सोमवार, 31 मार्च 2025
श्रीकुंडिया सारस्वत समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण शर्मा: धर्मशाला निर्माण पहले.
सूरतगढ़ 31 मार्च 2025.
श्री कुंडिया सारस्वत समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण शर्मा ने 30 सितंबर मार्च को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि धर्मशाला के रुके हुए कार्यों को पूरा करवाने में प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि श्री कुंडिया सारस्वत समाज विशाल समाज है और सभी को एक साथ लेकर के चलना है, समाज में छुटपुट घटनाएं होती रहती है। अभी पहला कार्य धर्मशाला संपूर्ण निर्माण का है जो अधूरा बीच में रुका हुआ है।
*प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष लक्ष्मण शर्मा मंत्री पवन कुमार तावनिया ने विचार रखे।
उपस्थिति में कोषाध्यक्ष लालचंद शर्मा, हरि प्रकाश, मदन ओझा शिव शंकर ओझा,कालूराम तावनिया,पूनम चंद तावनिया, सत्यनारायण तावणिया, सुरेंद्र ओझा, दीपेश कुमार, देवेंद्र शर्मा,सत्यनारायण सारस्वत, मुकेश तावनिया, अनिल शर्मा, चिरंजीलाल, हरिमोहन शर्मा पृथ्वीराज सारस्वा, कमल तावनिया और सुशील तांवणिरियां आदि उपस्थित हुए।०0०
रविवार, 30 मार्च 2025
सूरतगढ़.वार्डों के पुनर्गठन में बड़ा खेला:बहुतों की राजनीति खत्म हो जाएगी.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ नगरपालिका में भ्रष्टाचार चुप क्यों हैं भाजपा नेता?
* कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया का नगरपालिका अध्यक्षता काल और भ्रष्टाचार। कांग्रेस भाजपा दोनों चुप.
नगर पालिका सूरतगढ़ के 45 वार्डो का पुनर्गठन घोषित हो गया है जिसको लेकर राजनेताओं में और शहर में चर्चा है कि अनेक नेता और उनके परिवार जो अपने वार्डों को पैतृक संपत्ति के रूप में समझने लगे,अपने मठ समझने लगे,खुद को मठाधीश समझने लगे थे वे अब पुन:सीमांकन से चुनाव लड़े बिना ही हार गए हैं। ऐसे लग रहा है कि मानो उनकी जमानत ही जब्त हो गई है। *हालत यह रहे हैं कि अनेक वार्डों में जो पार्षद शाही चली उसके अनुसार चुनाव में लडूंगा, स्त्री की सीट आई तो मेरी पत्नी लड़ेगी,कुछ और परिवर्तन हुआ तो मेरी बहू को लड़ाएंगे लेकिन वार्ड की सत्ता को किसी भी हालत में अपने परिवार से बाहर जाने नहीं देंगे। मैं और मेरा परिवार बस इसके अलावा कोई व्यक्ति दूसरा टिकट मांगता ही क्यों है? चुनाव लड़ने की सोचता ही क्यों है? ऐसे परिवारों पर अब संकट सा गया है। ऐसे परिवार केवल एक पार्टी में नहीं भाजपा से संबंधित भी हैं और कांग्रेस से संबंधित हुए हैं। वे ही लड़ते हैं वे ही जीतते हैं। उनके ही नगरपालिका के कारनामे उजागर होते हैं या निकम्मापन साबित होता है। जानबूझकर किसी का काम नहीं करना भी साबित होता है। यह सब शहर की जनता देख रही थी।
👌 इस बार चुनाव में अध्यक्ष पद का चुनाव सीधे जनता से होगा या पहले पार्षद चुने जाएंगे और फिर पार्षद अपना अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनेंगे? यह अभी पर्दे के पीछे है। सरकार ने अभी कोई घोषणा नहीं की है लेकिन जिस तरह से वार्डों के पुनर्गठन की घोषणा के बाद चर्चा जनता में चल रही है उससे लगता है कि अनेक लोगों के सपने छिन गए हैं या टुकड़े-टुकड़े हो गए हैं।
**जहां से वोटो की पॉन्ड (पोटली) मिलती थी उसमें विभाजन हो गया है। अब थोड़े से वोटो से पार्षदशाही चलाने वाले जीत नहीं सकते। सच तो यह है कि ऐसे लोगों ने पार्षद बनने के बाद पालिका में वातावरण दूषित किया, जिसके कारण शहर के विकास कार्य नहीं हो पाए। जनता आज भी अच्छी सड़कों और सड़क गलियों में रात्रि बिजली के लिए परेशान है। वहीं मोदी जी का सफाई का सपना कदम कदम पर झूठा सा साबित हो रहा है। सड़कों गलियों में कचरे के ढेर हैं और नाले नालियों में गंदगी भरी पड़ी है,और डबल इंजन सरकार के प्रतिनिधि कोई भी बोल नहीं रहे हैं। आश्चर्य जनक तो यह है कि जिस प्रतिपक्ष कांग्रेस स्थान इंगित करते हुए बोलना चाहिए वह चुप है। सूरतगढ़ में कांग्रेस के विधायक हैं पार्टी है लेकिन वे और पदाधिकारी कुछ भी शिकायत करने को तैयार नहीं है। विधायक की दुखती रग और कांग्रेस की नाजुक हालत यह है कि कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया के कार्यकाल में 120 दिन में जो भ्रष्टाचार पट्टों से संबंधित मामले स्थानीय