रविवार, 30 नवंबर 2025
शनिवार, 29 नवंबर 2025
भूखहड़ताल से नाले नालियां बाजार सड़कें साफ अतिक्रमण मुक्ति होंगे.
* करणी प्रेस इंडिया *
सूरतगढ़ 29 नवंबर 2025.
नगरपालिका प्रशासन की हाईलेवल से खिंचाई करवाने के लिए आमरण अनशन के माध्यम को अपनाने की सीख इंदिरा सर्कल पर हो रहे आमरण अनशन से लोगों को मिल गई है। नगरपालिका के नाले नालियां गंदगी से भरे जाम पड़े हैं और पचासों नाले नालियों को रेत से भर कर स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। पचासों नालियों में घासफूस ऊग गये हैं और वे बंद कर दी गई हैं। नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी को सही करने के बजाय नाले नालियां ही बंद कर दी। जमादारों की ड्युटी थी कि नालियां बंद करने वाले सफाई कर्मचारियों की नाले नालियों की फोटो करके लिखित में सफाई निरीक्षक को शिकायत करते। सफाई निरीक्षक ने भी ऐसी कार्वाई नहीं की। रोजाना किसी क्षेत्र का निरीक्षण नहीं किया। निरीक्षण करना ड्युटी में है यह भी सरकार को समझाना पड़ेगा।
सफाई जमादार, सफाई निरीक्षक ने भी अनदेखी की। इसके बाद ईओ और प्रशासक ने भी मांगपत्रों से मालुम पड़ने पर भी और शिकायतें मिलने के बावजूद कभी मौका निरीक्षण की कार्वाई नहीं की।
बाजार में दुकानों के शटर से बाहर रखा सामान जब्त करना और अतिक्रमण हटाकर लोगों के चलने की हालत में रखने की जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन की है लेकिन इसका भी निरीक्षण कभी नहीं किया गया। सड़कों के अतिक्रमण बाजार के अलावा आवासन मंडल पुरानी कालोनी, मोहल्लों आदि में व्यापक हैं जिनकी शिकायतें अनेक बार हुई हैं। इंदिरा गांधी सर्कल के सुधार के लिए आमरण अनशन ने नगरपालिका प्रशासन को सुधारने के लिए भी आमरण अनशन के लिए सीख दी है। अब इस सीख पर किसी ने भी कदम उठा लिया तो नगरपालिका प्रशासन अधिकारियों को बड़ा झटका लगेगा। आमरण अनशन शुरू हो गया तो निश्चित ही जो भी अधिकारी चपेट में आयेगा तो सस्पेंड होगा या एपीओ होगा। आमरण अनशन शुरू होने के बाद ' सफाई इतने दिनों में करवा देंगे जैसे शब्दों से समझौता नहीं होगा,यह लापरवाह अधिकारियों और स्टाफ को समझ लेना उचित होगा। ऐसी स्थिति में राजनैतिक हाथ सिर पर होने, संरक्षण होने से बचाव नहीं हो सकेगा। नगरपालिका प्रशासन को अपनी कार्य प्रणाली व्यवहार सुधार लेने में बचाव है अन्यथा निलंबन और एपीओ।०0०
करणीदानसिंह राजपूत.
पत्रकार, सूरतगढ़.
94143 81356
पंप हाऊस जमीन पट्टा.एसीबी में प्राईमरी जांच पूरी.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 29 नवंबर 2025.
नगरपालिका की सड़क पर स्थापित पंप हाऊस की कीमती जमीन एक महिला को मुफ्त में देकर उसके नाम का पट्टा भी बना देने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की शिकायत पर पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के परसराम भाटिया के विरुद्ध प्राथमिक जांच पूरी होने की सूचना है। सूत्रानुसार परसराम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने का रास्ता साफ हो गया है। यह शिकायत महेंद्र सिंह जाटव ने कुछ महीनों पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की श्रीगंगानगर चौकी में की थी।
इस शिकायत में पट्टा लेने वाली महिला मोनिका को भी आरोपी बनाया गया है जिसने पंप हाऊस की जमीन शामिल कर पट्टे का आवेदन किया था। भूमि का माप करने वाले इंजीनियर, उस समय के अधिशासी अधिकारी को भी आरोपी बनाया गया है।
* परसराम भाटिया ने इस पट्टे को निरस्त करने का पत्र अधिशाषी अधिकारी को दिया था लेकिन अधिशासी अधिकारी ने पट्टा निरस्त नहीं किया।
* परसराम भाटिया के विरूद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर और सबसे अधिक आरोप हैं। परसराम भाटिया को नगरपालिका में कांग्रेस राज में स्वायत्त शासन निदेशालय ने 120 दिन के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया था। परसराम भाटिया को चार्ज दिलाने के वक्त गंगाजल मील भी खुशियां मनाने वालों में थे। परसराम भाटिया ने भ्रष्टाचार करने में एक प्रकार से रिकार्ड बनाया। लोगों में चर्चा है कि विधायक डुंगरराम गेदर के नजदीक होने के कारण कांग्रेस पार्टी के नेता अनदेखा कर रहे हैं जिसके कारण परसराम भाटिया ब्लॉक सूरतगढ़ के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। लोगों का यह भी मानना है कि परसराम भाटिया को भ्रष्टाचार के आरोपों और मुकदमों के बावजूद पद पर रखने से कांग्रेस को भारी नुकसान हो रहा है तथा डूंगराम गेदर के विधायक बनते समय की मजबूती कांग्रेस खो चुकी है और अधिक नुकसान हो रहा है। परसराम द्वारा आयोजित और बुलावे पर कार्यकर्ता आते नहीं। आयोजनों और प्रदर्शन आदि में 25-30 ही कार्यकर्ता लोग आते हैं और वह धरना आदि एक दो घंटे से अधिक नहीं चलता। कांग्रेस की विरोधी पार्टी के लोग इससे खुश हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है।०0०
गुरुवार, 27 नवंबर 2025
संघर्ष का मार्ग कभी छोड़ना नहीं चाहिए- देवीसिंह भाटी पूर्व मंत्री एवं करणीदानसिंह की भेंट.
