गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025

कासनिया के स्कूल को भूमि.पक्ष मजबूत विरोध कमजोर

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

भाजपा नेता संदीप कासनिया के विवेकानंद स्कूल को भूमि आवंटन का विरोध कांग्रेस पार्टी में केवल दो जने विधायक डुंगर राम गेदर और ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया कर रहे हैं और भाजपा में कोई विरोध नहीं है। कांग्रेस में पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादु बड़े नेताओं में है और उनका कासनिया स्कूल को भूमि मिलने का कोई विरोध नहीं है। कांग्रेस का कोई नेता विरोध में नहीं है। कांग्रेस में हैसियत रखने वाले वरिष्ठ नेता बलराम वर्मा और राजाराम गोदारा का विरोध भी कहीं सामने नहीं है। भाजपा के नेताओं में पूर्व विधायक अशोकनागपाल जिलाध्यक्ष स.शरणपालसिंह मान का भी विरोध नहीं है। नगरपालिका के निवृत हुए अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा और पूर्व अध्यक्षों में आरती शर्मा, काजल छाबड़ा का विरोध नहीं है। कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल और विधानसभा चुनाव लड़ चुके हनुमान मील का भी विरोध नहीं है। भाजपा नेताओं नेतियों का जब विरोध नहीं है तो मतलब यही निकलता है कि भूमि का आवंटन और कब्जा कासनिया स्कूल को हो जाए। भाजपा की सरकार है, सत्ता है सो कांग्रेस के एक विधायक और एक ब्लॉक अध्यक्ष का विरोध भूमि आवंटन में शून्य सरीखा है। सत्ता चाहे तब ऐसे विरोध कागजी विरोध होते हैं जिनकी गिनती कभी भी सत्ता की ओर से नहीं होती।

डूंगराम गेदर विधानसभा में यह मामला उठा सकते हैं और हो सकता है तब तक भूमि आवंटन मंत्री से मंजूर हो जाए। कांग्रेस इसका जमीनी विरोध करती है तो उसके बीस पच्चीस व्यक्तियों से अधिक की उपस्थिति संभव नहीं, क्योंकि पिछले सभी प्रदर्शन ऐसे ही हो पाए हैं। डूंगराम गेदर पर भी प्रमाणिक चर्चा कर ली जाए तो अच्छा रहेगा कि भ्रष्टाचार और गलत कार्यों को वे दोहरी नजर से देखते हैं और उसके अनुरूप ही कार्य करते हैं। संदीप कासनिया के स्कूल को जमीन आवंटित करना गलत है लेकिन  परसराम भाटिया द्वारा नगरपालिका की करोड़ों रूपये की जमीनें घोटालों में आवंटित कर देना सही है। परसराम भाटिया के घोटाले अखबारों में चैनलों पर चलते हैं,छिपे नहीं है लेकिन उन पर विधायक गेदर चुप हैं। परसराम भाटिया को घोटालों की छूट रही है। 

राजनैतिक हालात मित्रता दुश्मनी साझेदारी आदि को सूरतगढ़ में समझना बहुत कठिन है। 

* परसराम भाटिया के भ्रष्टाचारों घोटालों पर सरकार से एक्शन एक क्षण में  पूर्व मंत्री रामप्रताप कासनिया और जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान करवा सकते हैं लेकिन गंभीरता से सोचिये कि परसराम भाटिया के विरुद्ध कोई कार्वाई नहीं करा रहे। और सोचिये कि परसराम भाटिया के विरूद्ध सूरतगढ़ सिटी थाने में दर्ज मुकदमों में फाईलों में गति नहीं है। और उनको गति दिलवाने में रामप्रताप कासनिया और उनका बेटा संदीप कासनिया एकदम चुप हैं। ये चाहते तो अब तक दो तीन मुकदमों में न्यायालय में चार्जशीट पेश हो चुकी होती। परसराम भाटिया के भ्रष्टाचारों पर भाजपा सारी ही चुप है। सभी मंत्रियों से भेंट रखने वाली पूजा छाबड़ा भी भाटिया और नगरपालिका भ्रष्टाचारों पर चुप क्यों है? 

परसराम भाटिया का अदालत में एक चालान भी होता है तो भाजपा मजबूत होती है लेकिन और चुप्पी साधारण नहीं सभी की तिकड़म है। जनता समझे ना समझे लेकिन यह खेल कांग्रेस के नेता और भाजपा के नेता सभी समझ रहे हैं। भ्रष्टाचारी गलत सलत कर मिल कर खाते रहें और जो इसमें शामिल नहीं हो तो वह अपने हित या बिना हित चुप रहे बस। स्कूल को तो केवल 4 बीघा भूमि है। शहर के कुछ नेताओं की मिलीभगती से कुछ नेताओं की चुप्पी से करोड़ों रूपये की हजारों बीघा जमीन अतिक्रमण, कालोनियों में आसपास अतिक्रमण आदि की भेंट चढ चुकी है। सभी ने भ्रष्टाचार की चद्दर के नीचे धूप बरसात में शरण ली है। सूरतगढ़ 30 अक्टूबर 2025.