ब्लास्ट की आवाज में उजागर हुए उनमें इस लूट के अंदर कांग्रेसियों के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी जमकर भ्रष्टाचार किया। *फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी वोटर लिस्ट के आधार पर पट्टे प्राप्त करने वाले अब बुरी तरह से छटपटा रहे हैं कि किसी तरह से अखबार में न्यूज़ न छपे और लाखों रुपए की संपत्ति के मालिक बने रहें। परसराम भाटिया पर गलत ढंग से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पट्टे बांटने के बहुत बड़े आरोप हैं। अभी तो कुछ मामले ही खुले हैं। ऐसे मामले छापने से पहले रिकॉर्ड ले पाना ही बहुत बड़ा प्रयास होता है। भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड आसानी से नहीं मिलता।
पट्टे लेने वाले परिवार चुप हैं,भागदौड़ कर रहे हैं कि किसी तरह से मामले दबे रह जाएं।
* आश्चर्य तो यह है कि परसराम भाटिया कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष हैं जो 120 दिन नगरपालिका के अध्यक्ष के पद पर रहे।
👌परसराम भाटिया के अध्यक्ष कार्यकाल के भ्रष्टाचार उजागर होने पर स्थानीय विधायक डूंगर राम गेदर अपना मुंह खोल नहीं रहे हैं, बल्कि हर कार्यक्रम में परसराम भाटिया के बिना उनका पहिया 1 इंच भी घूम नहीं सकता। यहां बात केवल कांग्रेस की नहीं परसराम भाटिया के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अपनी फोटो, अपनी पत्नियों के फोटो चिपका के फर्जीवाड़ा करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी वोटर लिस्ट के आधार पर सूरतगढ़ का नागरिक बताते हुए पट्टे लिए और उनकी ही पार्टी राज व प्रशासन में परसराम भाटिया के घोटालों पर भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता चुप हैं। नगर मंडल यह मामले ऊपर दे सकता है। नगर मंडल अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष जिले के अन्य पदाधिकारी रह चुके नेता और नेता,मोर्चा के अध्यक्ष पदाधिकारी सभी ने अपने मुंह भयानक भ्रष्टाचार पर बंद कर रखे हैं।
क्या उनके मुंह बंद रखने से परसराम भाटिया बच सकेंगे?क्या उनके मुंह बंद रखने से जिन लोगों ने पति-पत्नी ने लाखों करोड़ों की जमीन प्राप्त की वे बच जाएंगे? यहां यह बताना उचित होगा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अभियान में गरीबों के लिए आवाज नहीं उठाई,अगर गरीबों की तरफ से आवाज उठाते गरीबों की सहायता करते तो उनको भी काबिज भूमि के पट्टे मिल जाते। कोई भी फाइल नगर पालिका में बाकी नहीं रहती। पट्टों के आवेदकों के साथ कुछ पार्षद जरूर नगर पालिका के चक्कर काटते रहे परेशान होते रहे जिन्होंने कुछ काम भी करवाए। लेकिन कांग्रेस बीजेपी पार्टियों की तरफ से किसी ने भी कभी कोशिश नहीं की। जो अपने आप को नेता समझते हैं उन्होंने भी कभी कोशिश नहीं की। इन सब की कोशिश एक ही है कि परसराम भाटिया के कार्यकाल में जो भ्रष्टाचार हुए उन पर बोला नहीं जाए लिखा नहीं जाए,सारे मामले दबे रहें। और जो लिखता है छपता है तो उसको झूठे मुकदमों में फंसाया जाए।
* परसराम भाटिया पर भ्रष्टाचार के मुकदमे सिटी थाने में महीनों से पैंडिंग पड़े हैं उन पर भाजपा के दिग्गज नेता कासनिया और उनकी टीम और पूर्व विधायक अशोक नागपाल
चुप हैं। * कांग्रेस से भाजपा में आए हनुमान मील,पूजा छाबड़ा आदि भी चुप हैं। आरोपों से घिरे होने के बावजूद परसराम भाटिया भाजपा नेताओं के मुंह में बार बार मुंह में उंगलियां फिराता चैलेंज करता है केस करता है। ताजा उदाहरण है विवेकानंद स्कूल जाखड़ावाली को सूरतगढ़ में भूमि आवंटन के नगरपालिका प्रस्ताव पर हाईकोर्ट से स्थगन करवाना। आरोप तो पहले ही लगाए जा रहे थे अब भाजपा सरकार तक के हाथ बांध दिए।
* फिलहाल शहर की नयी गर्मागर्म राजनीति पर चर्चा करें सोचें। नगरपालिका के वार्डों के पुनर्गठन में बहुत बड़ा खेला हो जाने की चर्चा जोरों पर है। बहुत से पुराने मठाधीशों की तो राजनीति खत्म हो जाएगी। नये नेताओं का उदय होगा और निकम्मे लोग पार्षदगी का चुनाव जीत नहीं पाएंगे। अनेकों को तो पार्टियां टिकट भी नहीं देंगी। मुख्य चुनावी युद्ध भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगा। नया समीकरण बनने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती।०0०
०0०
शनिवार, 29 मार्च 2025
बिना फार्मासिस्ट के कितने मेडिकल स्टोर?
