमला बहन जसप्रीत कौर आदि उपस्थित रहे।०0०
पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध लड़ाई कच्ची पक्की.सवालों में घिरी।
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 30 मई 2022.
नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के भ्रष्टाचारों की जांच कराने की मांग ही आशंकाओं में घिरी है की यह पूरी होगी या बीच में ही छोड़ दी जाएगी?
ओमप्रकाश कालवा को सस्पेंड करके जांच करने की मांग है और 3 जून 2022 से क्रमिक धरने की चेतावनी है। चेतावनी ही लचर है जिससे यह आशंका है। क्रमिक धरना मतलब आंदोलन का सबसे कमजोर कदम। नगरपालिका कार्यालय खुलेगा तब धरना शुरू होगा और कार्यालय बंद होने पर उठ जाएगा। सप्ताह में 5 दिन। शनिवार और रविवार को अवकाश। वैसे इस प्रकार के धरने अधिकारी के आश्वासन पर बीच में ही उठ जाते हैं। धरना शुरू करते हैं उस वक्त फोटोग्राफी तक उपस्थिति और उसके बाद मौके पर चार पांच लोग। यही हर धरने पर होता आया है। नगरपालिका अध्यक्ष के विरुद्ध धरने में कोई अलग प्रक्रिया होने की उम्मीद नहीं। ऐसे धरने सुबह 10 बजे शुरू होते हैं और 5 बजे चटाईयां समेटना शुरू हो जाता है। इस धरने पर इसलिए आशंका है और मजबूत कारण भी है कि इसके लिए कोई संघर्ष समिति नहीं बनाई गई।
अभी तो एक पार्षद के लैटर हैड पर उसी की शिकायत है। बाकी तो सभी एक प्रकार से समर्थन पर ही हैं। कल को वह पार्षद धरना ही नहीं लगाए और आश्वासन पर मान जाए तब बाकी के क्या करेंगे? परसराम भाटिया और पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल के पास क्या कदम होगा? संघर्ष समिति बनाने का काम क्या बाद में होगा?
संघर्ष समिति बनाई जाती तो ओमप्रकाश कालवा के कार्य काल के नियम विरुद्ध किए सारे कार्य उसमें जोडे़ जाते। सड़कें नाले सफाई अव्यवस्था जोड़ी जाती। कालोनियों की स्वीकृतियां जोड़ी जाती जो हाईटेंशन तारों के नीचे हैं। भाजपा के लोगों से संबंधित भी है वे जुड़ती। लालचंद के समय के पट्टे जिन पर अध्यक्ष चुप है, वे मामले जुड़ते। अध्यक्ष ने वित्त और निर्माण व अन्य समितियों को नहीं बनाया। एकतंत्र चलाया जिससे भ्रष्टाचार हो रहा है। शिकायत में प्रमाणित होने वाले सभी मामले लिखे जाते। अध्यक्ष को निलंबित करने का लिखने मात्र से ही अध्यक्ष निलंबित नहीं होता। अध्यक्ष को निलंबित कराना इतना आसान होता नहीं है। बहुत जोर लगाना पड़ता है जो केवल कोठियों में बैठ कर शिकायत तैयार करने से नहीं होता।
अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर आरोप गंभीर हैं और निलंबित करके जांच शुरू कराने की मांग है। यह मांग स्थानीय निकाय निदेशालय जयपुर से ही पूरी हो सकती है। यह निलंबन का आदेश निदेशक, सचिव और मंत्री ही दे सकते हैं। जो विधिवत शिकायत और आरोपों का वर्णन होना चाहिए और वह शिकायत सरकार को जानी चाहिए जो एक पार्षद की शिकायत में दिखाई नहीं देता। अभी तीन जून आने में समय है और सरकार तक शिकायत पहुंचाने,प्रतिनिधि मंडल जयपुर जाने आदि के काम हो सकते हैं। अभी कई पेच हैं और आंदोलन के लिए चैयरमैन की कुर्सी छीनने के लिए ताकत चाहिए। सबसे बड़ा सवाल है कि कांंग्रेस बहुमत का बोर्ड है और चैयरमैन के विरुद्ध लड़ने वाले भी कांग्रेसी ही हैं। कोई बड़ा कांंग्रेस नेता एक निर्देश से आश्वासन से ही सब खत्म करा देगा। ०0०
शुक्रवार, 27 मई 2022
