मंगलवार, 27 नवंबर 2018
सोमवार, 26 नवंबर 2018
सूरतगढ़:लूट करने से पहले 6 हथियारबंद गिरफ्तार: तीन हरियाणवी तीन राजस्थानी
* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 26 नवंबर 2018.
लाखों रूपये लूटने की घटनाओं से पहले 6 व्यक्तियों को हथियारों सहित गिरफ्तार कर लिया गया।
सूरतगढ़ थर्मल जाने वाले बैंक खजाने को,एपेक्स हॉस्पिटल के खजाने को और सहारा इंडिया एजेंट कार्यालय के खजाने को लूटने की योजना बनाई हुई थी।थर्मल जाने वाले खजाने को लूटने के लिए दो बार रेकी भी कर चुके थे।
पुलिस की अपराधियों की खोजबीन में लगाई गई टीम को इसकी सूचना मिली तब सूरतगढ़ सदर थाना पुलिस ने घेराबंदी कर छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। सूरतगढ़ से श्री गंगानगर जाने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्ग नंबर 62 पर पालीवाला के पास होटल सतनाम सिंह वाला में अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई। अभियुक्त सोमवार को यानी 26 नवंबर 2018 को लूटपाट करने वाले थे मगर 1 दिन पहले 25 नवंबर को दोपहर में इनकी गिरफ्तारी हो गई। इनमें तीन अभियुक्त हरियाणा के रहने और तीन अभियुक्त राजस्थान के रहने वाले हैं।एक अभियुक्त हत्या के मामले में जेल में बंद था और अब जमानत पर था।अभियुक्तों के पास खतरनाक हथियार थे और लूटपाट करते वक्त कोई अनहोनी भी हो सकती थी लेकिन पूर्व में गिरफ्तारी हो जाने से कोई कांड नहीं हो पाया।
1. जोगेंद्र उर्फ जोगा प्रधान पुत्र रमेश कुमार जाट उम्र 24 वर्ष निवासी ढाणी पानीपूरिया हांसी हरियाणा के पास एक देसी पिस्तौल और तीन कारतूस बरामद हुए।
2.अमित कुमार जाट पुत्र सुरेंद्र जाट निवासी खांडाखेड़ी नारनौल हरियाणा के पास एक देसी पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए।
3.नरेंद्र मेहरा पुत्र अजीत सिंह जाट निवासी ढाड बरवाल हिसार हरियाणा से मिर्ची पाउडर और सूत की रस्सी बरामद हुई।
4.सुनील कुमार पुत्र रामनिवास सुथार निवासी मल्लरखेड़ा संगरिया राजस्थान के पास से धारदार कांपा बरामद हुआ।
5.सोहनलाल उर्फ सोनू पुत्र पूर्ण राम सुथार निवासी चक 1 के एस आर तहसील सूरतगढ़ राजस्थान के पास से मिर्च पाउडर और सूत की रस्सी बरामद हुई।
6.नरेंद्र कुमार स्वामी पुत्र मोहनलाल निवासी जानकीदासवाला तहसील सूरतगढ़ थाना जैतसर के पास से बांस का डंडा बरामद हुआ।
पुलिस के अनुसार पूछताछ में प्रारंभिक स्तर पर मालूम हुआ है कि ये लोग थर्मल बैंक में जाने वाले रुपयों को सहारा एजेंट कार्यालय के रूपों को व एपेक्स हॉस्पिटल सूरतगढ़ के रूपयों को लूटने के फिराक में थे।
आरोपियों ने थर्मल बैंक जाने वाले खजाने को लूटने के लिए 28 सितंबर 2018 को और 2 अक्टूबर 2018 को रैकी भी कर चुके थे।
इन अभियुक्तों में जोगेंद्र उर्फ जोगा प्रधान दोहरे हत्याकांड में जेल में भी रह चुका है और अब जमानत पर बाहर आया हुआ है।ण सूरतगढ़ सदर पुलिस ने इनको फिलहाल भारतीय दंड संहिता की धारा 399 और 402 में गिरफ्तार किया है।
मंगलवार, 20 नवंबर 2018
सिख विरोधी दंगा केसः 34 साल बाद 1 को फांसी, दूसरे को उम्रकैद; 35-35 लाख का जुर्माना भी लगा
* साल 1984 में दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर इलाके में दो लोगों (हरदेव सिंह और अवतार सिंह) की हत्या हुई थी। कोर्ट ने इसी मामले में सबूतों के आधार पर माना था कि आरोपियों का मकसद हत्या करना ही था।*
* 2 नवंबर 1984 को सिख विरोधी दंगों के दौरान कुछ इस तरह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास सिख फंस गए थे।*
साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा केस में 34 साल बाद बड़ा फैसला आया है। मंगलवार (20 नवंबर 2018) को इससे जुड़े एक मामले में पहली सजा का ऐलान हुआ। नई दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट ने दो दोषियों में यशपाल सिंह को फांसी, जबकि दूसरे नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई।अडिश्नल सेशन जज अजय पांडे ने नरेश व यशपाल को दंगों के दौरान हरदेव सिंह व अवतार सिंह की हत्या का दोषी ठहराते हुए कहा कि इस नरसंहार के पीड़ितों के साथ न्याय होना जरूरी है। उन्हें बीच में यूं लटका कर छोड़ा नहीं जा सकता।
एडिश्नल डिप्टी कमिश्नर पुलिस कुमार ज्ञानेश के हवाले से एएनआई ने बताया कि सजा के ऐलान के साथ यशपाल-नरेश पर 35-35 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। यह फैसला कोर्ट के बजाय तिहाड़ जेल में सुनाया गया।*
यह मामला इन दोनों पर हरदेव के भाई संतोख सिंह ने दर्ज कराया था। कोर्ट का रिकॉर्ड बताता है कि तब दोनों दोषियों समेत तकरीबन 500 लोगों की भीड़ ने इलाके में दुकानों में आग लगा दी थी और लूटपाट की थी। घटना के बाद तब महरौली पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था।
आगे जांच-पड़ताल भी हुई, जिसके बाद एक आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। पर दो साल बाद (1986 में) उसे बरी कर दिया गया था। साल 2015 में बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने इस मामले की जांच की थी।
आपको बता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में हिंसा भड़की थी। 31 अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच विभिन्न हिस्सों में दंगे हुए थे। उसी दौरान 1984 में दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर इलाके में दो लोगों (हरदेव सिंह और अवतार सिंह) की हत्या हुई थी। कोर्ट ने इसी मामले में सबूतों के आधार पर माना था कि आरोपियों का मकसद हत्या करना ही था। 14 नवंबर को कोर्ट ने यशपाल और नरेश को दोषी ठहराया, जबकि आज उन्हें सजा सुनाई गई।
जनसत्ता ऑनलाइन
November 20, 2018.
सोमवार, 19 नवंबर 2018
सूरतगढ़:कांग्रेस प्रत्याशी हनुमान मील की सभा:लोगों की कम उपस्थिति चर्चा बनी
* करणीदानसिंह राजपूत *
कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी हनुमान मील की सभा आज नामांकन दर्ज कराने से पहले पुरानी धान मंडी में हुई। सभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामप्रताप कासनिया और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी डूंगरराम गेदर व उनकी पार्टियों की नीतियों को जमकर कोसा गया।
डूंगर राम गेदर पर भ्रष्टाचार का व्यक्तिगत गंभीर आरोप लगाया
गया।
सभा में हनुमान मील ने मंच पर आकर हाथ जोड़े और हाथ हिलाकर उपस्थित लोगों का स्वागत किया। वे मंच पर आगे होकर बैठे। हनुमान मील से हाथ मिलाने वालों की संख्या लगातार रही।
इस मंच पर पूर्व विधायक गंगाजल मील और कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
सभा के मंच पर हनुमान मील और गंगाजल मील का फोटो लगा था। सभा स्थल के प्रवेश द्वार पर भी एक तरफ हनुमान मील और दूसरी तरफ गंगाजल मील का चित्र छपा हुआ था।यह प्रदर्शित हो रहा था कि हनुमान मील चुनाव लड़ रहे हैं और गंगाजल मील का हर कदम पर सहयोग रहेगा। मंच से एक वक्ता ने भी कहा कि पुरानी गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा।जनता के काम कराए जाएंगे हनुमान मील चाहे जयपुर रहें लेकिन सूरतगढ़ में हर वक्त गंगाजल मील जनता को उपलब्ध रहेंगे।
सभा में अन्य दलों को छोड़कर आए लोगों को हरियाणा रोहतक के सांसद दीपेन्द्र हुड्डा, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी गई और पार्टी को मजबूत बनाने और सबके साथ चलने का वादा किया I कांग्रेस की सभा को दीपेंद्र हुड्डा,काजी निजामुद्दीन,भरत मेघवाल,गंगाजल मील, राजाराम मील और प्रत्याशी हनुमान मील ने संबोधित किया। हनुमान मील ने कहा कि सेवा का मौका मिला है और यह कार्य सेवक के रूप में करूंगा
