शुक्रवार, 22 नवंबर 2024

छातीकूटो:बेचारे छाती कूटने वाले:अध्यक्ष पद पर ओमप्रकाश कालवा का फिर बैठना.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 22 नवंबर 2024.छ

"शहर में नयो छातीकूटो हो गयो।"

राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बैंच के 21 नवंबर 2024 के निर्णय के कुछ ही घंटे बाद आदेश की प्रति आने पर अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा ने ओमप्रकाश कालवा को अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण कराया था।

* कुछ सोशल साइट ग्रुप लिखारों के लिए यह छातीकूटा हो गया कि ईओ ने गलत किया। उसे डीएलबी के आदेश की प्रतीक्षा करनी थी। ये लिखारे अपने आपको अधिक पढे लिखे और कानून के जानकार समझते हैं। 

👍 छातीकूटों को सुझाव।

👌 यदि ईओ द्वारा ओमप्रकाश कालवा को उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद कार्यभार सौंपना गलत है तो यहां ग्रुपों में बुद्धिमान बनने से पहले पद ग्रहण का आदेशपत्र तैयार हुआ उसको पढना चाहिए कि उसमें क्या लिखा गया। 

👌 यदि ईओ ने गलत किया तो प्रभावित होने वाले पहले तो उच्च न्यायालय में जाने वाले कालवा को हटाने की दिनरात कोशिश करने वाले कांग्रेसी पार्षद परसराम भाटिया, बसंतकुमार बोहरा आदि हैं। इसके बाद अध्यक्ष की सीट पर वर्तमान में बैठे जगदीश मेघवाल (भाजपा) हैं। ये प्रभावित होने वाले उच्च न्यायालय में जा सकते हैं और डीएलबी को शिकायत कर सकते हैं लेकिन इनमें से किसी ने कुछ नहीं कहा है। 

👌👌 इसके बाद कोई भी नागरिक यह समझता है कि उसके अधिकारों पर चोट पहुंची है ईओ ने कार्यभार गलत संभलाया है तो वह भी उच्च न्यायालय में जा सकता है और डीएलबी में शिकायत भी कर सकता है।


👍 बेचारे छाती कूटने वाले 👌


वाट्सएप ग्रुप में लिखने से तो कुछ भी होने वाला नहीं क्योंकि यहां लिखने से तो कालवा हटने वाला नहीं। 

👌 छातीकूटा जोर से करो या जोरदार हो जाएगा सो एक जोरदार तथ्य यह है कि पूजा शर्मा ने बहुत हंसते हंसाते कालवा को अध्यक्ष पदभार ग्रहण कराया। छाती कूटने वालों के लिए उनकी नजरों में कि एक तो पूजा ने कार्यभार गलत संभलाया ऊपर से हंसते हुए संभलाया। उस समय के दो फोटो यहां दिए जा रहे हैं। अब फैसला करें कि केवल ग्रुपों में छातीकूटा करना है या अदालत में जाना है या शिकायत करनी है? 



* वैसे एक बात जान लेनी चाहिए कि उच्च न्यायालय में सरकारी वकील खड़ा था का मतलब सरकार ही खड़ी थी।

👌 ओमप्रकाश कालवा के लिए छातीकूटा करने वाले परसराम भाटिया के घोटालों पर भी कभी छाती कूट लेते।अनेक घोटालों में पंप हाऊस की जमीन का पट्टा बनाने का घोटाला, तूड़ी का टेंडर रेट से अधिक भुगतान घोटाले पर ही छातीकूटा कर लेते।०0०

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