रविवार, 23 नवंबर 2025

विधायक गुरवीरसिंह बराड़ ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बयान की कड़ी निंदा की

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

श्रीगंगानगर, 23 नवम्बर 2025.

विधायक गुरवीर सिंह बराड़ ने कहा कि सम्पूर्ण राष्ट्र धर्म, मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा हेतु अपने प्राणों का सर्वोच्च त्याग देने वाले गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धापूर्वक नमन कर रहा है। कश्मीरी पंडितों की रक्षा हेतु दिल्ली के चाँदनी चौक में दिया गया उनका बलिदान विश्व इतिहास में अद्वितीय है और उन्हें ‘‘हिंद की चादर’’ के रूप में अमर करता है।

 उन्होंने कहा कि सरवंशदानी गुरु गोविंद सिंह जी ने धर्म की रक्षा हेतु पूरे परिवार के प्राणों को न्योछावर कर दिया।

ऽ साहिबजादा अजीत सिंह जी (18 वर्ष)

ऽ साहिबजादा झुझार सिंह जी (14 वर्ष)

ऽ साहिबजादा ज़ोरावर सिंह जी (9 वर्ष)

ऽ साहिबजादा फतेह सिंह जी (7 वर्ष)

 जहाँ बड़े साहिबज़ादों ने धर्म की रक्षा हेतु चमकौर के रण में वीरता से लड़ते हुए शहादत दी, वहीं छोटे साहिबजादों ने मुग़लिया सल्तनत के नवाब वजीर ख़ान के धर्म बदलने के प्रस्ताव को ठुकराया जिसके कारण दीवार में चीनवा दिया गया और उन्होंने इतनी छोटी उम्र में धर्म की रक्षा हेतु प्राण न्योछावर करने का सर्वोपरि उदाहरण पेश किया। जिनके बलिदान को याद करते हुए हम वीर बाल दिवस मनाते हैं।

 विधायक बराड़ ने कहा कि हमारे गुरु साहिबानों के ये बलिदान स्पष्ट संदेश देते हैं कि धर्म, सत्य और मानवता की रक्षा सर्वोपरि है।

 उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्वी राज्यों में बड़ी संख्या में गेरक़ानूनी रूप से किये जा रहे धर्म परिवर्तन के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। वहीं पड़ोसी राज्य पंजाब में भी प्रलोभन, लालच और पाखंड दिखाकर ग़रीब सिख समुदाय के तक़रीबन 30 लाख लोगों का धर्म परिवर्तन करवाए जाने की घटना बेहद चिंता का विषय हैं। यह स्थिति सामाजिक ताने-बाने और धार्मिक सोहार्द लिए गंभीर खतरा है।

 विधायक बराड़ ने कहा की उनके द्वारा इस गंभीर मुद्दे को 31 जुलाई 2024 के दिन पर्ची के माध्यम से विधानसभा में उठाया गथा और सरकार ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया, और इन्हीं घटनाओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने प्रदेश में गेर क़ानूनन, लालच, प्रलोभन एवं पाखंड के माध्यम से किए जा रहे धर्म परिवर्तन पर प्रभावी रोक लगाने हेतु यह सख्त कानून विधानसभा में पारित कर लागू किया है, जो समयोचित एवं आवश्यक कदम है।

 विधायक बराड़ ने इस कानून के तहत जानकारी देते हुए बताया की बल, छलपूर्वक प्रलोभन देकर या विवाह द्वारा अवैध धर्मांतरण को सख्ती से रोका जाएगा। अवैध धर्मांतरण पर 7 से 14 वर्ष का कारावास व न्यूनतम 5 लाख रुपए जुर्माना, सामूहिक धर्मांतरण पर 20 वर्ष या आजीवन कारावास और 10 लाख रुपए जुर्माना लगेगा, साथ ही अवैध धर्मांतरण वाले स्थान को चिह्नित कर संपति जब्त या गिराए जाने का प्रावधान है। हाँ यदि कोई अपनी स्वेच्छा से धर्मांतरण करता है तो उसकी धार्मिक स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए एक पूर्ण प्रकिया को लागू किया गया है। ये सभी प्रावधान इस क़ानून को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाते है जो केवल अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए ही है।

 इसी संदर्भ में राजस्थान के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष द्वारा इस कानून के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान करने वाले बयान को विधायक बराड़ ने अत्यंत दुखद और निंदनीय बताया। उन्होंने कहाः

 ‘‘कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का यह बयान प्रदेश की जनता के धार्मिक सौहार्द व सामाजिक ताने बाने के स्थायित्व के विपरीत व अवैध धर्मांतरण करने वालो को प्रोत्साहन देने वाला। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ और उनसे आग्रह करता हूँ कि वे अविलंब अपना यह बयान वापस लें।’’

 विधायक बराड़ ने जनता से अपील की कि प्रदेश की सामाजिक एकता, आपसी भाईचारे की रक्षा में सभी को सहयोग करना चाहिए।o0o







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