दीपेन्द्र हुड्डा जी,काजी मोहम्मद निजामुद्दीन,पूर्व विधायक गंगाजल मील,कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष संतोष सहारण, पूर्व सांसद भरत मेघवाल,सूरतगढ ब्लोक अध्यक्ष परसराम भाटिया,राजियासर ब्लोक अध्यक्ष बनवारी थोरी,पूर्व पार्षद राजाराम गोदारा,उप प्रधान रामकुमार भांभू,हाजी खुदाबकस ,जिला परिषद सदस्य कमला अठवाल,आदि मौजूद थे।
कांग्रेस की इस सभा में लोगों की कम उपस्थिति पर सवाल उठ रहे थे कि डूू़ंंगर गेदर की सभा में संख्या अधिक थी। लोगों में यही सवाल हो रहे थे कि बसपा की सभा से भीड़ ज्यादा होनी चाहिए थी।टिकट नहीं मिलने सै नाराज नेता सभा मेंं नहीं आए। वे किधर जाएंगे कि चर्चा एं भी हो रही थी। टिकट न मिलने से नाराज कुछ नेताओं के हाथ के बजाय हाथी के पक्ष में जाने के समाचार इलाके में फैल रहे हैं। उनके बैठकें करने की सूचनाएं भी इधर उधर हो रही हैं।नाराज नेताओं और कार्य कर्ताओं के सभा में नहीं आने से समाचारों को बल मिल रहा है।
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शुक्रवार, 16 नवंबर 2018
श्रीगंगानगर जिले की प्रत्येक विधानसभा के कितने मतदाता हैं-जानिए
* जिले में 13,50,022 मतदाता है*
श्रीगंगानगर, 28 सितम्बर2018.
जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री ज्ञानाराम ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 6 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों का अन्तिम प्रकाशन कर दिया गया है। इसके बाद भी नाम जोड़ने व हटाने का क्रम जारी रहेगा। 6 विधानसभा क्षेत्रों में कुल अब तक 13 लाख 50 हजार 22 मतदाता है।
श्री ज्ञानाराम शुक्रवार को कलैक्ट्रेट कक्ष में मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने बताया कि
सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाता एक लाख 13 हजार 238, महिला मतदाता एक लाख 2 हजार 158 है।
श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाता एक लाख 13 हजार 585 तथा महिला मतदाता एक लाख 4 हजार 8 है।
श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाता एक लाख 15 हजार 901, महिला मतदाता एक लाख 5 हजार 202 है।
सूरतगढ विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाता एक लाख 20 हजार 634, महिला मतदाता एक लाख 6 हजार 719 है।
रायसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाता एक लाख 28 हजार 535 तथा महिला मतदाता एक लाख 15 हजार 984 है।
अनूपगढ विधानसभा क्षेत्रमें पुरूष मतदाता एक लाख 18 हजार 471 तथा महिला मतदाता एक लाख 5 हजार 588 है।
इस प्रकार जिले में कुल पुरूष मतदाता 7 लाख 10 हजार 420 तथा महिला मतदाता 6 लाख 39 हजार 602 है।
जिला कलक्टर ने बताया कि 2 अक्टूबर को विशेष ग्राम सभाएं होगी, जिसमें मतदाता सूचियों का पठन होगा तथा नये मतदाता बनाने के आवेदन, नाम हटाने के आवेदन भी लिए जाएंगे। ग्राम सभा 3 व 4 को भी लगातार रहेगी। 7 अक्टूबर 2018 को प्रातः से सायं 7 बजे तक राजनैतिक दलों के बीएलए के साथ भी मतदाता सूचियों की जानकारी दी जाएगी।
जिला कलक्टर ने एमसीएमसी पैड न्यूज एवं मीडिया प्रकोष्ट की जानकारी दी। किसी भी दल व उम्मीदवार की ओर अधिक झुकाव वाली खबर या विशेषण की खबर पैड न्यूज की श्रेणी में आती है। रेडियो व टीवी पर विज्ञापन के लिए उम्मीदवार को कमेटी से प्रमाणीकरण करवाना होगा। इसके लिए तीन दिन पूर्व आवेदन करना होगा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी श्री नखतदान बारहठ भी उपस्थित थे।
गुरुवार, 15 नवंबर 2018
पूर्व विधायक अशोक नागपाल ने भाजपा छोड़ी:पार्टी अध्यक्ष को त्याग पत्र भेजा
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ 15-11-2018.
भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार अशोक नागपाल ने टिकट नहीं मिलने पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।
सूरत गढ से वर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह भादू की टिकट काटी गई और पूर्व राज्य मंत्री रामप्रताप कासनिया को देदी। अनूप गढ में प्रियंका बेलान को भी टिकट नहीं दिया गया।
नागपाल श्री गंगानगर से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
मंगलवार, 13 नवंबर 2018
औरतों से पेच:औरतों ने ही मरवा दिया-सूरतगढ़ पुलिस का खुलासा
* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 12 नवंबर 2018.
पराई औरतों से संबंधों के चलते उन्हीं से हुए विवाद से हनुमानगढ़ में हुई हत्या और सूरतगढ़ के पास नहर में थैले मे हाथ पैर बांधी मिली लाश की जांच में 2 औरतों व 3 आदमियों को गिरफ्तारियां और फरार दो अभियुक्त बार-बार नाम बदलते रहे जगह बदलते
रहे लेकिन गिरफ्तार कर लिए गए
।
सूरतगढ़ के थाना अधिकारी सीआई निकेत पारीक ने घटनाक्रम गिरफ्तारियां पत्रकारों के समक्ष रखी और यह दावा किया कि अपराध कभी छुपता नहीं तथा अपराधियों की पकड़ जरूर हो जाती है। चाहे वे कितनी ही जगह बदले, कितने ही नाम और काम बदलें।
थाना अधिकारी ने सूरतगढ़ के पास 22 दिसंबर 2016 को भाखड़ा नहर की पीलीबंगा ब्राच चक 35 में नहर के अंदर एक प्लास्टिक थैले में बंद हाथ पैर बांधी हुई और पूरी तरह से मारपीट किए हुए एक व्यक्ति की लाश बरामद की। पुलिस ने आसपास मालूम किया मगर कोई पता नहीं चला तब पुलिस थानों को सूचित किया गया व सोशल मीडिया पर भी सूचना जारी की गई। तब लाश की पहचान हुई।
मृतक हनुमानगढ़ जंक्शन के वार्ड नंबर 42 में सुरेशिया मोहल्ला निवासी पचपन वर्षीय हरजिंद्र सिंह था। पुलिस जांच में पाया गया कि उसका कोई वारिस नहीं था वह पिछले 10- 12 सालों से सुरेशिया में रह रहा था। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर उसी वार्ड के पार्षद व अन्य लोगों को शव सुपुर्द कर दिया था।
पुलिस जांच के अंदर यह मालूम हुआ कि हरजिंदर सिंह कुछ समय तक पाठी के रूप में कार्य कर रहा था।
रहस्य उजागर हुआ के हरजिंद्र सिंह वहीं पर रहने वाली 55 वर्षीय आशा पत्नी मक्खन लाल अरोड़ा के संपर्क में था। हरजिंद्रसिंह और आशा के बीच एक प्लाट को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में समझौता हो गया। वहीं
सुरेशिया मोहल्ले में एक और स्त्री परमजीत कौर उर्फ पम्मी उर्फ चरणजीत कौर 45 वर्षीय पत्नी मलकीत सिंह किराए के मकान में रहती थी। वह चट्ठा गांव थाना मंडी डबवाली सिरसा की रहने वाली थी लेकिन सुरेशिया में जगजीत सिंह उर्फ विक्की 36 वर्षीय के साथ रहती थी। हरजिंदर सिंह उस स्त्री के साथ छेड़खानी करता था। यह आरोप विवाद और झगड़े का कारण बना।
हरजिंदर सिंह का एक झगड़ा आशा के साथ हुआ दूसरा झगड़ा परमजीत कौर के साथ हुआ। उनके संगी भी हरजिंदर के विरोधी हो गए। यह रंजिश बढ़ती हुई हरजिंद्र सिंह की हत्या तक पहुंच गई।
20 दिसंबर 2016 को दोपहर में हरजिंद्र सिंह को पकड़ कर जगजीतसिंह के किराए के घर में लाया गया और बुरी तरह से मारपीट की गई। करंट लगाया गया। बाद में लाठियों से पीटकर हत्या कर डाली। घटनाक्रम में जगजीत सिंह ने अपने मित्र युसूफ पुत्र गुल्ले खान जितेंद्र पुत्र सोहनलाल बावरी के साथ मिलकर हरजिंद्र को ठिकाने लगाया। उस कार्य में वहां पर आशा और परमजीत कौर भी मौजूद थी। इन सभी ने मिलकर हरजिंद्र को मार डाला। उसकी लाश वाला थैला मोटर सायकिल पर लाद कर निकले और थैला सूरतगढ़ के पास नहर में डाल दिया गया।
पुलिस ने जांच शुरू कर 13 जनवरी 2017 को हत्या का खुलासा किया और युसूफखान,जितेंद्र और आशा को गिरफ्तार कर लिया,लेकिन जगजीत सिंह और परमजीत कौर फरार हो गए। यह मामला जांच में पेंडिंग पड़ा था खोजबीन में मालूम नहीं चल रहा था कि ये दोनों कहां रह रहे हैं।
