मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017
सोमवार, 27 फ़रवरी 2017
श्री गंगानगर से तिरुचिरापल्ली हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन शुरू हुई
श्रीगंगानगर-तिरूचिरापल्ली हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन को रेल मंत्री ने दिखाई हरी झंडी
नई दिल्ली के रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
श्रीगंगानगर से सांसद श्री निहालचंद ने दिखाई हरी झण्डी
श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर भी हुआ भव्य कार्यक्रम
पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री निहालचंद समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग रहे मौजूद
सांसद ने श्रीगंगागनर स्टेशन पर एलईडी लाइटें लगाने की घोषणा की
वाशिंग लाइन को भी 24 की जगह 26 कोच करने की घोषणा भी की
श्रीगंगानगर, 27 फरवरी। श्रीगंगानगर- तिरूचिरापल्ली हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन को सोमवार को रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभारकर प्रभु ने नई दिल्ली से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेल मंत्री ने नई दिल्ली के रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर खड़ी हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। देश की ये चौथी हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन है। इस ट्रेन के शुरू हो जाने से श्रीगंगानगर की जनता बड़ी राहत मिलने जा रही है। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में नई कैटरिंग पॉलिसी 2017 की भी घोषणा की गई। इस मौके पर श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन रेलवे प्रशासन की ओर से किया गया। जिसमें पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री और श्रीगंगानगर सांसद श्री निहालचंद समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, जनप्रतिनिधि और रेलवे और प्रशासन के अधिकारीगण मौजूद रहे।
श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री और श्रीगंगानगर सांसद श्री निहालचंद ने कहा कि श्रीगंगानगर-तिरूचिरापल्ली हमसफर एक्स्प्रेस ट्रेन एक कोने से चलकर दूसरे कोने तक पहुंचेगी। देश की एक सीमा को दूसरी सीमा से जोड़ेगी। इस ट्रेन की शुरूआत के लिए सांसद ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रेलमंत्री को धन्यवाद भी ज्ञापित किया। श्री निहालचंद ने कहा कि श्रीगंगानगर रेलवे के मामले में पिछड़ा हुआ था, लेकिन उन्होने इसमें सुधार लेने के लिए प्रण लिया था। जिसे अब लगातार पूरा कर रहे हैं। अब श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ दोनों जिलों में रेलवे में जो कार्य हुए हैं इतने पहले कभी नहीं हुए।
इस मौके पर श्री निहालचंद ने श्रीगंगानगर में 24 कोच की वाशिंग लाइन को 26 कोच करने की घोषणा भी की। साथ ही श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर सभी जगह सांसद कोटे से एलईडी लाईटें लगाने की भी घोषणा की। साथ ही कहा कि रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट लगाने के लिए भी प्रस्ताव भेजा हुआ है। इससे पहले स्वामी ब्रह्मदेव और उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम श्री राजीव सक्सैना ने समारोह को संबोधित किया। श्री सक्सैना ने हमसफर ट्रेन के बारे में जानकारी देते हुए इसे साधारण से किराए में अच्छी सुविधाओं वाली ट्रेन करार दिया।
डीआरएम श्री राजीव सक्सेना ने बताया कि हमसफर एक्सप्रेस आधुनिक सुविधाओं से युक्त है इस ट्रेन के प्रत्येक कोच में 6 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पूरी ट्रेन में बेहतर सेफ्टी फीचर्स का इस्तेमाल किया गया है। प्रत्येक कोच में जीपीएस आधारित दो एलईडी डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं, जो आने वाले स्टेशन की सूचना देंगे। दिव्यांगों की सहायता के लिए ब्रेल डिस्प्ले सिस्टम लगाया गया है जो आने वाले स्टेशन की सूचना देंगे। धूएं एवं आग की सूचना के लिए अलार्मयुक्त सेंसर लगाए गए हैं साथ ही नई के कचरा पात्र और बायो टॉयलेट का इसमें इस्तेमाल किया गया है। गाड़ी के वातावरण को सुंगधित रखने के लिए डिस्पेंसर भी लगाए गए हैं। श्री सक्सेना ने बताया कि इस गाड़ी में 3 एसी के 16 कोच हैं प्रत्येक कोच में 64 की जगह 72 बर्थ होगी। श्रीगंगानगर से ये ट्रेन प्रत्येक सोमवार की रात को 12 बजकर 25 मिनट पर श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन से रवाना होकर गुरूवार को दोपहर 3 बजकर 30 मिनिट पर तिरूचिरापल्ली स्टेशन पर पहुंचेगी। इस दौरान कुल 33 स्टेशन से ये ट्रेन गुजरेगी और कुल 3 हजार 107 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
हनुमानगढ़ तक श्री निहालचंद ने किया सफर
पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री निहालचंद ने सोमवार को 3 बजे रवाना हुई तिरूचिरापल्ली गंगानगर एक्सप्रेस हमसफर गाड़ी में हनुमानगढ़ तक आमजन के साथ यात्रा की तथा हनुमानगढ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में लॉयन्स क्लब की ओर से हमसफर रेल के ड्राईवर श्री साजन कुमार, सहायक श्री रमेश चन्द्र, गार्ड रामनारायण जोशी तथा चैंकिग स्टॉफ श्री मदनलाल मीणा, श्री प्रभुराम, श्री सतनाम सिंह, श्री प्रेम कुमार एवं श्री बलतेज सिंह को फूल मालाएं व साफा पहनाकर स्वागत किया।
श्रीगंगानगर स्टेशन पर हुए कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्रा और श्रीगंगानगर सांसद श्री निहालचंद के अलावा नगर विकास न्यास अध्यक्ष श्री संजय महिपाल, श्री रमेश राजपाल, श्री सुशील श्योरान, प्रधान श्री पुरूषोतम सिंह, श्री रमजान अली चौपदार, श्री हाकमसिंह, श्री प्रदीप धैरड़, श्री प्रहलाद राय टॉक, श्री राजकुमार शर्मा, श्री ओम प्रकाश सारस्वत, श्री ओमी नायक, श्री सुरेन्द्र भांभू, श्री विनोद बिश्नोई, श्री बलवीर सिंह बूरा, श्री शिव स्वामी, श्री महेश बूडानिया, श्री श्याम धारीवाल, वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक श्री सी.आर.कुमावत, डीईएन श्री एन.के.शर्मा मौजूद थे। कार्यक्रम का सफल संचालन मुख्य वैलफेयर ऑफिसर श्री भवानी सिंह राजपुरोहित ने किया।
शनिवार, 25 फ़रवरी 2017
सूरतगढ़ जिला बनाओ मशाल जुलूस और कैंडल मार्च जबरदस्त
- करणीदान सिंह राजपूत -
सूरतगढ़ 25 फरवरी सूरतगढ़ को जिला बनाओ मांग को लेकर आज शाम को जबरदस्त मशाल जुलूस और कैंडल मार्च निकाल कर बताया गया कि सूरतगढ़ का हर संगठन जागरुक है और सूरतगढ़ को 34वां जिला घोषित करवाने की मांग पर दृढ है।आज के इस मशाल जुलूस में और कैंडल मार्च में राजनीतिक दल सामाजिक दल व्यवसायिक दल युवा दल सभी ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इस समय के कुछ चित्र यहां दिए जा रहे हैं।
शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017
पूर्व विधायक स.हरचंद सिंह सिद्धू सूरतगढ़ जिला बनाओ धरने पर बैठे
सूरतगढ़ 24 फरवरी।
सूरतगढ़ जिला बनाओ मांग को लेकर सुभाष चौक पर दिए जा रहे धरने पर आज सुबह पूर्व विधायक सरदार हरचंद सिंह सिद्धू भी धरनार्थियों में शामिल हुए।सिद्धु ने कहा कि यह मांग विभिन्न आधारों को देखते हुए कार्य क्षेत्र और विस्तार विकास को देखते हुए पूरी की जानी चाहिए। सूरतगढ़ को जिला बनाने से सरकार के विभिन्न कार्य भी गति पकड़ेंगे और नागरिकों की अनेक समस्याएं शीघ्र अति शीघ्र दूर होंगी। आज धरने पर आपातकाल में जेल में रहे क्रांतिकारी लोकतंत्र सेनानी महावीर तिवारी बलराम वर्मा भी शामिल थे। हरचंद सिंह सिद्धू भी आपातकाल लोकतंत्र सेनानी हैं तथा जेल में रहे थे।
आज धरने पर एडवोकेट विष्णु शर्मा एडवोकेट सहदेव जोशी,एडवोकेट राजकुमार सेन,मदन औझा सफी मोहम्मद,व्यापारी झम्मनलाल जसूजा,जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष धन्नाराम स्वामी,राधेश्याम उपाध्याय आदि कई लोग शामिल हए।
सूरतगढ में यह मांग 42 सालों से चल रही है।
गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017
अमरगढ़ (सादुल शहर) में नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला आयोजित
श्रीगंगानगर, 23 फरवरी। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत गुरूवार को पुलिस थाना, सादुल शहर द्वारा गांव अमरगढ़ के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में निशुल्क नशा मुक्ति परामर्श शिविर एवं नशामुक्ति जनजागृति कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में नशा मुक्ति परामर्श एवं उपचार केंद्र के प्रभारी डॉ. रविकांत गोयल ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कहा कि नशा बहुत सी बीमारियों की जड़ है l नशा करने से व्यक्ति अपना धन खोता है, अपने शरीर को बीमारियों का घर बना लेता है, साथ ही अपनी व अपने परिवार की प्रतिष्ठा खो बैठता है l डॉ. गोयल ने नशों से होने वाली विभिन्न हानियों की जानकारी देते हुए नशों से स्वयं बचने व नशा ग्रस्त लोगों का नशा छुड़वाने के वैज्ञानिक उपाय बताए तथा उपस्थित जनसमूह व विद्यार्थियों को जीवन भर नशा न करने की व नशा छुड़ाने की सामूहिक शपथ दिलाई l
कार्यक्रम में पुलिस थाना, सादुल शहर के एसआई श्री राजेंद्र कुमार ने नशे की वजह से होने वाले विभिन्न अपराधों की जानकारी देते हुए नशों से दूर रहने हेतु प्रेरित किया व कहा कि आम जन को भी पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस नशा मुक्ति अभियान से जुड़कर नशे को मिटाने में अपना सहयोग देना चाहिए, जिससे नशे की बढ़ती हुई प्रवृत्ति को रोका जा सकेl
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी श्री बनवारी लाल शर्मा (से.नि. व्याख्याता) ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य जीवन बहुत ही श्रेष्ठ एवं दुर्लभ है जिसे नशों में नहीं गंवाना चाहिएl शर्मा जी ने पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान की जानकारी दी व इसकी उपलब्धियों के बारे में बतायाl
कार्यक्रम में से.नि. सूबेदार श्री जन्टा सिंह ने अमरगढ़ गांव में पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग के सहयोग से चलाए जा रहे इस नशा मुक्ति शिविर को बहुत ही उपयोगी बताया और कहा कि यह वर्तमान समय की मांग भी हैl उन्होंने विश्वास दिलाया कि आज का यह कार्यक्रम गांव में नशा मुक्ति का माहौल पैदा करेगा व आने वाले समय में नशा मुक्त ग्राम की अवधारणा को साकार करेगाl
कार्यक्रम में मेडिकल टीम की सदस्या श्रीमती चंद्रबाला सेंगर, हरी श्यामसुंदर आश्रम के बाबा रणजीत सिंह समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्राम वासी उपस्थित रहेl कार्यक्रम में कार्य. प्रधानाध्यापक श्री भरपूर सिंह ने विद्यार्थियों व ग्राम वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा नाश का दूसरा नाम हैl नशा करने से व्यक्ति अपने मन पर से नियंत्रण खो बैठता है, जिससे अपराध कर बैठता है, जिसका नुकसान परिवार व समाज को झेलना पड़ता हैl इसलिए व्यक्ति को नशों से दूर रहते हुए सात्विक जीवन जीना चाहिएl
कार्यक्रम के अंत में नशामुक्ति विशेषज्ञ डॉ. रविकांत गोयल ने शिविर में आए नशा पीड़ित लोगों की मौके पर जांच की वह उचित परामर्श प्रदान किया।
बुधवार, 22 फ़रवरी 2017
रुपनगर (श्री करणपुर) में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन
श्रीगंगानगर, 21 फरवरी। जिला पुलिस अधीक्षक श्री राहुल कोटोकी के निर्देशानुसार मंगलवार को पुलिस थाना श्री करनपुर के माध्यम से राजकीय आदर्श उच्च मा० विद्यालय रूपनगर में नशा मुक्ति जन जाग्रति कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में श्री करनपुर के पुलिस उपाधीक्षक श्री सुनील के पंवार ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने सबोधन में कहा कि पुलिस द्वारा स्वास्थ्य एवम् शिक्षा विभाग के सहयोग से चलाये जा रहे नशा मुक्ति मुहीम में प्रत्येक व्यक्ति को जुटाना होगा तभी बढ़ते हुए अपराधों, दुर्घटनाओं, व बलात्कार जैसे संघिन कुकर्त्यो को बढ़ने से रोका जा सकता है.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नशा मुक्ति विशेषज्ञ डॉ० रविकांत गोयल ने कहा कि नशीले पदार्थ व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक रूप से गुलाम बनाते हैं, साथ ही व्यक्ति को आर्थिक व सामाजिक तौर पर भी बर्बाद कर देते हैं. यदि परिवार में एक भी सदस्य नशा करता है तो उसका दण्ड उसके परिवार सहित सेंकडो व्यक्तियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भोगना पड़ता है. ये विचार गंगानगर पुलिस द्वारा स्वास्थ्य एवम् शिक्षा विभाग के सहयोग से राजकीय आदर्श उच्च मा० विद्यालय रूपनगर में आयोजित नशा मुक्ति जनजाग्रति कार्यशाला एवम् परामर्श शिविर के मोके पर उपस्थित छात्र-छात्राओं एवम् जनसमूह को नशे से बचने व छोड़ने हेतु प्रेरित करते हुए डॉ रविकांत गोयल ने कहे, व हम नशा नही करेंगे, और नशा छुडवायेंगे की सामूहिक शपथ दिलवाई|
कार्यक्रम में श्री बनवारी लाल शर्मा (से० नि० व्याख्याता) ने कहा कि आम-जन के सहयोग के बिना नशाखोरी कि समस्या हल नही हो सकती, और उन्होंने विद्यार्थीयों को कहानियों के माध्यम से नशे से होने वाले नुकसानों से अवगत करवाया.
कार्यक्रम में करनपुर के थाना अधिकारी श्री अनिल मुंड ने कहा कि नशा आज विश्वस्तर पर एक महामारी का रूप ले चूका है, जिसको रोकने के लिए पुलिस विभाग गाँव गाँव में ऐसी कार्यशालाए लगाकर एक पुनीत का कार्य कर रहा है, जिसमे हम सभी को मिलकर सहयोग करना चाहिए.
