शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

मुख्यमंत्री से मिलने का सच्च!नहीं हुई भेंट.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

मुख्यमंत्री से जन समस्याओं पर जनसुनवाई जैसी व्यवस्था में मिलना और जिला बनाने की मांग को लेकर मिलने में बहुत बड़ा अंतर है।

 दोनों के तरीके बहुत अंतर वाले होते हैं, और यह मिलने वाली संस्थाओं को, लोगों को ध्यान में होता ही होगा।

 जन समस्या के लिए या व्यक्तिगत समस्या के लिए ज्ञापन देना नमस्कार करना 1 मिनट में कहना कि मेरी यह समस्या है बस बात खत्म। ज्ञापन भी मुख्यमंत्री अपने साथ नहीं ले जाते स्थानीय प्रशासन यानी कि जिला कलेक्टर आदि को दे देते हैं कार्यवाही करने के लिए।


* जहां तक बात है जिला बनाने की मांग की। यह जनसुनवाई में नहीं कही जा सकती क्योंकि पूरी बात नहीं हो पाती।

 मुख्यमंत्री किसी विशेष अभियान में टूर पर है इसलिए बात नहीं हो पाई क्योंकि यह एक 2 मिनट की बात नहीं है। पूर्ण रूप से आमने-सामने बैठकर समझाने वाली बात होती है। जिला बनाने की मांग बहुत महत्व रखती है। इसका 5 या 10 मिनट में ज्ञापन तो दिया जा सकता है लेकिन समझा करके मांग को स्वीकार करवाना पूरे तरीके से असंभव होता है। 

 राजनीति में काम करने वालों को इतना ज्ञान तो होना ही चाहिए।

 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत श्री गंगानगर हनुमानगढ़ जिले के टूर में अभी महंगाई राहत शिविरों में भ्रमण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का ध्यान ही उसी में है और प्रशासन का ध्यान भी उसी पर होता है कि कोई कमी नहीं रह जाए। प्रशासन इसके अलावा किसी विषय पर बात कराने के लिए भेंट भी नहीं कराता। प्रशासन आफत क्यों ले? यह रवैया होता है। 

कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा को कहें कि मुख्यमंत्री से मिलाने की व्यवस्था करो,बात करवा दो तो वह कभी यह काम नहीं करेंगे। वे अध्यक्ष हैं और मुख्यमंत्री से ऊंचे हैं। वे पी.ए. वाला काम नहीं करेंगे। किसी से भी मिल लो बात कर लो और ज्ञापन तक दे दो लेकिन मुख्यमंत्री से मिलना और संपूर्ण बात करना अलग होता है।


 * जिले की मांग के बारे में एक 2 मिनट में या 10,15 मिनट में भी जा जानकारी देना असंभव है। 

* हां लोगों को यह बताया जा सकता है कि मुख्यमंत्री से हम जिले की मांग के लिए मिलने गए थे। तो क्या मुख्यमंत्री मिले यह बहुत बड़ा सवाल है? अब लोग इतने तो पढ ही गये हैं कि सच्च और घुमा कर की जाने वाली बात समझने लगे हैं। सोशल मीडिया के समय में एक एक मिनट की विडिओ आ जाती है तो बनाई हुई बात चल नहीं पाती।

* सच्चाई को जाननी चाहिए जब कोई गांव का व्यक्ति शहर में रहने वाले विधायक से मिलने आता है तो पहले सरपंच पंच से बात करता है कि हमें विधायक जी से बात करनी है, हमारे साथ चलो हमारी बात करो। विधायक पूर्व विधायक राजनीतिक लोग यह जानते हैं। मुख्यमंत्री का दौरा गंगानगर जिले में आ रहे हैं तो तुरंत तैयार हो गए कि मुख्यमंत्री से मिल आते हैं। यदि भेंट हो जाती तो पांच 10 मिनट में क्या बताते? 27 अप्रैल को इंतजार करते रहे भेंट नहीं हुई, भेंट जैसी बात भी नहीं हुई। 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री से भेंट हो जाएगी। इसकी कोई गारंटी नहीं। जल्दबाजी और मिल लेते हैं से कभी काम नहीं होते। 

👍 क्या दस्तावेज तैयार कर लिए हैं? 

पहले जिले के लिए आवश्यक कागजात तथ्य एकत्रित करके मजबूत फाईल बनाई जाए और फिर जयपुर में समय लेकर मिले तो ही संभव होगा। ०0०

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