अब जिला पुलिस अधीक्षक आदेश पर इन फरार अभियुक्तों की गहन तरीके से खोजबीन शुरू हुई।
थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक ने इसके लिए एक टीम का गठन किया जिसमें हेड कांस्टेबल रतनलाल कांस्टेबल इंद्राज और कांस्टेबल कांता देवी को लगाया गया।
कई दिन तक रैकी करते रहे और उन्हें पता लगा कि बठिंडा रिफाइनरी के पास फरार अभियुक्त जगजीत सिंह कोई चाय का खोका किया करता था लेकिन वह दुकान बंद कर कहीं चला गया। अब खोजबीन फिर आगे चली और इस खोजबीन में पता लगा कि यह दोनों बबहमण जैसासिंह वाला थाना तलवंडी साबो बठिंडा अंदर रह रहे हैं।
पुलिस ने इन दोनों को 11 नवंबर 2018 वहां गिरफ्तार किया।
थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक ने बताया कि समस्त पांचो अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अपराध कैसे भी किया जाए कोई भी करें कहीं भी गायब हो जाए लेकिन एक न एक दिन वह पुलिस की गिरफ्त में आ जाता है और पुलिस उसे न्याय के लिए अदालत को सौंप देती है।
यहां पर गिरफ्तार जगजीत सिंह और परमजीत कौर के फोटोग्राफ्स दिए जा रहे हैं पास में उपस्थित है टीम लीडर रतनलाल हेड कांस्टेबल।
रविवार, 11 नवंबर 2018
सूरतगढ़ भाजपा टिकट रामप्रताप कासनिया को मिली
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी की टिकट रामप्रताप कासनिया को घोषित हो गई।
दो दिग्गजों वर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह भादू और पूर्व राज्य मंत्री रामप्रताप कासनिया के बीच टिकट वास्ते जबरदस्त कसम कस चल रही थी।
रामप्रताप कसनिया ने सन 2013 में टिकट नहीं मिलने पर पार्टी के उच्च नेताओं के निर्देश पर राजेंद्र सिंह भादू को मंच पर खुला समर्थन दिया व विजय श्री दिलाने में पूरा योगदान दिया।
कासनिया ने 5 वर्ष तक भारतीय जनता पार्टी की अनुशासन तपस्या करके पार्टी को अन्य चुनावों में भी पूरा सहयोग दिया व सत्ता पर बिठाने में योगदान दिया।
कसनिया ने तपस्या में स्वयं को सफल मानकर लोगों की समीक्षा और समर्थन पाकर सन 2018 की टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।
एक सभा 10 अक्टूबर को करके यह साबित भी किया कि वर्तमान में सूरतगढ़ क्षेत्र के लोग उन्हें बहुत चाहते हैं।
लोग यह मानते हैं कि टिकट कासनिया को दिया जाए तो विपरीत हालात में भी यह सीट भारतीय जनता पार्टी की दावे के साथ विजय श्री की ओर बढ़ सकती है।
इस सीट पर भाजपा का वर्चस्व कायम है और चुनाव के अंदर कांग्रेस के साथ जबरदस्त टक्कर होगी।
राम प्रताप कासनिया ने कहा था कि सर्वे के आधार पर टिकट दिया जाए। राजेंद्र सिंह भादू ने अपने विकास कार्यों पर पूरा भरोसा करते हुए कहा कि विकास हुए हैं उनके आधार पर टिकट का वितरण किया जाए।वर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह भादू की टिकट काट दी गई है,दुबारा नहीं दी गई।
राजनीतिक क्षेत्रों में चाहे मोदी और वसुंधरा का नारा चले ना चले लेकिन यह तो मानकर चल रहे हैं कि कांग्रेस के पक्ष में जो हवा बताई जा रही है वह वोटिंग के समय तक नहीं रहेगी ।
लोग अभी भी भाजपा को चाहते हैं और भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अधिक वोट करेंगे।
शनिवार, 10 नवंबर 2018
बसपा झंडे तले आमजन के हक और अधिकारों की लडा़ई लड़ता रहूगां - डूंगरराम गेदर