रविवार, 26 अक्टूबर 2025

अंधा पीसे कुत्ता खाए. नगरपालिका में बड़े घोटाले.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 26 अक्टूबर 2025.

भाजपा के नेताओं नेतियों,सूरतगढ़ संचालक,प्रतिपक्ष की घर बैठे अपनी और अपने लोगों की राजनीति से नगरपालिका में बड़े बड़े घोटाले हो गये और अभी हो रहे हैं। बहुत बड़ी बड़ी लूट से नगरपालिका कोष को करोड़ों नहीं अरबों रूपये का नुकसान पहुंचा कर लोगों ने अपने महल खड़े कर लिए हैं। 

आज मैं करणीदानसिंह राजपूत और ब्लास्ट की आवाज के संपादक महेंद्र सिंह जाटव ने नगरपालिका के बहुत बड़े क्षेत्र,कालोनियां, सीवरेज पानी,सड़कें आदि अवैध बस्तियों का गहराई से निरीक्षण किया। फोटो विडिओ भी बनाए। नगरपालिका की हालत यह है कि अंधा पीसे कुत्ता खाए। कोई भी भाजपा नेता नहीं बोल रहा। यहां के संचालक की तो जिम्मेदारी है ही लेकिन जो अन्य नेता हैं उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को अंंधे कुए में क्यों डाल रखा है? नगरपालिका के बाबत जिला कलेक्टर डा.मंजू,सूरतगढ़ के अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीनानाथ बब्बल,एसडीएम भरत जयप्रकाश मीणा को जो भी शिकायतें हुई हैं उनपर एक पर भी इन्होंने सख्त कार्वाई नहीं की और मौका निरीक्षण नहीं किया। हर शिकायत दबाई जाती रही। नगरपालिका की शिकायतें नगरपालिका क़ ही भिजवाते रहे। एसडीएम जो प्रशासक हैं, वे हर मामला बीच में हघ लटकाते रहे हैं। सूरतगढ़ को घोटालों से निचोड़ कर रख दिया गया है। रामप्रताप कासनिया और उनके पुत्र भाजपा के नेता संदीप कासनिया देखना नहीं चाहते लेकिन सत्ता का संचालन अपने हाथ में रखना चाहते हैं। नगरपालिका एक के हालात ही घोटालों से भरे हैं तो अन्य हालात क्या होंगे? ये शहर के हालात को लूट को देखना नहीं चाहते,रोकना नहीं चाहते लेकिन पूर्व विधायक अशोक नागपाल की भी तो आंखें खुली रखने की जिम्मेदारी है। नागपाल बड़े घोटालों पर कार्वाई कर सकते हैं और उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा सकते हैं। कोई भी नहीं बोले तो जिलाध्यक्ष स.शरणपालसिंह मान की तो ड्युटी बनती है कि वे इस शहर के निवासी हैं और जयपुर में सही हालात लिखित में देकर बदलाव करा सकते हैं और घोटाले रुकवा सकते हैं।

ये घोटाले हमें मालुम पड़ जाते हैं तो भाजपा नेताओं नेतियों को भी कुछ तो मालुम पड़ता ही होगा। भाजपा के संचालक और नेता नींद त्याग करें नहीं तो वे भी नींद में सब कुछ खो देंगे।०0०



लोकतंत्र सेनानी करणीदानसिंह राजपूत का सम्मान.राजनीति पर चर्चा.

 

सूरतगढ़ 26 अक्टूबर 2025.

राजस्थान सरकार से लोकतंत्र सेनानी सम्मान से विभूषित करणीदानसिंह राजपूत वरिष्ठ पत्रकार को भाजपा नेताओं  नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती काजल छाबड़ा एवं पूर्व पार्षद सुनील छाबड़ा द्वारा सम्मानित किया गया। राजपूत को साफा और शाल ओढाया। सभी ने आपस में मिष्ठान खिलाया । यह सम्मान छाबड़ा निवास पर 26 अक्टूबर 2025 रविवार को हुआ। सूरतगढ़ शहर के विकास और राजनीति पर भी चर्चा हुई। भाजपा के कार्यक्रमों में श्रीमती काजल छाबड़ा की उपस्थित और कार्यों में सर्वाधिक भाग लेते रहने की भी खास चर्चा हुई।०0०


सूरतगढ़. आवासीय में शापिंग काम्प्लेक्स निर्माण.




* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 26 अक्टूबर 2025.

