बुधवार, 26 जून 2013
सोनिया गांधी जैसी हस्ती से बहुत मामूली सा स्टेडियम निर्माण का नामकरण समारोह करवाया गया:
सूरतगढ़, 27 जून 2013.विधायक गंगाजल मील के राज में नगरपालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सभापति श्रीमती सोनिया गांधी से पद की गरिमा से बहुत ही मामूली कार्य स्टेडियम निर्माण का नामकरण समारोह करवाया गया। सूरतगढ़ में पिछले कुछ महीनों से निर्माण चल रहे स्टेडियम के एक द्वार पर एक पत्थर लगाया गया है,जिसे देखने मात्र से ही आश्चर्य होता है कि क्या सच्च में सोनिया गांधी ने यह कार्य सम्पन्न किया था। सोनिया गांधी के पति स्व.राजीव गांधी का नाम स्टेडियम से जुड़ा होने के कारण साधारण नजर में तो यही लगता है कि सोनिया जी ने किया होगा। लेकिन लोगों को इसका मालूम पत्थर देखने से लगा है।
इस समारोह के नाम पर नगरपालिका का कितना धन खर्च होना दिखलाया जाएगा? वह कई लाख का तो निश्चित ही होगा।नगरपालिका में निर्वाचित मंडल है। उसके हर सदस्य का हक है, अधिकार है। उनको मालूम नहीं हुआ। इस कार्यक्रम के कोई निमंत्रण पत्र नहीं छपवाए गए। अगर नामकरण जरूरी ही था तो विधिवत मंडल की बैठक में सब की सहमति से या बहुमत से करवाया जाता,लेकिन सदस्यों को तो मालूम ही नहीं। जैसे देश की लोकसभा की कीमत है,उसके सदस्यों के हक हैं अधिकार हैं,ठीक उसी तरह से नगरपालिका मंडल की भी नगरीय क्षेत्र में तो पूरी कीमत है,उसके भी अधिकार हैं। उनके अधिकारों को किसी भी तरीेके से छीना नहीं जा सकता और दबाया नहीं जा सकता।
गुरुवार, 20 जून 2013
सोनिया गांधी ने थर्मल पावर की दो सुपर क्रिटिकल इकाईयों का शिलान्यास किया:
सूरतगढ़ में सोनिया व अशोक गहलोत ने आम सभा को संबोधित किया
सुपर क्रिटिकल इकाइयों की क्षमता 660-660 मेगावाट
खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत-
सूरतगढ़, 20 जून। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने बीस जून को सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 2 सुपर क्रिटिकल सातवीं और आठवीं इकाईयों का शिलान्यास किया। समारोह की अध्यक्षता राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की।
थर्मल में इस समारोह के बाद श्रीमती सोनिया गांधी ने सूरतगढ़ के स्टेडियम मैदान पर आम सभा को संबोधित किया। उन्होंने देश की प्रगति पर भाषण देते हुए कहा कि तोडफ़ोड़ करने में भी कुछ ताकतें लगी हुई है जिससे विकास की गति कम होती है। विकास रूकता है। सोनिया ने मंच से उतरते ही भीड़ की ओर आगे बढ़ कर अभिवादन स्वीकार किया व हाथ लहराते हुए पंडाल में चक्कर लगाया। कुछ ज्ञापन सोनिया को भीड़ में से सौंपे गए। पंडाल में चक्कर लगाते समय मुख्यमंत्री अयाोक गहलोत व अन्य नेता तथा एसपीजी के जवान साथ थे।
सभा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संबोधित किया व अपने कार्यकाल में बहुत विकास किए जाने का दावा किया।
विधायक गंगाजल मील ने अंत में धन्यवाद दिया। मील ने कांग्रेस के इतिहास का ब्यौरा देते हुए कहा कि भाजपा के राजा महाराजा लूटते रहे। उन्होंने वसुंधरा राजे पर भी कटाक्ष किया कि पिछले चार सालों में लूटा हुआ धन एडजस्ट करती हुई वो अब जनता में आई हैं। मील ने भाजपा को भी कोसा। मील ने कहा कि सिंगरासर माइनर स्वीकृत होने के बाद उस पर काफी बजट स्वीकृत हुआ है जिससे आगे का कार्य संचालित होगा। मील ने बिजली की क्रिटिकल इकाइयों के शिलान्यास को सौगात बतलाया। मील ने कहा कि इलाका सूर्य की तरह चमक रहा है। मील ने कहा कि इलाके पर सोनियाजी व अशोक गहलोत का आशीर्वाद है।
