* लोगों का दायित्व क्या है?*
श्रीगंगानगर, 17 जुलाई 2019.
राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के तहत श्रीगंगानगर शहर के वार्ड नम्बर 33,34,35,36,37,38 व नेहरा नगर आदि में सीवर कनेक्शन करने का कार्य नगरपरिषद द्वारा किया जा रहा है। इस व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिये जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने क्षेत्र के उपभोक्ताओं से सहयोग का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आवश्यक तकनीकी व कानूनी जानकारियां नागरिकों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
तकनीकी जानकारियां
रसोई व बाथरूम के सभी आउटलेट पर जाली लगाना आवश्यक है। गली ट्रेप के पाइप के मुंह पर गैस पाइप जरूर लगायें, जिससे बदबू घरों में न आये। घर से निकले व्यर्थ पानी के सभी आउटलेट को घर के बाहर एक स्थान पर जोड़ कर प्रोपर्टी चेम्बर से गली ट्रेप के माध्यम से जोड़ने का खर्च स्वयं उपभोक्ता को वहन करना होगा। विभाग ने मेनहाल से प्रोपर्टी चेम्बर तक पाइप बिछाया हुआ है। घर की छत के बरसाती पानी को सीवर लाईन से ना जोड़े। बरसाती पानी खुली नाली में बहने दे। गली ट्रेप पर जाली होनी चाहिए। सीवर लाइन जाम होने पर इससे छेड़ छाड़ न करें क्योंकि इसमें जहरीली गैस हो सकती है।
कानूनी जानकारियां
राजस्थान म्यूनिसीपल एक्ट 2009 के नियम 259 की धारा 202 के अनुसार मल-नाली के पानी को, किसी अन्य तरल पदार्थ अथवा अन्य वस्तु को, जो दुर्गन्धपूर्ण हो, किसी खुले स्थान में बहाना या निकालना कानूनन जुर्म है। जो नागरिक इस अधिनियम का पालन नही करेगा जुर्म का भागी होगा। उसे कम से कम 5 हजार रूपये दण्ड के रूप में वहन करने पड़ सकते है।
सीवरेज प्रणाली को सुचारू रखने हेतु ध्यान देने योग्य बातें
रसोई व स्नानघर का व्यर्थ जल भी सीवर कनेक्शन के द्वारा सीवर लाईन में जायें। सभी आउटलेट पर जाली लगाना आवश्यक है। नियमित रूप से इन जालियों की सफाई करें। गर्भ निरोधक व सेनेटरी नेपकीन को शौचालयों में प्रवाहित न करें। शौचालयों द्वारा ठोस कचरा सीवर लाईन में न जाने दें। मेनहॉल में मृत पशु अथवा उनके अंग न डाले व अन्य किसी को भी नही डालने दें। मेनहॉल खुला न छोड़े व न ही पत्थर, मलबा, प्लास्टिक, पॉलीथीन आदि डालें। सीवर लाईन जाम होने पर पाईप को न काटें न तोडे़। सीवर लाईन जाम होने पर इससे छेड़छाड न करें क्योंकि इसमें जहरीली गैसे हो सकती है। परेशानी के समय नगरपरिषद को सूचित करें।
जिला प्रशासन की आमजन से अपील
शहर के वार्ड नम्बर 33,34,35,36,37,38 व नेहरा नगर आदि में सीवर कनेक्शन करने का कार्य स्थानीय निकाय द्वारा किया जा रहा है। इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन के लिये क्षेत्र के उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है। रसोई व बाथरूम के उपयोग किये गये पानी को किसी भी स्थिति में खुली नालियों में नही बहने दे, इसे सीवर में ही प्रवाहित करें। राज्य सरकार द्वारा पारित नगरपालिका अधिनियम के अनुसार जहां पर सीवर लाईन है, वहां पर गन्दे पानी के नाली में बहने पर नगरपरिषद द्वारा 5 हजार तक जुर्माना किया जा सकता है।
सीवर लाईन जो आपके यहां डाली गयी है, वह घर के डब्ल्यू.सी., रसोई घर एवं बाथरूम में उपयोग किये पानी के लिये बनाई गयी है। सड़क के किनारे स्थित नाली केवल बरसात के पानी के लिये है। बरसाती पानी को सीवर लाईन से नही जोडे़, क्योकि सीवर लाईन बरसात के पानी के लिये नही बनायी गयी है। सीवर लाईन में रसाई व बाथरूम का कचरा (सब्जी, झूठन, चायपती, अदरक का टुकड़ा, राख, मिट्टी, बाल के गुच्छे, साबुन व कागज आदि) नही जाने चाहिए, इससे आपका सीवर लाईन से गली ट्रेप चोक होगा एवं आपके घर के पास पानी गली ट्रेप के उपर से बहकर गन्दगी फैलायेगा।
आपके घर से सड़क तक डाली गई सीवर लाईन आपकी स्वयं मिल्कियत है एवं उसमें स्थित गली ट्रेप की सफाई करना आपकी स्वयं की जिम्मेदारी है। सीवर के मेनहॉल में कोई कचरा नही फेंके, इससे सीवर लाईन चोक होती है एवं सीवेज सड़क पर बहने लगता है। सूखा कचरा, पत्थर, प्लास्टिक की थैलियां इत्यादि सीवर लाईन या मेन हॉल में नही डाले, इससे सीवर लाईन अवरूद्ध हो जायेगी एवं गन्दा पानी सड़क पर बहने लगेगा। सीवर संबंधी कोई भी शिकायत होने पर जाली या पाईप को काटे नही। नगरपरिषद को सूचित करें।
सीवरेज प्रणाली की आवश्यकता क्यों
रसोई व स्नानघर का पानी सीधे नालियों में छोडे़ जाने से पानी सड़क पर फैलता है, जिससे जीवाणु पैदा होते है, सीवरेज प्रणाली हानिकारक जीवाणुओं की उत्पति रोकने में सहायक जिससे चिकित्सा व्यय कम होता है। सीवरेज प्रणाली जल-जनित होने वाली लगभग 70 प्रतिशत बीमारियांं से बचाव करती हैं सीवरेज प्रणाली भूमिगत जल का प्रदूषण रोकती है। व्यर्थ पानी को सीवरेज प्रणाली में डालकर घर के आस-पास भरने से रोक कर घरों का सीलन व क्षति से बचाव किया जा सकता है, जिससे रख रखाव का खर्च कम होता है। सीवर शोधन संयंत्र में शोधित जल व मल का उपयोग सिंचाई, खाद के रूप में किया जाता है। सीवरेज प्रणाली शहर को साफ-सुथरा बनाने में सहायक है।
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