* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 26 अप्रैल 2023.
पूर्व विधायक गंगाजल मील ने अमित कल्याणा का धरना समाप्त कराते हुए कहा कि सीवरेज घोटाले के मामले में नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को नोटिस जारी हो गया है और सरकार ने जवाब मांगा है। यह धरना सीवरेज घोटाले भुगतान में ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग को लेकर था।
ओमप्रकाश कालवा पर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल ने सीवरेज घोटाले का आरोप लगाते हुए चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह और लेखाकार सुनील मेघवाल पर आरोप लगाया था और जांच की मांग की थी। जिला कलेक्टर के आदेश से प्रतीक जुईकर आईएएस फास्टट्रैक ने अपनी टीम के साथ जांच की और पाया कि सेफ्टी टैंक कुई आदि सड़क बीच में थे नहीं और तोड़े नहीं गए और उनका भुगतान मोंटी कार्लो कंपनी को कर दिया गया।
जिन लोगों ने कार्मिकों ने अधिकारियों ने बिलों का सत्यापन किया उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए जिला कलेक्टर ने शासन सचिव स्वायत शासन विभाग को लिखा। यह रिपोर्ट 10 मार्च को जयपुर भेजी। इस पर कार्यवाही चलती रही। गंगाजल मील के बयान के अनुसार ओमप्रकाश कालवा को नोटिस जारी हो गया है। ओमप्रकाश कालवा को अपना जवाब देना है और इस जवाब में ओमप्रकाश कालवा निश्चित रूप से अपने बचाव के लिए इस मामले का इतिहास भी लिखेगा।
ओमप्रकाश कालवा और अधिकारी गलत भुगतान करने के जिम्मेदार हैं।जिला कलेक्टर ने जो रिपोर्ट भेजी है उसमें लिखा गया है कि गलत भुगतान संबंधित कंपनी से वापस लिया जाए। ओमप्रकाश कालवा गलत भुगतान के जिम्मेदार है,यह तो निश्चित होगा लेकिन सीवरेज कंपनी के घोटाले या खामियां शिकायतकर्ता बनवारीलाल मेघवाल के समय से ही शुरू हो गई थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओम प्रकाश कालवा ने बनवारीलाल पर भी आरोप लगाए थे। आरोप थे कि बनवारी लाल के कार्यकाल के अंदर बनी हुई सीवरेज तो कहीं दिखाई भी नहीं देती जो करीब 19 किलोमीटर लंबाई में डाली गई थी।
बनवारी लाल के बाद में भारतीय जनता पार्टी की काजल छाबड़ा नगर पालिका अध्यक्ष बनी जिनके कार्यकाल में 60 करोड़ से अधिक का भुगतान हुआ और गलत निर्माण की परेशानयां जनता अभी भी भोग रही है।
काजल के कार्यकाल में सेफ्टी टैंक कुईयां तोड़ने आदि का रिकॉर्ड फर्जी तैयार हुआ।माप पुस्तिका के अंदर दर्ज हुआ और उसका भुगतान हो गया।पता चलने पर उस गलत भुगतान की रकम को सिक्योरिटी रकम में रोक लिया गया।
वह रोका गया भुगतान ओमप्रकाश कालवा आदि ने कर दिया। जिसका दोष इन पर लगाया जा रहा है। विभागीय जांच के अलावा एक मुकदमा भी बनवारी लाल की ओर से कराया हुआ है।
ओमप्रकाश कालवा को नोटिस मिलने की जो सूचना दी गई है। उसका ओमप्रकाश कालवा जवाब देंगे और उस जवाब में कई लपेट में आएंगे। ओमप्रकाश कालवा को जवाब के बाद निलंबन करने में कोई पेच आ सकता है। निलंबन रुक सकता है। यदि ओमप्रकाश कालवा को निलंबित कर दिया जाता है तो निश्चित है कि कालवा उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे। कालवा खुद अपने को बचाने के लिए जो जवाब देगें उसमें बनवारीलाल से लेकर आगे जो भी गड़बड़ियां करने में रहे हैं उन सभी पर आफत आ सकती है।
सीवरेज का सबसे बड़ा निर्माण और सबसे बड़ा भुगतान काजल छाबड़ा के कार्यकाल में हुआ।
* रामप्रताप कासनिया ने यह मामला जुलाई 2019 में उठाया उस समय ओमप्रकाश कालवा अध्यक्ष नहीं था। उस समय काजल छाबड़ा का अध्यक्ष काल था। ओमप्रकाश कालवा ने नवम्बर 2019 में चुनाव जीता और 2 दिसंबर 2019 को कार्य संभाला। काजल छाबड़ा के कार्यकाल में जो कागजात बने गलत बने माप पुस्तिका में गलत लिखा गया। फिर एक गलत भुगतान भी हो गया या कर दिया। बाद में जमा राशि में वह रकम रोकी गई। वह रकम ओमप्रकाश कालवा ने कंपनी को भुगतान कर दी और आरोपों में घिर गये। ओमप्रकाश कालवा ने एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया था कि बनवारीलाल के कार्यकाल में बनी सीवरेज तो गायब है काम ही नहीं आ रही है। उसका कोई स्पष्टीकरण और मौका बनवारीलाल मेघवाल ने प्रेस को नहीं दिखाया।
👍अब नोटिस से सीवरेज घोटाले का ढक्कन जल्दी ही खुलने वाला है। शासकीय जांच तो वर्तमान अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के ऊपर लगे आरोपों से शुरू होगी। इसमें कौन-कौन अधिकारी लपेट में आएंगे, इसमें समय लग सकता है लेकिन अब यह ढक्कन खुलने वाला है। * रामप्रताप कासनिया ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न पूछा तब उसका जवाब काजल छाबड़ा के अध्यक्ष काल में ईओ लालचंद सांखला ने भेजा जो झूठा तथ्य छुपाकर भेजा गया। * जो सेफ्टी टैंक कुईयां तोड़ी उनका मलबा गंदगी 5 किलोमीटर से दूर डाली और उस पर रेत डाल कर ढका गया। यह जवाब भेजा गया था। सेफ्टी टैंक और कुईयां सड़क के बीच वाली तोड़नी थी और सड़क में सेफ्टी टैंक और कुईयां थी नहीं। विदित रहे कि ओमप्रकाश कालवा पहले कांग्रेस में थे और गंगाजल मील के खास थे। 24 फरवरी को भाजपा में चले गए। अब विधायक रामप्रताप कासनिया के खास हैं।
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