बुधवार, 31 जनवरी 2024
मंगलवार, 30 जनवरी 2024
सैटिंग से हुए अतिक्रमण तोड़ने ही पड़े:अभी और कार्यवाहियां भी होंगी.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 30 जनवरी 2024.
नगरपालिका प्रशासन को आज उन अतिक्रमणों को आखिर तोड़ना ही पड़ा जो कुछ नेता पार्षदों की शह पर बने और दुबारा भी बन गये। लगातार मीडिया में सोशल मीडिया में समाचारों के बाद भी ईओ पवनकुमार और अतिक्रमण निरोधक दस्ते के प्रभारी कालूराम सेन कार्यवाही करने की जिम्मेदारी नहीं समझ रहे थे। खुद पर कार्यवाही के दबाव में काफी दिनों बाद अतिक्रमण तोड़े गये जो समाचारों के बाद एक दिन भी नहीं रहने चाहिए थे। वार्ड नं 26 का अतिक्रमण बडी सड़क पर तोड़ने के बाद चुनाव आचार संहिता में दुबारा हो गया। दोनों अधिकारियों को मालुम हो गया लेकिन नहीं तोड़ा। कुछ पार्षद सैटिंग और दोस्ती निभा रहे थे। इन अतिक्रमण पर कुछ होने वाले भय और दबाव से आखिर आज यह अतिक्रमण तोडा गया।
*कुछ पार्षदों ने अतिक्रमण तोडऩे की मांग भी की थी। हालांकि फोजी का कब्जा शिकायत में नहीं था।
* एक अतिक्रमण तोड़ा गया और मलबा छोड़ दिया। देखते हैं कि मलबा की हजारों ईंटें कब उठाई जाती है?
**नगरपालिका में अभी बहुत कुछ होने वाला है। शिकायतें बस्तों में दबा दी गई वे भी खुलेंगी।०0०
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रविवार, 28 जनवरी 2024
गणतंत्र दिवस समारोह:पूर्व विधायक के बेटे का भाषण असामान्य घटना.
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान में भाजपा का राज है इसलिए सूरतगढ़ सीट पर भाजपा के प्रत्याशी रामप्रताप कासनिया के हार जाने के बावजूद उनके बेटे संदीप कासनिया का गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में प्रशासन द्वारा भाषण करवाना सामान्य सी घटना है लेकिन यह हर ओर चर्चा बनी है।
* सवाल उठ रहे हैं कि संदीप कासनिया को किस विशेष दर्जे के कारण,सरकार के प्रतिनिधि और सरकार के किसी आदेश निर्देश या अनुमति से उपखंड अधिकारी संदीप कुमार ने यह अनुमति दी? संदीप कासनिया का भाषण देने से पूर्व किसने उसका आलेख जांचा और उसके बाद उपखंड अधिकारी ने भाषण देने की अनुमति दे दी। ये सवाल और चर्चाएं इसलिए गर्म हैं कि संदीप कासनिया किसी भी सरकारी पद और जनप्रतिनिधि नहीं है।इस प्रकार का वक्तव्य दिलाने की सूरतगढ़ में यह पहली घटना है। कासनिया समारोह में बहुत देर से पहुंचे थे उनको मंच पर भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया तब उनके नाम की उद्घोषणा में उनके बारे में क्या उल्लेख किया गया? कोई खासियत बताई गयी होगी। जनता की नजरों में संदीप कासनिया की खूबी इतनी भर है कि वे पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया के बेटे हैं। रामप्रताप कासनिया 2023 के चुनाव में 50 हजार से अधिक वोटों से हार गये थे इसलिए संदीप कासनिया का गणतंत्र समारोह में दिलाया गया भाषण लोगों को चुभ रहा है। रामप्रताप कासनिया अपने बेटे संदीप को भविष्य में विधायक बनाने की चाहत रखते हैं और गणतंत्र समारोह में संदीप का भाषण देना और प्रशासन द्वारा अनुमति देना शुरुआत मानी जाना चाहिए।
* इस घटना की चुभन तो कांग्रेस को होनी चाहिए लेकिन उसकी तरफ से तो कोई शिकायत आई नहीं है और न कहीं हुई है।
