* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 13 अक्टूबर 2025. नगरपालिका का शहरी सेवा शिविर बड़ोपल रोड पर सामुदायिक भवन में लगा जिसमें काफी स्त्रियां और पुरूष अपने कार्यों के लिए पहुंच रहे थे।
नगरपालिका अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा व अन्य अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में कार्य निष्पादन हो रहे थे।
शिविर की एक सचित्र रिपोर्ट प्रस्तुत है।
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* करणीदानसिंह राजपूत.
सूरतगढ़. 13 अक्टूबर 2025.
नगरपालिका शिविर पर कांग्रेस ने धरणा लगाया है और बात में दम है। विधायक डुंगरराम गेदर ने धरणे पर कहा कि पिछली सरकार ने दिसंबर 2021 तक के अतिक्रमण का नियमन करने और पट्टे दिए जाने का आदेश दिया था ताकि गरीब अल्प आय मजदूर पेशा परिवारों को छत नसीब हो सके। इसमें कांग्रेस भाजपा पार्टियों का नहीं गरीब का काम हो जाने का था। अब सरकार सन् 2004 की सर्वे सूची में नाम होना ही मान रही है जिससे पट्टे नहीं बन रहे। इसके अलावा वार्ड 3 और 26 के पट्टे देने की मांग है।
👍 धरणे पर विधायक डुंगरराम गेदर,पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादु,ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया, एडवोकेट वेद वर्मा,नगेंद्र सिंह शेखावत व अन्य उपस्थित थे।०0०
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* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 12 अक्टूबर 2025.
सूरतगढ़ में शराबबंदी आंदोलन अब मरता हुआ नारा रह गया है। होटलों में मयखाने अनेक चल रहे थे कि आज एक और मयखाना खुलने का समाचार मिला। सत्ता नेता भी बधाई देने शुभकामनाएं देने हाजिर हुए। शराब ना पीने पिलाने की शपथ के कार्यक्रम भी चल रहे हैं और दारू पीने वालों की संख्या भी बढ रही है। शराब पीना किसने छोड़ा,कितनों ने छोड़ा, यह कोई शराबबंदीआंदोलनकारी बताता नहीं है। आरोप यह भी है कि आठ बजे शराबकी दुकानें ठेके बंद हो जाने चाहिए। लेकिन चोरी छिपे बेचने वालों को पकड़ना भी जरूरी है। इतना तो होना ही चाहिए कि जो शराबबंदी आंदोलन चलाए समिति में हो,वह तो ना पिए।
* राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर आमरण अनशन में अपने प्राण त्याग देने वाले सूरतगढ़ के विधायक गुरूशरण छाबड़़ा की प्रतिमा भी राजकीय चिकित्सालय के मुख्य द्वार के पास स्थापित है और वह निरंतर अनदेखी के कारण वह बगीचा उजड़ रहा है। उसे देखने तक की फुर्सत शराबबंदी आंदोलनकारियों को नहीं है। सूरतगढ़ में शराबबंदी नशामुक्ति हालात देखते अब नारा नाटक बन गया है।०0०
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* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 12 अक्टूबर 2025.
स्वदेशी जागरण मंच ने महाराणा प्रताप चौक पर संदेश दिया। भारतमाता जिंदाबाद और वदे मातरम के नारे लगाए गए। स्वदेशी उत्पादन अपनाने का कहा गया। प्रदर्शन में करीब 18 जने जिनमें दो व्यापारी संघों के अध्यक्ष शामिल रहे। यही नारे लगाने वाले और यही नारे सुनने वाले रहे। पानी की चार पांच छोटी बोतलें पैरों से कुचल कर यह प्रदर्शन किया गया।
* मंच को अपने सदस्यों की संख्या में वृद्धि करनी चाहिए। एक लाख से अधिक शहर की जनसंख्या है और उसमें ऐसे प्रदर्शन जो लोग देखते हैं वे शक्ति का अनुमान लगाते हुए आलोचना करते हैं। एक लाख की जनसंख्या में कम से कम 100 की संख्या तो प्रदर्शन में होनी ही चाहिए। आज रविवार की शाम थी अगर अन्य वार होता, बाजार भी खुला होता तब क्या संदेश जाता? जो आए वे अपने साथ दस बारह और लोगों को लाते तो प्रदर्शन कुछ सार्थक नजर आता।
भाजपा बड़ी पार्टी है,लेकिन उसके पदाधिकारी कार्यकर्ता इसमें नजर नहीं आए। भाजपा अपने अग्रिम संगठनों से नये नये कार्यक्रम चलाती है,ऐसे में कार्यक्रमों में उपस्थिति अच्छी होनी चाहिए। हर आयु के लोग भी होने चाहिए। घरों में वस्तुओं का इस्तेमाल महिलाएं करती है तो उनकी संख्या भी तो होनी चाहिए। यह प्रदर्शन फीका और एकदम फीका रहा।०0०
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* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 11 अक्टूबर 2025.
