नये चेहरे की माग थी तो अब चुनलो नया चेहरा:मौका दुबारा नहीं मिलेगा.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सन् 2023 के चुनाव के लिए गांवों और शहर से मांग उठी थी कि पार्टियां नये चेहरे को टिकट दे। अब मौका है नये चेहरे चुनने का। अब नहीं चुनोगे तो फिर कब चुनोगे? मौका चूके तो 5 साल बुड्ढे हो जाओगे और जरूरी नहीं कि फिर से कोई नया चेहरा आए। नया चेहरा चुनोगे तो आगे भविष्य के लिए भी पुराने चेहरों से मुक्ति मिलेगी। पुरानों का भार ढोते ढोते खुद बड्ढे हो जाओगे तब भी टिकट नहीं मिल पाएगी। पुराने चेहरे तो कभी सीट छोड़ना नहीं चाहेंगे। टिकट मेल मिलाप षड़यंत्र से लाते रहेंगे।
👍 नये चेहरों की मांग भाजपा और कांंग्रेस दोनों में जोरशोर से उठी। नये चेहरों और युवाओं ने खूब जोर भी लगाया। जयपुर दिल्ली के बड़े नेताओं से मिले अपना अपना जीवनवृत भी एक एक नेता तक पहुंचाया। तीस चालीस सालों से राजनीति कर रहे पुराने विधायकों ने भी टिकटों की प्राप्ति के लिए जोर लगाया। पुरानों के संपर्क अधिक थे। पुराने टिकट ले आए किसकी टिकट ले आए इसको एक बार छोड़ दें। अब नये चेहरे को चुनने का विधायक बनाने का मन था और है तो यही मौका है।
👍 नया चेहरा चुन लें।०0०
7 नवंबर 2023.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
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