सूरतगढ़ पालिकाध्यक्ष ओम कालवा पर करोड़ों की जमीन पर कब्जे के आरोप से पद पर खतरा
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 27 मई 2022. नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर पहली बार बहुत गंभीर आरोप करोड़ों की सरकारी जमीन पर करने का लगाया गया है। आरोप प्रमाणित होने पर मुकदमा और जेल हो सकती है। मामले की जांच शुरू की जाने से पहले कुर्सी से भी हटाया जा सकता है।
राष्ट्रीय उच्च मार्ग नं 62 पर टिड्डी विभाग के नजदीक बहुत बड़े भूखंड पर एक कमरा बना तारबंदी कर कब्जा करने का आरोप है। कांंग्रेस के पार्षद मोहम्मद फारूख वार्ड नं 2 ने इस अतिक्रमण को अध्यक्ष का बताते हुए जांच की मांग की है। उसने जांच से पहले पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को सस्पेंड करने की मांग भी की है ताकि जांच को प्रभावित न सके।
पार्षद मोहम्मद फारूख ने अपने कांंग्रेस के हाथ के पंजे छपे लैटरहैड पर यह शिकायत की है।
पार्षद ने पालिका अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के और आरोप भी लगाए हैं।
सीवरेज कं की रोकी गई रकम 1 करोड़ 45 लाख के गलत भुगतान करने का आरोप भी है। पार्षद ने आरोप में लिखा है कि सिवरेज का सोक पिट कार्य पूरा होने का लिखकर देने के लिए दबाव बनाया गया। लोगों को दबाव बनाने के लिए भेजा जाता रहा। सोक पिट भरने और सेफ्टी टैंक खाली करने का कार्य बिल्कुल ही नहीं हुआ। इस भुगतान की जांच होनी चाहिए। अध्यक्ष निलंबित करके जांच की जाए ताकि जांच को प्रभावित नहीं कर सके।
यह आरोप भी लगाया गया है कि पेराफेरी भूमि पर अतिक्रमण करवा पट्टे बनाए जा रहे हैं। बलबीरो चौक वार्ड नं 2 पर अवैध अतिक्रमण कर वहां दुकान चलाई जा रही है। एक सरस बूथ का आरोप है जिससे रास्ता रुक गया लिखा गया है।
सूरतगढ़ में नगरपालिका बोर्ड कांंग्रेस बहुमत का है तथा अध्यक्ष पर कांंग्रेस के पार्षद ही रुक रुक कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहते हैं।
पार्षद मोहम्मद फारूख ने जांच करने की मांग अतिरिक्त जिला कलेक्टर और उपखंड अधिकारी से की है। इसकी प्रतियां मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर को भी देने का उल्लेख है।
इस लैटरहैड पर कुछ अन्य पार्षदों व अन्य के भी हस्ताक्षर हैं। परसराम भाटिया पार्षद,श्रीमती बिमला वार्ड नं 33,बसंतकुमार बोहरा वार्ड नं 31, प्रियंका कल्याणा वार्ड नं 14,लखविंदर सिंह वार्ड नं 18,सुरेंद्र टाक मनोनीत पार्षद,जसराम टाक,मुमताज अली,बबलु, अमित कल्याणा और पूर्व जिलाध्यक्ष युवा कांंग्रेस के हस्ताक्षर हैं।
यह ज्ञापन देते समय पूर्व पालिकाध्यक्ष बनवारी लाल मेघवाल, गगन दीप विडिंग,महेंद्र गोदारा, दलीप स्वामी मौजूद थे।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरविन्द कुमार जाखड़ ने जांच करने का कहा है।
* इस शिकायत पत्र में सात दिन का समय दिया है। मांग पूरी नहीं होने पर 3 जून 2022 से क्रमिक धरना करने की चेतावनी है।
* शिकायत में नाम नहीं दिए गए कि किसने काम पूरा होने का लिख देने का दबाव डाला? अन्य कौन कौन बार बार दबाव डालने आते रहे।
* जहां तक जांच से पहले निलंबित करने की मांग है तो वह स्थानीय निकाय निदेशालय जयपुर से ही पूरी हो सकती है।