* करणीदानसिंह राजपूत *
अनेक मेडिकल स्टोरों पर फार्मासिस्ट नहीं है। बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर चलाया नहीं जा सकता। फार्मासिस्ट की उपस्थिति जरूरी है। यहां अनेक मेडिकल स्टोरों ने फार्मासिस्ट के प्रमाण पत्र किराए पर यानि शुल्क पर लेकर को लगा रखा है। दवाओं के साल्ट के बारे में फार्मासिस्ट को जानकारी होती है। लेकिन दुकान मालिक या काऊंटर पर बैठे व्यक्ति को दवा के साल्ट के बारे में जानकारी नहीं होती। मेडिकल स्टोरों पर फार्मासिस्ट के बिना गड़बड़ी भी हो सकती है।
* सबसे बड़ा घोटाला यह है कि फार्मासिस्ट ने अपना लायसेंस मेडिकल स्टोर पर लगा रखा है, मतलब वहां कार्यरत है लेकिन असल में वह कहीं दूसरे स्थान पर नौकरी या कोई व्यवसाय कर रहा है। एक ही व्यक्ति दो जगह नौकरी कैसे संभव है?मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट का उपस्थिति रजिस्टर अनिवार्य हो ताकि दो जगह की उपस्थिति का भ्रष्टाचार बंद हो।
👌 जहां फार्मासिस्ट का लायसेंस किराये पर हो ,उन्हीं में से अनेक मेडिकल स्टोरों पर कमाई के लिए ड्रग नशे को बेचे जाने की शिकायतें होती है।
👌 ड्रग इंस्पेक्टर जब भी कार्रवाई करता है। मेडिकल स्टोर्स को कुछ दिनों के लिए बंद करते हैं। फार्मासिस्ट पर भी कार्वाई हो उस न्यूज के साथ फार्मासिस्ट का नाम भी अनिवार्य हो। जब जांच हो तब फार्मासिस्ट के बयान भी अनिवार्य रूप से लिए जाएं ताकि किराए पर लायसेंस का घपला बंद हो।
---
29 मार्च 2025.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
*****
०0०
राष्ट्र निर्माण में युवा महत्वपूर्ण:शरणपालसिंह मान
* करणीदानसिंह राजपूत *
श्रीगंगानगर, 29 मार्च 2025.
राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान दिवस साप्ताहिक महोत्सव के तहत शनिवार को रोजगार उत्सव एवं युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया। माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कोटा में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का वीसी के माध्यम से प्रसारण नई धानमंडी के दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन सभागार में किया गया। इस दौरान नवनियुक्त कार्मिकों ने नियुक्ति पत्र पाकर खिले चेहरों से माननीय मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में जिला कलक्टर डॉ. मंजू, एडीएम प्रशासन श्री सुभाष कुमार, एडीएम सतर्कता श्रीमती रीना, श्री शरणपालसिंह मान, जिला परिषद सीईओ श्री गिरधर, सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला, पीएमओ डॉ. दीपक मोंगा, श्री हिमांशु बिहाणी सहित अन्य मौजूद रहे। माननीय मुख्यमंत्री महोदय के संबोधन के पश्चात अतिथियों द्वारा नवनियुक्त चयनित कार्मिकों को वेलकम किट और नियुक्ति पत्र सौंपे गए। जिलाकलेक्टर मंजू एवं शरणपालसिंह मान ने नियुक्ति पत्र सौंपे।
* श्री शरणपालसिंह मान ने अपने संबोधन में नव नियुक्त कार्मिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रनिर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए युवा देश-प्रदेश के विकास में सकारात्मक योगदान दें। उन्होंने 30 मार्च को राजस्थान दिवस और नववर्ष की उपस्थितजनों को बधाई देते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री विकसित राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्ध हैं। युवाओं के सपने साकार करने के लिए मुख्यमंत्री निरंतर प्रयासरत हैं।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्कूल के विद्यार्थियों को 300 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तान्तरण कर स्किल नीति और युवा नीति का विमोचन किया गया। मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान के तहत जिला मुख्यालयों पर रोजगार मेलों का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक श्री हरीश मित्तल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री वीरेंद्र सिंह, सीडीईओ श्री गिरजेशकान्त शर्मा, डॉ. सुरेंद्र बिश्नोई, श्री दुष्यंत जैन, श्री प्रदीप धेरड़, श्री जयप्रकाश शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे। मंच संचालन श्री वेद पाहवा ने किया जबकि सीएमएचओ डॉ. सिंगला ने धन्यवाद जताया। ०0०
****