मुख्य सड़क पर आवासीय में शॉपिंग काम्प्लेक्स निर्माण कई दिनों से हो रहा है। यह स्थान वार्ड नं 26 में मुख्य सड़क पर है और नगरपालिका प्रशासन, सफाई कर्मचारी, सफाई इंस्पेक्टर,अतिक्रमण रोधी दस्ते की नजर में नहीं है, बाकी सब की नजरों में है। इसी स्थान के बीस फुट की ही दूरी पर से नगरपालिका ने मुकेश का अतिक्रमण दो बार हटाकर पालिका संपत्ति का बोर्ड लगाया था जहां अभी झाड़ झंखाड़ उगे हैं। यहां बन रहा शॉपिंग काम्प्लेक्स नगरपालिका स्टाफ और प्रशासन की नजरों में आने से चूक कैसे गया? यह निर्माण अवैध हो रहा है तो नगरपालिका प्रशासन तुरंत ही कार्वाई करे या बताए कि व्यावसायिक निर्माण की अनुमति जारी है व इसकी रकम नगरपालिका कोष में जमा है। इसी रोड पर परसराम भाटिया के नगरपालिका अध्यक्ष कार्यकाल में फर्जी दस्तावेजों से जारी पट्टा वाला मकान भी है जिसका लेने वाला यहां बसा नहीं वह सूरतगढ़ शहर का नागरिक भी नहीं।०0०






शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

सूरतगढ़: ट्रैफिक पुलिस गुमटी. सौ प्रतिशत गलत जगह.एपेक्स क्लब का प्रचार.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 25 अक्टूबर 2025.

महाराणा प्रताप चौक पर एपेक्स क्लब की ओर से लगाई गई ट्रैफिक पुलिस गुमटी सौ प्रतिशत गलत जगह पर लगाई गई है। दीपावली पर्व पर यह ट्रैफिक पुलिस ने लगवाई। गुमटी सड़क के बीच में होती है जहां वाहन सही घुमाव से दूसरी ओर ले जाया जा सके। लेकिन यह गुमटी एपेक्स क्लब ने गलत जगह लगाई। रेलवे स्टेशन से महाराणा प्रताप चौक होकर पुरानी धान मंडी जाने वाले को गुमटी से घुमाव लेते परेशानी होती है। आसानी से घुमाव ले ही नहीं सकता। मौके पर इस स्थिति को समझा जा सकता है कि गुमटी गलत जगह लगाई गई है। 


एपेक्स क्लब शहर के बीच में केवल अपने नाम प्रचार के लिए यह कार्य कर चुका है जिससे भविष्य में दुर्घटनाएं होने का खतरा हो गया है। इसमें ट्रैफिक पुलिस की गलत सहमति है। दुर्घटनाओं की पूरी जिम्मेदारी एपेक्स क्लब अध्यक्ष, कार्यकारिणी की होगी और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। एपेक्स को यहां इसी स्थान पर गुमटी लगाने की कोई अधिकारिक स्वीकृति है तो वह अधिकृत अनुमति पत्र ले लेना चाहिए ताकि भविष्य में जिम्मेदारी में इस्तेमाल हो सके।

* करीब 40-45 साल पहले यहां सड़क बीच में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए गोल चौकी बनवाई गई और उससे वाहन टकराते। उसके विरोध और हटाने की मांग के बाद वह हटाई गई। यहां सड़कें चौड़ी नहीं है कि उनके बीच में गुमटी लगे। 

👌 ट्रैफिक पुलिस सड़क के बीच सब्जी की 2  दुकानें नहीं हटवा रही। लोग देख लें हर शाम यह घोटाला।०0०


शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025

दो लोकतंत्र सेनानियों पूर्व विधायक सिद्धु व राजपूत से वार्ता.

 

सूरतगढ़ 24 अक्टूबर 2025.

लोकतंत्र सेनानियों स. हरचंद सिंह सिद्धु एवं करणीदानसिंह राजपूत तथा निवृत हुए  नगरपालिका सूरतगढ़ के अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के मध्य सूरतगढ़ के विकास, राजनीति और आने वाले नगरपालिका व पंचायत चुनाव पर बातचीत हुई। सूरतगढ़ में प्रशासनिक हालात, भ्रष्टाचार अपराध की बढती घटनाओं, भूमाफिया, करोड़ों की भूमि इधर उधर होने के बारे मे बातचीत हुई। नगरपालिका के वर्तमान  प्रशासनिक हालात पर भी चर्चा हुई। माना गया कि सूरतगढ़ के विकास के लिए बहुत बदलाव की जरूरत है जो नये ऊर्जावान नेताओं के बिना संभव नहीं है। विभिन्न दल और वर्तमान नेताओं के द्वारा सूरतगढ़ के विकास, समस्याओं आदि पर ध्यान और कार्य बहुत कम है। यह बातचीत करीब एक घंटा हुई।ओमप्रकाश कालवा ने 87 वर्षीय लोकतंत्र सेनानी स.हरचंद सिंह सिद्धु से चरणस्पर्श कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया।o0o


बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

दीपावली की रात में आतिशबाजी का आनंद.

 

करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़। दीपावली की रात अमावस्या के अंधेरे में रोशनी की चमक दमक में आतिशबाजी का आनंद। अट्टालिकाओं भवनों पर परिवार उपस्थित। दूर दूर तक आकाश में रंग बिरंगे सितारे और बजते पटाखे। धमाके। 


















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रविवार, 19 अक्टूबर 2025

रंग बदलता रोशन हररात दीपावली सा सूरतगढ़ स्टेशन.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 19 अक्टूबर 2025.

सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन अमृत योजना से नये रूप में सजा है। रंग बदलता हर रात्रि दीपावली सा रोशन नयनाभिराम लगता है। पहली बार स्टेशन आने वाले कौतुहल से देखते हैं। आप भी देखें बदलते रंग रोशन।







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हे दीप,देश को भ्रष्टाचार अनाचार से मुक्त करते रहना: कविता:- करणीदानसिंह राजपूत.