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पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध आरोप और जांच का अभियान कांंग्रेसियों ने ही खोल रखा है जो अचंभित करता है। बनवारीलाल मेघवाल कांंग्रेस के हैं और यहां 2009 से 2014 तक पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। कांंग्रेस के पार्षद परसराम भाटिया जो ब्लॉक कांंग्रेस के अध्यक्ष हैं। भाटिया की पत्नी यहां पालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं।
परसराम भाटिया आदि ने लगातार आरोप लगाए हैं। एक बार तो पालिकाध्यक्ष ने कार्यालय में पत्रकार वार्ता भी आयोजित की जिसमें यहां तक कह दिया था कि परसराम भाटिया को ब्लॉक अध्यक्ष पद से हटाए हुए काफी समय हो चुका है, जबकि भाटिया अभी भी अपने इस पद पर बने हुए हैं।
* बनवारीलाल और परसराम भाटिया ने सिवरेज के रोके हुए 1 करोड़ 45 लाख के भुगतान के क ई दस्तावेज नकलें मांगी। आरोप था कि ईओ पूरी नकलें नहीं दे रहे। एक दिन पूर्व विधायक गंगाजल मील और पालिका अध्यक्ष की उपस्थिति में नकलें दी गई। यह समाचार छपा। इसमें भी लिखा हुआ था कि कैशबुक व भुगतान आदेश की नकलें नियम बता कर नहीं दी गई।
* सूरतगढ़ में सिवरेज का कार्य भाजपा की नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती काजल छाबड़ा के काल में हुआ जिसमें अनेक खामियां गड़बड़ियां रही भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे। उस समय विधायक पद पर भाजपा के राजेन्द्र सिंह भादू थे।
** बहुत बड़ा आश्चर्य यह है कि ओमप्रकाश कालवा ने पालिका के आगे सार्वजनिक समारोह आयोजित कर कार्यभार ग्रहण किया। उस समय पालिकाध्यक्ष ने खुले आम भाषण में कहा कि सिवरेज के गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ेंगे, कोई निर्माण में जहां कमियां होंगी वे दुरुस्त करवा देंगें। उनको पता तो था कि मुर्दे तो हैं उनको उखाड़ेंगे नहीं।यह क्या घालमेल है और अभी भी चल रहा है। उस समय 60 करोड़ से अधिक का भुगतान हुआ था उस पर सभी चुप हैं। आश्चर्य यह भी है कि अब जांच कराने की मांग करने वाले केवल 1 करोड़ 45 लाख रुपयों के भुगतान में ही भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। काफी महीनों से यह कागजी तलवारों से युद्ध हो रहा है। सीधे मुकदमों से टक्कर नहीं ली जा रही।
वैसे अब पहली बार अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर करोड़ों रुपयों के सरकारी भूखंड पर कब्जे का गंभीर आरोप लगा है। यह जांच गंभीरता से हो इसके लिए कई औरों के भी शिकायत में शामिल होने की संभावना है।
* कच्ची बस्तियों वालों राम प्रवेश डाबला आदि ने ओमप्रकाश कालवा और गंगाजल मील के विरुद्ध महीनों तक उपखंड कार्यालय के आगे धरना लगाया था। कोरोना के समय प्रशासनिक कड़ाई में वह रोकना पड़ा था। उनके आरोप भी भूमि संबंधी ही थे।
ऐसा लगता है कि गंगाजल मील का संरक्षण होते पालिका अध्यक्ष को शांति धारीवाल मंत्री से सस्पेंड कराना आसान नहीं है। बहुत दबाव और मुख्यमंत्री तक प्रयास होने पर ही कुछ संभव है। मील परिवार को विधानसभा की टिकट मांगनी है तो शायद मील ही कालवे को छिटका दें। मील 10 साल सत्ता से दूर रहने के बाद शायद परिवर्तन करें। क्योंकि ओमप्रकाश कालवा की विकास विनाश की रिपोर्ट उसमें शामिल होगी।०0०
गुरुवार, 26 मई 2022
सूरतगढ़ छीनाझपटी की घटनाओं पर भाजपा आठवें दिन जागी:नशे पर 27 वें दिन जागी
