* करणीदानसिंह राजपूत *
9 नवंबर 2018.
राजस्थान में वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के पांच साल पूर्ण होते इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का सर्वे सामने आया है। सटोरियों,चर्चाओं और अखबारबाजी में वसुंधरा सरकार को संकट में बताने का हल्ला मचा है लेकिन हालात बहुत अधिक बिगड़े हैं या नहीं? यह जानिए।
सर्वे के मुताबिक, राजस्थान की 43 फीसद जनता सरकार बदलना चाहती है वहीं 39 प्रतिशत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार का समर्थन करती है जबकि 18 प्रतिशत इस मसले पर कोई राय प्रगट नहीं करती। इस 18 प्रतिशत का रुख मतदान तक क्या होगा? सामान्य तया ये राय प्रगट नहीं करने वाले सरकार के पक्ष में रह जाते हैं जब सामने भी एकजुटता नजर नहीं आती हो। अभी कांग्रेस में नेतृत्व में एकजुटता की कमी है। टिकटार्थियों में कोई भी यह नहीं कह रहा कि वह टिकट नहीं मिलने पर तय प्रत्याशी के साथ खड़ा होगा। मतलब वह किधर भी मुंह कर सकता है।
कांग्रेस की दशा भी इस सर्वे में समझें।
सर्वे में जनता ने सरकार बदलाव के अलावा अन्य कई मुद्दों पर अपनी राय प्रगट की है। मालूम हो कि पिछले कई चुनावी सर्वे में वसुंधरा सरकार की स्थिति सामने आ चुकी है। इनमें सीएम वसुंधरा के प्रति लोगों की नाराजगी सामने आई है। सर्वे में राजस्थान की जनता मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अपनी राय प्रकट की है। चुनाव प्रचार में सीएम राजे बीजेपी की अगुवाई कर रही है। वहीं कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट मोर्चा संभाल रहे हैं। लेकिन सर्वे में अशोक गहलोत सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर सामने आए हैं।
सर्वे में शामिल 35 प्रतिशत लोग अशोक गहलोत को अगला मुख्यमंत्री चाहते हैं और 11 प्रतिशत लोग सचिन पायलट को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। आश्चर्य है कि मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा को 31 प्रतिशत लोग फिर से मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं।
हां,कांग्रेस दो दिग्गज नेता अशोक गहलोत और पायलट के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो वह संयुक्त रूप से 46 प्रतिशत पहुंचता है।
क्या इससे यह अनुमान लगता है की भाजपा कांग्रेस की ही टक्कर होगी?