* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान में भाजपा का राज है इसलिए सूरतगढ़ सीट पर भाजपा के प्रत्याशी रामप्रताप कासनिया के हार जाने के बावजूद उनके बेटे संदीप कासनिया का गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में प्रशासन द्वारा भाषण करवाना सामान्य सी घटना है लेकिन यह हर ओर चर्चा बनी है।
* सवाल उठ रहे हैं कि संदीप कासनिया को किस विशेष दर्जे के कारण,सरकार के प्रतिनिधि और सरकार के किसी आदेश निर्देश या अनुमति से उपखंड अधिकारी संदीप कुमार ने यह अनुमति दी? संदीप कासनिया का भाषण देने से पूर्व किसने उसका आलेख जांचा और उसके बाद उपखंड अधिकारी ने भाषण देने की अनुमति दे दी। ये सवाल और चर्चाएं इसलिए गर्म हैं कि संदीप कासनिया किसी भी सरकारी पद और जनप्रतिनिधि नहीं है।इस प्रकार का वक्तव्य दिलाने की सूरतगढ़ में यह पहली घटना है। कासनिया समारोह में बहुत देर से पहुंचे थे उनको मंच पर भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया तब उनके नाम की उद्घोषणा में उनके बारे में क्या उल्लेख किया गया? कोई खासियत बताई गयी होगी। जनता की नजरों में संदीप कासनिया की खूबी इतनी भर है कि वे पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया के बेटे हैं। रामप्रताप कासनिया 2023 के चुनाव में 50 हजार से अधिक वोटों से हार गये थे इसलिए संदीप कासनिया का गणतंत्र समारोह में दिलाया गया भाषण लोगों को चुभ रहा है। रामप्रताप कासनिया अपने बेटे संदीप को भविष्य में विधायक बनाने की चाहत रखते हैं और गणतंत्र समारोह में संदीप का भाषण देना और प्रशासन द्वारा अनुमति देना शुरुआत मानी जाना चाहिए।
* इस घटना की चुभन तो कांग्रेस को होनी चाहिए लेकिन उसकी तरफ से तो कोई शिकायत आई नहीं है और न कहीं हुई है।
** असल में क्या सूरतगढ़ में कांग्रेस है? कांग्रेस का डूगरराम गेदर यहां से विधायक चुने गये जिनको कांग्रेसी ही नहीं माना गया था और पूर्व विधायक गंगाजल मील और उनके ग्रुप ने चुनाव में कासनिया भाजपा का साथ दिया जिसके लिए मील को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। उसके बाद कोई भी नहीं है जो कासनिया से टक्कर ले सके।गेदर के पास भी ऐसी टीम नहीं और एक कार्यकर्ता नहीं जो राजनीतिक सूझ वाला हो। गेदर भी मंच पर मौजूद थे। भाजपा के कार्यकर्ताओं के मुकाबले में यहां कांग्रेस के कार्यकर्ता भी कोई राजनीतिक ताकत नहीं रखते।
* एक और सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस के परसराम भाटिया मंच पर किस हैसियत से बिठाए गये थे? वे केवल नगरपालिका में कार्यवाहक अध्यक्ष रहे और उनका कार्यकाल 25 नवंबर 2023 तक ही था।
** नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी पवनकुमार को समारोह में उतकृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जाना भी आश्चर्य जनक रहा है जिसकी भी चर्चा गर्म है। किसने सिफारिश की थी?नगरपालिका कार्य और शहर की सफाई के मामलों में विवादित। शहर आज भी गंदगी और अतिक्रमण से चर्चित और ईओ पवनकुमार को गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित सूची में शामिल किया जाए।
👍 सूरतगढ़ अनौखी घटनाओं के लिए चर्चित होता रहता है जो कोई नयी बात नहीं है।
***** बस अभी भाजपा की चल रही है। इसलिए संदीप कासनिया का गणतंत्र दिवस समारोह में भाषण पावर है। भाजपा के टिकटार्थी भी कोई पावर वाला नहीं है न कहीं अब दिखाई पड़ रहे हैं। एक सामान्य घटना है। बाकी दल कहीं दिखाई नहीं दे रहे इसलिए भी सामान्य घटना है।
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