गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024

खुशियां व बरबादियाँ:प्यार नशा और सट्टा.

 

* करणीदानसिंह राजपूत*

लड़का लड़की बहुत बार प्रेम प्यार की खुशियों की मिठाईयां बांटने के बजाय छिपाते हैं। किसी तीसरे को मालुम न पड़े,भीतर ही भीतर बढता रहे। राज बना रहे। पढने के दिनों मे पढने की उम्र में जब प्रेम प्यार का रास्ता चुन लिया जाता है तब परीक्षा परिणाम अधिकांश रूप में सफलता का नहीं होता। जीवन का बेशकीमती समय नष्ट हो जाता है। यह हालात आज तेजी से पनपते जा रहे हैं जो अभिभावकों का कमाई का रूपया भी बरबाद होता है।

नशे और सट्टे के धंधे को भी छिपाते हैं। युवा नशे में उड़ रहे हैं। खेलों पर सट्टा लगाने का शौक युवाओं और समझदारों को भी बरबाद कर रहा है। नशे की आदत और सट्टे की हानि में मौतें हो रही है। आत्महत्याएं हो रही है। गुपचुप रूपये आते रहें। लाभ होता रहे। पैसा आ रहा है तो सब अच्छा है। यह मानते हैं। सट्टे की कमाई को बड़प्पन में माना जाने लगा है। हर शहर इसके दुष्प्रभाव से पीड़ित हो रहा है।

 नशा सट्टा बढ रहा है,रोकें।

24 अक्टूबर 2024.

- करणीदानसिंह राजपूत -

पत्रकार.

( राजस्थान सरकार द्वारा अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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