औरतों से पेच:औरतों ने ही मरवा दिया-सूरतगढ़ पुलिस का खुलासा
* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 12 नवंबर 2018.
पराई औरतों से संबंधों के चलते उन्हीं से हुए विवाद से हनुमानगढ़ में हुई हत्या और सूरतगढ़ के पास नहर में थैले मे हाथ पैर बांधी मिली लाश की जांच में 2 औरतों व 3 आदमियों को गिरफ्तारियां और फरार दो अभियुक्त बार-बार नाम बदलते रहे जगह बदलते
रहे लेकिन गिरफ्तार कर लिए गए
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सूरतगढ़ के थाना अधिकारी सीआई निकेत पारीक ने घटनाक्रम गिरफ्तारियां पत्रकारों के समक्ष रखी और यह दावा किया कि अपराध कभी छुपता नहीं तथा अपराधियों की पकड़ जरूर हो जाती है। चाहे वे कितनी ही जगह बदले, कितने ही नाम और काम बदलें।
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सीआई निकेत पारीक
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थाना अधिकारी ने सूरतगढ़ के पास 22 दिसंबर 2016 को भाखड़ा नहर की पीलीबंगा ब्राच चक 35 में नहर के अंदर एक प्लास्टिक थैले में बंद हाथ पैर बांधी हुई और पूरी तरह से मारपीट किए हुए एक व्यक्ति की लाश बरामद की। पुलिस ने आसपास मालूम किया मगर कोई पता नहीं चला तब पुलिस थानों को सूचित किया गया व सोशल मीडिया पर भी सूचना जारी की गई। तब लाश की पहचान हुई।
मृतक हनुमानगढ़ जंक्शन के वार्ड नंबर 42 में सुरेशिया मोहल्ला निवासी पचपन वर्षीय हरजिंद्र सिंह था। पुलिस जांच में पाया गया कि उसका कोई वारिस नहीं था वह पिछले 10- 12 सालों से सुरेशिया में रह रहा था। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर उसी वार्ड के पार्षद व अन्य लोगों को शव सुपुर्द कर दिया था।
पुलिस जांच के अंदर यह मालूम हुआ कि हरजिंदर सिंह कुछ समय तक पाठी के रूप में कार्य कर रहा था।
रहस्य उजागर हुआ के हरजिंद्र सिंह वहीं पर रहने वाली 55 वर्षीय आशा पत्नी मक्खन लाल अरोड़ा के संपर्क में था। हरजिंद्रसिंह और आशा के बीच एक प्लाट को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में समझौता हो गया। वहीं
सुरेशिया मोहल्ले में एक और स्त्री परमजीत कौर उर्फ पम्मी उर्फ चरणजीत कौर 45 वर्षीय पत्नी मलकीत सिंह किराए के मकान में रहती थी। वह चट्ठा गांव थाना मंडी डबवाली सिरसा की रहने वाली थी लेकिन सुरेशिया में जगजीत सिंह उर्फ विक्की 36 वर्षीय के साथ रहती थी। हरजिंदर सिंह उस स्त्री के साथ छेड़खानी करता था। यह आरोप विवाद और झगड़े का कारण बना।
हरजिंदर सिंह का एक झगड़ा आशा के साथ हुआ दूसरा झगड़ा परमजीत कौर के साथ हुआ। उनके संगी भी हरजिंदर के विरोधी हो गए। यह रंजिश बढ़ती हुई हरजिंद्र सिंह की हत्या तक पहुंच गई।
20 दिसंबर 2016 को दोपहर में हरजिंद्र सिंह को पकड़ कर जगजीतसिंह के किराए के घर में लाया गया और बुरी तरह से मारपीट की गई। करंट लगाया गया। बाद में लाठियों से पीटकर हत्या कर डाली। घटनाक्रम में जगजीत सिंह ने अपने मित्र युसूफ पुत्र गुल्ले खान जितेंद्र पुत्र सोहनलाल बावरी के साथ मिलकर हरजिंद्र को ठिकाने लगाया। उस कार्य में वहां पर आशा और परमजीत कौर भी मौजूद थी। इन सभी ने मिलकर हरजिंद्र को मार डाला। उसकी लाश वाला थैला मोटर सायकिल पर लाद कर निकले और थैला सूरतगढ़ के पास नहर में डाल दिया गया।
पुलिस ने जांच शुरू कर 13 जनवरी 2017 को हत्या का खुलासा किया और युसूफखान,जितेंद्र और आशा को गिरफ्तार कर लिया,लेकिन जगजीत सिंह और परमजीत कौर फरार हो गए। यह मामला जांच में पेंडिंग पड़ा था खोजबीन में मालूम नहीं चल रहा था कि ये दोनों कहां रह रहे हैं।
अब जिला पुलिस अधीक्षक आदेश पर इन फरार अभियुक्तों की गहन तरीके से खोजबीन शुरू हुई।
थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक ने इसके लिए एक टीम का गठन किया जिसमें हेड कांस्टेबल रतनलाल कांस्टेबल इंद्राज और कांस्टेबल कांता देवी को लगाया गया।
कई दिन तक रैकी करते रहे और उन्हें पता लगा कि बठिंडा रिफाइनरी के पास फरार अभियुक्त जगजीत सिंह कोई चाय का खोका किया करता था लेकिन वह दुकान बंद कर कहीं चला गया। अब खोजबीन फिर आगे चली और इस खोजबीन में पता लगा कि यह दोनों बबहमण जैसासिंह वाला थाना तलवंडी साबो बठिंडा अंदर रह रहे हैं।
पुलिस ने इन दोनों को 11 नवंबर 2018 वहां गिरफ्तार किया।
थाना अधिकारी निकेत कुमार पारीक ने बताया कि समस्त पांचो अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अपराध कैसे भी किया जाए कोई भी करें कहीं भी गायब हो जाए लेकिन एक न एक दिन वह पुलिस की गिरफ्त में आ जाता है और पुलिस उसे न्याय के लिए अदालत को सौंप देती है।
यहां पर गिरफ्तार जगजीत सिंह और परमजीत कौर के फोटोग्राफ्स दिए जा रहे हैं पास में उपस्थित है टीम लीडर रतनलाल हेड कांस्टेबल।