इस कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थीयों व स्टाफ सहित जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने भारी संख्या में भाग लिया. विद्यालय के प्रधानाचार्य राम रतन मीणा ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, इनका मन कोरे कागज कि तरह होता है नशे कि बुराईयों का असर इनके जीवन और भविष्य ना पड़े इसलिए इन्हे नशों से बचाना है.
कार्यशाला के अंत में शिविर में आये नशा पीड़ित लोगों कि डॉ० गोयल ने जाँचकर उचित परामर्श प्रदान किया।
शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017
नशा मुक्ति जनजाग्रति कार्यशाला का आयोजन सेतिया कालोनी श्री गंगानगर
श्री गंगानगर 17 फरवरी। जिला पुलिस अधीक्षक श्री राहुल कोटोकी के निर्देशानुसार पुलिस प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत शुक्रवार को नशा मुक्ति जनजाग्रति कार्यशाला का आयोजन आर्क एंजिल पब्लिक स्कूल सेतिया कालोनी श्री गंगानगर में पुलिस चौकी कोतवाली के सहयोग से किया गया।
मुख्य वक्ता नशा मुक्ति विशेषज्ञ डॉ रविकान्त गोयल ने उपस्थित अनेक विद्यालयों के विद्यार्थियों, अभिभावकों व अध्यापकगणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशा विनाश का ही दूसरा नाम है। नशा करने वाला व्यक्ति स्वयं तो दुख पाता ही है, साथ ही अपने परिजनों व सैंकड़ों व्यक्तियों को भी परेशान करता है। ऐसा व्यक्ति अपने नशे की पूर्ति के लिए अपराध करने लग जाता है तथा समाज पर बोझ बन जाता है। डॉ0 गोयल ने नशे के दोषों दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुए नशे से स्वयं बचने, साथियों को बचाने तथा नशे के आदी लोगों को नशा मुक्त करने के सरल वैज्ञानिक उपाय तथा उपस्थित जनसमूह को जीवनभर नशा न करने तथा नशा मिटाने की शपथ दिलाई।
सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रमोहन सिंह जुनेजा ने छात्रा-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन अनमोल है, जिसे नशे की भेंट नही चढाना चाहिए। नशे की लत व्यक्ति के वर्तमान को कष्टमय तथा भविष्य को अंधकारमय बना देती है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे विद्यार्जन के साथ-साथ महापुरूषों के जीवन का अध्ययन कर अपने जीवन को सफल बनाएंॅ। सामाजिक कार्यकर्ता बनवारी लाल शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों को ‘‘सादा जीवन उच्च विचार ’’ को अपने जीवन में उतारते हुए नशे एवं सामाजिक बुराइयों से बचना चाहिए तथा समाज का स्तर उॅचा उठाने में अपना सहयोग देना चाहिए।
सेतिया कालोनी पुलिस चौकी प्रभारी तेजवन्त सिंह ने विद्यार्थियों से संवाद कायम करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अपने जीवन में अनुशासन का कड़ाई से पालन करना चाहिए तभी वे नशें व अन्य बुराइयों से बच सकेंगें तथा उन्हें अपने तन को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। समाज में फैले नशे को मिटाने में विद्यार्थी वर्ग अहम भूमिका निभा सकता है।
आर्कएंजिल पब्लिक स्कूल के प्रधानाध्यापक नरेश पिंजानी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत पक्का इरादा रखना चाहिए एवं अपने चरित्रा को अच्छा बनाने के लिए सही रास्ते पर चलना चाहिए। विद्यालयाध्यक्ष श्री लक्ष्मण पिंजानी ने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में आर्कएंजिल पब्लिक स्कूल श्री गुरूतेगबहादुर स्कूल जीनियस पब्लिक स्कूल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय और भांभू पोलिटेक्निक कॉलेज के विद्यार्थियों व अध्यापकगणों ने भाग लिया। कार्यक्रम में रजनी जग्गा, कोमल मनु, सुखविंद्र कोर, रजनी अरोड़ा, ललिता नागपा, सुखप्रीत कौर, धीरज जौहर, परविन्द्र सिंह, श्री प्रीतपाल सिंह, श्री सतीश कुमार शर्मा, श्री अरविन्द यादव, श्री बलजिन्द्र सिंह रमन आदि अध्यापकगणों ने भी भाग लिया। अंत में नशा मुक्ति से संबंधित पम्पलेट का वितरण किया गया।
अनूपगढ़ को मिल सकता है अतिरिक्त जिला कलेक्टर:
- करणीदान सिंह राजपूत -
अनूपगढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर 5 साल से धरना चल रहा है और 7 फरवरी को इस मांग को लेकर अनूपगढ़ बंद भी हो चुका है। अनूपगढ़ जिला बनाओ समिति को वहां की विधायक शिमला बावरी ने आश्वस्त किया है कि मुख्यमंत्री से समय निर्धारित करके प्रतिनिधिमंडल को जयपुर में वार्ता करवा देंगी। अनूपगढ़ की मांग को टाला नहीं जा सकता। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय से अनूपगढ़ घड़साना के सीमा क्षेत्र रावला 365 हेड और उसके आगे खाजूवाला तक लगते हुए सीमा बहुत दूर पड़ जाती है।यही हाल श्रीबिजयनगर का है। इतनी दूरी से जिला मुख्यालय पर पहुंचना बहुत कठिन होता है काफी रुपया लगता है। आने जाने का श्रम और फिर जो व्यक्ति जाता है उसे अपने घर का कार्य कोई व्यवसाय कोई खेती या कोई और कार्य रोक कर ही जाना पड़ता है, जरुरी नहीं होता कि एक बार में कार्य पूरा हो जाए। अधिकारी नहीं मिलते, मिलते हैं तो काम नहीं होता।
आप और हम सभी दफ्तरों की कार्यप्रणाली भली भांति जानते हैं समझते हैं ,अगर अनूपगढ़ में जिला मुख्यालय हो तो सीमा क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों को लाभ मिल सकता है। लोगों के काम तुरंत हो सकते हैं।
राजस्थान में जिला बनाओ की मांग 24 जिलों में 49 स्थानों से उठी हुई है और करीब 8 साल से उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। कोई भी सरकार स्पष्ट रुप से हां और ना नहीं कहना चाहती।
अब आने वाले चुनावों को देखें चाहे वे अभी दूर हैं। उनको देखकर ही कोई निर्णय लिया जा सकता है और इस निर्णय में जहां तक मेरा विचार है,सरकार किसी भी इलाके को नाराज नहीं करना चाहेगी।
इसका एक कारण और भी है कि वर्तमान में जो सरकार है उसकी छवि कोई बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। मानने को मान सकते हैं कि दबाव में कोई निर्णय करवाया जा सकता है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता की अनूपगढ़ की भाजपा विधायक श्रीमती शिमला बावरी में कोई राजनीतिक ताकत हो जिसके बलबूते पर वह मुख्यमंत्री पर दबाव डाल सके और वह दबाव इतना अधिक हो कि अनूपगढ़ को जिला घोषित किया जा सके।
अभी विधायक में और जिला संगठन में जिसके अध्यक्ष हरि सिंह जी कामरा श्री बिजयनगर में रहते हैं ऐसी कोई ताकत नहीं लगती। अनूपगढ को जिला बनाने की बात व विचार संगठन की ओर से नहीं उठा है जिससे लगे की अनूपगढ़ को जिला घोषित करवा दिया जाएगा। विधायक और जिला अध्यक्ष दोनों अधिक से अधिक प्रतिनिधिमंडल को जयपुर में मुख्यमंत्री से और प्रदेशाध्यक्ष अशोक जी परनामी से मिला सकते हैं। बस, इससे आगे कुछ नहीं लगता।
ऐसा लगता है कि अगर सरकार कार्यों का मंथन करते हुए निर्णय करे तो एक बार अनूपगढ़ में अतिरिक्त जिला कलेक्टर का कार्यालय स्थापित किया जा सकता है। उस पर कोई अधिक खर्च और प्रबंध वाली बात नहीं आती।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर से काफी कार्य हो जाते हैं, मुश्किल से दस बीस % कार्य ऐसे निकलते होंगे इनके लिए बाद में जिला मुख्यालय पर जाना पड़े़।
अगर अतिरिक्त जिला कलेक्टर पद पर आने वाला अधिकारी पूरी रुचि से कार्य करे तो संभव है कि अनूपगढ़ घड़़साना रावला आदि की बहुत बड़ी समस्या हल हो जाएगी। जिला अनूपगढ़ घोषित होता है तो बड़ी अच्छी बात है लेकिन वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली को समझना चाहिए।