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ में नशा स्मैक फैलने और उस पर अंकुश लगाने की एक बड़ी रिपोर्ट राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर के संस्करण में 29 अप्रैल 2022 को छपी। एक दिन पहले 28 अप्रैल को जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा सूरतगढ़,आए और उन्होंने पुलिस उप अधीक्षक शिवरतन गोदारा और सिटी थाना अधिकारी सीआई रामकुमार लेघा से अपराधों बाबत बातचीत की जानकारी ली,तब उसी दिन राष्ट्रीय छात्र मोर्चा ने स्मैक नशा फैलने और उसे रोकने की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी ने यह रिपोर्ट पत्रिका में पढी होगी जो 29 अप्रैल को छपी। अब भाजपा के सारे सूरतगढ़ के नेता,मंडल,मोर्चे और जिले के सूरतगढ़ पदाधिकारी और विधायक पूर्व विधायक दिन गिनें। भाजपा ने युवा मोर्चे के लेटरहैड से एक ज्ञापन 25 मई 2022 को पुलिस उप अधीक्षक को सूरतगढ़ के थानाधिकारी के मारफत दिया। यह थाने में दिया। सिटी थाने और पुलिस उप अधीक्षक के कार्यालयों के बीच में केवल सड़क है। बस यही दूरी है।
* 29 अप्रैल को भाजपा के हर नेता और कार्यकर्ता को मालुम हो गया था कि राष्ट्रीय छात्र मोर्चे की ओर से 28 अप्रैल को मांग पत्र दे दिया गया है। इतना जान कर भी भाजपा चुप रही तथा आगे भी चुप ही रहती लेकिन घटनाक्रम ऐसे हुए कि 25 मई को जैसे तैसे यह ज्ञापन दिया। भाजपा नगर मंडल की गैर जिम्मेदार नीति लगातार अध्यक्ष सुरेश मिश्रा और महासचिव लालचंद शर्मा की लापरवहियां लेकिन विधायक कासनिया के खास तो इनको कौन हटाए। इन दोनों के ज्ञापन हस्ताक्षर हैं। सारे नेताओं को शामिल कर यह ज्ञापन दिया गया। फोटो में ये चेहरे हैं जो बताएं कि इतने दिन कैसे और क्यों सोते रहे? जनता इन पर भरोसा कैसे करे?
ये नेता कैसे जागे या इनकी मजबूरी हो गई?
18 मई को शहर में छीनाझपटी की 4 घटनाएं हो गई। सोशल मीडिया ने तो तत्काल ही खबरें दे दी। 19 मई को अखबारों में घटनाएं छप गई।
इन घटनाओं के चौथे दिन 21 मई को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राधेश्याम उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस उप अधीक्षक को ज्ञापन दे दिया। आम आदमी पार्टी ज्ञापन दे गई तब मजबूत पार्टी की मजबूरी हो गई फिर भी देरी होती रही और आखिर 25 मई को यह ज्ञापन दिया।
राजस्थान पत्रिका ने 29 अप्रैल को रिपोर्ट छापी,उससे पहले बहुत बड़ी रिपोर्ट ब्लास्ट की आवाज में छप चुकी थी। करणी प्रेस इंडिया मे क ई लेख छप चुके थे। भाजपा के नगर मंडल को काम ही नहीं करना। शहर की हर समस्या पर चुप्पी। आखिर जनता के बीच जवाब तो देना ही होगा। नगरपालिका के हर मामले पर चुप्पी।
अभी ये चित्र पत्रिका 29 अप्रैल 2022 देखेंं।
०0०
दि.26 म ई 2022.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
(राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356
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पंजाब में मंत्री बर्खास्त और पुलिस केस के बाद राजस्थान में आप का भय व बढती लोकप्रियता
* करणीदानसिंह राजपूत *
हेपंजाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला की बर्खास्तगी और के पुलिस केस के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाकी मंत्रियों को भी चेतावनी दे दी है। उन्हें रिश्तेदारों को अपने कामकाज से दूर रखने को कहा है। मान ने विभागों से जानकारी ली जिसमें पता चला कि कुछ मंत्रियों की पत्नी, बेटा और भांजे-भतीजे सरकारी काम में दखल
