राजस्थान उपचुनावों की जीत में पूजा छाबड़ा सिरमौर नेता बनी
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान विधानसभा उप चुनावों में रामगढ़ से सुखवंतसिंह की जीत में पूजा छाबड़ा का चुनावी कार्य और जनसंपर्क ऐसा रहा कि वह राजस्थान की सिरमौर नेता बन कर छा गई।
* आज अपने चुनावी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के भरोसे पर खरी साबित हुई पूजा छाबड़ा जीत के समारोह में मुख्यमंत्री के बराबर खड़ी हुई बधाईयाँ ले रही थी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ही जिम्मेदारी सौंपी और पूजा रामगढ़ में जनसंपर्क में लोगों को प्रभावित करने में सफल रही। रामगढ़ में महिलाओं में पूजा छाबड़ा के मिलन और प्यारी मधुर बोली का जादू खूब चला।
* भाजपा को पूजा छाबड़ा के रूप में राज्य स्तरीय महिला नेता मिल गई है जिसका लाभ आगे भविष्य में भाजपा को भरपूर मिलना निश्चित है। अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आज भाजपा के हर नेता और संगठन पदाधिकारियों तक सीधी पहुंच और संपर्क हैं। सन् 2028 के विधानसभा चुनाव तक पूजा छाबड़ा एक बड़ी नेता के स्तर पर होगी।
पूजा छाबड़ा के ससुर स्व.गुरूशरण छाबड़ा एक आंदोलनकारी संघर्षशील नेता थे जिन्होंने श्रीगंगानगर जिले में ( जब हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ शामिल थे) अनेक आंदोलनों में शामिल हुए और स्वयं ने भी चलाए। किसान आंदोलन सन्1969 में जेल में रहे। सन्1972 से राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ में खुलवाने का आंदोलन चलाया। सन्1977 में सूरतगढ़ से जनता पार्टी से विधायक बने। सन्1977 में सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खुला जो अब स्व.गुरूशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय के नाम से है। सन् 1975 में कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी काल में लगाए आपातकाल का विरोध किया। राजस्थान में आपातकाल के विरोध में गुरूशरण छाबड़ा के नेतृत्व में 26 जून 1975 को पहली एकमात्र सभा हुई। 15 अगस्त 1975 को श्रीगंगानगर जेल में राजनैतिक बंदी घोषित कराने के लिए आमरण अनशन किया। प्रशासन ने सभी आपातकाल विरोधियों को राजनैतिक माना और बी श्रेणी घोषित किया। राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी और लोकपाल की मांग के आमरण अनशन में जयपुर में 3 नवंबर 2015 को शहीद हो गये। सास स्व.आशा भारती भी संघर्ष शील रही।
* शराबबंदी नशामुक्ति आंदोलन की अध्यक्ष पूजा छाबड़ा ने शराबबंदी कार्यक्रम चलाते सूरतगढ़ को अपना आवासीय कार्य क्षेत्र बनाया हुआ है। सूरतगढ़ को जिला बनाओ संघर्ष में पूजा एक महत्वपूर्ण नेता साबित हुई। लू के थपेड़ों में शराबबंदी के लिए ग्रामों में घूमती रही।०0०
23 नवंबर 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 61 वर्ष.
( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत स्वतंत्र पत्रकार)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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