शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

हमारे सर और मैडम! जो सच्च में हमारे नहीं!!

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

हम सुबह से शाम तक हर समारोह कार्यक्रम में या किसी समस्या पर जब ज्ञापन देते हैं बातचीत करते हैं तब बार बार हमारे विनती करते संबोधन के शब्द  होते हैं सर जी मैडम जी। लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि ये दूसरे किसी राज्य से या दूसरे स्थान से आए सर और मैडम कभी हमारे नहीं होते। ये साल दो साल के लिए आते हैं और हम इनके आगे पीछे हाथ जोड़े आग्रह करते रहते हैं। सार्वजनिक आम जनता के लिए सरकारी योजनाओं के लागू करने का आग्रह भी सर मैडम और हाथ जोड़े करते हैं। ये शासन करने आते हैं और शासन ही करते हैं। लेकिन हम समारोह आदि में शिलान्यास में उदघाटन आदि में इनको मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि या अध्यक्ष बनाते हैं। समारोह व कार्य का धन सार्वजनिक रूप से लोगों से जुटाया होता है तब इन सर या मैडम की जीहजूरी करना उचित नहीं। सार्वजनिक रूप में जो लोग स्वच्छ हैं, जिनका कार्य समाज सेवा है तो उनमें से अतिथि या अध्यक्ष बनाएं और शिलान्यास उद्घाटन आदि करवाएं। उनसे फीता कटवाएं पूजा करवाएं समारोह में पुरस्कार प्रशस्तिपत्र भेंट करवाएं तो अधिक अच्छा लगेगा। 

* सभी ध्यान दें कि समारोह में फोटो में मुस्कुराते मधुर शब्दों में बातचीत करने वाले सर और मैडम अपने पद की सीट बैठे होते हैं तब इनका व्यवहार शब्द सभी सूखे रूखे और अधिकार भरे होते हैं। जब स्थानांतरण हो जाता है तब हमारे और हमारे इलाके से कोई संबंध नहीं रहता लेकिन जो हमारे आसपास हैं वे ही संपर्क में होते हैं और साथ भी देते हैं।०0०

11 जुलाई 2025.

करणीदानसिंह राजपूत

पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधि स्वीकृत लाईफटाईम)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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