रविवार, 27 नवंबर 2022

कांग्रेस नेता बलराम वर्मा मांगेंगे कांग्रेसी टिकट: संकट डूंगर गेदर और मील के टिकट पर शुरू

 






👍 प्रथम 1 म ई 2022.

 अपडेट 27 नवंबर 2022.


* समर्थकों की ताकत के बल पर चुनावी घोड़े पर हर हालत में सवार होंगे: बलराम वर्मा की प्रेसकान्फ्रेंस में पक्की  घोषणा।*


* करणीदानसिंह राजपूत *


सूरतगढ़। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम वर्मा ने 2023 राजस्थान विधानसभा का चुनाव हर हालत में सूरतगढ़ सीट से लड़़ने की पहली घोषणा करके जहां इलाके की जनता को सजग किया है वहीँ डूगरराम गेदर और मील परिवार के टिकट पतंग में छेद कर दिया है। बलराम वर्मा अपने समर्थकों की ताकत पर चुनावी घोड़े पर सवार होंगे और अपने करीब 40 साल से अधिक अनेक संघर्षों के इतिहास पर चुनाव लड़ेंगे। 


बलराम वर्मा ने पत्रकार वार्ता दि 1 मई 2022 में घोषणा की कि प्रथम वे कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगेंगे और टिकट नहीं मिली तो भी हरहाल में चुनाव लड़ेंगे। वर्मा ने कहा की हकदार होते हुए भी पहले तीन बार उनकी टिकट काट दी गई ,इसलिए यदि इसबार गड़बड़ी हुई तो हर हालत में चुनाव लड़ेंगे। टिकट काटने का यह खेल बारबार सहन नहीं हो सकता। वर्मा ने बताया कि पिछली बार टिकट ऐन मौके पर काटी गई। उस समय समर्थकों ने चुनाव लड़ने का कहा लेकिन सात आठ दिन में तैयारियां करना संभव नहीं था। उस समय समर्थकों की आशाओं को पूरा नहीं कर सका इसलिए 2023 के चुनाव से 18 महीने पहले ही घोषणा की है। इसी घोषणा से ही गांवों में सम्पर्क अभियान शुरू होगा और चुनाव तक चलेगा।

बलराम वर्मा ने कहा कि चुनाव में खर्च करने को लाखों रुपये नहीं है लेकिन संघर्षों और समर्थकों की ताकत पर चुनाव लड़ा जाएगा। वर्मा ने बताया कि छात्र दिनों से ही संघर्षों में जूझने लगे और अभी भी जनता के मजदूर किसान व्यापारी,नौजवानों  के साथ खड़े हैं। कालेज आंदोलन, थर्मल,सिंचाई पानी,सूरतगढ़ फार्म,जिला बनाओ आदि अनेक आंदोलनों का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि 2008 से जिनको कांग्रेस की टिकट दी जाती रही है उनका कोई संघर्ष आंदोलन में नाम भी नहीं रहा। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की टिकट कोई भी मांगे, सभी को टिकट मांगने का चुनाव लड़ने का हक है, लेकिन वे इसबार समर्थकों के आग्रह को टाल नहीं सकते। 

उन्होंने कहा कि अनेक चुनावों का अनुभव है।  सूरतगढ़ नगरपालिका पार्षद रह चुके हैं। रामपुरा पंचायत से सरपंच रह चुके हैं। सन 2003 में विधानसभा चुनाव पीलीबंगा सीट पर 18 हजार वोट और सूरतगढ़ सीट पर 40 हजार वोट मिलने का रिकॉर्ड रहा है। 

वर्मा से पूछा गया कि चुनाव किन मुद्दों पर लड़ेंगे। उन्होंने जवाब दिया कि सूरतगढ़ शहर और गांवों में अनेक मुद्दे हैं। अकेले शहर में 60 हजार वोट हैं जहां मुद्दों की भरमार है। नगरपालिका भ्रष्टाचारों से भरी है जो सबसे बड़ा मुद्दा है। बलराम वर्मा ने कहा कि पालिका  अध्यक्ष पर जनता ने भरोसा किया लेकिन आज शहर का सत्यानाश हो गया है। 

बलराम वर्मा ने बताया कि अशोकगहलोत सन 2004 के लोकसभा चुनाव में घर आए और कांग्रेस में आग्रह से शामिल किया। आज भी सूरतगढ़ से जिला और प्रदेश राजधानी जयपुर तक संपर्क हैं जिनका लाभ पीड़ित लोगों की समस्याओं को समाधान कराने में इस्तेमाल करते हैं।०0०













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