** असल में क्या सूरतगढ़ में कांग्रेस है? कांग्रेस का डूगरराम गेदर यहां से विधायक चुने गये जिनको कांग्रेसी ही नहीं माना गया था और पूर्व विधायक गंगाजल मील और उनके ग्रुप ने चुनाव में कासनिया भाजपा का साथ दिया जिसके लिए मील को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। उसके बाद कोई भी नहीं है जो कासनिया से टक्कर ले सके।गेदर के पास भी ऐसी टीम नहीं और एक कार्यकर्ता नहीं जो राजनीतिक सूझ वाला हो। गेदर भी मंच पर मौजूद थे। भाजपा के कार्यकर्ताओं के मुकाबले में यहां कांग्रेस के कार्यकर्ता भी कोई राजनीतिक ताकत नहीं रखते।
* एक और सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस के परसराम भाटिया मंच पर किस हैसियत से बिठाए गये थे? वे केवल नगरपालिका में कार्यवाहक अध्यक्ष रहे और उनका कार्यकाल 25 नवंबर 2023 तक ही था।
** नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी पवनकुमार को समारोह में उतकृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जाना भी आश्चर्य जनक रहा है जिसकी भी चर्चा गर्म है। किसने सिफारिश की थी?नगरपालिका कार्य और शहर की सफाई के मामलों में विवादित। शहर आज भी गंदगी और अतिक्रमण से चर्चित और ईओ पवनकुमार को गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित सूची में शामिल किया जाए।
👍 सूरतगढ़ अनौखी घटनाओं के लिए चर्चित होता रहता है जो कोई नयी बात नहीं है।
***** बस अभी भाजपा की चल रही है। इसलिए संदीप कासनिया का गणतंत्र दिवस समारोह में भाषण पावर है। भाजपा के टिकटार्थी भी कोई पावर वाला नहीं है न कहीं अब दिखाई पड़ रहे हैं। एक सामान्य घटना है। बाकी दल कहीं दिखाई नहीं दे रहे इसलिए भी सामान्य घटना है।
०0०
*****
गुरुवार, 25 जनवरी 2024
*यहां फांसी चूमे सेनानी चप्पे-चप्पे में बलिदानी* कविता: करणीदानसिंह राजपूत*
यह देश हमारा भारत
दुनिया में सबसे न्यारा
यहां फांसी चूमे सेनानी
चप्पे-चप्पे में बलिदानी।
आओ फूलों से महकाएं
गीत वीरों के हम गायें
बलिदानों की गाथा
कभी भूले न बिसराएं।
यह देश हमारा भारत..
स्वर्ग सिरमौर कश्मीर हमारा
हिम शिखरों बीच में छाया
गंगा यमुना का निर्मल जल
अमृत बन कर सबको भाया।
आजादी का जश्न मनाएं
गीत तिरंगे के हम गाएं
वीर जनों की कुर्बानी
सब गाएं और दोहराएं।
फूलों से महकाएं....
आधी शती का विकास हमारा
कुछ नया करने की ठानें
इलाका रहे न कोई खाली
सब और करें हरियाली।
आकाश ऊंचाइयां छूते रहें
मन साफ रहे घर साफ रहे
भाई भाई का प्यार रहे
जन जन में प्रीत संचार रहे।
यह देश हमारा भारत...
गांवों की चौपालों पर
नगरों के चौराहों पर
देशभक्ति का भान रहे
तिरंगे की शान रहे।
सीमा पर सीना ताने सैनिक
सुरक्षा का भार लिए
आने नहीं देंगे संकटकाल
खतरे में बन जाएं खुद हथियार।
अग्नि नाग और पृथ्वी
प्रक्षेपास्त्रों में नए निराले
अर्जुन टैंक की है दूर मार
दुश्मन की देते आंख निकाल।
भाभा का परमाणु ज्ञान अब्दुल कलाम का शस्त्र विज्ञान
भारत को दी नई रोशनी
विश्व में मिला ऊंचा स्थान।
यह देश हमारा..
गांधी चरखा यहां चलता
कल कारखानों में माल है बनता
नित नित नए-नए उत्पादन
विश्व में नाम कमाते जाते।
पंचशील की नीति हमारी
सत्यमेव जयते का नारा
अहिंसा का संदेश हमारा
दुनिया में है भारत न्यारा।
फूलों से महकाएं..
सूर्य चंद्र और असंख्य तारे
मीठी सुगंध रंगीन नजारे
रंग रंगीली धरती प्यारी
जगह जगह की छटा निराली।
छह ऋतुओं का देश हमारा
मीठे झरने मधुर समीरा
वन जंगल में मोर नाचते
राजस्थान में सोनचिड़ी गाती।
यह देश हमारा...