सूरतगढ - 10 नवम्बर 2018, बहुजन समाज पार्टी सूरतगढ के प्रत्याशी डूंगरराम गेदर ने वार्ड नंबर 4, 5, 6, 7, व 23, 24, 25, 26, 27 में नुक्कड़ सभा में दीपावली की राम राम करते हुए कहा कि मैं पिछले 30 वर्षों से बसपा के नीले झंडे के नीचे तीन महा संकल्प, आजीवन शादी नहीं करूंगा, मैं अपने लिये किसी प्रकार की कोई सम्पति नहीं रखूंगा, व मै अपना संम्पूर्ण जीवन समाज सेवा में लगाऊंगा, का प्रण लेकर राजनीति में आया हूं और सच्ची जन सेवा करते हुए गरीबों के हक और अधिकारों की लड़ाई कांग्रेस और भाजपा की सरकारों से लड़ता आया हू और लड़ता रहूंगा। गेदर ने कहा कि वर्तमान में नेता अपने लाभ के लिए व चुनाव जीतने के लिए जिस प्रकार कपड़े बदलते हैं उसी प्रकार पार्टियां बदलते रहते हैं। रातों रात ऐसे लोगों का डंडा वही रहता है और झंडा बदल जाता है। लेकिन मैंने जनसेवा को ही सच्ची सेवा मानते हुए पिछले 30 वर्षों से बसपा के नीले झंडे के नीचे कार्य करता आया हूं। गेदर ने लोगों से कहा की सेवा करने की इच्छा है मन में, इसलिए एक बार सेवा का मौका दें। लोगों ने गेदर को भारी मतों से जिताने का आश्वासन देते हुए तन मन धन से सहयोग करने का वादा किया और माला पहनाकर जीतने का आशीर्वाद दिया। गेदर के साथ बसपा नगर अध्यक्ष पवन सोनी, राजेन्द्र बोगियां,रज्जाक खान ,महावीर टाक, पूर्व पार्षद बनवारी लाल नायक ,भूपेंद्र सेठ, साधु राम गवारिया, धन्नालाल मेघवाल, मदन मेघवाल, रामप्रताप जालप ,साहब राम नाथ ,प्रेम जावा,मकशुद शेख,हरबंस ढूंढेरिया रामकुमार बावरी,हंस राज शर्मा ,घनश्याम स्वामी,अजय घुसर मनोज चांगरा,मलकीत सिंह ,टेक सिंह,नेमीचंद, अमित कल्याणा, मनोज जाटव, एडवोकेेेट लोकेश गहरवाल, आदि ने सभा को संबोधित किया।
शुक्रवार, 9 नवंबर 2018
राजस्थान में वसुंधरा के ताज पर संकट कितना:इंडिया टुडे व एक्सिस माई इंडिया का सर्वे पर टिप्पणी
* करणीदानसिंह राजपूत *
9 नवंबर 2018.
राजस्थान में वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के पांच साल पूर्ण होते इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का सर्वे सामने आया है। सटोरियों,चर्चाओं और अखबारबाजी में वसुंधरा सरकार को संकट में बताने का हल्ला मचा है लेकिन हालात बहुत अधिक बिगड़े हैं या नहीं? यह जानिए।
सर्वे के मुताबिक, राजस्थान की 43 फीसद जनता सरकार बदलना चाहती है वहीं 39 प्रतिशत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार का समर्थन करती है जबकि 18 प्रतिशत इस मसले पर कोई राय प्रगट नहीं करती। इस 18 प्रतिशत का रुख मतदान तक क्या होगा? सामान्य तया ये राय प्रगट नहीं करने वाले सरकार के पक्ष में रह जाते हैं जब सामने भी एकजुटता नजर नहीं आती हो। अभी कांग्रेस में नेतृत्व में एकजुटता की कमी है। टिकटार्थियों में कोई भी यह नहीं कह रहा कि वह टिकट नहीं मिलने पर तय प्रत्याशी के साथ खड़ा होगा। मतलब वह किधर भी मुंह कर सकता है।
कांग्रेस की दशा भी इस सर्वे में समझें।
सर्वे में जनता ने सरकार बदलाव के अलावा अन्य कई मुद्दों पर अपनी राय प्रगट की है। मालूम हो कि पिछले कई चुनावी सर्वे में वसुंधरा सरकार की स्थिति सामने आ चुकी है। इनमें सीएम वसुंधरा के प्रति लोगों की नाराजगी सामने आई है। सर्वे में राजस्थान की जनता मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अपनी राय प्रकट की है। चुनाव प्रचार में सीएम राजे बीजेपी की अगुवाई कर रही है। वहीं कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट मोर्चा संभाल रहे हैं। लेकिन सर्वे में अशोक गहलोत सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर सामने आए हैं।
सर्वे में शामिल 35 प्रतिशत लोग अशोक गहलोत को अगला मुख्यमंत्री चाहते हैं और 11 प्रतिशत लोग सचिन पायलट को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। आश्चर्य है कि मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा को 31 प्रतिशत लोग फिर से मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं।
हां,कांग्रेस दो दिग्गज नेता अशोक गहलोत और पायलट के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो वह संयुक्त रूप से 46 प्रतिशत पहुंचता है।
क्या इससे यह अनुमान लगता है की भाजपा कांग्रेस की ही टक्कर होगी?