कर हैं । रहे इसे देखते हुए मान ने 2 मंत्रियों को बुलाकर खास तौर पर हिदायत जारी की है।
* पता चला कि एक मंत्री की पत्नी सरकारी कामकाज में बहुत ज्यादा इनवॉल्व हो रही हैं।
* एक मंत्री के भांजे भी सरकारी मीटिंग में शामिल होकर अपनी सलाह दे रहे हैं।
*एक मंत्री का बेटा तो उनके नाम पर लोगों से मुलाकात कर रहा है।
* मान ने चेतावनी दे दी कि उनका भी स्टिंग ऑपरेशन हो सकता है। जिससे सीधे कुर्सी जाएगी, जैसे हेल्थ मिनिस्टर विजय सिंगला को गंवानी पड़ी।
सिंगला की कुर्सी जाने के पीछे भांजा प्रदीप
हेल्थ मिनिस्टर डॉ. विजय सिंगला की कुर्सी जाने का कारण उनका भांजपा प्रदीप गोयल बना है। प्रदीप को सिंगला ने अपना विशेष सलाहकार osd बनाया था। सुपरिटेंडिंग इंजीनियर से 1% कमीशन प्रदीप ने ही मांगा था। जिसकी रिकॉर्डिंग हो गई। जिसके बाद मान ने सिंगला को बर्खास्त कर दिया। भ्रष्टाचार के केस में सिंगला के साथ भांजे प्रदीप को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है।
* पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठाये इन सख्त फैसलों से चिपते हुए राज्य राजस्थान में राजनैतिक दलों और नेताओं में भय फैल रहा है वहीं आम जनता में लोकप्रियता बढ रही है।
पंजाब के चिपते हुए दो जिलों श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ में तो बड़ा असर पड़ रहा है। आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए लोगों को देख जनता आकर्षित हो रही है। लोग मोहल्लों और गांवों में आप के कार्यकर्ताओं को सुन रहे हैं और सदस्य बन रहे हैं। आम आदमी पार्टी गठन के समय पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाए चौराहों पर गलियों में मेजें लगाई थी उस समय इतना अधिक आकर्षण नहीं था जो अब अपने आप बन रहा है।
भाजपा जो 2023 में अपनी सरकार बनने का पक्का मानकर चल रही है, उसी को आम आदमी पार्टी के आक्रामक रूप से चुनाव में उतरने का भय लगने लगा है। आम आदमी पार्टी ने राजस्थान की समस्त 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है। भाजपा में गुटबाजी को दिल्ली नेता खत्म नहीं कर पाए हैं। भाजपा के पास पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बराबर का कोई नेता नहीं है जो डंके की चोट भाजपा सरकार बनाने का दावा कर सके। भाजपा नेता मोदी चेहरे से चुनाव लड़ने की घोषणा कई बार कर चुके हैं मगर आम जनता ने इसपर कोई जयकारा नहीं लगाया है। जनता की ओर से कोई खुशी प्रगट नहीं हुई है। भाजपा को यह तो स्पष्ट लग रहा है कि जनता का जबरदस्त समर्थन अभी नहीं है। ऐसे में आम आदमी पार्टी का भय सता रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी यह असर कांग्रेस पर भी डाल रही है।०0०
दि. 26 मई 2022.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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बुधवार, 25 मई 2022
एमबीबीएस डिग्रीधारी नाम के आगे लिखेंगे मेडिकल डॉक्टर:विशेषज्ञ लिखने के भी नियम
० विशेष समाचार०
