शनिवार, 26 अप्रैल 2025

अखबारों के फर्जी संवाददाता.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय की सख्ती से सैंकड़ों स्वतंत्र पत्रकारों का अधिस्वीकरण का नवीनीकरण नहीं किया। नवीनीकरण के लिए न्यूजें अखबारों में लगाकर स्कैन कर रिकार्ड तैयार किया गया जो चर्चा में फैल गया। ऐसे स्वतंत्र पत्रकारों की न्यूजें अपने अखबारों में लगाकर कुछ पत्रकार रिकॉर्ड तैयार करवा रहे हैं लेकिन वे स्वतंत्र पत्रकार भी इसमें हैं जो अपना अखबार भी निकालते रहे और स्वतंत्र पत्रकार का अधिस्वीकरण भी कराते रहे जिनको बचाने के चक्कर में सरकार को धोखा देने में अपना अधिस्वीकरण और वरिष्ठ पत्रकार सम्मान निधि और गंवाएंगे। फर्जीवाड़ा कभी छिपता नहीं इसलिए दूसरे को संरक्षण देने के चक्कर में अपनी सुविधाओं को खोना उचित नहीं है। ऐसे अखबार मालिक संपादक भी हैं जो अपने अखबार से अधिस्वीकृत हैं और दूसरे अखबार में भी संवाददाता बने रहे जो छिपाया और झूठे तथ्य दिए। सरकार का स्पष्ट नियम है कि खुद के अखबार का अधिस्वीकरण है वे अन्य अखबार या एजेंसी में नहीं हो सकते। सरकार सख्त है यह मालुम होते हुए भी धोखा देने में कभी फंसे तो आर्थिक नुकसान।

* कुछ अखबार मालिक संपादक भी संवाददाताओं का फर्जी वाड़ा कर रहे हैं। संवाददाता कार्ड रेवड़ियों की तरह जानकारों को दे रहे हैं जिन्होंने अखबार में कभी एक न्यूज नहीं दी। कभी किसी घटना या अपराध में जांच तलाशी हुई और अखबार का कार्ड मिला तो मालिक अखबार पर बड़ी आफत। अखबार का संवाददाता कार्ड किसी ठेकेदार को, कारखाना चलाने वाले को,दुकानदार को,मिस्त्री को,या कोई भी व्यवसाय करने वाले को साधारण मान कर दे देना घातक है। संवाददाता ने कोई अपराध कर लिया और बचने के लिए अपने को संवाददाता बताते हुए कार्ड पेश कर दिया तो कभी न सुलझने वाली आफत गले में घेरा बना सकती है। कार्ड जारी करने वाला और कार्ड लेने वाला इतना तो जानते हैं कि जो कर रहे हैं वह गैरकानूनी है। सरकार निरंतर नये नये नियमों से सख्ती कर रही है।

👌 ऐसे भी साप्ताहिक पाक्षिक हैं जो आठ दस सालों से रिकॉर्ड में ही हैं, कभी बाजार में नहीं आऐ और अनेक प्रकार से अधिस्वीकरण का फर्जीवाड़ा करते रहे,वे भी कभी न कभी तो फंसेंगे तब क्या होगा?

👌 अखबार वाले पहले तो फर्जी संवाददाता बनाते हैं और बाद में खुद ही अखबारी लाईन में फर्जीवाड़े पर सिर पीटते हैं। विज्ञापन नहीं मिलने पर केंद्र की मोदी सरकार और राजस्थान की भजनलाल सरकार की आलोचना करते हैं।

👍 आज शनिवार को जयपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार से 54 मिनट की वार्ता में मालुम हुआ की राजस्थान सरकार अखबारों पर और सख्ती करेगी जिसमें प्रतियों और सर्कुलेशन की सख्त जांच होना है। सरकार की नजरों में अखबारों की जो प्रकाशन हालात है उसके कारण सरकारी विज्ञापनों पर असर पड़ रहा है। 

दि.26 अप्रैल 2025.

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