शनिवार, 23 दिसंबर 2023

घग्गर डिप्रेशनों की भूमि विभाग कै नाम दर्ज नहीं. राजस्व कर्मचारियों का भ्रष्टाचार।

 

* करणीदानसिंह राजपूत *


पूर्व विधायक स.हरचंद सिंह सिद्धु ने मुख्य अभियंता को अवगत कराया।

----

पूर्व विधायक हरचंद सिंह सिद्धू ने गुरूवार 22 दिसंबर 2023 को जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर (उत्तर) अमरजीत सिंह मेहरड़ा से हनुमानगढ़ में भेंट करके अवगत कराया कि घग्घर डिप्रेशनों में आवाप्त की गई भूमि को विभाग राजस्व रिकॉर्ड में अपने विभाग के नाम से दर्ज करवाए। 

सिद्धु ने कहा कि इस भूमि आवाप्ति को सालों बीत गये लेकिन यह विभाग के नाम दर्ज नहीं है। इस भूमि का दुरपयोग हो रहा है।

अब विभाग सक्रियता दिखाए और इस भूमि को अपने नाम से दर्ज करवाए। इस बातचीत के समय संबंधित अधिशासी अभियंता मनोज कुमार भी मौजूद थे। 

मुख्य अभियंता मेहरड़ा ने अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया है कि इसमें तत्परता दिखाते हुए कार्यवाही करें।

पूर्व विधायक हरचंद सिंह ने कहा कि विभाग को उनका सहयोग चाहिए तो वह हर समय इस मामले में सहयोग देने को भी तैयार रहेंगे।

* सिद्धु ने जानकारी देते रिपोर्टर को बताया कि घग्घर डिप्रेशन कृत्रिम (झीलों) के लिए सन 1967 में भूमि आवाप्ति की कार्यवाही शुरू हुई थी लेकिन यह भूमि विभाग की उदासीनता के कारण और राजस्व अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण राजस्व रिकॉर्ड में विभाग के नाम से दर्ज नहीं की गई।

 सिद्धू ने कहा कि 18 डिप्रेशन हैं जिन में 8000 बीघा भूमि आवत की गई 7000 बीघा भूमि सूरतगढ़ तहसील क्षेत्र की है और 1000 बीघा रावतसर क्षेत्र की है। किसान इसका स्थानांतरण लेकर वहां चले गये।

 इस भूमि का जो अरबो रुपए की है अवैध फसल कास्त करने वाले लोग राजस्व विभाग की मिली भगत से दुरुपयोग कर रहे हैं। इतने वर्षों तक यह भूमि सिंचाई विभाग के घग्घर बाढ नियंत्रण खंड के नाम दर्ज होनी चाहिए थी लेकिन यह उदासीनता के कारण नहीं हो पाई। ०0०

*****









यह ब्लॉग खोजें