^^ करणीदानसिंह राजपूत ^^
सूरतसागर के जोड़पायतन और गिनाणी के अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए जाएंगे?
आलीशान कॉलोनियां और मकानों पर खतरा बना रहेगा।
नगरपालिका अतिक्रमणों को शह दे रहा है और विद्युत निगम कनेक्शन दे रहा है।
दिल्ली और मुम्बई से भी मंहंगे कहलाने वाले सूरतगढ़ के सूरत सागर के जोहड़ पायतन और गिनाणी पर अतिक्रमण से और किसी न किसी प्रकार से नियमों को ताक पर रख कर किए गए आवंटन वाली भूमि पर जब निर्माण होने लगे तब अखबार वालों ने समाचार छापने शुरू किए। उस समय पूंजीपति लोगों और पैसे वाले अधिकारियों व कर्मचारियों ने समाचार रपटों की हंसी उड़ाई कि कुछ भी लिखते रहो, बाल भी बांका होने वाला नहीं है। अब हालात बदल गए हैं। हंसी उड़ाने वालों और समाचारों को हवा में उड़ा देने वालों के चेहरों पर हवाईयां उडऩे लगी है। अब पूछा जा रहा है कि क्या होगा?इसका उत्तर यह हो सकता है कि जब तक कोई शिकायत नहीं करे तब तक तो सच में कुछ भी होने वाला नहीं है। लेकिन किसी एक ने भी पीछा कर लिया यानि कि कमर कस ली तब वह होगा जिसके लिए अब तक सोचा नहीं गया है। वे लोग जो कहा करते थे कि बाल बांका नहीं होगा। बाल ही बांका नहीं होगा, बाकी सब बांका हो जाएगा।श्रीगंगानगर में एक माईनर के क्षेत्र के अतिक्रमण हटवा दिए गए। कुछ दिनों तक लीपा पोती की जाती रही। इससे पहले पीलीबंगा में अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए गए थे। सूरत सागर के पायतन की भूमि आवंटित नहीं की जा सकती थी, मगर गलत आवंटन कर दिया गया। इसके अलावा नगरपालिका ने अतिक्रमणों को सर्वे में माना और पट्टे दे दिए। यह सिलसिला थमा नहीं है। खतरा होते हुए भी पालिका पट्टे दिए जा रही है। विद्युत निगम अतिक्रमणों पर बिजली देने में लगा है। यहां पर हालात ये हैं कि जिस दिन जेसीबी पहुंच जाएगी तब कोई भी रोकने वाला नहीं होगा। आश्चर्य तो यह है कि इतना होते हुए भी लोग अभी भी लाखों रूपए लगा कर अतिक्रमणों को और पक्का कर आलीशान मकानों और कोठियों में बदलते जा रहे हैं।
लेखन .3अगस्त 2012.
अपडेट. 25 अगस्त 2019.
अपडेट 19 फरवरी 2020.
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^^ करणीदानसिंह राजपूत ^^
सूरतसागर के जोड़पायतन और गिनाणी के अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए जाएंगे?
आलीशान कॉलोनियां और मकानों पर खतरा बना रहेगा।
नगरपालिका अतिक्रमणों को शह दे रहा है और विद्युत निगम कनेक्शन दे रहा है।
दिल्ली और मुम्बई से भी मंहंगे कहलाने वाले सूरतगढ़ के सूरत सागर के जोहड़ पायतन और गिनाणी पर अतिक्रमण से और किसी न किसी प्रकार से नियमों को ताक पर रख कर किए गए आवंटन वाली भूमि पर जब निर्माण होने लगे तब अखबार वालों ने समाचार छापने शुरू किए। उस समय पूंजीपति लोगों और पैसे वाले अधिकारियों व कर्मचारियों ने समाचार रपटों की हंसी उड़ाई कि कुछ भी लिखते रहो, बाल भी बांका होने वाला नहीं है। अब हालात बदल गए हैं। हंसी उड़ाने वालों और समाचारों को हवा में उड़ा देने वालों के चेहरों पर हवाईयां उडऩे लगी है। अब पूछा जा रहा है कि क्या होगा?इसका उत्तर यह हो सकता है कि जब तक कोई शिकायत नहीं करे तब तक तो सच में कुछ भी होने वाला नहीं है। लेकिन किसी एक ने भी पीछा कर लिया यानि कि कमर कस ली तब वह होगा जिसके लिए अब तक सोचा नहीं गया है। वे लोग जो कहा करते थे कि बाल बांका नहीं होगा। बाल ही बांका नहीं होगा, बाकी सब बांका हो जाएगा।श्रीगंगानगर में एक माईनर के क्षेत्र के अतिक्रमण हटवा दिए गए। कुछ दिनों तक लीपा पोती की जाती रही। इससे पहले पीलीबंगा में अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए गए थे। सूरत सागर के पायतन की भूमि आवंटित नहीं की जा सकती थी, मगर गलत आवंटन कर दिया गया। इसके अलावा नगरपालिका ने अतिक्रमणों को सर्वे में माना और पट्टे दे दिए। यह सिलसिला थमा नहीं है। खतरा होते हुए भी पालिका पट्टे दिए जा रही है। विद्युत निगम अतिक्रमणों पर बिजली देने में लगा है। यहां पर हालात ये हैं कि जिस दिन जेसीबी पहुंच जाएगी तब कोई भी रोकने वाला नहीं होगा। आश्चर्य तो यह है कि इतना होते हुए भी लोग अभी भी लाखों रूपए लगा कर अतिक्रमणों को और पक्का कर आलीशान मकानों और कोठियों में बदलते जा रहे हैं।
लेखन .3अगस्त 2012.
अपडेट. 25 अगस्त 2019.
अपडेट 19 फरवरी 2020.
अपडेट 19 फरवरी 2020.
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