मंगलवार, 16 सितंबर 2025

नेता न संदीप,न पृथ्वी! जनता के विचार!!

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सन् 2023 के विधानसभा चुनाव में कासनिया मील भादू सभी को जनता ने बेपटरी कर दिया।

वे पटरी से बहुत दूर से पटरी पर फिर से चढने का प्रयास कर रहे हैं। यह कैसे संभव हो सकता है। पटरी पर चढने के लिए ईंजन को पटरी के पास तो पहुंचना ही होगा। 

रामप्रताप कासनिया का ईंजन जनता ने पटरी से उतार दिया और काफी दूर धकेल दिया। कोई उम्मीद नहीं रही तो ईंजन संदीप कासनिया को पटरी पर चढाने की कोशिश शुरू की। अब संदीप कासनिया पटरी पर चढना तो चाहते हैं लेकिन उसके लिए पहला पाठ भी नहीं पढा।

यही स्थिति पृथ्वी की भी है। पृथ्वी को पराजय के बाद अभी तक मालुम नहीं हो पाया कि पटरी से कितनी दूर हैं। जनता से कितने दूर हैं। रामप्रताप कासनिया कितने वोटों से हारे,यह संदीप कासनिया को जानना चाहिए। पृथ्वी राज मील को जजेपी प्रदेश अध्यक्ष को कितने वोट मिले? यह पृथ्वी मील को जानना चाहिए कि कांग्रेस के डुंगरराम गेदर से कितने वोट पीछे रहे। विधानसभा चुनाव को हुए करीब 21 माह बीत रहे हैं। पृथ्वी मील को किसी ने सक्रिय नहीं देखा। 

अब पृथ्वी मील यह सोचे कि रिश्तेदार दिल्ली मिनीस्टर प्रवेश वर्मा का चेहरा दिखा कर कुछ हासिल कर लूं तो वह बहुत बड़ी भूल है। प्रवेश के पास दिल्ली का मुख्यमंत्री बनता तो ताकत होती कि वह आगे 2028 में टिकट दिला पाता लेकिन दिल्ली में तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बन गई। राजनीति में व्यक्ति के स्वयं के गुण,शक्ति, जन संपर्क ताकत बढाते हैं। इसके लिए पृथ्वी को अपनी समीक्षा खुद करके देख लेनी चाहिए। जनता अच्छा बुरा निकम्मा नहीं बताती कि उसका आगे कुछ होने वाला है या नहीं। इससे मिलती जुलती सी राजनैतिक हालत संदीप की है। सत्ता के बल पर ही पूछ है।

संदीप और पृथ्वी ने राजनीति पहला पाठ ही नहीं पढा है जो जरूरी होता है। यह पहला पाठ साधारण है लेकिन पढना जरूरी है। 

👌 पहला पाठ है मीडिया से संपर्क। दोनों के संपर्क शून्य है। न्यूज छप जाना चैनलों पर चल जाना प्रेसकान्फ्रेंस में पत्रकारों का आ जाना साधारण है। इसे मीडिया से संपर्क होना मानते हैं तो वह बड़ी भूल है। यह मजबूत  फेवीक्विक जोड़ नहीं है।

क्या इनकी कभी मीडिया से बात हुई? क्या मीडिया से कार्यक्रमों के अलावा बात करने की कोशिश की गई? अब इस पहले पाठ में ही दोनों ही फिसड्डी हैं। जब फिसड्डी होना प्रमाणित हो जाए तब पटरी पर ईंजन कैसे चढे। मीडिया एक मजबूत शक्ति है  जो न संदीप कासनिया के पास है न पृथ्वी के पास है। दोनों ईंजनों के पटरी पर चढने की ही कोई उम्मीद नहीं है सो पटरी पर तेजम तेज चलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?

👌 दोनों ईंजन किसी भी तरीके से पटरी पर आ भी जाएं,लेकिन जनता इन ईंजनों में से किसी की भी गाड़ी पर सवार होने को तैयार नहीं है।  अभी तो न संदीप न पृथ्वी। जनता में कोई भी स्वीकार नहीं। जनता और इनके बीच बहुत दूरी है। जनता भुलावे में भी अभी साथ नहीं है।सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र को समझने से पहले सूरतगढ़ शहर को ही समझ लें। शहर गंदगी से भरा है। दोनों घूम लें शहर के 45 वार्डों में देखलें नाले नालियां, बाजार के अतिक्रमण, सड़कों के हाल। सरकारी दफ्तरों का समय 9 बजे शुरू होता है और अधिकारी मनमर्जी से 11 बजे तक  आते हैं। लोगों की शिकायतें आवेदनों पर काम नहीं हो रहा। 

भाजपा की सरकार है और भाजपा सरकार के आदेशों की ही पालना नहीं करवा सकते। ऐसा लगता है कि अभी कांग्रेस की हुकूमत ही चल रही है।

संदीप और पृथ्वी की राजनीति में आज यह स्थिति है। जनता कार्यक्रम नहीं अपने काम चाहती है। जनता की आवाज को सुनना और समझना जरूरी है। अपने पास बैठे घेरा बनाए लोग जनता की आवाज नहीं होते।

 जनता को उम्मीद है कि भाजपा से इनके अलावा कोई और चेहरा होगा जो नेता होगा।

०0०

16 सितंबर 2025.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधि स्वीकृत लाईफटाइम)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.


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