* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 23 दिसंबर 2021.
पंचायत समिति सूरतगढ़ के चुनाव को लेकर जबरदस्त तूफान मचा हुआ था। अपने अपने कयास लगाए जा रहे थे।
कांग्रेस पार्टी ने निरंतर एकजुटता और ताकत लगाकर महत्वपूर्ण मानी जाने वाली पंचायत समिति सूरतगढ़ से भारतीय जनता पार्टी को धकेल दिया।
कांग्रेस ने अपना प्रधान हजारी राम मील को बना ही लिया। हजारी राम मील को 16 वोट मिले। भाजपा ने पेपसिंह राठौड़ को खड़ा किया था जिनको 7 वोट मिले।
हजारी राम मील का जीतना निश्चित ही था। भाजपा ने अपना प्रत्याशी केवल कागजी रिकॉर्ड के लिए ही खड़ा किया था। निर्दलीय भाजपा के समर्थक जीते हुए होते तो कुछ वोट मिलने की आश भी होती।तस्वीर एकदम साफ थी।
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2018 के जीतने बाद बहुत शानदार जानदार जनसमर्थन के कार्य किए। उनका एक फल नगर पालिका चुनाव में मिला और दूसरा पंचायत समिति चुनाव में मिला। नगर पालिका और पंचायत समिति दोनों पर भाजपा का राज था दोनों ही राज भाजपा के अधिकार से निकल गए।
भाजपा के शहरी और ग्रामीण नेता बराबर एक जैसे हो गए। बड़े नेता विधानसभा टिकट के लिए अपनी अपनी खिचड़ी पकाने दूसरे की खिचड़ी में पानी डाल रहे थे। किसी की भी खिचड़ी पक नहीं पाई। पिछले 3 सालों में कहीं भी बड़े नेताओं को और संगठन पदाधिकारियों को जनता के बीच काम करते नहीं देखा गया। हां,यदा कदा कागजी एक दो घंटे के प्रदर्शन जरूर किए गए।
कांग्रेस के पूर्व विधायक गंगाजल मील,पी सी सी हनुमान मील( जो विधानसभा चुनाव 2018 में दूसरे क्रम पर रहे) और सूरतगढ़ के बलाक अध्यक्ष परसराम भाटिया ने रणनीति से काम किया और प्रत्यशियों ने मेहनत की वह जीत के जयघोष में गूंज उठी।०0०
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