शनिवार, 30 नवंबर 2024

भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष दबंग होगा तो पालिका में जीत संभव होगी.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 30 नवंबर 2024.

भारतीय जनता पार्टी का नया नगर मंडल अध्यक्ष दबंग निडर और कांग्रेसियों से दोस्ती दूर होगा तो भाजपा का जीत का डंका बजना संभव हो सकेगा। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव यानि की पदाधिकारी चयन की प्रक्रिया चल रही है। भाजपा का वर्तमान नगरमंडल अध्यक्ष कांग्रेसियों के भ्रष्टाचार पर शिकायत करना तो दूर रहा बल्कि दोस्ती निभाता रहा और पार्टी को सूचना नहीं देकर धोखा देता रहा। नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने और जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान तक नगरपालिका में काग्रेस के परसराम भाटिया के बोर्ड अध्यक्षता काल में ऊजागर हुए भ्रष्टाचार के एक भी मामले पर न बोले न कहीं शिकायत की। परसराम भाटिया के भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दोस्ताना निभाते रहे। असल में तो इन दोनों पदाधिकारियों से जवाब तलब होना चाहिए कि वे ऐसा क्यों करते रहे?

👌 परसराम भाटिया के कार्यकाल में अनेक पट्टे फर्जी बने,पंप हाऊस की जमीन का पट्टा बना दिया। शिक्षा अधिकारी और शिक्षक के पट्टे बना दिए। जानकीदासवाला निवासी विधायक के नजदीकी एक कांग्रेस नेता  के नाम पट्टा बना दिया जिनमें प्रमाण के लिए तीन वोटर लीस्ट में सूरतगढ़ का निवासी बनाए दस्तावेज लगे। सीमेंट कंक्रीट अच्छी हालत सड़क पर इंटरलोकिंग सड़क वार्ड नं 32 में बनी और एक गली में तो बालू रेत पर टाईलें लगा दी,नंदी शाला में तूड़ी खरीद का न्यूनतम टेंडर 810 था जिसका भुगतान 840 से किया जो पकड़ा गया। ईओ पूजा शर्मा ने अपनी भाभी बबीता शर्मा का गैरकानूनी पदोन्नति कर सफाईकर्मी से जमादार बनाया। ये सभी मामले प्रसारित हो गये। शिकायतें हो गई। कुछ मुकदमें भी हो गये लेकिन नगरमंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा महामंत्री लालचंद शर्मा ने एक भी मामले में परसराम भाटिया का विरोध नहीं किया।

* कुए में ही भांग पड़ी होना चरितार्थ हुआ। कोई मोर्चा पदाधिकारी भी नहीं बोला। पूर्व विधायक अशोक नागपाल को भी सब मालुम था। नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने कुछ नहीं किया। जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह क्या करते रहे? क्या ऐसा सच्च हो सकता है कि उनको सच्च में कुछ भी मालुम नहीं हुआ?

 * सुरेश मिश्रा और शरणपालसिंह की सूरतगढ़ में राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर एक कालोनी शिप्रा कालोनी बनी है। उसमें अनेक गड़बड़ी होने के समाचार छपे। परसराम भाटिया ने जांच की मांग उपखंड अधिकारी से की। उन्होंने एक कमेटी तहसीलदार की अध्यक्षता में बनाई और यह समाचार भी छपा। उसके बाद भाटिया चुप हो गये। यह तो भाजपा वाले मालुम करें कि यह सब कैसे हुआ? सुरेश मिश्रा और शरणपालसिंह मान परसराम भाटिया के घोटालों पर चुप रहे तो क्या कारण रहे? भाजपा के श्रीगंगानगर जिले के इतिहास में सर्वाधिक कमजोर और नि- कम्में सूरतगढ़ नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा और जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान रहे। जिलाध्यक्ष जिनके कार्यकाल में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा की दुर्गति में भी रिकार्ड बना। विधानसभा चुनाव की हार की कमजोरियां सामने आने के बाद लोकसभा चुनाव में प्रियंका बेलान को हार मिली। पहली बार नारी को भाजपा से टिकट मिली और उसे जानते बूझते संसद में नहीं भिजवाया। ये सारे तथ्य बहुत कम हैं,जनता तो बहुत ज्यादा जानती है?

* सूरतगढ़ में पार्टी की जो गत सुरेश मिश्रा के नगर मंडल काल में हुई है वैसी तो कभी नहीं हुई। 

* 2005 में केशव उद्यान बनाया। उसमें नगरपालिका टट्टी मूत गंदगी का पानी डालती रही। नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा नहीं बोले। 

बात शर्मनाक यह भी रही है कि संघ के सुभाष गुप्ता, संघ के अशोक वशिष्ठ और भी नहीं बोले। 




* नगरपालिका भवन का नाम पं दीनदयाल उपाध्याय भवन से पंडित जी का नाम हटा दिया गया लेकिन फिर भी नहीं बोले। अनेक बार करणी प्रेस इंडिया में ये दोनों समाचार छपे। भवन का नाम दबाव से पुनः लिख दिया गया लेकिन वह दबाव सुरेश मिश्रा और सभाष गुप्ता का नहीं था। नरेंद्र घिंटाला के शोर मचाने पर ईओ विजय प्रताप सिंह ने तुरंत नया बोर्ड लगवाया। ऐसे कमजोर लोग और इनकी कमजोरियों को ध्यान में रखना होगा तब कोई नया दबंग नगर मंडल अध्यक्ष चुना जा सकेगा।

* नगरपालिका चुनाव 2019 की स्थिति पर गौर कर लिया जाना चाहिए। कुल वार्ड 45 हैं। चुनाव में कांग्रेस 22 (बहुमत से एक कम) भाजपा 12,बसपा 1 माकपा 1 और 9 निर्दलीय जीते थे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और मील गंगाजल का दबदबा था सो बोर्ड कांग्रेस का बना अधिक निर्दलीय कांग्रेस के साथ हो लिए। 

अब प्रदेश में भाजपा सरकार है और नगर मंडल अध्यक्ष नया दबंग हुआ तो भाजपा का नगरपालिका बोर्ड बनना संभव हो सकेगा।०0०


   

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