* करणी प्रेस इंडिया *
सूरतगढ़ 27 नवंबर 2025.राजस्थान की राजनीति में गाहेबगाहे अपने वक्तव्यों और कार्यों से हलचल मचा देने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता
पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी एवं वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत लोकतंत्र सेनानी की भेंट में राजस्थान के शासन प्रशासन,पुराने संघर्षों और भाटी मंत्री समय की श्रीगंगानगर जिला की सिंचाई आदि पर बातचीत हुई। पुराने संघर्षों की अनेक यादें रही जिन पर बातें हुई। भाटी ने कहा कि संघर्ष का मार्ग कभी छोड़ना नहीं चाहिए। भाटी ने राजपूत को कहा कि इलाके के संघर्ष और समाचारों की जानकारी आपकी रिपोर्ट्स से मिलती रहती है। दोनों ने एक दूसरे के स्वास्थ्य की जानकारी भी ली।
भाटी आज सुबह करणी प्रेस इंडिया के कार्यालय पर पधारे तब पुरानी बातों और राजस्थान की वर्तमान शासन प्रणाली पर बातचीत हुई। करणी प्रेस इंडिया कार्यालय पर सूरतगढ़ नगरपालिका के निवृत अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा, 'ब्लास्ट की आवाज' के संपादक महेंद्र सिंह जाटव,योगेन्द्र प्रतापसिंह ( करणीदानसिंह राजपूत के पुत्र ) की भाटी से भेंट हुई। ०0०
बुधवार, 26 नवंबर 2025
संस्थाओं का दुरूपयोग किया जाना खतरनाक- विधायक गेदर संविधान दिवस कार्यक्रम.
* करणी प्रेस इंडिया *
दिनांक 26 नवंबर 2025.
अंबेडकर भवन सूरतगढ़ में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एक प्रेरणादायी एवं सारगर्भित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिको समानता, स्वतंत्रता और न्याय प्रदान करने वाला सर्वोच्च दस्तावेज है। इसके मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों, संघर्ष और देशहित में किए गए योगदान को स्मरण करते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक डूंगरराम गेदर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का संविधान मानव अधिकारों, सामाजिक न्याय, समान अवसर, पर्यावरण संरक्षण, यहाँ तक कि जीव-जंतु एवं पशु-पक्षियों की सुरक्षा जैसे व्यापक प्रावधानों से समृद्ध है।
उन्होंने कहा कि किसी देश का संविधान कितना ही उत्कृष्ट क्यों न हो, यदि उसे लागू करने वालों की नीयत सही नहीं है तो वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकता। वहीं किसी देश का संविधान कमजोर होने पर भी यदि उसे लागू करने वालों की नीयत अच्छी है, तो वह सर्वोत्तम सिद्ध हो सकता है।
आज संविधान लागू करने वाले ही उसकी मूल भावना से भटक रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है, जो हमारे लोकतांत्रिक देश के भविष्य के लिए एक गंभीर खतरा है।
उन्होंने युवाओं में बढ़ती विचारहीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं और समाज के सभी वर्गों को किताबों, महापुरुषों के विचारों और संविधानिक मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि बदलाव की शुरुआत विचारों से होती है, इसलिए परिवार, समाज और संस्थाओं में अच्छे विचार साझा करने की संस्कृति विकसित करनी चाहिए।
कार्यक्रम अध्यक्ष, श्री इंद्राज चेतीवाल सेवानिवृत प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ ने अपने वक्तव्य में डॉ. अंबेडकर के संघर्षपूर्ण विद्यार्थी जीवन और उल्लेखनीय बौद्धिक उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कठिन परिस्थितियों में विदेशों से उच्च शिक्षा प्राप्त की और कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से स्कॉलरशिप प्राप्त कर विश्वस्तरीय अध्ययन किया। आगे उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने संविधान रचना में जो दृष्टि, गहराई और व्यापकता लाई, वही आज भारत के लोकतंत्र की मजबूती का आधार है।
पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परसराम भाटिया ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि करोड़ों वंचितों के लिए आशा और सम्मान के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब के विचार आज भी सामाजिक न्याय, शिक्षा और समान अवसर के मार्गदर्शक बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर जी का जीवन संदेश देता है कि ज्ञान, संघर्ष और कर्तव्यनिष्ठा से ही समाज में परिवर्तन संभव है।
कार्यक्रम में डॉ. सुरेश परिहार, बाबूलाल पिपलवा, नथूराम कलवासिया एवं बलराम कुक्कड़वाल ने अपने विचार प्रस्तुत रखे।
इस अवसर पर जेपी गहलोत, कमलेश मीणा, अनिल रोकणा, अमर सिंह राठौड़, जीतराम चिनियां, हरचंद लुढीयान, अक्षर नायक, मनीष खोरवाल, रामअवध सिंह यादव, अंग्रेज सिंह ढिल्लो, रामचन्द्र सांसी, मालाराम सांसी, साहिल गेदर, रमेश पन्नू, गोपाल आसेरी, आदराम दंगल, भागीरथ, मनीष नदीवाल, कालू प्रधान, सोनू बिरट, सुनिल बौद्ध, इंद्राज कालवा, मनोहर नायक, दलीप घोड़ेला तथा हीरालाल बिरट सहित अनेक कार्यकर्ता एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने संविधान के मूल्यों को जीवन में अपनाने और सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने का संकल्प लिया।०0
सूरतगढ़ की राजनैतिक लीडरशिप में एक!
