शुक्रवार, 28 मई 2021
आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों की रिट- उच्च न्यायालय जयपुर बेंच द्वारा राजस्थान व भारत सरकार को नोटिस जारी👌
बुधवार, 26 मई 2021
राजस्थान के व्यापारियों दुकानदारों जागो और सारे बाजार खुलने का ज्ञापन अभी दो.
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान में लॉकडाउन 8 जून सुबह तक बढाए जाने की गाइड लाइन में लिखा है कि जहां स्थिति सुधार पर होगी वहां 1 जून से छूट दी जाएगी। राजस्थान में किराना व्यापारियों की दुकानें पहले 5 दिन खुलती थी अब 4 दिन की अनुमति दी गई है लेकिन बाकी दुकानें बंद है और उन में पड़ा हुआ माल रेत गर्द में खराब हो रहा है।
सोमवार, 24 मई 2021
👌 व्यापारी दुकानदार चतुर हैं। व्यंग्य- करणीदानसिंह राजपूत
उनके हाथ हैं मुंह हैं।
सरकार को अधिकारियों को लिख कर दे सकते हैं।
मुंह है जिससे बोल कर सत्ता को कह सकते हैं।
अपने पास के विधायक सांसद को कह सकते हैं।
मगर लिखते नहीं कहते भी नहीं।
क्यों नहीं लिखते क्यों नहीं बोलते?
लिखने बोलने में अपना कुछ खर्च ना हो जाए।
दूसरे लिखें। दूसरे ही बोलें।
अब उनको समझाएं कि लिखने बोलने से कुछ खर्च नहीं है, लिखो बोलो।
👌 क्या मजाक करते हो। ऐसा कभी हुआ है कि खर्च नहीं हो। खर्च तो होता ही है।आज के जमाने में मुफ्त कुछ भी नहीं।
हम नहीं लिखते हम नहीं कहते।
खर्च तो होता ही है, शायद मालुम नहीं पड़ता हो।
ऐसे भोले नहीं कि आप के कहे अनुसार करने लग जाएं।
चलो,मान लें कि आपके लिखने बोलने से कुछ खर्च हो जाता है जो आप नहीं करना चाहते।
फिर ऐसा करो कि जो दुसरे लिखते हैं,उसको फार्वर्ड कर दिया करो।
अरे वाह!
आपने क्या समझा है?
हमारे दिमाग है।
आप फार्वर्ड कराना चाहते हैं।
फार्वर्ड भी कोई मुफ्त में नहीं होता।
उसमें भी खर्च होता है।
आप ये सारी सीखें कितनी भी घुमा फिरा कर बताओ।
हम इन पर चलने वाले नहीं।
आप भी बस!
इतना समय बरबाद किया।
कुछ और कर लेते।
और क्या कर लेते?
बाजार में तो लॉकडाउन लग गया?
( व्यापारियों दुकानदारों की चतुरता को समर्पित)
दि. 24 मई 2021.
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करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
सूरतगढ़.
94143 81356.
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रविवार, 23 मई 2021
मंत्रियों के कौनसी दुकानें व्यवसाय हैं जो लॉक डाउन में बंद रहने से नुकसान होगा?
( राजस्थान सरकार के नियमों से दुकानदारी और व्यवसाय बार बार बंद होने से समाप्त हो रहे है इससे राजस्थान का दुकानदार ही नहीं राजस्थान की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है उस पर चिंतन करते हुए नई गाइड लाईन जारी करे।)
* करणीदानसिंह राजपूत *
मंगलवार, 18 मई 2021
पूर्व जनसम्पर्क अधिकारी फरीदखान का स्वर्गवास राष्ट्रपति स्काउट पदक सम्मानित थे
* करणीदानसिंह राजपूत *
श्रीगंगानगर में जनसम्पर्क अधिकारी रहे श्री फरीदखान जी का आज निधन हो गया। वे कुछ समय से अस्वस्थ थे। उनका अधिकांश सेवा काल श्रीगंगानगर में ही रहा। वे सर्वप्रिय अधिकारी थे। सहायक निदेशक पद से सेवा निवृत्त हुए। मूल रूप में बीकानेर निवासी थे लेकिन श्री गंगानगर में अधिक रहने के कारण इसी मिट्टी से लगाव हो गया। उन्होंने सेवा निवृत्ति के बाद श्री गंगानगर को ही अपना ठिकाना बनाया और पत्रकार कालोनी में निवास बनाया।
वे1963 से भारत स्काउट गाइड आंदोलन से जुड़े। वे सादुल मल्टीपर्पज हा. से. स्कूल,बीकानेर में जब पढ़ रहे थे तब1965 में राष्ट्रपति स्काउट अवार्ड से सम्मानित हुए।
फरीदखान जी से अभी 23 फरवरी 2021 को दिल्ली सरायरोहिल्ला बीकानेर एक्सप्रेस में भेंट हुई थी। वे अपनी बेगम और पुत्र अमित के साथ गंगानगर से बीकानेर जा रहे थे। मैं और पत्नी सूरतगढ़ से बीकानेर जा रहे थे। सूरतगढ़ से लालगढ़ तक हमारी बातें चलती रही थी। उस समय अस्वस्थ ही थे। उच्च रक्तचाप के कारण एक आंख में विकार आया जिसका आपरेशन कराए कुछ दिन ही बीते थे।
पुरानी बातें चली और खूब चली। ऐसा सोचा नहीं था कि उनका इंतकाल इतना जल्दी हो जाएगा।
खुदा उन्हें जन्नत बख्से।
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दि. 18 मई 2021.
