मोदी को लाने वाले गायब हो गये! ईमानदारी से सेवा की घोषणा करने वाले सचवादे
* करणीदानसिंह राजपूत *
विधानसभा चुनाव 2023 से लगभग 2 साल तो कोई एक साल पहले प्रगट हुए चेहरे जो हाथ जोड़कर कहा करते थे कि वे ईमानदारी से सेवा करने आए हैं और सेवा करते रहेंगे। नर और नारी। औरत हाथ जोड़ रही थी तब पति भी हाथ जोड़े खड़ा था। व्यक्ति हाथ जोड़ रहा था तब किसी की पत्नी और परिवार जन हाथ जोड़े खड़े थे। मोदी को फिर लाएंगे के अभियान चलाए जा रहे थे। सभा पंडालों में अभियानों में सबसे बड़ा अभियान था भाषण देना और दरी पर बैठ फोटो खिंचवाना पहला काम होता। अपने रुतबे ( महानता) को दिखाने के लिए किसी ने सम्मेलन करवाए तो किसी ने जागरण करवाए। राजनैतिक यात्राओं में मंच लंगर तक लगवाए। राजनीति में पंद्रह बीस सालों के इतिहास वाली रिपोर्ट कथाएं छपवाई गई। बड़े नेताओं के सम्पर्क के घरों के भीतरी कमरों में फोटो खिंचवा कर छपवाए गये।
पिछले कई महीनों से ये और वे सचवादे चेहरे गायब हैं। न चिट्ठी न संदेश ना जाने कौन से देश जहां वो चले गये?
विधानसभा चुनाव 2023 की टिकट घोषणा से पहले तक हर कहीं सचवादे हाजिर रहते। उसके बाद से उनको नहीं देखा। मोदीजी के लिए वोट मांगने नहीं आए। कमल निशान पर बटन दबाने का कहने नहीं आए। मोदीजी ने टिकट दूसरे को दे दिया। सारी भागदौड़ बेकार हो गई। मोदीजी के लिए वोट मांगने के उत्साह पर बर्फबारी हो गई।
उसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 में भी नये सचवादे सामने आए। टिकट घोषित होने के बाद वे भी न जाने कहां चले गये? मोदीजी ने उनको टिकट नहीं दिया। अब मोदीजी के लिए वोट मांगने का जी नहीं हुआ। राजस्थान के ये हालात देश के हालात बन गये। हर प्रदेश में ऐसी ही मिलती जुलती दशा दिशा।
17 मई 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 60 वर्ष,
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356
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