करवा चौथ पर चन्द्रमा के आगे पत्नी से छल!कहानी
* करणीदानसिंह राजपूत *
चंद्रमा के ऊगने का इंतजार हो रहा था।
पत्नी छत पर खड़ी थी। बार बार पति को छत पर आने का कह रही थी।
"नीचे क्या कर रहे हो? जल्दी से आओ। चांद दिखने लगा है। बहुत ऊंचा आ गया है।
" बस। आया। थोड़ा ठहरो।
पति छत पर आया।
पत्नी की निगाहें आकाश में चंद्रमा पर टिकी थी। वह दर्शन पूजन करने लगी। पति बार बार सीढियों की तरफ देखता।
पत्नी ने पूजा पूरी की।
पति द्वारा पानी पिलाने का इंतजार ही बाकी था। वह पति की ओर देख रही थी। पति सीढियों की ओर देख रहा था।
एक चेहरा सीढियों से ऊपर आता दिखाई दिया।
वह आई और व्यक्ति के पास में आकर खड़ी हो गई। पत्नी ने देखा पति के दफ्तर की सेक्रेटरी। पत्नी ने सुन रखा था कि वह मित्र बनी हुई है। अनेक बार पहले भी घर पर आ चुकी थी। करवा चौथ को पहली बार आई।
"पानी पिलाओ। चंद्रमा तो मैं देख चुकी।" वह मित्र सेक्रेटरी बोली।
" तुम इनके हाथ से पानी कैसे पी सकती हो? मैं पत्नी हूं। यह अधिकार तो मेरा है।"पत्नी ने कहा।
आने वाली वह मित्र सेक्रेटरी बोली," पानी पहले मुझे पिलाएंगे। मैं ही पहले पीऊंगी तुम नहीं।"
पत्नी ने पूरे आत्मविश्वास से पानी भरा लोटा अपने पति को पकड़ाया।
पति ने लोटा लिया।
पति ने लोटा उस आने वाली स्त्री मित्र सेक्रेटरी के मुंह से लगा दिया।
पत्नी का आत्मविश्वास एक क्षण में चकनाचूर हो गया।
यह कैसे हो सकता है? मुझ पत्नी को पानी नहीं पिलाया और दफ्तर में काम करने वाली सेक्रेटरी को पानी पिला दिया?
" आपने यह क्या किया? मै पत्नी हूं।"
" तूं चुप रह।" पत्नी को डांट दिया। वह स्त्री मुस्कुराती यह देख रही थी।
पत्नी के सामने आकाश काला था। वह छत से नीचे उतर गई।
सेक्रेटरी और वह व्यक्ति भी कुछ समय बाद नीचे उतरे। कमरे में पत्नी फर्श पर पड़ी थी। उसके पास में ही एक जहर की खाली शीशी पड़ी थी।
बेहोश पत्नी को एक चिकित्सालय में ले जाया गया। पत्नी को बचा लिया गया।
अपने आप को बड़ा कहलाने वाला वह बड़ा व्यक्ति बड़ा नहीं रहा। उसका धंधा खत्म हो गया। क्या पत्नी की दुखी आत्मा की आह परमात्मा ने सुनी। पत्नी से छल करने वाला वह व्यक्ति और वह रखैल सी सेक्रेटरी मित्र यदा कदा किसी न किसी कार्यक्रम में दिखाई पड़ जाते हैं।
तब करवा चौथ के दिन की वह कहानी याद आती है जो एक कर्मचारी ने सुनाई थी। ०0०
* बदलते जमाने का आधुनिक समाज का कड़वा सच। पत्नी के होते रखैल। लिव इन रिलेशनशिप। अदालतों के निर्णय। समाज में बदलते टेस्ट को लोग सामान्य समझने लगे हैं। अपने पास की घटना पर भी अनजान से होने का नाटक करते रहते हैं।०0०
करवा चौथ. 20 अक्टूबर 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 61 वां वर्ष.
( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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