बुधवार, 7 नवंबर 2018
सूरतगढ़ से कांग्रेसी टिकट गैरजाट चेहरे का दबाव:अन्य समुदायों के टिकटार्थी अधिक
सूरतगढ सीट पर पिछले चुनाव 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी गंगा जल मील के विधायक रहते बहुत बुरी तरह से 30 हजार वोटों से हारने और तीसरे क्रम पर नीचे पहुंचने के कारण मील को टिकट नहीं देने का दबाव बढा है। मील को टिकट नहीं दिए जाने के लिए सैंकड़ों पेजों में अनेक कागजात दस्तावेज आदि पार्टी के उच्च नेताओं को सौंपे जाने के समाचार भी हैं। पिछली बार विधायक रहते गंगा जल को आसानी से टिकट मिल गई थी लेकिन इस बार प्रबल दावेदार कई हैं और उनका दबाव अधिक व मील की स्थिति कमजोर है।
सूरतगढ़ के पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस पार्टी की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि इस सीट को जीता जा सके।
विभिन्न समुदायों के टिकटार्थियों की ओर से पिछले काफी समय से यहां मांग चल रही है कि जाट जाति में से कैंडिडेट खोजने के साथ ही अन्य जातियों में भी कैंडिडेट की खोज की जाए।
इस दबाव से कांग्रेस इस बार कोई दूसरा चेहरा चुनाव में उतारे तो आश्चर्य नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व राज्य मंत्री रामप्रताप कासनिया और वर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह भादू में ही किसी एक को टिकट मिलने की संभावना है। ये दोनों जाट समुदाय से हैं इसलिए भी कांग्रेस अपना प्रत्याशी अन्य समुदाय से उतारने को प्राथमिकता दे सकती है जिसके लिए राजनीतिक क्षेत्र के अलावा चर्चा सरगर्म है।
पार्टी सूरतगढ़ से अन्य समुदायों में सिख समुदाय, अरोड़ा, वणिक व ओबीसी कुम्हार व किसी अन्य समुदाय में से टिकट दे सकती है।
पूर्व में यहां कांग्रेस की ओर से बिश्नोई जाट दो समुदायों को विशेष रूप से प्रमुखता दी जाती रही है।
जाट समुदाय से यहां राजा राम साईं साईं चौधरी मनफूल सिंह भादू गंगाजल मील व बिश्नोई समुदाय से सुनील बिश्नोई और उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी बिश्नोई को प्रमुखता दी जाती रही है।
सुनील बिश्नोई ने 4 बार चुनाव लड़ा दो बार जीते दो बार हारे। विजयलक्ष्मी ने दो बार चुनाव लड़ा एक बार जीती एक बार हारी। एक ही परिवार ने 30 साल तक यहां क्षेत्र पर कब्जा जमाए रखा रखा।
इससे पूर्व इस क्षेत्र में भादू परिवार का विशेष कब्जा रहा 1952 में मनफूल सिंह भादू व 1962 और 1967 में मनफूल सिंह भादू इस इलाके से विजयी रहे। 1957 में एक बार राजा राम साईं को विधायक चुना गया।
इस प्रकार से देखा जाए तो इस क्षेत्र में जाट और बिश्नोई परिवारों का ही वर्चस्व रहा था।
सन 2008 में गंगाजल मील कांग्रेस की टिकट पर जीते लेकिन 2013 में जनता ने उन्हें तीसरे क्रम पर पहुंचा दिया। मील परिवार अभी भी टिकट की ट्राई करने में लगा हुआ है,मगर जनता गंगाजल मील के नाम पर उत्सुक नहीं है।
गंगाजल मील ने 2003 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से पीलीबंगा सीट पर चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा से नाराज होकर स्वतंत्र रूप से लड़ने वाले रामप्रताप कासनिया से मात खाई।
