सूरतगढ़ सीवरेज केस की मील उठाएं जिम्मेदारी.सीआईडी में पड़े 1 माह:
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 5 मार्च 2023.
सूरतगढ़ सीवरेज घोटाले का मुकदमा लापरवाही अनदेखी,ढील और पीछा न किए जाने के कारण एक माह से सीआईडी क्राईम ब्रांच में पड़ा है। मुकदमा दर्ज कराने वाले बनवारीलाल मेघवाल और पार्षद परसराम भाटिया जयपुर हाथ लगाकर एक दो दिन की हवा खाकर लौट आते हैं। क्या मील परिवार जयपुर में पहुंच कर इस पत्रावली की जांच को गति देना चाहेगा तो यह पत्रावली चलेगी। मील परिवार से मतलब पूर्व विधायक गंगाजल मील,हेतराम मील और हनुमान मील जिन्होंने पत्रकार वार्ता में इस केस को प्रमुख बताया। (* सीवरेज घोटाला हुआ तब कालवा कांग्रेस में था और 24 फरवरी 2023 को भाजपा में चला गया।*)
* अभी तक तो इस केस को लंबित कराए रखने में ओमप्रकाश कालवा ही सफल रहा और उसी ने पत्रावली को सीआईडी क्राईम ब्रांच में पहुंचाया। कहावत है कि मुकदमा लड़ना है तो पुलिस और अदालत तक हर तारीख पर पीछा करना पड़ता है। क्या इस केस में ऐसा हुआ है? केस कराने वाले और मील खुद एक एक दिन की समीक्षा करलें। जिसे मुख्य आरोपी मान रहे हैं वह कालवा ही अपने बचाव के लिए पत्रावली के साथ साथ चल रहा है और घुमा रहा है।
* पूर्व पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल ने सीवरेज में 1 करोड़ 48 लाख के भुगतान घोटाले का आरोप लगाते हुए नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर मुकदमा दर्ज कराया था। जांच कार्य सिटी थाने के एसआई मोटाराम को सौंपी गई थी। मोटाराम पर आरोप लगाया गया कि वह जांच सही नहीं कर रहा और आरोपियों को बचा रहा है। उसने दो बार अंतिम रिपोर्ट देने की कोशिश की। पुलिस उप अधीक्षक ने कुछ बिंदु तय किए लेकिन मोटाराम ने उन पर जांच नहीं की। आखिर बनवारीलाल मेघवाल ने स्वयं पेश होकर जिला पुलिस अधीक्षक को 27 जनवरी को शिकायत की और जांच बदलने का आग्रह किया। एसपी ने तुरंत फाईल मंगवाई और जांच पुलिस उप अधीक्षक सूरतगढ़ को स्वयं को करने का आदेश दिया। इसके बाद ओमप्रकाश कालवा ने जांच बदलने की मांग रखी जिस पर फाईल जयपुर पहुंचाई जाएगी। वैसे तो कोई पेचीदा मामला हो तो राज्य सरकार जांच के लिए सीआईडी( अपराध शाखा) को सौंपती है।
* बनवारीलाल मेघवाल और परसराम भाटिया को जयपुर में अधिकारी नहीं मिलते, उनको मिलने के लिए ये जयपुर में दो चार दिन अधिक ठहर नहीं सकते तब जिम्मेदारी आती है मील ग्रुप की। ०0०