़ करणीदानसिंह राजपूत ़
सूरतगढ़ में राजनैतिक पार्टियों के नेता नेतियां राज्य मंत्री, विधायक,सांसद,पंचायत समिति प्रधान नगरपालिका अध्यक्ष आदि बने,चुनाव लड़े,जीते हारे लेकिन उनमें लीडरशिप नहीं थी। भादू बंधुओं मनफूलसिंह भादू राजस्थान में उपमंत्री बने,अनेक बार सांसद बने और
बीरबल भादू 30-40 साल तक पंचायत समिति सूरतगढ़ के प्रधान रहे लेकिन लोग मानते हैं कि राजनैतिक लीडरशिप उनमे नहीं थी। लीडरशिप एक गुण होता है जो इनमें नहीं था। अच्छे और बुरे में जो कुछ करे वह लीडरशिप गुण वाला। अच्छे बुरे में जो अपना नहीं सोचे,घाटे नफे यानि लाभ हानि का नहीं सोचे और घर से निकल कर लोगों के बीच में खड़ा हो जाए। जनता की परेशानियों में साथी बने। ये गुण लीडरशिप में माने जाते हैं। केवल नारे लगाने भाषण देने आदि में आगे रहने वाले को भी लीडरशिप वाली मान्यता नहीं दी जा सकती।
* राजनैतिक वरिष्ठ सोच समझ रखने वाले जो अपनी बातचीत प्रभावी ढंग से कहते हैं वे लीडरशिप के गुण वाले नाम भी लेते हैं। सूरतगढ़ क्षेत्र में लीडरशिप गुणों वाले तीन नाम सामने आते हैं जिन्होंने जनता की पीड़ाओं में दिन रात कभी अपना नहीं समझा। ये नाम हैं गुरूशरण छाबड़ा, सरदार हरचंद सिंह सिद्धु और बलराम वर्मा।
* गुरूशरण छाबड़ा अब संसार में नहीं है। हमेशा पीड़ित के साथ रहे। सन् 1977 में सूरतगढ़ से विधायक चुने गये थे। ईमानदारी में कोई मिसाल नहीं। सख्ती में कोई मिसाल नहीं। आज हर ओर उनका उदाहरण दिया जाता है।
* सरदार हरचंद सिंह सिद्धु वरिष्ठ वकील हैं। अनुमान कि सिद्धु ने सन् 1958 के लगभग सूरतगढ़ में वकालत शुरू की और यहां के निवासी बने।पीलीबंगा से 2 बार विधायक चुने गये। पहली बार लोकदल से जनता पार्टी के टिकट पर सन् 1977 में विधायक चुने गये जब गुरूशरण छाबड़ा सूरतगढ़ से चुने गये थे। पीलीबंगा से दूसरी बार कांग्रेस टिकट पर सन् 1998 में विधायक चुने गये। पीलीबंगा से दो बार विधानसभा चुनाव हारने वाले भी रहे। इनमें लीडरशिप के गुण रहे और कभी अपने नुकसान की नहीं सोची और जन संघर्ष में अनेक मुकदमें भी झेले। अब करीब 87 वर्ष की उम्र में हैं और सक्रिय राजनीति से दूर हैं।
*** लीडरशिप के भरपूर गुणों वाला एक प्रसिद्ध नाम है बलराम वर्मा जो अभी भी हर संघर्ष परेशानियों में पीड़ित लोगों के साथ खड़े होते हैं। आश्चर्य जनक यह है कि लोग झगड़ों विवादों में इनसे पंचायती कराते हैं। इनके घर आंगन में पंचायती कराने वाले सुबह आने शुरू हो जाते हैं। हर महीने पांच सात पंचायती तो जरूर हो जाती है। बलराम वर्मा के साथ करीब 45 वर्षों का राजनैतिक इतिहास है।
वर्मा छात्र दिनों से ही संघर्षों में जूझने लगे और अभी भी जनता के मजदूर किसान व्यापारी,नौजवानों के साथ खड़े हैं। कालेज आंदोलन, थर्मल,सिंचाई पानी,सूरतगढ़ फार्म,जिला बनाओ आदि अनेक आंदोलनों का इतिहास रहा है। अनेक चुनावों का अनुभव है। सूरतगढ़ नगरपालिका पार्षद रह चुके हैं।(वर्मा के पुत्र और पुत्र वधु भी पार्षद रह चुके हैं।) वर्मा रामपुरा पंचायत से सरपंच रह चुके हैं। सन 2003 में विधानसभा चुनाव पीलीबंगा सीट पर 18 हजार वोट और सूरतगढ़ सीट पर 40 हजार वोट मिलने का रिकॉर्ड रहा है।
अशोक गहलोत सन 2004 के लोकसभा चुनाव में बलराम वर्मा के घर आए और आग्रह करके कांग्रेस में शामिल किया। आज भी सूरतगढ़ से जिला और प्रदेश राजधानी जयपुर तक संपर्क हैं जिनका लाभ पीड़ित लोगों की समस्याओं को समाधान कराने में इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न राजनैतिक विचारधारा वाले सूरतगढ़ में
वर्तमान समय में सक्रिय लीडरशिप में बलराम वर्मा का नाम है। सूरतगढ़ शहर और सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चहुंमुखी विकास में लीडर बलराम वर्मा की लीडरशिप का लाभ उठाया जा सकता है।०0०
26 नवंबर 2026.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 62 वां वर्ष,
(राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
मंगलवार, 25 नवंबर 2025
2 एस एच पी डी 'ए' को पंचायत बनाने पर विरोध:3 को बनाओ.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 25 नवंबर 2025.
सूरतगढ़ में 2 एस एच पी डी 'ए' को ग्राम पंचायत बनाए जाने पर विरोध हो रहा है तथा 3 एस एच पी डी को ग्राम पंचायत बनाए जाने की मांग को लेकर आज 3 एस एच पी डी के काफी लोग जिलाकलेक्टर पहुंचे। जिलाकलेक्टर के व्यस्त होने पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर से मिले और हस्ताक्षर हुआ एक ज्ञापन सौंपा। लोगों ने कहा कि पहले भी मांग पत्र अप्रैल में दिया था जिस पर कार्वाई का आश्वासन भी था। लोगों का आरोप है कि उनसे हालात छिपा कर 2 एस एच पी डी 'ए' को ग्राम पंचायत घोषित करवाया गया है। सबसे बड़ा आरोप यह लगाया जा रहा है कि 2 एस एच पी डी 'ए' मुख्यालय की आबादी 250 के करीब है और उससे चार गुना अधिक आबादी 3एस एच पी डी की है और आसपास के गांवों की यहां आसानी से पहुंच भी है। यह भी कहा जा रहा है कि लोग पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया से मिलने गए लेकिन उनसे मिलाया नहीं गया।
सूरतगढ़ में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर.रिपोर्ट.
* करणी प्रेस इंडिया रिपोर्ट.
सूरतगढ़ 25 नवंबर 2025.
कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर का सूरतगढ़ में विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने शानदार स्वागत किया। यह स्वागत विधायक डूंगराम गेदर के विधायक जन सेवा केंद्र पर किया गया। कुन्नर का अर्जुनसर, राजियासर, सूरतगढ़ विधायक जनसेवा केन्द्र, ओशो ध्यान केन्द्र, पालीवाला तथा भगवानगढ़ में कार्यकर्ताओं की अगुवाई में स्वागत कार्यक्रम आयोजित हुए।
जिला अध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर ने अपने संबोधन में कहा कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता मेरे लिए जिला अध्यक्ष है। संगठन को बूथ स्तर से जिला स्तर तक मजबूत करना और जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाना हमारी पहली प्राथमिकता है। देश में वोट चोरी, बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की दुर्दशा जैसे मुद्दों पर कांग्रेस सड़कों से लेकर सदन तक आवाज उठाएगी।
विधायक जनसेवा केन्द्र सूरतगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में विधायक डूंगरराम गेदर ने कहा कि नवनियुक्त जिला अध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर युवा, जोशीले और निष्ठावान नेतृत्वकर्ता हैं। इन्होंने किसानों के लिए संघर्ष किया है और विधानसभा में भी लगातार जनहित के मुद्दे मजबूती से उठाते आ रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अडिग खड़े रहना इनकी पहचान है।
कार्यक्रम में पूर्व राज्य मंत्री परमजीत सिंह रंधावा, वरिष्ठ नेता बलराम वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया, युवा नेता गगन वडिंग, पूर्व प्रधान हरिराम गोदारा, पूर्व उपप्रधान कृष्ण गोदारा, अमित कड़वासरा, जिला परिषद सदस्य जुलेखां बेगम, बरकत अली, इंद्रजीत रंधावा, नगर अध्यक्ष प्रवीण गोयल, जे.पी. गहलोत, बंशीधर छाबड़ा, नरेंद्र शर्मा, साहब सिंह भुल्लर, जगदीश गोदारा, अमर सिंह राठौड़, श्योपत भोभरिया, युसूफ खान, ओमप्रकाश गेदर, गंगासिंह कुलचानिया, भीम जोशी, रामकुमार सिंह, फारुख मोहमद, सरपंच केसराराम टाक, मुस्ताक खान, सहित अनेक वरिष्ठ कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
राजियासर स्टेशन पर स्वागतकर्ताओं में ब्लॉक अध्यक्ष गिरधारी स्वामी, बनवारी थोरी, पूर्व सरपंच मनोहर सिंह, बजरंग शर्मा, भागीरथ झोरड़, चेतराम नेहरा, पृथ्वी स्वामी, लोकेश जैन, कुलदीप सुथार, नेतराम स्वामी, सिकंदर खान, बागी शाह, राजाराम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।
ओशो ध्यान केन्द्र में सुखविंदर सोढ़ी द्वारा,पालीवाला में मण्डल अध्यक्ष इंद्राज कालवा और भगवानगढ़ में मण्डल अध्यक्ष मांगीलाल बिश्नोई के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं ने अपार उत्साह के साथ जिला अध्यक्ष का स्वागत किया। ०
स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण की पत्नी कमला देवी का निधन.परिवार के बीकानेर से 2 दैनिक अखबार.
* करणीदानसिंह राजपूत *
बीकानेर/सूरतगढ़ 25 नवंबर 2025
स्वतंत्रता सेनानी स्व. वैद्य रामनारायण जी की धर्मपत्नी कमला देवी का आज स्वर्गवास हो गया। इनके पति रामनारायण जी का स्वर्गवास कुछ वर्ष पहले हुआ। रामनारायण जी के पिता वैद्य मघाराम और उनकी बहन भी स्वतंत्रता सेनानी रहे।
आजादी के आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानी वैद्य मघाराम शर्मा, बहन खेती बाई और पुत्र रामनारायण शर्मा कई आंदोलनों में अग्रणी रहे। वैद्य मघाराम शर्मा ने बीकानेर सहित कलकत्ता और प्रदेश के कई स्थानों पर स्वतंत्रता आंदोलनों व संगठनों में प्रभावी भूमिका निभाई। कलकत्ता में बीकानेर प्रजा मंडल के गठन में अग्रणी रहे। बहन खेती बाई भी राज के सैनिकों से लोहा लेकर प्रभावी भूमिका में रहीं। शहर में स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण शर्मा सक्रिय रहे। कई बार जेल गए, यातनाएं सहीं और शहर में देश की आजादी से पहले पहली बार तिरंगा फहराया। रामनारायण जी एक साप्ताहिक निकालते थे। उसे जब्त कर लिया गया था। उसके बाद क्रांति बिगुल भी निकाला। पुत्र मोहन शर्मा और परिवार के सदस्य अभी बीकानेर से दो दैनिक राजस्थान प्रदीप और राजस्थानी चिराग प्रकाशित कर रहे हैं। वैद्य मघा राम के नाम से बीकानेर में बहुत बड़ी आवासीय कालोनी है। इसी कालोनी में यह स्वतंत्रता सेनानी परिवार रहता है। आवास में ही एक प्रिंटिंग प्रेस' मदन प्रिंटिंग प्रेस संचालित थी जिसमें साप्ताहिक छापा जाता था।
सन् 1973-74 में इनकी मदन प्रिंटिंग प्रेस में मेरा सूरतगढ़ से प्रकाशित होने वाला साप्ताहिक 'भारतजन' भी छपाया करता था। रात्रि में जब भारतजन का मुद्रण होता तब घर से चाय बनती जो हम पीते। चाय कमला देवी अपने हाथों से बना कर भेजती थी। एक घरेलु वातावरण में रामनारायण जी और कमला जी से बातें भी होती।
सूरतगढ़ निवासी नरेन्द्र ओझा की कमला जी रिश्ते में भुआ लगती थी। स्वतंत्रता सेनानी परिवार की एक पुत्री सूरतगढ़ के पूनमचंद तावणिया परिवार ( महाराजा मिष्ठान भंडार) वालों में विवाहित है। मोहन शर्मा से तो अभी यदा कदा अखबारी लाइन और राजनीति पर मेरी बातचीत होती रहती है। मोहन शर्मा आजकल अधिक समय जयपुर में बिताते हैं।
कमला देवी जी को नमन करते हुए कामना करता हूं की परमब्रह्म उन्हें मोक्ष प्रदान करें।
25 नवंबर 2025.
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन)
सूरतगढ़.( राजस्थान)
94143 81356.
रविवार, 23 नवंबर 2025
विधायक गुरवीरसिंह बराड़ ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बयान की कड़ी निंदा की
* करणीदानसिंह राजपूत *
श्रीगंगानगर, 23 नवम्बर 2025.