श्रीमती वसुंधरा राजे 2003 से लेकर 2008 मुख्यमंत्री पहले रह चुकी हैं अब 2013 में दूसरी बारी चल रही है जिसके 3 साल पूर्ण हो चुके हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उनके मंत्री उनके विधायक जो श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले के हैं, उनकी सभी की नीतियां किस प्रकार की हैं ? यह किसानों व्यापारियों मजदूरों युवकों से पूछा जा सकता है। दोनों जिलों के किसान कृषि,कृषि से संबंधित व्यापार, गन्ना उत्पादक आदि सभी बहुत ही खिन्न हैं नाराज हैं ।
उनकी कोई बात इन 3 सालों में सुनी नहीं गई है।
आपको कहीं लगता है राजस्थान में सरकार काम कर रही है और उसके प्रतिनिधि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में काम कर रहे हैं।
फिर भी अनूपगढ़ को जिला बनाए जाने की मांग उचित है और पूरी किए जाने योग्य है। अनेक लोग संगठन बार-बार कहते हैं कि जयपुर जाकर मिलें और दबाव डालें लेकिन जो आधार हैं जिला बनाने के वह हर स्थान के आधार सरकार के पास मौजूद हैं। केवल संगठनों की मांग से जिले की घोषणा नहीं हो सकती और न होती है। सरकार अपने स्तर पर रिपोर्ट जिला कलेक्टर आदि से भी मंगवाती है उसके बाद जो समिति है,वह रिपोर्ट तैयार करती है।
सरकार की मंशा जिला घोषित करने की हो तब समाचार आते हैं कि समिति ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी है। सरकार की मंशा नहीं हो तब समाचार पहले से आने शुरू होते हैं कि समिति की रिपोर्ट लगभग तैयार है। सरकार मांगेगी तब सौंप दी जाएगी। विचार करें कि यह लगभग शब्द क्या कह रहा है। मतलब साफ है कि रिपोर्ट तैयार नहीं है। सरकार यही जवाब देगी की समिति अभी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाई है और अधिक समय लगेगा। इस महत्वपूर्ण बिंदु को ध्यान में रखकर ही मैं सोच रहा हूं कि अनूपगढ़ को अतिरिक्त जिला कलक्टर का कार्यालय दे दिया जाए तो बहुत बड़ी बात होगी।
एक तथ्य यहां रखना चाहता हूं कि सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग करीब 41 साल से चल रही है लेकिन जिला हनुमानगढ़ बनाया गया। सूरतगढ़ को जिले जैसी सुविधा दे दी जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने कही थी लेकिन इस एडीएम पद के लिए भी कई बार मांग करनी पड़ी थी। उसके बाद में यह पद सूरतगढ़ को दिया गया था।
इसलिए अनूपगढ़ को अगर पहली बार में एडीएम पद दे दिया जाना संभव हो सकता है।
गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017
आरएएस बने सूरतगढ़ वासी ने पूर्व में बीएड की डिग्री फर्जी ली
फर्जीवाड़ा 2004-5 का और सरकार से साठ सत्तर लाख वेतन उठा लिया।*
विकासकुमार गर्ग नामक व्यक्ति ने राजकीय महा विद्यालय सूरतगढ़ में महीनों तक संविदा पर अध्यापन कार्य किया जहां से संविदा का रुपया लेता रहा, जिस का रिकॉर्ड है। इस व्यक्ति की हाजिरी संगरीया में भी b.ed कक्षा में लगती रही। वहां पर संगरिया में हाजिरी फर्जी लगी। रिकॉर्ड फर्जी तैयार हुआ और उसके आधार पर b.ed की परीक्षा में बैठा। b.ed में नियमित विद्यार्थी ही परीक्षा देने का पात्र होता है यह सरकारी नियम है जिसने भी भंग किया है फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं वह जानता है कि यह अपराध है ?
कोई भी व्यक्ति सूचना के अधिकार से राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ से रिकॉर्ड प्राप्त कर सकता है।
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अपराध कभी छुपता नहीं।
शशीकला मुख्यमंत्री बनते बनते जेल में पहुंच गई।
आम आदमी पार्टी के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर को जेल के अंदर जाना पड़ा।
तब फर्जी वाडे़ से b.ed की डिग्री लेने वाला और उसके आधार पर व्याखाता बन लाखों रूपए वेतन लेने वाला कब तक बाहर रह पाएगा? चाहे मित्र बधाइयां दें स्वागत करें लेकिन जब भी सरकारी जांच होगी तब हालत शशिकला जैसी हो जाएगी।
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आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार में कानून मंत्री जितेन्द्र तोमर फर्जी डिग्री के मामले में 18 साल बाद पकड़ा गया था और जेल में जाना पड़ा। कानून मंत्री का पद भी नहीं रहा। जितेन्द्र तोमर ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया में सदस्यता के लिए आवेदन किया तब उनकी डिग्री पर एक वकील ने संदेह जताया व फर्जी बतलाया लेकिन उस समय उसकी बात नहीं मानी गई। अठारह साल बाद जितेन्द्र कानून मंत्री बने तब यह प्रकरण दुबारा सामने लाया गया। दिल्ली पुलिस ने मामला किया तब खूब हल्ला मचा कि भाजपा सरकार बदले की कार्यवाही कर रही है लेकिन पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस सही चल रही है। तोमर कभी उन कॉलेजों में गए ही नहीं थे।
1. सवाल यह है कि राजस्थान में एक व्यक्ति का आरएएस में चयन होता है। उस व्यक्ति ने पहले बीएड की डिग्री पात्रता न होते हुए प्राप्त की और उसके लिए दस्तावेज फर्जी तैयार करवाए। ऐसे अपराध प्रकरण देरी से मालूम पड़ते हैं। फर्जी डिग्री का मामला 2004-5 का है जो सन 2015 में सामने आया।
राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ में वह व्यक्ति संवीदा पर सात माह तक पढ़ाता है। प्रतिदिन के कालांश का मासिक ब्यौरा वह खुद बना कर कॉलेज को देता रहा। उसकी जाँच एक प्रोफेसर करता प्रमाणित करता। उसके बाद उस व्यक्ति को भुगतान होता। महाविद्यालय से अनुबंध में लगातार पढ़ाने व कभी भी गैर हाजिर नहीं होने की शर्त पर यह अनुबंध हुआ। 15 जुलाई 2004 से 15 फरवरी 2005 तक का लिखित अनुबंध हुआ। वह हर माह का भुगतान लेते हुए सात माह तक के करीब 32-34 हजार रूपए कॉलेज से लेता है। कॉलेज में इसका रिकार्ड है। उसकी हस्तलिपि में सारे कागजात हैं।
2. वह व्यक्ति महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की ओर से बीएड में ग्रामोत्थान विद्यापीठ के टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में नियमित छात्र के रूप में नम्बर आता है। वहां वह कॉलेज में जाता नहीं क्योंकि वह सूरतगढ़ कॉलेज में पढाता है।
3. बीएड की डिग्री नियमित रेग्यूलर छात्र को ही मिल सकती है। इसके लिए निर्धारित संख्या में हाजिरी होने पर ही परीक्षा की पात्रता होती है व प्रवेश का हकदार होता है।
4. सूरतगढ़ कॉलेज में अनुबंध पर व्याख्याता लगने वाला संगरिया नहीं जाता और बीएड परीक्षा का पात्र बनने के लिए संगरिया में फर्जी हाजिरी लगवाता है। इस कूट रचना में संगरिया के कॉलेज के भी व्याख्याता शामिल हैं। उनके बिना यह कूट रचना संभव नहीं।
5.फर्जी दस्तावेज की फर्जी हाजिरी के बल पर वह पात्र नहीं होते हुए भी धोखा कर परीक्षा 2005 में बैठ जाता है।
6. फर्जी दसतावेज के आधार पर वह परीक्षा उत्तीर्ण करता है।
7.फर्जीवाड़े से बीएड करके वह नौकरी स्कूल व्याख्याता में पाता है और सात आठ साल तक सरकार के साठ सत्तर लाख रूपए लेता है जिसका असल में वह हकदार नहीं है।
8. सरकारी स्कूल में व्याख्याता रहते हुए वह दिमाग फिर अपराध करता है।
अपने दूजे नाम से वह कोचिंग चलाता है और उस नाम के विज्ञापन भी छपवाता है। उसके मोबाइल नम्बर तक छपवाता है। कोचिंग कम्पीटशन में उसकी बीएड की डिग्री का फर्जीवाड़ा 2015 में सामने आता है।
8. आरएएस में चयनित व्यक्ति के विरूद्ध जब भी सरकार मुकद्दमा दर्ज करेगी तब क्या हेगा?