राजस्थान के उदयपुर में विकास प्राधिकरण ने दस अक्टूबर को 35 दुकानों को नोटिस चिपका कर सीज कर अपने कब्जे में ले लिया। दुकान मालिकों ने ये निर्माण बिना पूर्ण स्वीकृति के किया था। विकास प्राधिकरण ने निर्माताओं को पहले नोटिस दिए थे। इसके बाद सीज की कार्वाई हुई जिसकी पहले आशा नहीं थी। प्राधिकरण की इस कार्वाई के बाद बाजार में हड़कंप मच गया।
* सूरतगढ़ में बीकानेर रोड पर अरोड़ वंश भवन के निर्माण पर आपत्ति और शिकायत है। सामाजिक कार्य के बजाय सड़क की तरफ दुकानें बनाई गई और पट्टे की जमीन से अधिक सड़क भूमि पर निर्माण है। इसकी कार्वाई नगरपालिका प्रशासन ने अधर में लटका रखी है।
* सूरतगढ़ में बीकानेर रोड पर श्री कुंडिया ब्राह्मण समाज की धर्मशाला में सड़क की ओर बिना स्वीकृति के दुकानों का अवैध निर्माण कर लिया गया। समाज के कुछ लोगों ने दुकानों के निर्माण पर आपत्ति की और कार्वाई की मांग की। वर्तमान नगरपालिका प्रशासन ने सीज की कार्वाई या अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्वाई को ऐन सिरे पर आने के बाद अपनी मर्जी से बीच में लटका कर छोड़ रखा है। शिकायत कर्ताओं ने सख्त कार्वाई की मांग कर रखी है।
शिकायत कर्ता लगातार ईओ पूजा शर्मा व प्रशासक एसडीएम भरत विजय प्रकाश मीणा से कार्वाई की मांग करते रहे हैं।
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* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़,11 अक्टूबर 2025.
घग्घर बाढ के अधिक पानी की किसानों को जरूरत नहीं लेकिन विरोध के बावजूद अभी रंगमहल एस्केप से बहाव क्षेत्र में सिंचाई विभाग के अधिकारी जबर्दस्ती मनमानी पानी छोड़ रहे हैं जिससे करोड़ों की फसल को नुकसान होने वाला है। किसानों की मांग को सही ढंग से सुना नहीं जा रहा। प्रशासनिक अधिकारी सूरतगढ़ के एसडीएम, एडीएम,जिलाकलेक्टर श्रीगंगानगर, संभागीय आयुक्त बीकानेर के समक्ष किसानों ने अवगत करा दिया और रंगमहल एस्केप से पानी छोड़ना बंद करने की मांग भी रखी लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों की धौंस और मनमर्जी सारे प्रशासन पर भारी पड़ रही है। घग्घर में पानी अधिक है और मांग नहीं है तो पानी केवल और केवल घग्घर डिप्रेशनों में ही डाला जाए जो वर्षों पहले की बनी हुई और स्वीकृत योजना है।
घग्गर डिप्रेशन अभी पूरे भरे नहीं है और काफी खाली पड़े हैं।
घग्घर डिप्रेशनों की योजना संग्रहित लाखों घनफुट पानी भविष्य में सिंचाई के लिए दिए जाने की है। डिप्रेशनों में सूरतगढ़ में क्षेत्र करीब 7000 बीघा और रावतसर तहसील क्षेत्र में 1000 के करीब सरकार द्वारा अधिकृत क्षेत्र है।
* घग्गर में अत्यधिक पानी आने और बाढ़ से गांव और खेतों में भारी नुकसान हुआ करता था तब सन 19 64 में घग्घर बाढ नियंत्रण की योजना बनी थी। सन 1967 में सूरतगढ़ तहसील और रावतसर तहसील के क्षेत्र के गहराई वाले टिब्बा क्षेत्रों को सरकार ने अधिग्रहित किया। अधिग्रहित खेतों के मालिक किसानों को यहां से अन्यत्र स्थानांतरण मिला। श्रीबिजयनगर अनूपगढ़ घड़साना आदि तहसीलों में स्थानांतरित जमीनों पर जाकर के किसान बस गए और खेती करने लगे। सरकार ने जो डिप्रेशन अधिग्रहण किये थे वे सभी पूर्ण रूप से समुद्र की ऊंचाई के तल एक लेवल पर निर्धारित किये गये थे, कि उक्त ऊंचाई तक कोई फसलें नहीं बोई जाएगी और वह क्षेत्र ही अधिकृत किया गया था। अधिकरण के बाद में जब बहुत अधिक वर्षा हुई तब घग्घर क्षेत्र में पानी अधिक नहीं छोड़ा गया और डिप्रेशनों में यानी कृत्रिम झीलों में छोड़ा गया। सूरतगढ़ के पास में कट नंबर 15 जो रेल मार्ग और सड़क मार्ग पर बने हुए पुल है वहां पर रेगुलेशन सिस्टम है वहां से सूरतगढ़ के नजदीक तक डिप्रेशनों में भरा भी गया। सभी झीलें भरी गई थी। इसके बाद में अनेक बार पानी कम आया तब इन झीलों में पानी नहीं डाला गया या कम डाला गया था।