तेतीस कोटि हैं देवी देवता
दसो दिशाओं में पूजे जाते
वाहन इनके जीव जंतु हैं
सब लोको में जाते आते।
रामायण गीता संदेश सुनाते
कर्म गति का उपदेश बताते
घर में है पूजे जाते
चहुं ओर कीर्ति फैलाते।
फूलों से महकाएं..
भाई-बहन का स्नेह अनोखा
रक्षाबंधन का त्यौहार मनोरम
मीठे खीर बताशे मीठे
स्नेह बंधन में मिश्री घोले।
नाना भेष आंखों को भाए
नाना बोलियां कर्ण सुहाए
उच्च संस्कृति ऊंचे आदर्श
चरण स्पर्श और अभिवादन।
यह देश हमारा भारत...
कबीर रसखान नानक हुए यहां
मीरा ने है कृष्ण नाम पुकारा
प्रताप शिवा से वीर यहां पर
पन्ना को है सब ने गाया।
पद्मिनी के जौहर की याद
रानी लक्ष्मी की कुर्बानी
आल्हा उदल हुए यहां पर
कैसे भुलाए उनकी कुर्बानी।
फूलों से महकाएं...
भगत सिंह सुखदेव राजगुरु
फांसी के फंदे हंस हंस चूमे
आजाद की सिंह दहाड़ से
अंग्रेजों के दिल भी कांपे।
नेता सुभाष का जय हिंद नारा
लाल बहादुर ने जय किसान पुकारा
राम मोहन की चेतन आवाज
विधवाओं की हो सार संभाल।
यह देश हमारा भारत...
बुध का शीतल प्रकाश
महावीर की मीठी वाणी
जीव जंतु से करो प्यार
धर्म नीति संदेश सुनाती।
मंदिरों में होती है आरती
मस्जिदों में होती है कुरान
चर्चों में बंटता है यीशु संदेश
गुरुद्वारों में गूंजे है गुरुवाणी।
फूलों से महकाएं...
यह देश हमारा भारत
दुनिया में सबसे न्यारा
यहां फांसी चूमे सेनानी
चप्पे-चप्पे बलिदानी।
ये देश हमारा भारत...
****
भारत की स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को हुई। स्वतंत्रता की अर्धशती 1997-98 में मनाई गई तब यह कविता रची थी। आकाशवाणी के सूरतगढ़ केन्द्र से इसका प्रसारण हुआ। इसकी अवधि पंक्तियों के पुन: दोहराए बिना ही 14 मिनट 20 सैकंड रिकॉर्ड हुई। एक चंक दस मिनट में आठ मिनट देते हैं और दो मिनट उदघोषणा आदि में लगते हैं। इस कविता के लिए विशेष अवधि 15 मिनट दी गई थी। आकाशवाणी के विशेष सहयोग से यह प्रसारित हुई।*अपडेट.14 अगस्त 2023.
दुनिया में सबसे न्यारा
यहां फांसी चूमे सेनानी
चप्पे-चप्पे में बलिदानी।
गीत वीरों के हम गायें
बलिदानों की गाथा
कभी भूले न बिसराएं।
हिम शिखरों बीच में छाया
गंगा यमुना का निर्मल जल
अमृत बन कर सबको भाया।
गीत तिरंगे के हम गाएं
वीर जनों की कुर्बानी
सब गाएं और दोहराएं।
कुछ नया करने की ठानें
इलाका रहे न कोई खाली
सब और करें हरियाली।
मन साफ रहे घर साफ रहे
भाई भाई का प्यार रहे
जन जन में प्रीत संचार रहे।
नगरों के चौराहों पर
देशभक्ति का भान रहे
तिरंगे की शान रहे।
सुरक्षा का भार लिए
आने नहीं देंगे संकटकाल
खतरे में बन जाएं खुद हथियार।
प्रक्षेपास्त्रों में नए निराले
अर्जुन टैंक की है दूर मार
दुश्मन की देते आंख निकाल।
भाभा का परमाणु ज्ञान
भारत को दी नई रोशनी
विश्व में मिला ऊंचा स्थान।
कल कारखानों में माल है बनता
नित नित नए-नए उत्पादन
विश्व में नाम कमाते जाते।
सत्यमेव जयते का नारा
अहिंसा का संदेश हमारा
दुनिया में है भारत न्यारा।
मीठी सुगंध रंगीन नजारे
रंग रंगीली धरती प्यारी
जगह जगह की छटा निराली।
मीठे झरने मधुर समीरा
वन जंगल में मोर नाचते
राजस्थान में सोनचिड़ी गाती।