update 16-2-2017.
बुधवार, 15 फ़रवरी 2017
सीमांत रक्षक के विरुद्ध एसीबी ने एक नई शिकायत जांच वास्ते जिला कलेक्टर को सौंपी
सूरतगढ़ 15 फरवरी 2017.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान मुख्यालय के महानिदेशक कार्यालय से जिला कलेक्टर श्री गंगानगर को सीमांत रक्षक के विरुद्ध एक शिकायत की जांच सौंपी गई है।
सीमांत रक्षक दैनिक अखबार का प्रकाशन सूरतगढ़ से होता है।
अखबार के विरुद्ध ओमप्रकाश चौहान निवासी एक के एस आर तहसील सूरतगढ़ ने विभिन्न आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत भेजी थी। ब्यूरो ने यह शिकायत परिवाद संख्या एच-5947/16 दिनांक 30-12-2016. दर्ज की।
यह शिकायत सीमांत रक्षक अखबार और अन्य लोगों के विरुद्ध है ।
सूचना है कि अखबार व अन्य पर भ्रष्टाचार और कूट रचित दस्तावेजों को तैयार करने और इस्तेमाल करने का आरोप है।
सीमांत रक्षक के मालिक संपादक प्रकाशक सत्यपाल के विरुद्ध पहले भाजपा महिला नेता श्रीमती रजनी मोदी सूरतगढ ने भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक शिकायत दी थी।
सूचना है कि वसुंधरा राजे के कार्यालय में वह शिकायत विचाराधीन है।
रजनी मोदी ने यहां अदालत में इस्तगासा पेश कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। अदालत के आदेश पर सूरतगढ़ सिटी थाने में मुकद्दमा दर्ज किया गया जिसकी जांच चल रही है।
रजनी मोदी ने सत्यपाल मेघवाल के अखबार के विरुद्ध पूर्व जिला कलेक्टर पीसी किशन से भी मिली थी और लिखित में शिकायत की थी। सूचना है कि अखबार के विरुद्ध आरोपों में सत्यपाल पर आरोप लगाए गए हैं कि उसने सरकारी विज्ञापन कि अधिक दर प्राप्त करने के लिए अखबार की प्रतियां फर्जी रूप से अधिक दिखाई,इसके लिए प्रेस के बिल,कागज के बिल आदि फर्जी तैयार किए। यह फाइल पीआरओ श्री गंगानगर ने वेरीफाई करके जयपुर सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय को भिजवाई थी।
जांच से मालूम होगा की सच्चाई क्या है?
सूचना है कि श्रीमती रजनी मोदी से समझौता हो चुका है इसलिए उसने आगे कोई कार्यवाही नहीं की लेकिन यह नई शिकायत सामने आई है।
जिला कलक्टर की जांच में मामला भ्रष्टाचार का बनता है तो यह फाइल और जांच रिपोर्ट वापस ब्यूरो मुख्यालय को जाएगी।
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017
36 बीबी दूदा मौड नशा मुक्ति शिविर एंव जनजनजागृति कार्यशाला का आयोजन
श्रीगंगानगर, 14 फरवरी। 36 बीबी दूदा मौड नशा
मुक्ति शिविर एंव जनजनजागृति कार्यशाला का आयोजन श्रीमान जिला पुलिस
अधीक्षक श्री राहुल कोटोकी के निर्देशानुसार चलाये जा रहे नशा मुक्ति
अभियान के अन्तर्गत मंगलवार को राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विधालय दूदामौड
36 बीबी मे निशुल्क नशा मुक्ति शिविर एंवम जनजागृति कार्यशाला का आयोजन
किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता श्री सुनील के पवांर पुलिस उप अधीक्षक
श्रीकरणुर के द्वारा की गई , कार्यक्रम मे नशामुक्ति परामर्श एंव उपचार
केन्द्र के प्रभारी डा0 रविकान्तगोयल ने मुख्य वक्ता के रूप मे अपने
सम्बोधन मे कहा कि नशा सिर्फ बरबादी का रास्ता है नशा मे खुशीयां तलाश ने
महज एक पागलपन है समाज मे किसी भी पारिवारिक इकाई मे नशा कोई भी करे मगर
उसकी म़त्राणा र्स्वाधीक परिवार की महीलाओं को भूगतनी पडती है। नशा करने से
व्यक्ति की आत्मा मर जाती है। डा0 गोयल ने नशे के दोषो व दूष्प्रभावो की
जानकारी दी तथा नशे से बचने के सरल उपाय बताते हुऐ छात्रा छात्राओ एंवम
उपस्थित जनसमुह को जीवणभर नशा करने व नशा छुडवाने की सामुहिक शपथ दिलवाई
कार्यक्रम मे कार्यवाहक थानाधिकारी श्रीहरप्रीत सिह एएसआई ने अपने सम्बोधन
मे कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति अच्छे बुरे मे भेद न करने की वजह से चोरी
डकेती, बलात्कार एंवम हत्या जैसे अपराध कर बेठता है। नशा करने वाला व्यक्ति
न केवल अपना बल्कि अपने सकेण्डो लोगो का अपने साथ-साथ प्रत्यक्ष
अप्रत्यक्ष रूप से पीडा एंवम नुकसान पहुचाता है। द्वड इच्छा शक्ति से नशे
को छोडा जा सकता है। कार्यक्रम मे स्थानीय विधालय की प्रधानाचार्य श्रीमती
प्रशन्ता शर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है। नशा मुक्ति अभियान
मानवता की सची मिसाल है क्योकि विधार्थीयो काम न कोरे कागज की तरह होता है
इस पर जो भी बात अकिंत की जाती है इसका प्रभाव पूरी जिन्दगी रहता है। नशे
से विधार्थी एंवम देश की भावी पिढी को बचाना हम सबका दायित्व बनता है तथा
इस दिशा मे इस प्रकार के नशामुक्ति अभियान चलाकर पुलिस एंवम स्वास्थय विभाग
एक अनूठी मिशाल कायम कर रहे है। कार्यक्रम मे सरपंच श्री अवतार सिह मान ने
कहा कि नशे से अपराध का सीधा सम्बध है। इसलिये नशे से बचाना चाहिए एंवम
युवा वर्ग से आग्रह किया कि वे समाजिक समस्याओं पर ध्यान केन्द्रीत करें न
कि नशे पर , कार्यक्रम के पश्चात डा0 रविकान्त गोयल ने आसपास के क्षेत्रों
से आये। नशा पीड़ित लोगो की जांच की एंवम उचित परामर्श प्रदान किया।
सोमवार, 13 फ़रवरी 2017
रविवार, 12 फ़रवरी 2017
सूरतगढ़ को जिला बनाओ मांग 41 साल पुरानी- करणीदान सिंह राजपूत
गुरूशरण छाबड़ा विधायक थे और उनके निवास पर मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत का भोजन था तब सूरतगढ़ को जिला बनाने का ज्ञापन दिया गया था। मैं उस समय मौजूद था।
सूरतगढ़ 12 फरवरी 2017.