एनएमसी ने एलोपैथी डाक्टरों के लिए पेशेवर आचार संहिता का मसौदा जारी किया है। अब एमबीबीएस डिग्रीधारी अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखने की बजाय मेडिकल डॉक्टर लिखेंगे। इससे उनकी अलग पहचान हो सकेगी।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 के तहत पंजीकृत डॉक्टरों के लिए पेशेवर आचार संहिता का जो प्रारूप जारी किया है, उसमें यह प्रावधान किया है। अभी तक नाम के आगे डॉक्टर कई लोग लिखते हैं।
जैसे एलोपैथी के अलावा आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा के पंजीकृत डॉक्टर।
पीएचडी करने वाले भी डॉक्टर लिखते हैं।
कई बार जिन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलती है, वे लोग भी डॉक्टर लिखते हैं। इससे पहचान नहीं हो पाती है कि कौन मेडिकल डॉक्टर है।
* नए प्रावधानों के लागू होने के बाद एलोपैथी के डॉक्टरों की अलग पहचान होगी। वे अपने नाम के आगे मेडिकल डॉक्टर लिखेंगे।
एनएमसी की तरफ से सोमवार 23 मई 2022 को जारी मसौदे के अनुसार यदि डॉक्टर विदेश से पढ़कर आया है तो उसी डिग्री का नाम के साथ उल्लेख होगा, जिसे एनएमसी ने भारतीय डिग्री या डिप्लोमा के समकक्ष मंजूरी दी हो।
* कोई भी एलोपैथी डॉक्टर किसी विषय में विशेषज्ञ होने का दावा तभी कर सकेगा,जब उसने उस विषय में अलग से कोर्स किया हो। सिर्फ अनुभव के आधार पर विशेषज्ञ होने के दावे नहीं किए जा सकेंगे।०0०
सूरतगढ़: सुशिक्षित नारी को चुनाव 2023 में टिकट दिया जाए तो ऐतिहासिक कदम होगा.
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में राजनैतिक दल सुशिक्षित सामाज सेवा में अग्रणी नारियों को अपने अपने दल से चुनाव लड़ाए तो बहुत बड़ा कदम होगा।
अभी भारतीय जनता पार्टी,इंडियन नेशनल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी चुनाव लड़ेंगी के दावे सामने आ रहे हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव शुरू होने से 2018 के चुनाव तक केवल एक बार महिला ने सूरतगढ़ सीट से प्रतिनिधित्व किया था।
सन् 1998 से लेकर 2003 तक श्रीमती विजयलक्ष्मी बिश्नोई सूरतगढ़ सीट पर कांग्रेस पार्टी से विधायक रहीं। वे कुछ समय तक संसदीय सचिव भी बनी।
2003 के चुनाव में विजयलक्ष्मी बिश्नोई भाजपा के अशोक नागपाल से पराजित हुई।
सत्तर साल में केवल एक बार महिला विधायक बनी। ( विजयलक्ष्मी बिश्नोई के पति सुनील बिश्नोई 2 बार सूरतगढ़ से विधायक रहे और 2 चुनावों में पराजित हुए)
सन् 2008 में परिसीमन के बाद सूरतगढ़ छोटा क्षेत्र हो गया। सन् 2008 में जब राजस्थान पत्रिका से जुड़ा हुआ था तब समाचारों के माध्यम से एक कोशिश की कि सूरतगढ़ से किसी महिला को टिकट मिले। उस समय भारतीय जनता पार्टी में तीन महिलाओं ने टिकट के लिए प्रयास किए लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हो पाए।
अभी भाजपा और कांग्रेस दोनों इस क्षेत्र में बड़ी पार्टियां हैं और ये प्रयास करें तो सूरतगढ़ के लिए बहुत बड़ा ऐतिहासिक काम होगा। ये सुशिक्षित सामाजिक राजनैतिक कार्य में आगे रह सकने वाली नारियों को टिकट देकर चुनाव में उतारें। सूरतगढ़ ने भाजपा और कांग्रेस के पुरूष विधायकों को देखा है,उनके कामों को देखा है। उनकी लोकप्रियता को देखा है। अब सुशिक्षित नारी को टिकट देने के लिए आवाज बने तो सच्च में ऐतिहासिक कदम होगा। नारी जागरूकता का नारे का सच्च भी सामने आएगा जो ये दोनों पार्टियां देती रहती है।
दि. 25 मई 2022.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356.
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