दसो दिशाओं में पूजे जाते
वाहन इनके जीव जंतु हैं
सब लोको में जाते आते।
कर्म गति का उपदेश बताते
घर में है पूजे जाते
चहुं ओर कीर्ति फैलाते।
रक्षाबंधन का त्यौहार मनोरम
मीठे खीर बताशे मीठे
स्नेह बंधन में मिश्री घोले।
नाना बोलियां कर्ण सुहाए
उच्च संस्कृति ऊंचे आदर्श
चरण स्पर्श और अभिवादन।
मीरा ने है कृष्ण नाम पुकारा
प्रताप शिवा से वीर यहां पर
पन्ना को है सब ने गाया।
रानी लक्ष्मी की कुर्बानी
आल्हा उदल हुए यहां पर
कैसे भुलाए उनकी कुर्बानी।
फांसी के फंदे हंस हंस चूमे
आजाद की सिंह दहाड़ से
अंग्रेजों के दिल भी कांपे।
लाल बहादुर ने जय किसान पुकारा
राम मोहन की चेतन आवाज
विधवाओं की हो सार संभाल।
महावीर की मीठी वाणी
जीव जंतु से करो प्यार
धर्म नीति संदेश सुनाती।
मस्जिदों में होती है कुरान
चर्चों में बंटता है यीशु संदेश
गुरुद्वारों में गूंजे है गुरुवाणी।
दुनिया में सबसे न्यारा
यहां फांसी चूमे सेनानी
चप्पे-चप्पे बलिदानी।
भारत की स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को हुई। स्वतंत्रता की अर्धशती 1997-98 में मनाई गई तब यह कविता रची थी। आकाशवाणी के सूरतगढ़ केन्द्र से इसका प्रसारण हुआ। इसकी अवधि पंक्तियों के पुन: दोहराए बिना ही 14 मिनट 20 सैकंड रिकॉर्ड हुई। एक चंक दस मिनट में आठ मिनट देते हैं और दो मिनट उदघोषणा आदि में लगते हैं। इस कविता के लिए विशेष अवधि 15 मिनट दी गई थी। आकाशवाणी के विशेष सहयोग से यह प्रसारित हुई।*
बुधवार, 24 जनवरी 2024
दुबारा लगे सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं खत्म. (नगरीय निकाय)
* करणीदानसिंह राजपूत *
स्वावायत शासन विभाग से ( या अन्य विभागों से) सेवानिवृत्त कर्मचारियों के दोबारा स्वायत शासन विभाग की अधीनस्थ समस्त संस्थाओं कार्यालयों संविदा आदि पर लगे हुए थे उनको 24 जनवरी 2024 के आदेश से हटा दिया गया है। संबंधित अधिकारियों से आदेश पालन की रिपोर्ट मंगवाई गई है।
👍 अब तक लगता रहा कि नगर निकाय संस्थानों में सेवानिवृत कर्मचारियों को दोबारा लगाकर भ्रष्टाचार के मामलों और फाइलों को दबाए रखने की कार्रवाई होती रही ताकि किसी अन्य कर्मचारी अधिकारी के आने पर पोल न खुले घपले का मालूम न पड़े।इसलिए पुराने को ही लगातार किसी न किसी रूप में रखे जाने की करवाई चलती रही। कांग्रेस राज्य में यह भ्रष्टाचार बहुत पनपा जिससे सरकार को नुकसान हुआ और अधिकारी व नेता दलाल मालामाल होते रहे।
* कितने घपले हुए हैं यह भी देर सबेर निश्चित रूप से सामने आएंगे। अधिकारियों और भ्रष्ट नेताओं का यह मानना था कि कौन पुरानी फाइलों को देखेगा। सरकार बदली जाने और इस प्रकार के आदेशों की तो कभी सोचते ही नहीं थे।
👍 जिला कलेक्टर उपखण्ड अधिकारी आदि को भी भ्रष्टाचार बाबत शिकायत की गई तो उस पर कार्यवाही नहीं की गई।
👍👍राजस्थान की भाजपा सरकार एक के बाद एक आदेश नगरी निकाय विभागों के जारी कर रही है।अभी भी अधिकारियों को अनेक वहम है वह भी जल्दी ही कहीं ना कहीं लपेटे में आने के बाद एकदम से दूर हो जाएंगे।०0०
24 जनवरी 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ 94143 81356.
