प्रदेशाध्यक्ष पूनिया की बड़ी गलती: भ्रष्ट कालवा को भाजपा में लेना
* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 3 मार्च 2023.
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भ्रष्टाचार के केस और आरोपों में फंसे नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को भाजपा
में शामिल करने की बहुत बड़ी गलती की है। स्थानीय भाजपा नेताओं का स्वार्थ रहा और लेकिन सतीश पूनिया भ्रम में नहीं थे। सतीष पूनिया को 23 जुलाई 2022 को दो पत्र मेल किये गए थे जिनको पढने के बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं की कारगुजारियों का पर्दा भी हट जाएगा कि जनता जिस कालवा को भ्रष्ट कह रही थी,उससे भाजपाइयों का कैसा घालमेल रहा।
सूरतगढ़ और श्रीगंगानगर के भाजपा नेता भी भ्रम में नहीं थे। ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध जो हालात पैदा हुए वे सभी भाजपा के नेताओं को मालुम थे। सूरतगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए पहले कालवा को सरंक्षण दिया उसको बचाते रहे कभी उसके विरोध में आंदोलन नहीं किया और बाद में उसे भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया।
👍 सतीश पूनिया को महीनों पहले 23 जुलाई 2022 को तो पत्रों से अवगत कराया गया था। लेकिन उन्होंने ओमप्रकाश कालवा को भाजपा में शामिल करने के समय कोई परवाह नहीं की। उनके दिमाग में एक ही था कि कांग्रेस का अध्यक्ष है इसे भाजपा में शामिल करेंगे तो पूरे प्रदेश में वाह-वाह हो जाएगी। लेकिन हालात इसके विपरीत हुए हैं।
* भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सतीश पूनिया को जो पत्र लिखे गए उन पत्रों को पढ़ें। ओमप्रकाश कालवा के बारे में और भारतीय जनता पार्टी के रामप्रताप कासनिया अशोक नागपाल नगर मंडल के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा जिला उपाध्यक्ष शरणपालसिंह आदि के बारे में इन पत्रों में हवाला दिया गया है।भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ओमप्रकाश कालवा के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की। ये दोनों पत्र लिखे जाने के कुछ दिन बाद संघ के वरिष्ठ स्वयं सेवक को भेंट किए गये और निवेदन किया गया। कार्यवाही नहीं हुई और 23 अगस्त 2022 का दिन आ गया। एक माह बीत गया। 23 अगस्त को ये समाचार बना दिए गये। भाजपा ने उसी रात को अचानक घोषणा की कि 24 अगस्त 2022 को नगरपालिका पर प्रदर्शन होगा। उस मांग पत्र में भाजपा ने भवन का नाम पं दीनदयाल उपाध्याय भवन हटाने का उल्लेख तक नहीं किया। प्रदर्शन में नरेन्द्र घिटाला ने ललकारा तब नाम वापस लगाया। भाजपा ने 5 दिन का समय दिया। गुप्त रूप से समय पुनः प्रदर्शन का 1 माह कर दिया। बाद में कुछ भी नहीं किया।
* स्थानीय नेताओं ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की,जो ये पत्र पढने से मालुम हो जाएगा।
* ओमप्रकाश कालवा को भाजपा में शामिल किए जाने के बाद जनता में जो विचार उत्पन्न हो रहे हैं वे विचार भारतीय जनता पार्टी को चुनाव के समय परेशानी में डालेंगे।
** हो सकता है कि चुनाव आने से पहले ही ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई हो जाए। अगर ऐसा होता है तो भारतीय जनता पार्टी का नाम बदनाम होगा क्योंकि कालवा अब भाजपा में है।
👍 यह प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को भी परेशानी में डालने वाला होगा। प्रदेशाध्यक्ष होने का मतलब यह नहीं है कि वे चाहे जो करें। अभी भी सतर्क हो जाएं स्थानीय नेताओं से जवाब तलब करें ताकि बड़े नुकसान से बच सकें।
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