झीलों के बनाने का एक बड़ा उद्देश्य यह था कि इनको भरने के बाद में जो पानी है उसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा किसानों को जब जरूरत होगी तब सूरतगढ़ के पास से बने हुए चैनल से और रंग महल एस्केप से पानी घग्घर बहाव क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। अनेक बार घग्घर नदी में पानी नहीं आया कम आया तब बहाव क्षेत्र और करणी जी नहर क्षेत्र में चावल की फसल को बचाने और पकाने के लिए पानी छोड़ा गया। घग्गर बहाव क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर से भी पानी छोड़ा गया था। यह प्रक्रिया समुचित ढंग से किसानों की फसल बचाने राष्ट्र का नुकसान होने से बचाने के लिए चल रही थी। सूरतगढ़ के पास मानकसर सड़क पुल के पास में लिंक बनाए गए जो पीएनबी लिंक नहर और आगे करणी जी नहर लिंक को जोड़ने वाले हैं। ताकि आगे के क्षेत्र को पानी घग्घर बहाव क्षेत्र से दिया जा सके और कृत्रिम झीलों से दिया जा सके।
*अभी सन् 2025 के अंदर घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी काफी अधिक आया और बरसात भी बहुत हुई है इसलिए घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी की अभी आवश्यकता नहीं है।
बहुत अधिक मात्रा में छोड़े जाने से किसानों को निश्चित रूप से नुकसान होगा और वह राष्ट्र का नुकसान है।
घग्घर नदी में पानी अभी अधिक आ रहा है तो वह इंदिरा लिंक साइफन बना हुआ है उससे इंदिरा गांधी नहर में डाला जा सकता है तथा जीडीसी नहर से इन डिप्रेशनों में डाला जाए। डिप्रेशन अभी काफी दूरी तक खाली पड़े हैं। इनमें पानी भरा जाएगा तो वह भविष्य में काम आएगा।
आश्चर्यजनक यह है कि कुछ दिन पहले रंग महल एस्केप से घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी छोड़ा गया और वह बिना मांग के छोड़ा गया। अब घग्घर बहाव क्षेत्र के किसान निरंतर मांग कर रहे हैं कि रंग महल एस्केप से पानी बंद कर दिया जाए लेकिन राजस्थान सरकार के प्रशासनिक अधिकारी जिनको विधि वत ज्ञापनों के माध्यम से मांग पत्रों के माध्यम से किसानों ने अवगत कराया लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता अधीक्षण अभियंता अधिशासी अभियंता आदि सभी अधिकारियों को मालूम है कि रंग महल एस्केप से पानी बहाव क्षेत्र में छोड़ना गलत है और बनी हुई योजना के तहत पानी घग्गर की इन कृत्रिम झीलों यानि डिप्रेशन में छोड़ा जाना चाहिए लेकिन वह बहुत बड़े घोटाले के कारण षड्यंत्र के कारण पानी डिप्रेशनों में नहीं छोड़ रहे हैं। सरकार ने जो जमीन अधिगृहीत की थी वहां
बड़े रूप में भूमाफिया अवैध खेती कर रहे हैं।
अवैध रूप से खेती होती है उसकी करोड़ों रुपए की खेती में नेताओं शह होती है। अवैध खेती अवैध भूमि अतिक्रमण वालों की कोठियां हैं कारें हैं और करोड़ों की सम्पतियां हैं।
* डिप्रेशनों में पानी डाला जाता है तो अवैध खेत फसलें डूबती हैं। अवैध खेती करने वाले इन भूमाफिया किसानों को बचाना है और अवैध खेती बचानी है और इस गैरकानूनी कार्य के लिए घग्घर बहाव क्षेत्र में जबर्दस्ती से पानी छोड़ा जा रहा है। किसानों की आवाज है कि
रंगमहल एस्केप से घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी डालना तुरंत बंद किया जाए लेकिन एक पखवाड़ा बीत रहा है यह पानी बंद नहीं किया जा रहा।
* इस क्षेत्र में राजनीति करने वाले हर नेता को सत्ता और विपक्ष को अवैध खेती का मालुम है।
सूरतगढ़ से विजयी कांग्रेस के विधायक बने डुंगरराम गेदर को यह सच्च मालुम है। भाजपा के हारे हुए पूर्व में राज्य मंत्री रहे रामप्रताप कासनिया को मालुम है। कासनिया ही यहां शासन चला रहे हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह को भी यह सब मालुम है। यहां के हर सरपंच पंच जीते हारे सभी को मालुम है।
यह वोट की खेती है। लेकिन इसमें सही और वैध किसानों पर मार है।
