भाजपा से बागी 2003 कासनिया पीलीबंगा में 2023 भादू सूरतगढ़ में। कड़वा इतिहास.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 9 नवंबर 2023.
भाजपा नेताओं पर टिकट गलत बांटने का आरोप लगाते हुए पूर्वविधायक राजेंद्र सिंह भादू ने 2023 के चुनाव में निर्दली लड़ने की घोषणा करते हुए नामांकन किया रैली निकाली। भादू का आरोप बहुत गंभीर था कि 2018 में कासनिये ने भरी सभा में कहा था कि अंतिम चुनाव लड़ रहा हूं। पांच साल में जनता को टरकाया काम नहीं किए। विधानसभा क्षेत्र में भारी विरोध के बावजूद टिकट कासनिये को क्यों दिया गया।
* आज नामांकन वापसी के चार पांच घंटे पहले भाजपा में जाग हुई। आसमान चढे नेताओं के पास तो बात करने का टाईम ही नहीं था। आज सीढियों से नीचे उतरे। भाजपा के जिला और नगर मंडल के पदाधिकारियों ने चाराजोई की मगर भादू ने उनका निवेदन ठुकरा दिया। जन विरोध होने के बावजूद नगर मंडल अध्यक्ष, राजियासर मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष स. शरणपालसिंह मान ने कागजी सिफारिशों तिकड़मों से कासनिये को टिकट दिलाई। टिकट दिलाना तो इनके हाथ में था मगर वोट दिलाना हाथ में नहीं। कासनिया बेहद कमजोर टिकटार्थी था। रही सही कसर ओमप्रकाश कालवा और गंगाजल मील के मिलने साथ आने से हो गयी। कालवा और मील दोनों से लोग नाराज हैं। जो वोटिंग होगी और जो परिणाम आने वाला है वह लोगों के मुंह पर शहर और गांवों में बोल रहा है।
* ये हालात जयपुर दिल्ली के नेताओं को भी मालुम पड़ चुके हैं।
* बीस साल के बाद इतिहास दोहराया है *
सन् 2003 में पीलीबंगा से रामप्रताप कासनिये ने भाजपा की टिकट का अधिकार जताया मगर टिकट नहीं मिली। भाजपा ने गंगाजल मील को भाजपा की टिकट दी। बड़ा खेल भाजपा नेता प्रमोद महाजन ने रचा था जो मील की जनसभा में पीलीबंगा भी आए। कासनिये ने उस समय सफेद झंडा उठाया और बागी होकर चुनाव लड़ा। उस चुनाव में बागी कासनिये की जीत हुई थी।
* सन् 2003 में पीलीबंगा के लोगों ने कासनिये को भाजपा टिकट का असली हकदार मानते हुए वोटिंग की और बागी को विजय माला पहनाई।
* सन् 2023 में सूरतगढ़ के लोग कासनिये को भाजपा टिकट का असली हकदार नहीं मान रहे।
भादू का चुनाव में खड़ा होना कासनिये को लगातार दूसरी बार विधायक चुने जाने में बाधा बन गया है।
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