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
सूरतगढ़।
94143 81356.
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रविवार, 16 मई 2021
सेवा में सजग वीराएं - इंटरनेशनल वीरा केंद्र सूरतगढ़ का जोश भरा सेवा सप्ताह.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 16 मई 2021.
महावीर इंटरनेशनल वीरा केंद्र सूरतगढ़ ने मई माह के दूसरे सप्ताह को सेवा सप्ताह के रूप में मनाया।
केंद्र सचिव वीरा नेहा बैद ने बताया कि " घर में रहें सुरक्षित रहें" को अपनाते हुए केंद्र की सभी वीराओं ने अपने अपने घरों में भीषण गर्मी को देखते हुए पक्षियों के लिए परिंडे लगाये।
संस्था के राष्ट्रीय प्रकल्प के तहत सूरतगढ़ वीरा केंद्र ने कच्ची बस्ती की 15 जरूरतमंद महिलाओं को शारीरिक स्वच्छता के लिए सेनेटरी पैडस वितरित किए तथा साथ में सभी को फल भी वितरण किए।
अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के उपलक्ष्य में एक सादे समारोह में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूरतगढ़ की अग्रिम पंक्ति के कोरोनावारियर्स नर्सिंग कर्मियों को सम्मान स्वरूप वाटर बोटल देकर उनकी सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त किया तथा वीरा केंद्र ने तीन ऑक्सीमीटर भेंट स्वरूप स्वास्थ्य केंद्र को दिए।
जिस तरह कोरोना महामारी के प्रभाव से आज संपूर्ण देश प्रभावित है तथा एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है इसमें सबसे ज्यादा इस मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं वे लोग जो रोज कमाने और खाने वाले हैं जिनके पास आय का कोई जरिया नहीं है।जो अपने परिवार वालों को भोजन नहीं उपलब्ध करा सकते हैं। इस विषम परिस्थिति को देखते हुए सूरतगढ वीरा केंद्र ने अक्षय तृतीया पर कच्ची बस्ती में जाकर उन जरूरतमंद लोगों को राशन किट वितरित किए। आगे भी सेवा का यह प्रकल्प जारी रहेगा।
पशुओं को भी नियमित रूप से चारा देने का काम सूरतगढ़ वीरायें कर रही है।
इन सभी कार्यों में संस्था की अध्यक्ष वीरा अंजना सिंह और डॉक्टर पुष्पा सिंह का बहुत बड़ा सहयोग रहा है।
सचिव नेहा बैद, उपाध्यक्ष ममता सारड़ा,सह सचिव अनिशा नौलखा, कोषाध्यक्ष सारिका रांका,पूर्व अध्यक्ष नीतू बैद,निशा सोमानी तथा कविता सावनसूखा आदि सदस्यों ने प्रोजेक्ट को सफल बनाने में अपनी अपनी अच्छी भागीदारी निभाई।
कोविड-19 गाइडलाइन को ध्यान में रखकर इस सभी कार्य को अंजाम दिया गया। इन सेवा कार्यों में आर्थिक सहयोग देने वाले नागरिकों का केंद्र अध्यक्ष वीरा अंजना सिंह ने आभार व्यक्त किया है।0०0
शनिवार, 15 मई 2021
* पुराने पद का भूत साथ चिपकाए खाली कारतूस.व्यंग्य- करणीदानसिंह राजपूत.
👌 सरकार में से या सरकारी नौकरी सेवानिवृत्त होने के पश्चात हम क्या हैं?
* भूत.
क्यों है भूत? क्योंकि हम पहले के पदनाम को छ़ोड़ नहीं रहे। नाम के पहले स्वयं भूत चिपका कर रखते हैं।
*भूतपूर्व छोटे-बड़े मंत्री, सांंसद विधायक,जज-पुलिस अधिकारी-कलेक्टर-सरकारी ओहदेदार! थानेदार तहसीलदार! अनगिनत पद!
* हम आप सभी चले हुए कारतूस के खाली खोखे मात्र हैं! हमने अपने कार्यकाल के दौरान मानवीय सभ्य-न्यायपूर्ण-मदद का व्यवहार नहीं रखा! नियम कानून से आम लोगों को हिड़काते रहे।
* अब कुर्सी से उतरने के बाद करते रहें बड़ाई वाली बातें। गिनाते रहें अपना पुराना पद और शान!
लेकिन इनसे दूध और सब्जी रहड़ी वाले भी प्रभावित नहीं होते। वे भी समय पर पैसे मिलते रहने पर नमस्ते करते हैं वर्ना बेअसर रहते हैं। समय पर पैसे नहीं चुकाने पर दो शब्दों में पुराने पद की बखिया (सिलाई) उधेड़ कर रख देते हैं। और तो और दूध सब्जी बंद भी कर देते हैं।
जो पहले दिन में जितनी बार मिलते सलाम बजाते हाथ जोड़ते गुजरते वे लोग अब तिरस्कार करते घूरते हुए निकलते हैं। कई बार तो ऐसा लगता है कि वे कच्चा चबा जाने का कहते हुए निकले हैं।
* ऐसी स्थिति में भी हम और आप भूत को चिपकाए रखना चाहते हैं। भूत को उतारने का मन नहीं करता।
दि.15 मई 2021.
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार (राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
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