*विभागों में फैले भ्रष्टाचार के कारण आवाप्त भूमि सिंचाई विभाग के खाते में दर्ज नहीं हुई। राजस्व विभाग की मिलीभगत और सिंचाई विभाग की ढील है जिससे माफिया अवैध खेती कर रहे हैं। ( पूर्व विधायक स.हरचंद सिंह सिद्धू ने 22 दिसंबर 2023 को सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा से भेंट कर घग्घर डिप्रेशनों की अधिग्रहित भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में सिंचाई विभाग के नाम से दर्ज करवाने की मांग की थी। अवैध खेती का भी बताया था। मैं पत्रकार भी उस बातचीत में उपस्थित था)
*अधिकारिक रूप में जिला कलेक्टर को यह सच्ची रिपोर्ट सरकार को पहुंचानी चाहिए। वर्तमान में श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर डा.मंजू का यह दायित्व बनता है। सभी कामों से पहले रंगमहल एस्केप से पानी छोड़ना बंद करवाया जाए।
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करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 61 वर्ष का अनुभव,
(राजस्थान सरकार द्वारा अधिस्वीकृत लाईफ टाईम)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356.
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सूरतगढ़ 10 अक्टूबर 2025
हर्ष कॉन्वेंट स्कूल, सूरतगढ़ के छात्र-छात्राओं ने राज्य स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर शहर का नाम रोशन किया है।
* ऋषभ वर्मा का चयन अंडर-14 श्रेणी के राष्ट्रीय इनलाइन रोलर स्केटिंग प्रशिक्षण शिविर (National Camp) के लिए हुआ है।
🥉अन्य खिलाड़ियों की उपलब्धियाँ
• काश्वी मोशलपुर्या ने अंडर-14 आयु वर्ग में दो ब्रॉन्ज़ मेडल जीतकर विद्यालय का मान बढ़ाया है।
• निहारिका ने अंडर-17 आयु वर्ग में एक ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल कर हर्ष कॉन्वेंट का परचम बुलंद किया।
राष्ट्रीय चयन और पदकों की इस ऐतिहासिक सफलता के बाद खिलाड़ियों के सूरतगढ़ लौटने पर रेलवे स्टेशन पर फूलों की वर्षा और जयकारों से स्वागत किया गया।
हर्ष कॉन्वेंट स्कूल के चेयरमैन अनिल धानुका ने स्वयं स्टेशन पहुँचकर इन युवा खिलाड़ियों और उनके कोच श्री सोनू जेडिया का शॉल एवं फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।
अनिल धानुका ने कहा —
“ऋषभ, काश्वी और निहारिका की सफलता पूरे हर्ष परिवार और सूरतगढ़ नगर के लिए गर्व की ध्वजा है। ये प्रतिभाएँ समाज के सुनहरे भविष्य की सजीव मिसाल हैं।”
🎯 कोच की प्रेरणादायक बात
कोच सोनू जेडिया ने कहा —
“इन खिलाड़ियों ने कठिन परिश्रम और अनुशासन से यह मुकाम हासिल किया है। आने वाले समय में ये और भी बड़ी सफलताओं का इतिहास रचेंगे।”
🏅 विद्यालय की प्राचार्या का वक्तव्य
विद्यालय के प्रबंधक ने भी कहा कि —
“विद्यालय सदैव विद्यार्थियों को शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु प्रेरित करता रहेगा। यह उपलब्धि उसी प्रयास का परिणाम है।”
ऋषभ, काश्वी और निहारिका की इस सफलता पर विद्यालय परिवार, शिक्षकों, सहपाठियों और अभिभावकों ने हर्ष व्यक्त किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की।o0o
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 10 अक्टूबर 2025.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिक निरीक्षण में यहां संचालकों से सख्त कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है जो शीघ्र करवालें अन्यथा उनके चिकित्सालय या लेबोरेट्री सीज कर दिए जाएंगे। यह निरीक्षण 9 अक्टूबर को किया गया। चिकित्सालय में अग्निशमन उपकरण प्रणाली लगानी भी अनिवार्य है,रजिस्ट्रेशन में जरूरी है। मेडिकल कचरा नियमानुसार निस्तारण का भी पंजियन जरूरी है। मेडिकल कचरा कहीं भी फेंक नहीं सकते जहां निस्तारण किया जाता है वहीं देना जरूरी है। चिकित्सालय का पंजियन तुरंत कराने के निर्देश दिए गए हैं।०0०