मंगलवार, 23 जनवरी 2024
सूरतगढ़:नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती:जयघोष सुभाष अमर रहे
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 23 जनवरी 2024.
क्रांतिकारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नारे लगाए गये। उनके महत्वपूर्ण कार्यों पर और आने वाली संतति को सीख देने वाले वक्तव्य हुए। कंपकंपी वाली भयानक शीत लहर के बीच सुभाष जयंती मनाई गई।
सुभाषचंद्र बोस स्मारक समिति के अध्यक्ष डा.टी.एल.अरोड़ा,वरिष्ठ पत्रकार लेखक करणीदानसिंह राजपूत,केन्द्रीय साहित्य अकादमी से पुरस्कृत राजस्थानी साहित्यकार मनोज कुमार स्वामी,कांग्रेस नेता
बलराम वर्मा ने वक्तव्य दिए। भाटिया आश्रम के निदेशक लाजपतराय भाटिया ने काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक अशोक नागपाल,
हर्ष कान्वेंट स्कूल के निदेशक अनिल धानुका,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती काजल छाबड़ा,पार्षद संतोष गिरी, समाजसेवी इंजीनियर रमेशचंद्र माथुर,अमरनाथ लंगर सेवा समिति के अध्यक्ष किशन स्वामी,कमल सचदेवा,नगरपालिका पूर्व अध्यक्ष पार्षद परसराम भाटिया, भाजपा नेता मुरलीधर पारीक,योगेश स्वामी,टाइगर खेल एकेडमी के संचालक पूर्व पार्षद धाधक महेन्द्र नागर,पूर्व पार्षद पूरण कवातड़ा,शिव आटो युनियन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। एडवोकेट सहदेव जोशी ने कार्यक्रम का संयोजन किया।
*जयंती की पूर्व संध्या 22 जनवरी की शाम को 6 बजे प्रतिमा के पास घी के दीप जलाए गए । नेताजी जिंदाबाद, सुभाष बोस अमर रहे, भारत माता की जय हो के नारे लगाए गये।इस अवसर पर पूर्व विधायक अशोकनागपाल,रमेशचंद्र माथुर,मुरलीधर पारीक,मुरलीधर उपाध्याय, किशन स्वामी,महावीर भोजक,महावीर पारीक,करणीदानसिंह राजपूत, पार्षद मदन ओझा,समिति के अध्यक्ष डा.टी.एल.अरोड़ा, सहित अन्य लोग शामिल हुए।०0०
सोमवार, 22 जनवरी 2024
राम मंदिर व राम बोलने के समय सोनिया राहुल मुंह पर क्यों?
* करणीदानसिंह राजपूत *
अयोध्या के श्रीराम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दिन समय में राम राममंदिर का नाम होने के बजाय आलोचक टिप्पणियां करने वाले अनेक मोदी भक्तों अनेक भाजपाइयों के मुंह से सोनिया राहुल का नाम निकल रहा है कि उन्होंने वहां जाने से मना कर दिया या वे नहीं जा रहे। या कांग्रेस की आलोचना हो रही है।
* पिछले कुछ दिनों से राहुल गांधी सोनिया गांधी का नाम मुंह पर है और वाट्सएप ग्रुपों की टिप्पणियों में है। इनके दिल और दिमाग में ये क्यों हैं?इनके नाम लिए बिना नींद नहीं आती? रोटी नहीं पचती? राम भक्त हैं या मोदी भक्त हैं तो उनका ही नाम मुंह पर टिप्पणियों में होना सही और शोभाजनक होगा और लोगों को भी सुहाएगा।
* मेरा यह मानना है कि आम जनता राहुल गांधी सोनिया गांधी को नहीं रट रही और ये आलोचक ही बार बार उनका नाम ले लेकर उनको जिंदा रखे हुए है। वे नहीं जा रहे तो यह उनकी मर्जी है जबरदस्ती क्यों ले जाने में लगे हैं। अनेक नहीं जा रहे। अनेक साधु संत नहीं जा रहे। अनेक लोग नहीं जा रहे। अनेक लोग या कहें संपूर्ण देश के लोग जो राम को मानते हैं वे अपनी सुविधानुसार जायेंगे या राम बुलाएंगे तब जाएंगे। जो राम चाहते हैं और हर कार्य जगत में उनकी ही ईच्छा से होता है तो सब राम ही करवा रहा है।
* भारत में अनेक धर्म संप्रदाय और लोग हैं जो मूर्ति को नहीं मानते और मूर्ति का पूजन नहीं करते।
* आलोचक सोचें समझे और समझ में नहीं आता है तो किसी समझदार से सलाह ले लें, पूछ लें कि जनता के बीच किसको जिंदा रखना है?०0०
22 जनवरी 2024.
