पत्रकारिता आम आदमी के लिए करें,चाटुकार न बनें- करणीदानसिंह राजपूत.21 दिसंबर 2012.
हनुमानगढ़। वरिष्ठ पत्रकार करणीदान सिंह राजपूत ने आम आदमी के लिए पत्रकारिता किए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि चंद प्रभावी लोगों की चाटुकारिता के बजाय अगर आम आदमी के हित में काम होगा तो इसके बहुत अच्छे नतीजे सामने आएंगे। आम आदमी का भला होगा और मीडिया को भी इसका फायदा पहुंचेगा। वे आज यहां नवज्योति मूक-बधिर स्कूल में दैनिक तेज के संस्थापक डॉ. तेजनारायण शर्मा की पुण्यतिथि के अवसर पर 'बदलते परिदृश्य में प्रिंट मीडिया की भूमिका' विषयक व्याख्यान माला को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर तेज नारायण शर्मा जैसे लोगों ने आज से पांच दशक पहले जब पत्रकारिता शुरू की, तब आज की तरह सुख-सुविधाएं नहीं थीं। न संचार के साधन थे और न अत्याधुनिक प्रिटिंग की सुविधा। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने लगातार अखबार निकाल कर पत्रकारिता धर्म निभाया। ऐसे लोगों को सिर्फ जयंती-पुण्यतिथि पर ही नहीं, इन्हें हर रोज पूजा जाना चाहिए।
राजपूत ने कहा कि पहले पत्रकारिता सिखाने वाले संस्थान नहीं थे। उस समय छोटे कहे जाने वाले अखबारों के दफ्तरों में ही लोग पत्रकार के रूप में शिक्षित-दीक्षित होते थे, उनमें से अनेक लोग ख्याति प्राप्त कर मूर्धन्य पत्रकार कहलाए। बड़े समाचार घरानों को इस तरह का श्रेय प्राप्त नहीं है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार मदन अरोड़ा ने कहा कि डॉक्टर तेजनारायण शर्मा निर्भीक, निष्पक्ष और ईमानदार पत्रकार थे। उन्होंने कभी पत्रकारिता के मूल्यों से समझौता नहीं किया। वरिष्ठ पत्रकार गोविंद गोयल ने कहा कि पत्रकार को विभिन्न परिस्थतियों में काम करना पड़ता है। वह गांव में रहते हुए यदि विकास पत्रकारिता करता है तो शहर में आकर उसका कैनवास बड़ा हो जाता है। हर स्थिति में पत्रकार का काम सराहनीय है।०0०
( पुरानी यादें)