विधायक गुरवीर सिंह बराड़ ने कहा कि सम्पूर्ण राष्ट्र धर्म, मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा हेतु अपने प्राणों का सर्वोच्च त्याग देने वाले गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धापूर्वक नमन कर रहा है। कश्मीरी पंडितों की रक्षा हेतु दिल्ली के चाँदनी चौक में दिया गया उनका बलिदान विश्व इतिहास में अद्वितीय है और उन्हें ‘‘हिंद की चादर’’ के रूप में अमर करता है।
उन्होंने कहा कि सरवंशदानी गुरु गोविंद सिंह जी ने धर्म की रक्षा हेतु पूरे परिवार के प्राणों को न्योछावर कर दिया।
ऽ साहिबजादा अजीत सिंह जी (18 वर्ष)
ऽ साहिबजादा झुझार सिंह जी (14 वर्ष)
ऽ साहिबजादा ज़ोरावर सिंह जी (9 वर्ष)
ऽ साहिबजादा फतेह सिंह जी (7 वर्ष)
जहाँ बड़े साहिबज़ादों ने धर्म की रक्षा हेतु चमकौर के रण में वीरता से लड़ते हुए शहादत दी, वहीं छोटे साहिबजादों ने मुग़लिया सल्तनत के नवाब वजीर ख़ान के धर्म बदलने के प्रस्ताव को ठुकराया जिसके कारण दीवार में चीनवा दिया गया और उन्होंने इतनी छोटी उम्र में धर्म की रक्षा हेतु प्राण न्योछावर करने का सर्वोपरि उदाहरण पेश किया। जिनके बलिदान को याद करते हुए हम वीर बाल दिवस मनाते हैं।
विधायक बराड़ ने कहा कि हमारे गुरु साहिबानों के ये बलिदान स्पष्ट संदेश देते हैं कि धर्म, सत्य और मानवता की रक्षा सर्वोपरि है।
उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्वी राज्यों में बड़ी संख्या में गेरक़ानूनी रूप से किये जा रहे धर्म परिवर्तन के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। वहीं पड़ोसी राज्य पंजाब में भी प्रलोभन, लालच और पाखंड दिखाकर ग़रीब सिख समुदाय के तक़रीबन 30 लाख लोगों का धर्म परिवर्तन करवाए जाने की घटना बेहद चिंता का विषय हैं। यह स्थिति सामाजिक ताने-बाने और धार्मिक सोहार्द लिए गंभीर खतरा है।
विधायक बराड़ ने कहा की उनके द्वारा इस गंभीर मुद्दे को 31 जुलाई 2024 के दिन पर्ची के माध्यम से विधानसभा में उठाया गथा और सरकार ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया, और इन्हीं घटनाओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने प्रदेश में गेर क़ानूनन, लालच, प्रलोभन एवं पाखंड के माध्यम से किए जा रहे धर्म परिवर्तन पर प्रभावी रोक लगाने हेतु यह सख्त कानून विधानसभा में पारित कर लागू किया है, जो समयोचित एवं आवश्यक कदम है।
विधायक बराड़ ने इस कानून के तहत जानकारी देते हुए बताया की बल, छलपूर्वक प्रलोभन देकर या विवाह द्वारा अवैध धर्मांतरण को सख्ती से रोका जाएगा। अवैध धर्मांतरण पर 7 से 14 वर्ष का कारावास व न्यूनतम 5 लाख रुपए जुर्माना, सामूहिक धर्मांतरण पर 20 वर्ष या आजीवन कारावास और 10 लाख रुपए जुर्माना लगेगा, साथ ही अवैध धर्मांतरण वाले स्थान को चिह्नित कर संपति जब्त या गिराए जाने का प्रावधान है। हाँ यदि कोई अपनी स्वेच्छा से धर्मांतरण करता है तो उसकी धार्मिक स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए एक पूर्ण प्रकिया को लागू किया गया है। ये सभी प्रावधान इस क़ानून को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाते है जो केवल अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए ही है।
इसी संदर्भ में राजस्थान के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष द्वारा इस कानून के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान करने वाले बयान को विधायक बराड़ ने अत्यंत दुखद और निंदनीय बताया। उन्होंने कहाः
‘‘कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का यह बयान प्रदेश की जनता के धार्मिक सौहार्द व सामाजिक ताने बाने के स्थायित्व के विपरीत व अवैध धर्मांतरण करने वालो को प्रोत्साहन देने वाला। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ और उनसे आग्रह करता हूँ कि वे अविलंब अपना यह बयान वापस लें।’’
विधायक बराड़ ने जनता से अपील की कि प्रदेश की सामाजिक एकता, आपसी भाईचारे की रक्षा में सभी को सहयोग करना चाहिए।o0o
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राजस्थान में अब कोई लीडर नहीं न लीडरशिप.