 



हे दीप,

देश को रोशन करते रहना 

भ्रष्टाचार अनाचार से 

मुक्त करते रहना। 


अनेक भ्रष्टाचारी अत्याचारी

फैलाते रहते हैं अंधकार

तुम्हारी ज्योति से होता रहे

उन सब का अंतिम संस्कार।


तुम जलते रहना देश में चहुंओर 

तुम रोशन करते रहना 

देश की हर डगर

जहां से गुजरे नौजवान 

देशभक्ति की अलख जगाते

सीमा पर पहुंचते रहें

सैनिक रक्षक बनकर।


हे दीप,

देश को रोशन करते रहना

तुम्हें नमन करते हैं 

देश के सभी नर नारी।


तुम ही हो शांति प्रिय

असल उद्धारक 

देश में अमृत प्रकाश

फैलाने वाले।


तुम्हारी ज्योति ही

दिखलाएगी

सच्च का मार्ग

तुम्हारी ज्योति ही 

जयघोष के साथ 

लाएगी रामराज्य!

***

दीपावली की शुभकामनाएं!

प्रथम 24 अक्टूबर 2022.

अपडेट 19 अक्टूबर 2025.


करणीदानसिंह राजपूत,

विजय श्री करणी भवन,

सूर्यवंशी स्कूल के पास,

मिनी मार्केट,

सूरतगढ़।

94143 81356.

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मेरा 81 और पत्रकारिता 62 वें वर्ष में प्रवेश:करणीदानसिंह राजपूत

      




^( माँ हीरा और पिता रतनसिंहजी की सीख तूं चलते जाना निर्भय होकर-पीड़ितों की आवाज बन कर:^)
.......

पत्रकारिता एवं लेखन के वर्षों के संघर्ष और आनन्ददायी अनुभवों व महान लेखकों पत्रकारों की रचनाओं को पढ़ते और उनसे मिलते हुए मेरे जीवन के 80 वर्ष पूर्ण हुए एवं 19 अक्टूबर 2024 को 81 वें वर्ष में प्रवेश की सुखद अनुभूति।

सीमान्त क्षेत्र का छोटा सा गांव जो अब अच्छा कस्बा बन गया है अनूपगढ़ जिसमें मेरा जन्म हुआ। 
माता पिता हीरा रतनसिंह ने और परिवार जनों ने वह दिया जिसके लिए कह सकता हूं कि मेरी माँ बहुत समझदार थी और पिता ने संषर्घ पथ पर चलने की सीख दी।

मेरा पहला लेख 'जल - जीवन और  स्वास्थ्य  का दाता' साप्ताहिक ज्वाला जयपुर में 15 जुलाई 1965 को प्रकाशित हुआ। 
सन् 1965 में दैनिक वीर अर्जुन नई दिल्ली में खूब छपा और सरिता ग्रुप जो बड़ा ग्रुप आज भी है उसमें छपने के शुभारंभ का गौरव मिला।
हिन्दी की अनेक पत्रिकाओं में छपने का इतिहास बना।
👍मैं सरकारी पीडब्ल्यूडी की नौकरी में था तब लेख कहानियां आदि बहुत छपते थे लेकिन गरीबों व पिछड़े ग्रामों आदि पर लिखने की एक ललक थी कि दैनिक पत्रों में लिखा जाए तब 1969 में पक्की नौकरी छोड़ कर लेखन के साथ पत्रकारिता में प्रवेश किया। 
अखबारों में लिखता छपता हुआ सन 1972 में राजस्थान पत्रिका से जुड़ा और 15 मई 2009 तक के 37 साल का यह सुखद संपर्क रहा।