राजस्थान में नए जिले की मांग में सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग 41 वर्ष पुरानी है और यह मान वर्तमान मांगों में सबसे पुरानी है।
वे लोग जिनकी आयु अब लगभग 50 वर्ष के करीब है उनको सबसे पहले उठाई गई मांग और ज्ञापन आदि का मालूम नहीं है, इसलिए करणी प्रेस इंडिया पर पुरानी रिपोर्टें एक बार फिर पाठकों के सामने दी जा रही है और उनके लिंक facebook पर भी दिए गए हैं।
सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग जनता पार्टी,भाजपा और कांग्रेस पार्टियों के राज में निरंतर उठती रही है।
इन मांगों में प्रदर्शनों आदि में सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों छात्र संगठनों व्यापारियों मजदूरों किसानों आदि का भरपूर सहयोग मिलता रहा है।
अब कुछ लोग शहर वासियों को बार-बार उलाहना दे रहे हैं की वे जिले की मांग को लेकर कुछ भी नहीं कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि यह उलाहने झूठे हैं । सच से परे हैं। सच्चाई यह है कि मांग निरंतर उठती रही है जिसके वे जानकार नहीं हैं।
मैं राजस्थान पत्रिका से जुड़ा हुआ था, तब अनेक बार रिपोर्टिंग छपी।
आजकल मेरे खुद के ब्लॉग करणी प्रेस इंडिया पर यह रिपोर्ट बहुत बार छपी है।
मेरा यह आग्रह है कि रिपोर्ट पढें और उनमें चित्र भी हैं।समीक्षा करें की जनता ने और राजनीतिक दलों ने वास्तव में इस आंदोलन को सालों से चलाया हुआ है।
आपने पहले साथ नहीं दिया या किसी कारण से नहीं दे पाए हों तो अब साथ देने में जुट जाएं।
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सूरतगढ़ 12 फरवरी 2017.
राजस्थान में नए जिले की मांग में सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग 41 वर्ष पुरानी है और यह मान वर्तमान मांगों में सबसे पुरानी है।
वे लोग जिनकी आयु अब लगभग 50 वर्ष के करीब है उनको सबसे पहले उठाई गई मांग और ज्ञापन आदि का मालूम नहीं है, इसलिए करणी प्रेस इंडिया पर पुरानी रिपोर्टें एक बार फिर पाठकों के सामने दी जा रही है और उनके लिंक facebook पर भी दिए गए हैं।
सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग जनता पार्टी,भाजपा और कांग्रेस पार्टियों के राज में निरंतर उठती रही है।
इन मांगों में प्रदर्शनों आदि में सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों छात्र संगठनों व्यापारियों मजदूरों किसानों आदि का भरपूर सहयोग मिलता रहा है।
अब कुछ लोग शहर वासियों को बार-बार उलाहना दे रहे हैं की वे जिले की मांग को लेकर कुछ भी नहीं कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि यह उलाहने झूठे हैं । सच से परे हैं। सच्चाई यह है कि मांग निरंतर उठती रही है जिसके वे जानकार नहीं हैं।
मैं राजस्थान पत्रिका से जुड़ा हुआ था, तब अनेक बार रिपोर्टिंग छपी।
आजकल मेरे खुद के ब्लॉग करणी प्रेस इंडिया पर यह रिपोर्ट बहुत बार छपी है।
मेरा यह आग्रह है कि रिपोर्ट पढें और उनमें चित्र भी हैं।समीक्षा करें की जनता ने और राजनीतिक दलों ने वास्तव में इस आंदोलन को सालों से चलाया हुआ है।
आपने पहले साथ नहीं दिया या किसी कारण से नहीं दे पाए हों तो अब साथ देने में जुट जाएं।
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वसुंधरा राजे सूरतगढ़ में झूम झूम नाची: फोटो अपडेट
ऐतिहासिक गुरूद्वारा बुड्ढाजोहड़ में गुरूग्रंथ साहिब के मत्था टेक कर सूरतगढ़ पहुंची:
धानमंडी में अपार भीड़ देख गदगद हुई: सूरतगढ़ में तलवार भेंट की गई
खास रपट- करणीदानसिंह राजपूत
अपडेट 12 फरवरी 2017.
सूरतगढ़, 18 जून 2013.