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान में जो आपराधिक हालात हैं जो प्रशासनिक लापरवाही है,हर ओर जो शून्यता है उस पर बोलकर राज्य में हलचल मचा देने हिम्मत नहीं है क्योंकि यहां कोई लीडर नहीं और न लीडरशिप है। विधायक चुना जाना,मंत्री बनना, मुख्यमंत्री बनना,पार्टी में ऊंचे ओहदे पर नियुक्त होना एक प्रक्रिया है और उससे नाम होना लीडरशिप नहीं। लीडर को दिल्ली की ओर देखते रहने वहां के ईशारे की आवश्यकता नहीं होती,दिल्ली जयपुर की ओर देखे और देख कर निर्णय करे तब लीडर है और लीडरशिप है। यहां जो हालात है प्रदेश की जो दुर्दशा हो रही है वह जनमानस की चर्चा में बातचीत में झलक जाती है कि अब राजस्थान में कोई लीडर नहीं कोई लीडरशिप नहीं। लीडर निर्भिक होता है और वही दबंग रूप चर्चा में हर जगह बोला लिखा जाता है। लेकिन वर्तमान में राजस्थान में किसी की भी चर्चा नहीं कि वह दिल्ली को आंखें दिखा सके और दिल्ली उसकी आंख झपकने से पहले डर जाए। दिल्ली जो थोप दे वह सभी चुपचाप मान ले तो लीडरशिप कहाँ है? लीडर का निर्णय तो स्वयं का होता है। वह हर काम शुरू करने से पहले दिल्ली के आदेश निर्देश की परवाह में शिथिल सा नहीं रहता।
भजनलाल शर्मा का मुख्यमंत्री बनना लीडरशिप नहीं है। वे लीडर नहीं है और लीडरशिप से चुने हुए भी नहीं है। इस ऊंचे ओहदे पर पहुंचना लीडरशिप नहीं है। उनको लीडरशिप के कारण इस ऊंचे ओहदे पर बिठाया भी नहीं है। राजस्थान में उनका लीडरशिप वाला कोई कार्य भी नहीं है। कार्य को छोड़ें कोई घोषणा तक नहीं है। दिल्ली को भी यह नाम चुनना पड़ा जो उनके अनुसार उठता बैठता रहे। लीडर होता तो पर्ची से नाम नहीं निकलता। वसुंधरा राजे में लीडरशिप होती तो वह भी कह देती कि विधायक निर्णय करेंगे। वह पर्ची को खोलती नहीं। जो भी निर्णय होता वह विधायक करते। वसुंधरा राजे की गलती ने सभी विधायकों का अधिकार भी खत्म करा दिया। प्रदेश का मुखिया बदला जाने की बातें फैलते महीनों बीत गये। लीडरशिप होती तो वह लीडर ही बोल उठता कि यह क्या तमाशा बनाया हुआ है। स्वयं वसुंधरा राजे भी डरी हुई है और चुनौती रूप में बोल नहीं सकती। दिल्ली के विरुद्ध बोलना दिल्ली को कुछ कहना खतरनाक हो सकता है। दिल्ली भजनलाल को बदले तब किसी दूसरे का नाम न निकालदे। वसुंधरा को अधर में लटका के रख दिया। मुख्यमंत्री पद की आशा में त्रिशंकु बना दिया। धरती आकाश के बीच में बस अब बनी बस कुछ दिन और बस कुछ दिन और। यह इंतजार जो खत्म नहीं हो रहा। दिल्ली दबा रही है। लीडर और लीडरशिप को दिल्ली भी नहीं दबा पाती। कमजोरी देखी और दबा दिया और अभी उसी पर चल रही है,धौंस पर। बस,इसलिए राजस्थान के वर्तमान हालात हैं।०0०
23 नवंबर 2025.
करणीदानसिंह राजपूत,
राजस्थान.
94143 81356.
सूरतगढ़ स्टेशन दीवार पर मालिश कराने के पोस्टर.
सूरतगढ़ 23 नवंबर 2025.
रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार की दीवार पर चिपके गंदे पोस्टर हजारों यात्री स्त्री पुरूष लड़के लड़कियां देखते हैं मगर स्टेशन मैनेजर और जीआरपी आरपीएफ स्टाफ को नजर नहीं आते। स्टेशन मैनेजर, जीआरपी और आरपीएफ स्टाफ की अनदेखी और कार्वाई नहीं किए जाने के कारण लोग पोस्टर चिपका कर गंदा कुरूप बनाते रहते हैं। मसाज तेल मालिश के पोस्टर भी चिपकाने तक की हिम्मत लोग कर लेते हैं। रेलवे परिसर एकदम साफ रहना चाहिए। दीवारें भी साफ होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमृत स्टेशन योजना के तहत सूरतगढ़ स्टेशन को सुंदर रूप देने के लिए अब तक 20 करोड़ रूपये से अधिक राशि खर्च हो चुकी है। स्टेशन परिसर को गंदा कुरूप बनाने वाले पोस्टरों पर विज्ञापन देने वाली संस्थाओं व्यक्तियों के मोबाइल फोन नंबर भी हैं। सुरक्षा विभाग के कर्मचारी अधिकारी इन पर चेतावनी देकर मुकदमा कार्वाई करे तो सुधार हो सकता है।०0०
शनिवार, 22 नवंबर 2025
सुभाषसिंह राजपूत की फोटो पत्रकारिता का प्रारंभिककाल
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 22 नवंबर 2025. सुभाषसिंह राजपूत की फोटो पत्रकारिता करीब 2006 के आसपास शुरू हुई। डिजिटल बड़े कैमरे जब यहां सूरतगढ़ में शुरू हुए तब सुभाषसिंह अधिक एक्टिव हुए। आज सुभाष एक लोकप्रिय पत्रकार है। राष्ट्रीय छवि के संवाददाता के रूप में ख्याति है। अनेक टेबलाईज्ड में इनके फोटो और रिपोर्ट्स छपे हैं।
* मेरे एक पुराने फोटो में सुभाषसिंह के फोटो पत्रकारिता की अच्छी झलक है।श्रीगंगानगर के एसपी रूपीन्द्र सिंह एक कार्यक्रम 2006 में यहां पंचायत समिति में आए तब सुभाष ने उनके फोटो लिए थे। सुभाष उनको वे फोटो कैमरे पर दिखा रहे थे,उस समय मैं एसपी से बात कर रहा था। मुझे नये पत्रकार का यह फोटो दिखाने का अंदाज अच्छा लगा और तुरंत अपने डिजीटल कैमरे में क्लिक कर लिया। यह फोटो पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है।०0०
राजियासर पंचायत समिति बनेगी: सूरतगढ़ टिब्बा क्षेत्र को लाभ होगा.
