सूरज का यों अस्त होना.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 23 अक्टूबर 2024.
सूरज शर्मा पत्रकारिता से जुड़े कहने के बजाय दिलों से जुड़े व्यक्तित्व के धनी रहे। यों सूरज का अस्त होना इसके लिए क्या लिखा जाए। सूरज उगता है और अस्त भी होता है लेकिन यह सूरज तो अब ऐसा अस्त हुआ है कि फिर उगेगा नहीं।
मालुम तो हो रहा था लेकिन उनकी हंसी से सभी चाहते थे कि यह सूरज सभी के बीच में रहे। उपखंड कार्यालय के आगे नीम पीपल वट के नीचे ललित शर्मा एडवोकेट की बैठकों मे
मिलता रहा जीवन संघर्ष के बीच भी हंसता हुआ जमाने की बात करता ही मिला। जर्दे के शौकीन रहे हालांकि छोड़ दिया था। कैंसर ने छीन लिया हंसता हुआ चेहरा। बस! सूरज तो सूरज और दूजा ऐसा हंसी चेहरा नहीं।
* परम ब्रह्म मोक्ष प्रदान करें। नमन उस हास्य बिखेरती रही हस्ती को।०0०