शनिवार, 18 मई 2024

सूरतगढ़:मोनिका अरोड़ा को दिए पंप हाऊस पट्टे को रद्द करने का मांगपत्र

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़  18 मई 2024.

नगरपालिका के पंप हाऊस की जमीन का पट्टा बनाए जाने का मामला उजागर होने के पांच दिन बाद पट्टा जारी करने वाले परसराम भाटिया कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष ( पूर्व पालिका अध्यक्ष) ने ईओ को एक पत्र दिया है जिसमें पट्टे को निरस्त कर दिए जाने का लिखा है। यह पत्र 14 मई को लिखा गया है की जांच करवाई जाए और तथ्य छिपा कर पट्टा लिया गया है तो नियमानुसार निरस्त कर दिया जाए। इसमें अभियान के नियमों का उल्लेख भी किया गया है।

* राठी स्कूल से निकले बाईपास रोड पर नगरपालिका के पंप हाऊस की भूमि पर पट्टा बनाया गया। किसी को मालुम न हो सके इसलिए नगरपालिका संपत्ति के बोर्ड पर काले छींटे मार दिए जिससे लिखा पढा न जा सके। पंप हाऊस की दीवार पर लिखे को सफेद पोत दिया गया। पंप हाऊस की भीतरी दीवार तोड़ कर शामिल किया। ये पहचान छिपाने के लिए किया जाना ही फ्राड होना साबित करता है।







यह धारा 69 के तहत पट्टा मोनिका पत्नी राजेश अरोड़ा के नाम पर  बनवाया गया। यह पट्टा डीएलबी द्वारा नियुक्त अध्यक्ष परसराम भाटिया के कार्यकाल में बनाया गया। मामला गंभीर है और शीघ्र ही मुकदमा होने संभावना बनी हुई है।

 इस पट्टे बनाने के आरोप में मुख्य रूप से परसराम भाटिया, उस समय के अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र गोदारा,जमीन मोनिका की प्रमाणित करने वाले अभियंता और लाभ लेने वाली मोनिका घेरे में है और मुकदमा होने पर परेशानी हो सकती है। 


👍 ईओ पूजा शर्मा द्वारा पट्टा फाईल को अपने कार्यालय तालाबंद आलमारी में  रखना जरूरी है ताकि फाईल सुरक्षित रह सके।




👍 नगरपालिका के निलंबित अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा (भाजपा)और परसराम भाटिया की लड़ाई में यह मामला दबाया जाना और क्लीन चिट मुश्किल है। ओमप्रकाश कालवा की पद पर बहाली को परसराम भाटिया ने चुनौती दी उसके बाद यह झगड़ा बढ गया। कालवा पक्ष चाहता है कि इस पट्टा कांड में परसराम भाटिया निकल न पाए और दंड भी मिले। नगरपालिका के कामकाज ठप्प है। विकास के नारे लगाने वाले नेताओं के मुंह पर ताला है। पालिका के पंप हाऊस की जमीन का पट्टा बनाना गलत है या सही है? सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या ओमप्रकाश कालवा और परसराम भाटिया के बीच कोई सुलह करवाई जा सकती है?

परसराम भाटिया कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष हैं इसलिए स्थानीय विधायक डुंगरराम गेदर भी आलोचनाओं के घेरे में है।०0०





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