प्रथम प्रकाशन. 12 अप्रैल 2025 को हुआ। अब पंचायत समिति की कुछ ग्राम पंचायत के टुकड़े कर नयी ग्राम पंचायतों का गठन हो गया है। संख्या 50 से अधिक हो गई है। सरकार का नियम है कि एक पंचायत समिति में 50 ग्राम पंचायतें ही होगी सो सूरतगढ़ में नयी पंचायत समिति राजियासर बनेगी। इसके लिए रामप्रताप कासनिया प्रयासरत थे। सूचनानुसार मीटिंग होने के कुछ घंटे पूर्व कासनिया मौजूद थे और पूर्व प्रस्ताव को ही मंजूर किए जाने के लिए बातचीत कर रहे थे। कासनिया के साथ सूरतगढ़ नगरपालिका के निवृत अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा साथ थे।
कासनिया व इलाके के विकास में लगे,इलाके के विकास को चाहने वालों पर हमारी रिपोर्ट 12 अप्रैल 2025 को छपी जो एक बार यहां दे रहे हैं।
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ उपखंड में सूरतगढ़ पंचायत समिति का विशाल क्षेत्र अब दो भागों में बंटेगा और राजियासर पंचायत समिति बनेगी जिसका लाभ टिब्बा क्षेत्र के लोगों को होगा। राजनीतिक जागरूकता भी बढेगी।
कुछ नयी ग्राम पंचायतें बनेंगी जो राजियासर में होंगी। राजियासर पंचायत समिति में जनसंख्या सन् 2011 के अनुसार 95004 होगी।
टिब्बा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सांवलसर, रत्तासर, लालगढ़िया 4 एलजीएम,हरिसिंहपुरा, 1बीपीसीएम,भोपालपुरा,हिंजरासर, राजियासर गांव,बीरमाना, बख्तावरपुरा,देईदासपुरा, गोविंद सर, गोपालसर, मोकलसर,रघुनाथपुरा, ठुकराना, उदयपुर गोदारान, हरदासवाली, एक एल एम,गुडली,मालेर, राजियासर स्टेशन, सिंगरासर,करड़ू,6डीडब्ल्यूएम, सोमासर और रायांवाली शामिल होंगी।
* राजनीतिक रूप से प्रदेश में भाजपा की सरकार है इसलिए उसको श्रेय मिलेगा और वर्तमान में संचालन कर रहे पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया के खाते में यह जुड़ेगा। कासनिया 2023 का चुनाव जीत नहीं पाए लेकिन सत्ता में भागीदारी और संचालन उन्हीं का है।
* रामप्रताप कासनिया सन् 1972 से राजनीति में हैं। सन् 1972 में किसान यूनियन के पीलीबंगा के अध्यक्ष थे। इसके बाद आगे बढे। पीलीबंगा से विधायक चुने गये और तब उपमंत्री फिर राज्य मंत्री बने। सन् 2003 में भाजपा टिकट नहीं मिलने पर स्वतंत्र प्रत्याशी खड़े हुए और जीते। उस समय पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में सूरतगढ़ तहसील का बड़ा क्षेत्र आता था। रामप्रताप कासनिया ने वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री काल में सन् 2007 में टिब्बा क्षेत्र के करीब 7 हजार किसानों को 2 बीघा तक बारानी भूमि के खातेदारी अधिकार मुफ्त में दिलाए थे। इसके अलावा करीब 2 हजार बालिग पुत्रों को जमीनी अधिकार दिलाए थे। अब यह राजियासर पंचायत समिति का बनाने का लाभ कासनीया के खाते में जुड़ जाएगा। घग्घर बहाव क्षेत्र में सरदारपुरा खर्था ठेठार का पुल बनाने का श्रेय रामप्रताप कासनीया को ही है जिसके कारण अनेक गांवों की दूरियां कम हुई वरना पहले घूम कर आवागमन होता था।
टिब्बा क्षेत्र को विकसित करने में अनेक लोगों के विचार रहे हैं।
* पत्रकार नानुराम तिवाड़ी जो राजस्थान पत्रिका में लिखते और इलाके में लोगों को जागरूक करते थे। अभी राजियासर गांव में उनका निवास है। अभी पत्रकारिता कर रहे भानीराम गोदारा इलाके के विकास के लिए जुटे हुए हैं जिनकी बहुत बड़ी सोच हर ग्राम को विकास से जोड़ने वाली है। ये राजस्थान पत्रिका से जुड़े हुए हैं। बद्रीनारायण शर्मा एक उच्चकोटि के किसान जिन्होंने खजूर बाग लगाकर टिब्बा क्षेत्र में नयी क्रांति ला दी। बद्रीनारायण शर्मा टिब्बा क्षेत्र के ही नहीं इलाके के इतिहास कार हैं जिन्होंने आंधियों और सात सात साल के आकाल को देखा भोगा और इलाके को विकसित करने की सोच से लोगों को आगे बढाया। आज 70 साल की उम्र में भी शर्मा जवानों की तरह काम करते हैं। स्व.गुमानसिंह राठौड़ ने भी टिब्बा क्षेत्र को विकसित करने में जीवन लगाया। उनके पुत्र पेपसिंह राठौड़ जो अभी पंचायत समिति सूरतगढ़ में डायरेक्टर हैं, और द्वारका प्रसाद लखोटिया, मोहन पूनिया, राजेंद्र सिंह भादू,राकेश बिश्नोई जैसे अनेक लोगों ने विकास के सपने देखे और काम किया। सुमित चौधरी छात्र नेता ने भी आवाज उठा रखी है कि राजियासर में राजकीय महाविद्यालय खुले। अनेक लोग हैं जिन्होंने विकास के लिए कुछ न कुछ किया। राजियासर पंचायत समिति के बनने से कार्य करने वाले लोग इलाके को और अधिक विकसित कर पाएंगे।
12 अप्रैल 2025.०
शुक्रवार, 21 नवंबर 2025
बहुओं के वोट व 1 फार्म की बड़ी परेशानी.भाजपा सोचे.
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान में वोट पुनरीक्षण कार्य 4 नवंबर 2025 से शुरू हुआ है तबसे परेशानियों के प्रमुख समाचारों में यह मिल रहा है कि बहुओं के वोटों पर परेशानी अधिक है और एक प्रकार से संकट कि वोट रहेंगे या कटेंगे। बड़ा झंझट यह है कि 2002 के बाद बहुएं वोट देती रही है तो भी पीहर से परीक्षण मिलान सत्यापन होगा। लोगों को इसमें बहुत परेशानी हो रही है। यदि किसी वजह से केवल 2002 में वोट नहीं रहे। आगे पीछे रहे तो भी संकट हो रहा है। 2002 से पहले वोट देते रहे और 2002 की सूची में नहीं है तो परेशानी। भाजपा के नेता नेतियां कार्यकर्ता इस परेशानी से रूबरू नहीं हो रहे और अनेक लोगों को कहते हैं सरकार ने लागू कर दिया है तो मानना तो पड़ेगा। सवाल यह है कि बहुओं ने क्या बिगाड़ा है कि उनके वोट परीक्षण पर ही अधिक परेशानी हो रही है। भाजपा के कट्टर समर्थक हर बात स्वीकार करें लेकिन जो समर्थक हैं वे नाराज हो रहे हैं और अपनी नाराजगी बातचीत में उजागर भी कर रहे हैं। नाराजगी का एक कारण यह है कि इसमें जानकारी उपलब्ध कराने का भार दायित्व बहुओं/ परिवार मुखिया पर ही डाला जा रहा है। अनेक बीएलओ इस पर गंभीर नहीं है इसलिए लोग परेशान हो रहे हैं कि बहु के पीहर की मतदाता सूची कहाँ से देखें और बीएलओ के आगे रखें।
* राजस्थान के अनेक भागों से बड़ी शिकायत यह भी है कि बीएलओ ने केवल एक ही फार्म दिया और अब मतदाता/ परिवार मुखिया के पास सबूत में कुछ भी नहीं है। अगर बीएलओ लापरवाही कर दे वोट नहीं रहे तो फार्म भर कर देने का कोई सबूत नहीं। भाजपा के लोग नेता कार्यकर्ता इसे भी गंभीर नहीं मान रहे। यह बड़ी गलती है जिसमें बीएलओ की शिकायत पर निश्चित ही कार्वाई होगी और वह दंडित भी होगा। निर्वाचन विभाग ने जब 2 फार्म देना नियम बनाया और उसकी पूरी नीति भी बनाई तो बीएलओ ने उस नीति का पालन क्यों नहीं किया? बीएलओ द्वारा जानते समझते हुए आदेश की अवहेलना करना है। अनेक बीएलओ घरों पर गये ही नहीं और केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही पहुंची। बीएलओ ने फार्म 2 दिए या नहीं दिये कि जांच निरीक्षण जिम्मेदार अधिकारियों को करना चाहिए।०0०21 नवंबर 2025.