धर्मयुग और साप्ताहिक हिन्दुस्तान में छपना गौरव समझा जाता था। दोनों में भी कई बार छपा।
छात्र जीवन में वाचनालय में दिनमान पढ़ता था तब सोचा करता था कि इसके लेखक क्या खाते हैं कि इतना लिखते हैं? वह दिन भी आए जब दिनमान में भी मेरी रिपोर्टें खूब छपी।
रामनाथ गोयनका के इंडियन एक्सप्रेस का विस्तार जब जनसत्ता दैनिक के रूप में हुआ तब जनसत्ता दिल्ली में खूब छपा। जब चंडीगढ़ से भी छपने लगा तब ओमप्रकाश थानवी के कार्यकाल में चंडीगढ़ में भी मैं खूब छपा। साप्ताहिक हिन्दी एक्सप्रेस बम्बई में भी लेख कई बार छपे।
राजस्थान की संस्कृति,सीमान्त क्षेत्र में घुसपैठ,तस्कर,आतंकवाद पर भी खूब लिखा गया। 
पंजाब के आतंकवाद पर टाइम्स ऑफ इंडिया बम्बई ने लिखने के लिए कहा तब कोई तैयार नहीं हुआ। वह सामग्री वहां से छपने वाली पत्रिका धर्मयुग में छपनी थी। मैंने संदेश दिया और मेरा लेख सन् 1984 में दो पृष्ठ में छपा। धर्मयुग में लेख छपना बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। धर्मयुग में बाद में कई लेख प्रकाशित हुए। 
आरएसएस का पांचजन्य,वामपंथी विचारधारा और जवाहर लाल नेहरू के मित्र आर.के.करंजिया का ब्लिट्ज,कांग्रेसी टच का करंट और समाजवादी विचार धारा के जॉर्ज फरनान्डीज के प्रतिपक्ष (1974-75) में खूब छपा। 
प्रतिपक्ष साप्ताहिक था जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नींद हराम करके रखदी थी और बाद में तो इस पर आपातकाल 1975-77 में प्रतिबंध लग गया था।
मेरे लेख और कहानियां अनेक पत्र पत्रिकाओं में  बहुत छपी।
आकाशवाणी सूरतगढ़ से वार्ताएं कहानियां कविताएं रूपक आदि बहुत प्रसारित हुई हैं। रूपक राजस्थान के सभी केंद्रों से एक साथ प्रसारित हुए।
इंदिरागांधी नहर पर दूरदर्शन ने एक रूपक बनाया जिसमें कई मिनट तक मेरा साक्षात्कार रहा। वह साक्षात्कार मेरे इंदिरागांधी नहर पर लेखन के अनुभवों के कारण लिया गया। दूरदर्शन के दिग्गज प्रसारण अधिकारी के.के.बोहरा के निर्देशन में वह साक्षात्कार हुआ व राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारण हुआ।

* विशेष घटना*
पत्रकारिता के कारण ही मार्च सन् 1974 में प्राणघातक हमला हुआ। राजस्थान की विधानसभा में काम रोको प्रस्ताव ( कट मोशन) 20 विधायकों के हस्ताक्षरों से पेश हुआ। बीस विधायकों के हस्ताक्षरों से ही काम रोको प्रस्ताव पेश हो सकता था।
  काम रोको प्रस्ताव पर मेरे लिए 48 विधायक बोले और फिर संपूर्ण सदन ही खड़ा हो गया था। मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी को खड़े होकर सदन को शांत करना पड़ा था। राजस्थान विधानसभा की प्रतिदिन की कार्यवाही उन दिनों छपती थी। मेरे पास एक दिन की कार्यवाही प्रति काम रोको प्रस्ताव की पड़ी है। सात दिनों तक यह हंगामा किसी न किसी रूप में होता रहा था। बीबीसी,रेडियो मास्को, वायस ऑफ अमेरिका सहित अनेक रेडियो ने दुनिया भर में वह घटना प्रसारित की। 
देश के करीब करीब हर हिन्दी अग्रेजी अखबार में समाचार और संपादकीय छपे।
* काम रोको(कट मोशन) वाले दिन कि छपी पुस्तक मेरे रिकॉर्ड में है। सभी दिनों की पुस्तकें स्व.केदारनाथ शर्मा के गृहमंत्री काल 1977-79 में उनकी लायब्रेरी से लाया था। वे भी मेरे पक्ष में बोलने वालों में थे।

* आपातकाल 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 ईसवी.*

आपातकाल अत्याचार का काल था जिसमें मेरा साप्ताहिक " भारत जन "भी सरकारी कोप का शिकार बना।
( यह मेरे संपादन और स्वामित्व में जनवरी 1973 से 1979 तक प्रकाशित हुआ था)
भारतजन पर पहले सेंसर लगाया गया। सरकार की अनुमति के बिना कोई न्यूज छप नहीं सकती थी। विज्ञापन रोक दिए गए। अखबार की फाइल पेश करने के लिए मुझे  श्रीगंगानगर बुलाया गया और  30 जुलाई 1975 को वहां गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप लगाया गया कि पब्लिक पार्क में प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के विरूद्ध लोगों को भड़का रहा था। एक वर्ष की सजा भी सुनाई गई। सवा चार माह तक जेल मे बिताए और उसके बाद एक संदेश बाहर कार्य करने का मिलने पर 3 दिसम्बर 1975 को बाहर आया। 
आपातकाल में बहुत कुछ भोगा। मेरी अनुपस्थिति में छोटी बहन,पिता और नानी को क्षय रोग ने ग्रस लिया। इलाज तो हुआ वे ठीक भी हुए लेकिन वह काल बड़ा संघर्षपूर्ण रहा। परिवार ने कितनी ही पीड़ाएं दुख दर्द भोगे मगर वह अनुभव पत्रकारिता व राजपूती शान के अनुरूप और देशभक्ति से पूर्ण रहे जो जीवन की श्रेष्ठ पूंजी हैं। राजस्थान सरकार ने लोकतंत्र बचाने संविधान की रक्षा के लिए * लोकतंत्र सेनानी* सम्मान प्रदान किया है। यह बड़ा सम्मान है इसमें प्रतिमाह 24 हजार रू. सम्मान राशि मिलती है। 
👌 राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क सचिवालय से अधिस्वीकृति (मान्यता) लाईफटाईम इसी वर्ष जनवरी 2025 में हुई है।

