मोदी के विरुद्ध देश जागा! मोदी के नाम वोट नहीं दे रहे लोग! सत्ता में घबराहट।
* करणीदानसिंह राजपूत *
अब तक की दो चरणों की वोटिंग के बाद से छन छन कर शहरों के फुटपाथों से गावों की गलियों से आरही सूचनाएं लगातार फैल रही है कि मोदी के नाम पर वोट डालने के लिए लोग उदासीन रहे और घरों से बाहर उस संख्या में नहीं निकले जो सीटों पर जीत पक्की कर सके। दूसरे चरण की वोटिंग के बाद जनता का मूड एकदम से दूसरे चरण के बाद सामने आया कि न मोदी की गारंटी चली न 400 पार का नारा चला।
*मोदी के विरुद्ध देश ऐसे कैसे एकदम से अचानक से जाग गया? यह हवा कैसे चल पड़ी।अब हर चरण में चलती रहेगी। मोदी शाह के विरुद्ध बोलने तक की हिम्मत नहीं थी लोग दौड़ दौड़ कर भाजपा में मिल रहे थे। सरेंडर होने की आंधी चल रही थी तब देश को किसने जगाया कि मोदी के नाम पर किसी को भी वोट नहीं देना है? जिसने भी जगाया हो उसने काम तो हिम्मत का ही किया। लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह किसी एक का काम तो नहीं हो सकता।लोग ही अपने आप जाग गये। यह तो कमाल ही हो गया।
👍 आपातकाल 1975-77 के बाद 1977 के आम चुनाव में ऐसे ही लोग जागे थे और सत्ता पलट दी थी। अब तो आपातकाल नहीं है। लेकिन लोगों का मानना है कि मोदी सरकार की हर नीति बिना घोषणा का आपातकाल है। लोगों की अपनी अपनी पीड़ाएं हैं। किसान मजदूर छोटे व्यवसायी विद्यार्थी युवा बेरोजगार ठेले थड़ी वाले,फेरी वाले सबकी पीड़ाएं हैं।वृद्वों व महिलाओं की अपनी पीड़ाएं हैं। सरकारी कर्मचारियों के अपने दुखदर्द हैं। इतने लोगों की पीड़ाएं क्या मोदी सरकार को नेताओं को मालुम नहीं पड़ी? लोग बोले ही नहीं रोते चिल्लाते रहे मगर किसी ने भी सुनी नहीं। लोग दबाए जाते रहे। भाजपा तो मरे में प्राण फूंक दे,सूखे पेड़ को हराभरा कर दे।लेकिन भाजपा के नेता तो घमंड से चूर क्यों सुने? उनके पास मोदी,मोदी की गारंटी और 400 पार का नारा। कहते हैं कि मंदिर को पुजारी पूजाता है और पार्टी को कार्यकर्ता नेता। लेकिन भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने तो वोट के लिए संपर्क ही नहीं किया। सबसे बड़ी गलती जन भावनाओं के विपरीत गलत व्यक्तियों को टिकट दिए गये। आदर्श संस्कारित भाजपा में कांग्रेसियों, भ्रष्टाचारियों, दुष्कर्मियों को शामिल किया गया जो जनता को नहीं भाया। मोदीजी की पूर्व में की गई घोषणाएं पूर्व के दावे वाले भाषण अब सोशल मीडिया फेसबुक युट्युब वाट्सएप ग्रुपों में चल रहे हैं। बाढ सी आई हुई है।लोगों का डर भाग गया है। गैर भाजपाई पार्टियां इंडिया गठबंधन मोदी विरोधी वोटों को अपने पक्ष में कितना वोटिंग करवा पाते हैं यह भी जरूरी है। केवल बातों से वोट नहीं मिल पाता।
* देश भर में हुई यह जाग मोदीजी के विरुद्ध है। इसका नतीजा क्या होगा लेकिन सत्ता में घबराहट है।०0०
6 मई 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता के 60 वर्ष,
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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