करणीदानसिंह राजपूत.
स्वतंत्र पत्रकार.
94143 81356.
गुरुवार, 20 नवंबर 2025
सब इंसपेक्टर राजकुमारी जुनैजा घूस लेते गिरफ्तार.
20 नवंबर 2025.जयपुर के गांधी नगर थाने में तैनात उप निरीक्षक राजकुमारी जुनैजा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो श की टीम ने बुधवार 19 नवंबर 2025 को गिरफ्तार किया। एसीबी टीम ने उप निरीक्षक राजकुमारी जुनेजा को थाने के अंदर ही 1.25 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।एसीबी को पांच दिन पहले परिवादी ने शिकायत दी थी, जिसमें बताया गया कि उसके खिलाफ गांधी नगर थाने में चीटिंग का मामला दर्ज है। उस मामले में कार्रवाई नहीं करने और एफआर लगाने के बदले में उप निरीक्षक राजकुमारी जुनेजा 2 लाख रुपए रिश्वत मांग रही थी।इस शिकायत के बाद ट्रैप की कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश कुमार स्वामी को सौंपी गई। टीम ने शिकायत मिलने के बाद रिश्वत मांगने का सत्यापन किया। सत्यापन के दौरान आरोपी राजकुमारी ने 2 लाख रुपए की मांग की, लेकिन बाद में सौदा 1.25 लाख रुपए में तय किया।एसीबी टीम ने बुधवार शाम रिश्वत के एवज में 1.25 लाख रुपए परिवादी को देकर गांधी नगर थाने भेजा। रिश्वत की रकम लेते एसआई राजकुमारी जुनेजा को एसीबी टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया।०0०
पुलिस में ओम कालवा के बयान: भाटिया के विरुद्ध बड़ा केस.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 20 नवंबर 2025.
पूर्व पालिकाध्यक्ष परसराम भाटिया कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष के विरुद्ध दर्ज हुए पट्टा घोटाले में पुलिस ने 19 नवंबर 2025 को मुकदमा दर्ज कराने वाले भाजपा नेता निवृत हुए पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के बयान दर्ज किए हैं।
यह बड़ा घोटाला सूरतगढ़ की नकली वोटरलीस्ट के जरिए हुआ। इस घोटाले में सूरतगढ़ से अन्यत्र 10 एस.डी ( जानकीदासवाला) में रहनेवाले कृष्ण और उसकी पत्नी सलोचना को सूरतगढ़ में अतिक्रमण नियम कर पट्टा दिया गया।इस मुकदमे में परसराम भाटिया के अलावा 10 एसडी ( जानकीदासवाला) निवासी पति पत्नी कृष्ण लाल स्वामी और सिलोचना देवी, धर्मदास सिंधी( पार्षद तुलसी आसवानी के पति भी इसमें नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं। इन नामजद के अलावा अन्य संपूर्ण मुकदमे के विवरण में नगरपालिका के एक अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र गोदारा, सहायक अभियंता सुशील सियाग, और सहायक राजस्व अधिकारी मनप्रीत कौर भी शामिल बताए गए हैं,जो फर्जी वाड़े में शामिल हैं। इसमें दो गवाह भी आरोपी हैं जिन्होंने पट्टा लेने वाले को सूरतगढ़ का इस भूमि पर निवासी बताया। गवाह कृष्ण लाल पुत्र लिखमीदास वार्ड न 8/25 निवासी और राजेंद्र पुत्र हेतराम वार्ड नं 8/25 निवासी हैं।
*मुकदमें में आरोप लगाया गया है कि षड्यंत्र रच के धोखाधड़ी करके नगर पालिका को नुकसान पहुंचाया गया और कृष्ण सिलोचना को अनुचित लाभ दिया गया। वोटर लिस्ट कूटरचित तैयार हुई जिसमें कृष्ण व सिलोचना को सूरतगढ़ का निवासी बताया गया। दस्तावेज उल्लेख में सूरतगढ़ और 10 एसडी गांव की असली और सूरतगढ़ की नकली तैयार वोटरलीस्ट हैं। इस कूटरचित संपूर्ण कार्रवाई में पट्टा धारक के द्वारा दिए गए आधार कार्ड जन आधार कार्ड भी फर्जी तैयार किए हुए लगाए गए। नगर पालिका की ओर से इन आरोपीअधिकारियों ने षड्यंत्र में शामिल होने के कारण कोई जांच नहीं की। सूरतगढ़ के वार्ड नंबर 25 में 1620 वर्ग फुट का पट्टा नं 494 फ्री होल्ड जारी कर दिया।
परसराम भाटिया कुछ समय 120 दिन के लिए नगर पालिका सूरतगढ़ में अध्यक्ष रहे, तब यह पट्टा जारी किया था।
👌 ओमप्रकाश कलवा द्वारा दर्ज यह मुकदमा
बीएनएसएस 2023 की गैर जमाती धाराओं में है। ये धाराएं हैं 318 (4),316 (5),338, 336 (3), 340(2),198,20 और 61(2) हैं। ओमप्रकाश कालवा ने इसमें लिखाया है कि उनके अध्यक्षता काल में यह आवेदन आया लेकिन गलत होने के कारण पट्टा नहीं दिया और बाद में परसराम भाटिया ने यह पट्टा बना दिया।
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