* पुरस्कार - अलंकरण *

राजस्थान पत्रिका का एक महत्वपूर्ण स्तंभ 'कड़वा मीठा सच्च' था। इस स्तंभ में लेखन में 
* घग्घर झीलों के रिसाव पर सन् 1990 में लेखन पर सन् 1991 में राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार मिला।

* इंदिरागांधी नहर पर 12 श्रंखलाएं लिखी जो सन् 1991 में छपी तथा दूसरी बार 1992 में पुन: राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ।

* राजस्थान की शिक्षा प्रणाली पर व्यापक अध्ययन कर दो श्रंखलाओं में सन् 1993 में प्रकाशित लेख पर तीसरी बार राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार 1994 में प्राप्त हुआ।

* इसके बाद सन 1996 में राजस्थान की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पद्धति पर व्यापक अध्ययन कर 4 श्रंखलाएं  लिखी। इस पर सन् 1997 में राज्य स्तरीय दूसरा पुरस्कार मिला।

* वर्ष 1997 में विश्व प्रसिद्ध शिक्षा संस्थान ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया के बहादुरसिंह ट्रस्ट की ओर से पत्रकारिता  में सम्मान व पुरस्कार प्रदान किया गया।

* बीकानेर संभाग का "राजस्थान गौरव पत्रकारिता सम्मान 2019" बीकानेर के रवीन्द्र मंच पर 4 अगस्त 2019 को प्रो.ललित किशोर चतुर्वेदी स्मृति संस्थान जयपुर की ओर से प्रदान किया गया।





* मेरी पत्रकारिता और रचनाएं *
    
मेरा लेखन कानून नियम के लिए सच्च के प्रयास में रहा। कई बार ऐसा लेखन लोगों को अप्रिय भी महसूस होता है लेकिन जिन लाखों लोगों के लिए लिखा जाता है,उनके लिए आगे बढऩे का कदम होता है।
राजनीति,राजनेताओं व राजनैतिक दलों पर और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लिखना लोगों को सुहाता है वहीं अप्रिय भी लगता है। साधारणतया ऐसे लेखन से पत्रकार बचना चाहते हैं, लेकिन मैं ऐसे लेख लिखना अच्छा समझता रहा हूं,क्योंकि समाज व लोग सतर्क तो होते ही हैं।

मेरे परिवार जन,मित्रगण और कानून ज्ञाता जो साथ रहे हैं वे भी इस यात्रा में सहयोगी हैं।

मैंने मेरे पूर्व के लेखों में भी लिखा है कि लिखने बोलने की यह शक्ति ईश्वर ही प्रदान करता है और वह परमआत्मा जब तक चाहेगा यह कार्य लेखन और पत्रकारिता चलता रहेगा और लोगों का साथ भी रहेगा।
पवित्र स्थानों, तीर्थ स्थलों, मंदिरों और शिक्षा संस्थाओं में एक ही आशीर्वाद मांगता रहा हूं कि सच्च लिखने की कोशिश करता रहूं ।

💐 79 वर्ष में प्रवेश पर करणी माता मंदिर (राजपूत क्षत्रिय संस्था) में पत्नी विनीता सूर्यवंशी सहित नवरात्र के पांचवे नवरात्र का विशेष पूजन किया। सच्च के लिए भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध लिखते रहने का संकल्प ले मां करणी के धोक लगाई थी।


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राजस्थान पत्रिका के संस्थाथापक प्रसिद्ध पत्रकार श्रद्धेय कर्पूरचंद कुलिश का मेरे पर वरद हस्त रहा और उन्होंने जोधपुर में पत्रकारों के बीच में कहा कि मैं तुम्हारे हर लेख को पढ़ता हूं। यह एक महान गौरववाली बात थी। 
राजस्थान पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी और स्व. मिलाप कोठारी  ( राजस्थान पत्रिका के संपादक रहे गुलाब जी के छोटे भाई) एक घनिष्ठ मित्र के रूप में आते मिलते और अनेक विषयों पर हमारी  चर्चाएं होती। 
माननीय गुलाब जी सुझाव लेते और वे पत्रिका में लागू भी होते। गुलाब कोठारी ने श्रीगंगानगर में सर्वश्रेष्ठ संवाददाता के रूप में सम्मानित किया तब कई मिनट तक एकदूजे से गले मिले खड़े रहे। आज भी पत्रिका परिवार के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं।