* करणीदानसिंह राजपूत,
( पत्रकारिता के 60 वर्ष)
* राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत*
सूरतगढ़ - राजस्थान ( 94143 81356 )
******
रविवार, 21 जनवरी 2024
💐सूरतगढ़:माटी के बरतन और सजावटी सामान.शानदार शिल्प.
* करणीदानसिंह राजपूत *
💐अनेक प्रकार के बरतन काले मटैले और रंगभरे रसोई घर में उपयोग करने वाले।
💐आवास में शौ रूम में सजावट करने के लिए भी अनेक प्रकार के रंगीन।
💐सूरतगढ़ में उपलब्ध हैं। बस अड्डे के पास गुरूद्वारा गुरूसिंघ सभा के सामने अपनी पसंद के खरीद सकते हैं।
💐 माटी शिल्प कला और कलाकारों को उन्नत करने में सहयोग करें।०0०
21 जनवरी 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356
💐💐💐💐💐💐
*****
वह निकल पड़ा युद्ध को, वह युद्ध जीतेगा।- कविता- * करणीदानसिंह राजपूत *
भारतवासियों पहचान करलो।
कौन अवसरवादी और कौन राष्ट्रवादी,
करलो पहचान ओ भारतवासी।
एक मौका है,पहचान करलो।
कौन हैं हितैषी देश के और
कौन हैं दुश्मन देश के।
एक मौका है पहचान लो
यह सामने हैं राष्ट्रवादी
और 70 सालों के अवसरवादी।
संकट में जूझते रहे साथ साथ राष्ट्रवादी
और भेष बदल आए गए अवसरवादी।
राष्ट्रवादी करें भारत का जयघोष
अवसरवादी कान सुनें उसमें चीन
पाकिस्तान।
अवसरवादी आग लगाते रहे जलाते रहे
राष्ट्रवादी खुद जले और बचाते रहे।
सीमा पर आए संकटों पर ,
शहीदों के साथ रहे राष्ट्रवादी
और सवाल करते रहे अवसरवादी।
देश की आन बान शान पर
प्राण न्यौछावर करते रहे राष्ट्रवादी
और मुखौटों में छिपे रहे अवसरवादी।
देश पर हमलाकर लूटते रहे विदेशी,
मुगल विदेशी और अंग्रेज विदेशी
हजारों सालों तक सोनचिरैया के
पंख नख सब नौचते रहे,
दीवारों में चिनवाया,
कड़ाहों में तलवाया।
गोलियों से भूना फांसी लटकाया।
राष्ट्रवादियों ने काले पानी की सजा भोगी,
देश पर वंश कुर्बान कर दिए,
आन पर मरते रहे।
और अवसरवादी सम्राट बने,
ऐश करते रहे।
अब फिर विदेशी नया मुखौटा,
नाम बदल हुए देशी सम्राट।
उनकी सोच समझ सब विदेशी,
फर्म विदेशी नागरिकता दोहरी
ये नए अवसरवादी।
पहचानों राष्ट्रवादी की हुंकार
सब देशों में गूंज उठी है।
वह बन सेनापति,
युद्ध को चल पड़ा है।
आओ, उसकी सेना बनें।
घर घर से निकलें
शहरों गांवों से निकलें।
हर परिवार से जयघोष करें।
आपके सहयोग से
वह निश्चित युद्ध जीतेगा।
फिर कोई अवसरवादी
सोनचिरैया के पंख नख
नहीं नोच पाएगा।
वह निकल पड़ा युद्ध को,
वह युद्ध जीतेगा।
आओ, जयघोष करें।
उस सेनापति का जयघोष करें,
भारतमाता का जयघोष करें।
*****
प्रथम बार 3 मई 2019.
अपडेट 21 जनवरी 2024.
******
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
(राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़( राजस्थान, भारत)
94143 81356
******
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