इस सभा में 1 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का निर्धारित किया हुआ था लेकिन लोगों का अनुमान है कि करीब 25 हजार लोग आए जिनमें महिलाएं भी शामिल थी। लोगों का अनुमान है कि एक मुरब्बे में फैले स्टेडियम मैदान में एक लाख लोगों की क्षमता है लेकिन उसके चौथे हिस्से में ही पंडाल डोम लगे हुए थे जिनमें अवरोधक व रास्ते भी थे।
इस भीड़ के लिए श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों के कांग्रेस पदाधिकारी व नेता कई दिनों से लगे हुए थे।।
सूरतगढ़ की सभा से पहले वे थर्मल में उस स्थल पर पहुंची जहां पर दोनों क्रिटिकल इकाईयों का प्लास्कि पंडाल लगा हुआ था। वहां पर शिलान्यास पट्ट का अनावरण किया। शिलान्यास स्थल पर वे हेलिकोप्टर से पहुंची और वहां से हेलिकोप्टर से ही सूरतगढ़ सभा स्थल पर पहुंची। वे थर्मल में केवल शिलान्यास के समय तक ही पांच सात मिनट ही रूकी।
थर्मल के शिलान्यास स्थल पर एसपीजी की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी जिससे वहां पर अनुमति पत्रों के पास सहित पहुंचे पत्रकारों को काफी देर तक प्रवेश नहीं करने दिया गया। काफी देर बाद केवल पांच पत्रकारों को ही अनुमति दी गई। सुरक्षा में लगे एसपीजी के एक अधिकारी ने कारण बताया कि यहां पर पत्रकारों की पूर्व में व्यवस्था की हुई नहीं है,इसलिए प्रवेश नहीं दिया जा सकता। पत्रकारों ने बाद में तय किया व तीन चैनल वालों को,एक पत्रकार को व एक फोटोग्राफर को भिजवाया। कई अधिकारियों को भी पास हाने के बाद भी परिचयपत्र नहीं होने पर भीतर नहीं जाने दिया गया।
सोमवार, 3 जून 2013
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने जब फाइल जॉर्ज फर्नान्डीज पर फेंक दी थी
महत्वपूर्ण घटना एक साक्षात्कार में राजस्थान पत्रिका में 3 जून को संपादकीय पृष्ठ पर छपी है
खास टिप्पणी- करणीदानसिंह राजपूत
भारत के प्रधानमंत्री का आरोप होता है कि वे सदन और सरकार चलाने में प्रतिपक्ष से बेहतर रिश्ते चाहते हैं मगर प्रतिपक्ष इसमें सहयोग नहीं करना चाहता। यह आरोप या कथन बहुत गंभीर होता है और जनता को लगता है कि प्रतिपक्ष यानि कि एनडीए बाधा डालता है। इस विषय में
राजस्थान पत्रिका में 3 जून 2013 को संपादकीय पृष्ठ पर एनडीए के नेता सांसद यशवंत सिन्हा का एक साक्षात्कार छपा है जिसका शीर्षक है कोई भी पार्टी दूध की धुली नहीं। यह साक्षात्कार प्रसिद्ध पत्रकार विजय त्रिवेदी ने लिया था। इस साक्षात्कार में यशवंत सिन्हा ने सन 2004 की एक घटना उल्लेख किया है जिसमें वे व अन्य नेता प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के पास वित्त विधेयक पर चर्चा करने के लिए गए थे। प्रधानमंत्री को एक फाइल दी गई। प्रधामंत्री ने वो फाइल जॉर्ज फर्नान्डीज पर फेंक दी और कहा कि चर्चा सदन में करें।
सिन्हा ने साक्षात्कार में बतलाया है कि भारत के संसदीय इतिहास में 10 साल पहले प्रधानमंत्री द्वारा किए गए इस प्रकार के बर्ताव को वे आज तक नहीं भूले हैं। प्रधानमंत्री का यह व्यवहार तो वास्तव में ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा था। इस व्यवहार का आम लोगों को मालूम ही नहीं पड़ता,अगर यह साक्षात्कार नहीं छपता। इसके छपने से यह व्यवहार लोगों के सामने आया है।
इस साक्षात्कार में इस घटना का उल्लेख प्रारंभ में ही किया गया है।
इसकी कटिंग यहां प्रकाशित की जा रही है, जिसमें नेताओं के नामों सहित घटना का उल्लेख है।
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