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राजस्थान पत्रिका के प्रधानसंपादक गुलाब कोठारी सर्व श्रेष्ठ पत्रकारिता पर करणीदानसिंह राजपूत को सम्मानित करते हुए। बीच में नजर आ रहे तत्कालीन शाखा प्रबंधक अवधेश जैन और पास में उपस्थित तत्कालीन शाखा प्रभारी संपादक हरिओम शर्मा। दिनांक 16-4-2004)*
प्रेरणादायक और नशे के विरुद्ध अभियान के रूप में बहुत कुछ नया करने की ईच्छा है। उसके अनुरूप सामग्री देने का भरपूर प्रयास रहेगा। राजकीय सेवाओं के अधिकारी और कर्मचारी भी आगे बढ कर समाजोपयोगी कार्य कर रहे हैं और अभियान चला रहे हैं। उनके अभियान के अधिक नहीं तो कुछ सहयोग सामग्री अवश्य ही देंगे। सुधि पाठकों का सहयोग सदा मिला है और आगे भी मिलता रहेगा यह विश्वास है।
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मेरा ब्लॉग 
करणी प्रेस इंडिया karni press india वेबसाईट   www.karnipressindia.com
आज अत्यन्त लोक प्रिय साईट है जो देश और विदेश में प्रतिदिन हजारों लोग देखते हैं। इसका लिंक मेरे फेसबुक एकाउंट 
Karni ramsingh rajput पर भी उपलब्ध होता रहेगा।
दिनांक 19-10-2025.
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करणीदानसिंह राजपूत,
(राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क सचिवालय सेअधिस्वीकृत स्वतंत्र पत्रकार,)
विजयश्री करणी भवन,
सूर्यवंशी स्कूल के पास,मिनीमार्केट,
सूर्योदय नगरी
सूरतगढ़ / राजस्थान/ भारत।
मेरा ई मेल पता.   karnidansinghrajput@gmail.com
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शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025

राजस्थान में मुख्यमंत्री बदले जाने का भुलावा छलावा या नाटक

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान में जनता के काम नहीं हो रहे हैं और जनता को मुख्यमंत्री बदले जाने का भुलावा देते हुए समय व्यतीत करते एक साल हो गया है। यह भुलावा है, छलावा है या नाटक है जो अंतहीन है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार जयपुर में चलती नजर नहीं आ रही तब प्रदेश में कैसे नजर आएगी? मुख्यमंत्री बदलना है तो बदल लो और नहीं बदलना है तो भी साफ खुला कह दिया जाए कि नहीं बदलेंगे? मुख्यमंत्री बदलने का जो प्रचार हो रहा है, वह तो बंद करवा दिया जाए। मुख्यमंत्री बदलने की घोषणा का नाटक आखिर कब तक खेला जाएगा? इसी नाटक में मंत्री मंडल विस्तार, मंत्री मंडल में फेरबदल की चर्चा का नाटक भी चल रहा है। यह भी चलेगा। मुख्यमंत्री बदलेगा की चक्कर घिन्नी में राजनैतिक पद भी घोषित नहीं किए जा रहे। भाजपा अपने ही कार्यकर्ताओं नेताओं से छलावा कर रही है। राजनैतिक पद सत्ता मिलते ही घोषित कर दिए जाने चाहिए। आपस में विरोध हो जाएगा कहते कहते दो साल निकाल देना कोई विशेषता नहीं है बल्कि यह विफलता की कहानी है। मुख्यमंत्री पर्ची से निकला है और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी भाजपा पार्टी संविधान के अनुसार चुना हुआ नहीं। 

नगरनिकायों और पंचायतों के चुनाव कब कराएंगे का असमंजस है। कोई नीति निर्धारित नहीं कि नगरनिकायों में अध्यक्ष सीधा जनता से होगा या नहीं होगा? नगर निकायों में उपखंड अधिकारी और अतिरिक्त जिला कलेक्टरों को प्रशासक बना दिया लेकिन वे दस प्रतिशत भी काम नहीं कर रहे। सरपंचों का कार्यकाल समाप्त हुआ और उन्हीं को प्रशासक बना दिया। जो अपने कार्यकाल में फेल रहे या जनता के काम ही नहीं किए उन्हीं को ढोने की मजबूरी है।

जहां भाजपा के विधायक हैं उनको छोड़िए जहां हार गये थे,उनको शासन चलाने के लिए खुला छोड़ दिया है, वहां की जनता से हाल पूछा जाए कि क्या हो रहा है? आगे भविष्य शून्य है सो वहां  उनकी मनमर्जी चल रही है। वे अपने और अपने कुनबे को,अपनी संपत्ति,अपनी जाति और अधिकारियों कर्मचारियों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। विधायकों और हारे हुए प्रतिनिधियों के यहां जाति के अधिकारियों कर्मचारियों का बाहुल्य जो सुनते नहीं, केवल नेताजी का ही निर्देश पालन करते हैं। नेता दूसरे नेता और कार्यकर्ताओं का काम नहीं होने देता चाहे भाजपा के ही हों। सर्वाधिक हालात पुलिस,राजस्व तहसीलों, नगरपालिका, पंचायतों के बिगड़े हैं। सरकारी विभागों में कांग्रेस के स्थापित स्टाफ कलेक्टर, अतिरिक्त कलेक्टर, उपखण्ड और तहसीलों में पंद्रह सालों या अधिक के हैं। उनमें से अधिकांश काम नहीं कर रहे।

राजस्थान में लोग दुखी और परेशान हैं तो आज भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से दुखी और परेशान हैं जिसका खुला कारण है कि भाजपा नेता अपना काम करते हैं अपना ही काम कराते हैं, जनता के काम कराने की कोई भी सोच नहीं रहा। सच्चाई तो अधिक कड़वी है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं के भी काम नहीं हो रहे।भाजपा के कार्यकर्ता ही भटक रहे हैं। ऐसी स्थिति है तब आम लोग क्या करें? किसके पीछे लगें?