वसुंधरा राजे सुराज संकल्प यात्रा के दौरान ऐतिहासिक गुरूद्वारा बुड्ढाजोहड़ में गुरू ग्रंथ साहिब के आगे सिर नवाया और अनेक स्थानों पर स्वागत सत्कार के बाद सूरतगढ़ पहुंची। राजे ने लाल पंजाबी सूट और कशीदाकारी वाली जूतियां पहनी हुई थी। वे भीड़ देख कर इतनी गदगद हुई की नाच उठी। मंच पर नेता और सामने भीड़ ने भी उनका साथ दिया।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के इन साढ़े चार सालों में जनता की जो भी परेशानियां थी,उन सब पर अपना भाषण दिया व अशोक गहलोत को खूब कोसा।
उनके आने से पहले मंच पर कैलाश मेघवाल,सुभाष मेहरिया, सुरेन्द्रपालसिंह टीटी,निहालचंद मेघवाल,कुलदीप खनखड़,रामप्रताप कासनिया, अशोक नागपाल, राजेन्द्र भादू,विजेन्द्र पूनिया,रजनी मोदी,शरणपालसिंह मान,सहित कई नेताओं ने भाषण दिए। मंच का संचालन नगर महामंत्री धर्मदास सिंधी,देहात अध्यक्ष नरेन्द्र घिंटाला ने किया।
कार्यक्रम में विधायक राधेश्याम,विधायक अभिषेक मटोरिया,पूर्व राज्यमंत्री कुंदनलाल मिगलानी आदि भी पहुंचे।
वसुंधरा राजे काफी देरी से यहां पहुंच पाई जिसके कारण भीड़ बार बार अधीर हो खड़ी होती रही। इस देरी के कारण वसुंधरा राजे के लिए लाई गई मालाएं पहनाई नहीं जा सकी।
करणी प्रेस इंडिया की खबरों रिपोर्टों चित्रों के संयोजन का कोई मुकाबला नहीं:
पढ़ते रहिए:
शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017
चान्दना में नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला एवम निशुल्क नशा मुक्ति शिवर
श्रीगंगानगर, 10 फरवरी। जिला पुलिस अधीशक श्री
राहुल कोटोकी के निर्देशानुसार पुलिस थाना पदमपुर के माध्यम से शुक्रवार को
रा.उ.मा.वि.चान्दना में नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला एवम निशुल्क नशा
मुक्ति शिवर का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में रा.उ.मा.वि.चान्दना के
विद्यार्थियों, अध्यापको सहित भारी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया।
कार्यशाला
के मुख्यवक्ता नशा मुक्ति परामर्श एवम उपचार केन्द्र के प्रभारी
डा.रविकान्त गोयल ने अपने सम्बोधन में कहा कि नशे में खुशियां तलाशना अपने
विनाश को आवाहन देना है जीवन में बढ़ते तनाव निराशाओ और भौतिक संसाधन जुटाने
की अंधी दोड़ में असफल रहने पर जो लोग नशे में अपनी खुशियां तलाशते है वे
धीरे-धीरे अपने व अपने परिवार के जीवन को बर्बादी के रास्ते पर ला खड़ा करते
है। नशा किसी भी समस्या का हल नहीं है जो लोग किसी भी कारण वंश नशे कि
चपेट में आ चुके है, वे अपने परिवार और समाज के लोगो कि सलाह पर नशा छोड़ें,
दृढ संकलप से बिना कोई नुकसान उठाये नशा छोड़ा जा सकता है।
कार्यक्रम
में व्याख्य्ता श्री बनवारी लाल शर्मा ने विशष्ठ अतिथि के रूप में
सम्बोदित करते हुए कहा कि जो लोग समय बिताने के लिए गलत संगति में पढ़ कर
नशा करते है, वे सामाजिक कार्यो में जुट कर अपना कीमती समय समाज के विकास
में लगाये, ताकि एक स्व्च्छ नशा मुक्त भारत का निर्माण किया जा सके शर्मा
जी ने कहानियों के माध्यम से विद्यार्थियों व जनप्रतिनिधियों को नशे से दूर
रहने के लिये प्रेरित किया।
कार्यशाला में थाना इंचार्ज पदमपुर
श्री मनसा राम ने कहा कि आम लोग नशा बेचने वाले लोगो की सुचना पुलिस
प्रशासन को दे, ताकि समाज में जहर फेला रहे लोगो पर प्रभारी कार्यवाही कि
जा सके, जो लोग किसी भी कारण वंश नशे कि चपेट में आ गये है, वो जिला पुलिस
प्रशासन द्वारा संचालित राजकीय नशा मुक्ति परामर्श एवम उपचार केन्द्र की
सेवाएँ लेकर नशा छोड़ें।
कार्यशाला में कार्यवाहक प्रधानाचार्य
श्री कुमार लव पुंज ने कहा कि बच्चो को शिक्षित कर नशा मुक्ति का वातावरण
निर्माण करने में बढ़ी मदद मिलेगी पुलिस द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से
चलाये जा रहे इस अभियान की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यशाला में सरपंच
श्री अशोक कुमार व ग्राम पंचायत स्टाफ ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के अंत
में डा. रविकान्त गोयल ने नशा पीड़ित लोगो की जाँच की व उचित परामर्श प्रदान
किया।
बुधवार, 8 फ़रवरी 2017
राजस्थान में 49 नए जिलों की मांग का तूफान: सरकार पर भारी दबाव:
जयपुर।
राजस्थान सरकार आने वाले बजट में 4 से 6 नए जिले बनाने की घोषणा कर सकती है. नए जिलों के गठन के लिए परमेशचंद की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट लगभग तैयार है. सरकार से इशारा मिलते ही परमेशचंद कमेटी नए जिलों पर अपनी सिफारिश की रिपोर्ट कभी भी सरकार को सौंप सकती है.
परमेशचंद कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार नए जिलों की घोषणा करेगी. विधानसभा चुनाव में महज पौने दो साल का वक्त बचा है, राजनीतिक नफे नुकसान का आकलन करते हुए सरकार इसी बजट में नए जिले बनाने की घोषणा पर गंभीरता से विचार कर रही है.
क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां जिले केवल 33 हैं. 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ आखिरी जिला बना था. उसके बाद अब तक कोई नया जिला नहीं बना है. पिछले कांग्रेस राज में नए जिलों के लिए रिटायर्ड आईएएस जीएस संधू की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी, लेकिन उस कमेटी की रिपोर्ट पर गहलोत सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
मौजूदा सरकार पर नए जिले बनाने का काफी राजनीतिक दबाव है. परमेश चंद कमेटी के पास 24 जिलों की 49 जगहों से नए जिले बनाने की मांग के प्रस्ताव, ज्ञापन आए हैं, सबसे ज्यादा नागौर से पांच जगहों से नए जिलों की मांग उठ रही है. जयपुर और गंगानगर से 4-4 जगहों से नए जिलों की मांग है.
अजमेर, उदयपुर, अलवर, पाली, सीकर, भरतपुर की 3-3 जिलों से नए जिलों की मांग उठ रही है. परमेश चंद कमेटी ने नए जिलों के लिए 15 मापदंड तय किए हैं, जिनके आधार पर सरकार नए जिले बनाएगी. नए जिलों के गठन में होने वाला खर्च भी सरकार को ध्यान में रखना होगा.
एक मोटे अनुमान के मुताबिक हर नए जिले पर पांच साल के दौरान करीब 900 करोड़ रुपए का खर्च करना होगा. सालाना करीब 150 करोड़ का रिकरिंग खर्च और होगा जो इससे अलग होगा. फिलहाल भाजपा विधायक हो या मंत्री सभी नए जिलों की घोषणा पर दबाव बना रहे हैं. हालांकि, सरकार के लिए सभी जगहों की मांगें मानना संभव नहीं है लेकिन चुनाव नजदीक देखते हुए सरकार के लिए अब नए जिलों की घोषणा को ज्यादा समय रोकना फायदे में नहीं होगा.
इन 24 जिलों से उठ रही है मांग
जयपुर- सांभरलेक, शाहपुरा, फुलेरा, कोटपुतली, शाहपुरा
जोधपुर- फलौदी
अजमेर- ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज-किशनगढ़
उदयपुर- सलूंबर, खैरवाड़ा, सराड़ा
अलवर- बहरोड़, खैरथल, भिवाड़ी, नीमराना
पाली- बाली, सुमेरपुर, फालना
श्रीगंगानर- अनूपगढ़, सूरतगढ़, घड़साना, श्रीबि'जयनगर
चूरू- सुजानगढ़, रतनगढ़
नागौर- डीडवाना, कुचामन सिटी, मकराना, मेड़ता सिटी, सुजला क्षेत्र- सुजानगढ़, जसवंतगढ़ और लाडनूं का क्षेत्र मिलाकर सुजला के नाम से नए जिले की मांग.
बाड़मेर- बालोतरा
सीकर- नीमकाथाना, फतेहपुर शेखावाटी, श्रीमाधोपुर
भरतपुर- डीग, बयाना, कामां
दौसा- महवा, बांदीकुई
सवाईमाधोपुर- गंगापुरसिटी
जैसलमेर- पोकरण
बारां- छबड़ा
करौली- हिंडौनसिटी
हनुमानगढ़- नोहर, भादरा
बीकानेर- नोखा
भीलवाड़ा- शाहपुरा
झालावाड़- भवानीमंडी
जालोर- भीनमाल
चित्तौड़गढ़- रावतभाटा
कोटा- रामगंजमंडी
राजस्थान सरकार आने वाले बजट में 4 से 6 नए जिले बनाने की घोषणा कर सकती है. नए जिलों के गठन के लिए परमेशचंद की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट लगभग तैयार है. सरकार से इशारा मिलते ही परमेशचंद कमेटी नए जिलों पर अपनी सिफारिश की रिपोर्ट कभी भी सरकार को सौंप सकती है.
