बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

रुपनगर (श्री करणपुर) में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन




श्रीगंगानगर, 21 फरवरी। जिला पुलिस अधीक्षक श्री राहुल कोटोकी के निर्देशानुसार मंगलवार को पुलिस थाना श्री करनपुर के माध्यम से राजकीय आदर्श उच्च मा० विद्यालय रूपनगर में नशा मुक्ति जन जाग्रति कार्यशाला का आयोजन किया गया.
            कार्यक्रम में श्री करनपुर के पुलिस उपाधीक्षक श्री सुनील के पंवार ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने सबोधन में कहा कि पुलिस द्वारा स्वास्थ्य एवम् शिक्षा विभाग के सहयोग से चलाये जा रहे नशा मुक्ति मुहीम में प्रत्येक व्यक्ति को जुटाना होगा तभी बढ़ते हुए अपराधों, दुर्घटनाओं, व बलात्कार जैसे संघिन कुकर्त्यो को बढ़ने से रोका जा सकता है.
              कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नशा मुक्ति विशेषज्ञ डॉ० रविकांत गोयल ने कहा कि नशीले पदार्थ व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक रूप से गुलाम बनाते हैं, साथ ही व्यक्ति को आर्थिक व सामाजिक तौर पर भी बर्बाद कर देते हैं. यदि परिवार में एक भी सदस्य नशा करता है तो उसका दण्ड उसके परिवार सहित सेंकडो व्यक्तियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भोगना पड़ता है. ये विचार गंगानगर पुलिस द्वारा स्वास्थ्य एवम् शिक्षा विभाग के सहयोग से राजकीय आदर्श उच्च मा० विद्यालय रूपनगर में आयोजित नशा मुक्ति जनजाग्रति कार्यशाला एवम् परामर्श शिविर के मोके पर उपस्थित छात्र-छात्राओं एवम् जनसमूह को नशे से बचने व छोड़ने हेतु प्रेरित करते हुए डॉ रविकांत गोयल ने कहे, व हम नशा नही करेंगे, और नशा छुडवायेंगे की सामूहिक शपथ दिलवाई|
            कार्यक्रम में श्री बनवारी लाल शर्मा (से० नि० व्याख्याता) ने कहा कि आम-जन के सहयोग के बिना नशाखोरी कि समस्या हल नही हो सकती, और उन्होंने विद्यार्थीयों को कहानियों के माध्यम से नशे से होने वाले नुकसानों से अवगत करवाया.
            कार्यक्रम में करनपुर के थाना अधिकारी श्री अनिल मुंड ने कहा कि नशा आज विश्वस्तर पर एक महामारी का रूप ले चूका है, जिसको रोकने के लिए पुलिस विभाग गाँव गाँव में ऐसी कार्यशालाए लगाकर एक पुनीत का कार्य कर रहा है, जिसमे हम सभी को मिलकर सहयोग करना चाहिए.
इस कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थीयों व स्टाफ सहित जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने भारी संख्या में भाग लिया. विद्यालय के प्रधानाचार्य राम रतन मीणा ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, इनका मन कोरे कागज कि तरह होता है नशे कि बुराईयों का असर इनके जीवन और भविष्य ना पड़े इसलिए इन्हे नशों से बचाना है.
कार्यशाला के अंत में शिविर में आये नशा पीड़ित लोगों कि डॉ० गोयल ने जाँचकर उचित परामर्श प्रदान किया।



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