* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 18 नवंबर 2025.
अतिक्रमण यहां नगरपालिका की भूमि पर और वोट बिहार में बने और डाले भी गये। नगरपालिका में अब पट्टे के लिए अतिक्रमण का नियमन नहीं हो सकेगा और उसके बिना पट्टा भी नहीं बनेगा। सूरतगढ़ निवासी की वोटर लीस्ट नहीं होगी तो सबूत भी नहीं होगा। मामला पट्टे बनवाने तक ही नहीं है बल्कि अब इससे आगे है कि ऐसे सारे अतिक्रमण टूटने की स्थिति आएगी। बिहार यूपी या अन्य किसी राज्य के निवास व वोटर होने के सबूत हैं तो वह यहां राजस्थान में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कैसे कर रहा है? उस पर मुकदमें की कार्वाई हो सकेगी और उसका अतिक्रमण भी तोड़ा जा सकेगा।
सूरतगढ़ की प्राचीन ढाब सूरत सागर के सभी अतिक्रमण तोड़े जा सकेंगे। ऐसे ही कच्ची बस्तियों में हजारों अतिक्रमण तोड़े जाकर सरकार की करोड़ों रूपये की कीमती, सड़कों किनारे की और प्रमुख इलाकों के भूखंड जमीनें अतिक्रमण मुक्त करवाए जा सकेंगे। बिहार यूपी या अन्य प्रदेश के वोटर राजस्थान में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके पट्टा कैसे ले सकेंगे? बाहरी लोग यहां किराए के मकानों में ही रह सकेंगे या फिर मकान भूखंड खरीद करो। अतिक्रमण न तो कर सकेंगे न पट्टा ले सकेंगे। बिहार में अब वोट देकर आए और मान लें कि वोट को चुनाव के बाद स्थानांतरित करवा लें लेकिन ऐसा करके अतिक्रमण करें तो पट्टा बनाने के लिए कम से कम 15 साल का अतिक्रमण और निवास होने का प्रमाण जरूरी है,जो तुरंत नहीं हो सकेगा। फिलहाल यह स्थिति ही है कि बाहर राज्य के वोटर हैं तो उनके अतिक्रमण टूटेंगे। अतिक्रमण का पट्टा बनाने उनका यहां का निवासी होने का फर्जी शपथपत्र देकर कोई भी फंसना नहीं चाहेगा।
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