परमेशचंद कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार नए जिलों की घोषणा करेगी. विधानसभा चुनाव में महज पौने दो साल का वक्त बचा है, राजनीतिक नफे नुकसान का आकलन करते हुए सरकार इसी बजट में नए जिले बनाने की घोषणा पर गंभीरता से विचार कर रही है.
क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां जिले केवल 33 हैं. 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ आखिरी जिला बना था. उसके बाद अब तक कोई नया जिला नहीं बना है. पिछले कांग्रेस राज में नए जिलों के लिए रिटायर्ड आईएएस जीएस संधू की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी, लेकिन उस कमेटी की रिपोर्ट पर गहलोत सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
मौजूदा सरकार पर नए जिले बनाने का काफी राजनीतिक दबाव है. परमेश चंद कमेटी के पास 24 जिलों की 49 जगहों से नए जिले बनाने की मांग के प्रस्ताव, ज्ञापन आए हैं, सबसे ज्यादा नागौर से पांच जगहों से नए जिलों की मांग उठ रही है. जयपुर और गंगानगर से 4-4 जगहों से नए जिलों की मांग है.
अजमेर, उदयपुर, अलवर, पाली, सीकर, भरतपुर की 3-3 जिलों से नए जिलों की मांग उठ रही है. परमेश चंद कमेटी ने नए जिलों के लिए 15 मापदंड तय किए हैं, जिनके आधार पर सरकार नए जिले बनाएगी. नए जिलों के गठन में होने वाला खर्च भी सरकार को ध्यान में रखना होगा.
एक मोटे अनुमान के मुताबिक हर नए जिले पर पांच साल के दौरान करीब 900 करोड़ रुपए का खर्च करना होगा. सालाना करीब 150 करोड़ का रिकरिंग खर्च और होगा जो इससे अलग होगा. फिलहाल भाजपा विधायक हो या मंत्री सभी नए जिलों की घोषणा पर दबाव बना रहे हैं. हालांकि, सरकार के लिए सभी जगहों की मांगें मानना संभव नहीं है लेकिन चुनाव नजदीक देखते हुए सरकार के लिए अब नए जिलों की घोषणा को ज्यादा समय रोकना फायदे में नहीं होगा.
इन 24 जिलों से उठ रही है मांग
जयपुर- सांभरलेक, शाहपुरा, फुलेरा, कोटपुतली, शाहपुरा
जोधपुर- फलौदी
अजमेर- ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज-किशनगढ़
उदयपुर- सलूंबर, खैरवाड़ा, सराड़ा
अलवर- बहरोड़, खैरथल, भिवाड़ी, नीमराना
पाली- बाली, सुमेरपुर, फालना
श्रीगंगानर- अनूपगढ़, सूरतगढ़, घड़साना, श्रीबि'जयनगर
चूरू- सुजानगढ़, रतनगढ़
नागौर- डीडवाना, कुचामन सिटी, मकराना, मेड़ता सिटी, सुजला क्षेत्र- सुजानगढ़, जसवंतगढ़ और लाडनूं का क्षेत्र मिलाकर सुजला के नाम से नए जिले की मांग.
बाड़मेर- बालोतरा
सीकर- नीमकाथाना, फतेहपुर शेखावाटी, श्रीमाधोपुर
भरतपुर- डीग, बयाना, कामां
दौसा- महवा, बांदीकुई
सवाईमाधोपुर- गंगापुरसिटी
जैसलमेर- पोकरण
बारां- छबड़ा
करौली- हिंडौनसिटी
हनुमानगढ़- नोहर, भादरा
बीकानेर- नोखा
भीलवाड़ा- शाहपुरा
झालावाड़- भवानीमंडी
जालोर- भीनमाल
चित्तौड़गढ़- रावतभाटा
कोटा- रामगंजमंडी
राजस्थान में अभी कितने जिले हैं? किस मंडल में हैं? क्षेत्रफल कितना है?
राजस्थान के 7 मंडलों में 33 जिले हैं जो इस प्रकार हैं।-
जिला | मुख्यालय | क्षेत्र (किमी²) | जनसंख्या (2011) | मंडल |
---|---|---|---|---|
अजमेर | अजमेर | 8481 | 25,84,913 | अजमेर |
अलवर | अलवर | 8380 | 36,71,999 | जयपुर |
बांसवाड़ा | बांसवाड़ा | 5037 | 17,98,194 | उदयपुर |
बरन | बारां | 6955 | 12,23,921 | कोटा |
बाड़मेर | बाड़मेर | 28,387 | 26,04,453 | जोधपुर |
भरतपुर | भरतपुर | 5,066 | 25,49,121 | भरतपुर |
भीलवाड़ा | भीलवाड़ा | 10,455 | 24,10,459 | अजमेर |
बीकानेर | बीकानेर | 27,244 | 23,67,745 | बीकानेर |
बूंदी | बूंदी | 5550 | 11,13,725 | कोटा |
चित्तौड़गढ़ | चित्तौड़गढ़ | 10,856 | 15,44,392 | उदयपुर |
चुरु | चुरु | 16,830 | 20,41,172 | बीकानेर |
दौसा | दौसा | 2950 | 16,37,226 | जयपुर |
धौलपुर | धौलपुर | 3084 | 12,07,293 | भरतपुर |
डूंगरपुर | डूंगरपुर | 3770 | 13,88,906 | उदयपुर |
हनुमानगढ़ | हनुमानगढ़ | 12,645 | 17,79,650 | बीकानेर |
जयपुर | जयपुर | 14,068 | 66,63,971 | जयपुर |
जैसलमेर | जैसलमेर | 38,401 | 6,72,008 | जोधपुर |
जालौर | जालौर | 10,640 | 18,30,151 | जोधपुर |
झालावाड़ | झालावाड़ | 6219 | 14,11,327 | कोटा |
झुंझुनू | झुंझुनू | 5,928 | 21,39,658 | जयपुर |
जोधपुर | जोधपुर | 22,850 | 36,85,681 | जोधपुर |
करौली | करौली | 5530 | 14,58,459 | भरतपुर |
कोटा | कोटा | 12,436 | 19,50,491 | कोटा |
नागौर | नागौर | 17,718 | 33,09,234 | अजमेर |
पाली | पाली | 12,387 | 20,38,533 | जोधपुर |
प्रतापगढ़ | प्रतापगढ़ | 4117 | 8,68,231 | उदयपुर |
राजसमंद | राजसमंद | 4768 | 11,58,283 | उदयपुर |
सवाई माधोपुर | सवाई माधोपुर | 10,527 | 13,38,114 | भरतपुर |
सीकर | सीकर | 7,732 | 26,77,737 | जयपुर |
सिरोही | सिरोही | 5136 | 10,37,185 | जोधपुर |
श्रीगंगानगर | श्रीगंगानगर | 7984 | 19,69,520 | बीकानेर |
टोंक | टोंक | 7194 | 14,21,711 | अजमेर |
उदयपुर | उदयपुर | 17,279 | 30,67,549 | उदयपुर |
राजस्थान | जयपुर | 342,239 | 6,86,21,012 | 2 |
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