इस क्षेत्र में जो सूरतगढ़ तहसील कहलाती है लोगों ने भाजपा और कांग्रेस में रामप्रताप कासनिया गंगाजल मील और राजेंद्र सिंह भादू को ही 15 सालों से देखा है। ये तीनों एक दूसरे का विरोध भी नहीं करते चाहे जो विधायक रहे, हां चुनाव में जरूर एकदूसरे के विरोध में वोट मांगते हैं।
लोगों का मानस है कि कि कांग्रेस पार्टी इस बार अपनी सीट को हर हालत में जीतने के लिए टिकट में परिवर्तन करे जिसमें समुदाय का परिवर्तन भी हो और कोई नया या दूसरा चेहरा सामने आए। पिछले 15 सालों से जो लोग यहां चर्चा में रहे हैं, उनको जनता इस 2018 के चुनाव में देखने को उत्सुक नहीं है
चाहे भाजपा हो चाहे कांग्रेस हो।
दोनों पार्टियों में लोग नए या फिर दूसरे चेहरों को देखना चाहती है।
भाजपा की राजनीतिक स्थिति बहुत कमजोर नजर आती है ऐसी स्थिति में कांग्रेस का नया या.प्रभावशाली दूसरा चेहरा लोगों को प्रभावित कर सकता है।
राजस्थान के तीन उपचुनाव कांग्रेस ने जीते जो 17 विधानसभा क्षेत्र में हुए। इस परिवर्तन को नजर में रखते सूरतगढ़ पर नजर है। जयपुर दिल्ली में यह दबाव चल रहा है और उसके अनुसार टिकट के लिए प्रयास और दबाव शुरू है।
अन्य समुदायों में सिख में से 2 बारपीलीबंगा से विधायक रह चुके स.हरचंद सिंह सिद्धू,पूर्व प्रधान परमजीत सिंह रंधावा और युवक कांग्रेस के विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष गगनदीपसिंह वरिंग हैं।
जैन समुदाय से विमलकुमार पटावरी ( जैन) ने प्रबल दावेदारी जताई है।ओबीसी में से बलराम वर्मा हैं जो कुम्हार समुदाय से कई चुनावों के अनुभवी कार्यकर्ता हैं। इनके अलावा अमित कड़वासरा भी हैं। इनके अलावा भी टिकटार्थी हैं।
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मंगलवार, 6 नवंबर 2018
मुर्गियों को भी चलने फिरने का अधिकार है-बड़े पिंजड़ों में रखा जाए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली 5 नवबंर 2018. In
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुझाव दिया है कि मुर्गियों के पिंजड़े इतने बड़े होने चाहिए कि वे आराम से चल फिर सकें। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने ये try टिप्पणियां कीं।
पीठ ने पर्यावरण मंत्रालय के सचिव को मुर्गियों के प्रजनन और आवागमन पर दिशानिर्देश तय करने के लिए एक समिति गठित करने तथा उसकी अध्यक्षता करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि समिति को इस मुद्दे पर विधि आयोग की सिफारिशों, अन्य राज्यों के सुझावों तथा भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के नजरिये के अलावा पॉल्ट्री किसानों सहित अन्य पक्षों पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समिति पांच फरवरी 2019 को सुनवाई की अगली तारीख पर रिपोर्ट सौंपे। अदालत ने कहा कि कोई फैसला किये जाने तक तारों वाले छोटे पिंजड़ों को इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाए।
न्यायाधीशों ने कहा कि बड़े पिंजड़ों का इस्तेमाल किया जाए जहां मुर्गियां आराम से चल फिर सकें। पीठ ने कहा कि फिलहाल मुर्गियों का कोई भी पिंजड़ा पशु कल्याण कानून के तहत बताई गई आकार जरूरतों को पूरा नहीं करता।
अदालत उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया कि अंडे देने वाली मुर्गियों को छोटे पिंजड़ों में रखना अत्यंत क्रूरता जैसा है।
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