शासन प्रशासन अधिकारी चला रहे हैं इसलिए प्रदेश का मुखिया सख्त कड़क ही चाहिए। पूरे प्रदेश से बदलाव की मांग हो रही है। सब कुछ बदलाव की।

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17 अक्टूबर 2025.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता 62 वर्ष.

( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत लाइफटाईम).

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गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025

भाजपा नेता शरणपालसिंह मान से सूरतगढ़ पर बातचीत.

 

सूरतगढ़ 16 अक्टूबर 2025.

भाजपा जिलाध्यक्ष स.शरणपालसिंह मान और करणीदानसिंह राजपूत की सूरतगढ़ क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर बातचीत हुई जिन समस्याओं से लोग परेशान हो रहे हैं। राजस्थान सरकार से लोकतंत्र सेनानी सम्मान प्राप्त करणीदानसिंह राजपूत और शरणपालसिंह मान ने एक दूजे को मिठाई खिलाई और उसके बाद समस्याओं पर बातचीत हुई। 

नगरपालिका के सफाई, पट्टे,अभियान,भूमि आवंटन, नीलामी और उनको कब्जा देने की क्या स्थिति रही से मान को अवगत कराया गया।

स्टेडियम, सूर्योदय नगरी व शहर बीच में आवागमन के लिए एक और ओवरब्रिज, सड़कें,नाले नालियां, ट्रैफिक आदि पर चर्चा हुई।  शिक्षण,पुलिस,नगरपालिका प्रशासक,आदि पर चर्चा और सुझाव हुए। आगामी बजट 2026-27 में सूरतगढ़ क्षेत्र में क्या कुछ होना चाहिए पर भी चर्चा हुई। इस बाबत एक बड़ी रिपोर्ट तैयार कर जिलाध्यक्ष को सौंपी जाने का तय हुआ। अभी भाजपा का समस्त विभागों में पब्लिक कार्य का संचालन जिनके पास है, उससे  लोगों को कोई समुचित लाभ नहीं मिल रहा है व  नगरपालिका चुनाव से पहले हालात को पब्लिक टच देना जरूरी है। अभी सही संचालन नहीं होने से पब्लिक की परेशानियां स्थानीय स्तर पर दूर नहीं हो रही। सिटी पुलिस व्यवस्था और हालात पर भी चर्चा हुई। 

* शरणपालसिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने अनेक कार्य किए हैं उनका ब्यौरा आने कुछ दिनों में पब्लिक के सामने आएगा। 

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भाजपा नेता संदीप कासनिया के स्कूल को भूमि.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 16 अक्टूबर 2025.

भाजपा नेता संदीप कासनिया के स्कूल को यहां नगरपालिका क्षेत्र में भूमि दिए जाने के नगरपालिका द्वारा पारित प्रस्ताव पर सूत्रानुसार डीएलबी जयपुर में भी हां हो गई है। बताया जाता है कि अब केवल मंत्री के हस्ताक्षर होने हैं।   सूत्र के अनुसार संदीप कासनिया जयपुर पहुंच चुके हैं। संदीप कासनिया पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया के पुत्र हैं जो जाखड़ावाली के "  विवेकानंद पब्लिक स्कूल" की संचालन समिति के अध्यक्ष हैं। सन् 1997 में सूरतगढ़ में मंडी समिति ने शिक्षा प्रसार के आवेदन के तहत भूमि का आवंटन किया था। मंडी समिति खत्म होने से यह क्षेत्र नगरपालिका को मिल गया था। नगरपालिका बोर्ड ने भारी बहुमत से भूमि देने का प्रस्ताव पारित कर दिया था। ओमप्रकाश कालवा की अध्यक्षता में उक्त बैठक हुई थी। लेटेस्ट समाचार है कि कालवा भी 15 अक्टूबर शाम को जयपुर पहुंचे हैं। बैठक में अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा थी। कालवा और ईओ पूजा दोनों ही भूमि प्रस्ताव पारित कराने को उत्सुक थे,ऐसी चर्चा और मीडिया में खबरें थी। हालांकि कालवा ने अपनी निष्पक्षता साबित रखने के लिए वोटिंग में अलग रहे थे। 

 कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष पार्षद परसराम भाटिया आदि ने बैठक का बहिष्कार भी किया था। परसराम भाटिया आदि ने रोक के लिए उच्च न्यायालय में रिट लगाई लेकिन वह रिट वापस लेली। बाद में परसराम ने कहा कि आवश्यकता होने पर न्यायालय में फिर से जाएंगे। अब नगरपालिका के प्रस्ताव के अनुसार नयी अनाज मंडी और आवासन मंडल के मध्य में राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर यह करीब 4 बीघा जमीन है। यहां शहर के बीच में यह जमीन 50 करोड़ के करीब बेशकीमती मानी जा रही है। भूमि आवंटन में अब कोई बाधा नहीं हुई तो एक अच्छा शिक्षण संस्थान यहां बनेगा और बच्चों को शिक्षा सुलभ कराएगा। अभी अनेक शिक्षा संस्थान हैं जो काफी दूरी पर हैं।०0०




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