हनुमान खेजड़ी मंदिर.राजनीतिक इस्तेमाल नहीं हो.
* करणीदानसिंह राजपूत *
हनुमान खेजड़ी मंदिर वर्षों से आस्था का पूजन अर्चन का धार्मिक स्थल रहा है जहां भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं कार्यकर्ताओं ने इसके परिसर का उपयोग दो बार राजनैतिक गतिविधियों स्वागत सत्कार भाषण सभा के लिए किया जो हर तरह से गलत है।
जब रविंद्र सिंह भाटी का रात को स्वागत किया गया। रात को मंदिर खुला रखा गया। भाटी व अन्य लोगों की हनुमानजी की मूर्ति की तरफ पीठ थी,स्मृति चिन्ह भेंट की फोटोग्राफी हो रही थी। ये विडिओ फोटो सभी ने देखे लेकिन किसी ने मंदिर प्रबंधन समिति और पुजारी पर मुंह नहीं खोला। उस पर मुंह खुल जाता तो मंदिर परिसर का दुबारा राजनैतिक इस्तेमाल नहीं होता।
सादुलशहर से चुने हुए भाजपा विधायक गुरवीरसिंह बराड़ का स्वागत हुआ। भाजपा के झंडे सजाए गये। मंच लगा। डीजे की तेज ध्वनि में भाषण हुए। शनिवार की शाम थी। मंदिर पर शनिवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं का मेला भरता है। यह स्थिति मंदिर प्रबंधन समिति के सभी पदाधिकारियों को मालुम थी और वे सत्कार में शामिल हो गए। पहली बार जो कमी रही वह दूसरी बार में सभी हदें पार कर दी गई। हनुमान खेजड़ी मंदिर परिसर में राजनीतिक लाभ के लिए आयोजन करने का लाभ मिलने वाला नहीं। गुरवीरसिंह के स्वागत के लिए नारे लगे भाषण हुए जिनसे श्रद्धालुओं की पूजा में निश्चय ही विघ्न पड़ा। श्रद्धालुओं की पूजा में अशांति करके लाभ नहीं मिल सकता,बल्कि दोष लगता है और वह आने वाला समय बता देगा। बाबा के मंदिर में आयोजक और शामिल होने वाले क्षमा मांगते हैं या गलती कर सत्ता के मद में अकड़ में रहते हैं। शहर के लोगों को भ्रमित करने के लिए झूठे बैनर भी लगाए गए। महाराणा प्रताप चौक पर एक दुकान की दीवार पर बहुत बड़ा बैनर लगाया गया जिसमें अनिल धानुका का चेहरा इस्तेमाल हुआ जिला लोकपाल अनिल धानुका छपा हुआ था। अनिल धानुका वर्तमान में जिला लोकपाल नहीं है। उनका यह पद करीब सात माह पहले ही खत्म हो चुका था।
शहर में दोनों कार्यकर्मों की आलोचना हुई। इस बार अधिक आलोचना हुई तब मंदिर प्रबंधन समिति ने निर्णय घोषित किया है कि हनुमान खेजड़ी मंदिर का इस्तेमाल राजनैतिक कार्यों के लिए नहीं करने दिया जाएगा। यह निर्णय अच्छा है लेकिन बाबा के मेले के बाद में आस्था और निष्ठा से समिति पदाधिकारियों को पद त्याग करने चाहिए और नये चुनाव होने चाहिए।
8 सितंबर 2025.
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