सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

भाजपा नेताओं की कॉलोनी पर मील की मेहरबानी क्यों है ?

 

* करणी दान सिंह राजपूत *

 सूरतगढ़ 13 फरवरी 2023.

 भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं की सूरतगढ़ में नेशनल हाईवे 62 पर बनी कॉलोनी में गड़बड़ी है और उस पर कार्यवाही करने के बजाए बड़े मील मेहरबान हो रहे हैं।बड़े मील गंगाजल मील इस कॉलोनी में पगफेरा भी कर आए और उसके बाद से चुप हो करके बैठे हैं। 

* मील निर्देश पर नगर पालिका प्रशासन ने शहर में करीब डेढ़ सौ अतिक्रमणों का सफाया किया है। खाली नोहरों को तोड़ा है। करोड़ों रुपए की जमीन को मुक्त करवाया है।

* लेकिन बड़े मील साहब भारतीय जनता पार्टी नेताओं की गड़बड़ वाली कॉलोनी पर मेहरबान हैं।  यह मेहरबानी क्यों है? यह बड़े मील जानते हैं या फिर भारतीय जनता पार्टी के वे नेता जानते हैं जिनकी कॉलोनी है,या फिर आरोप लगाने वाले जानते हैं।

** आरोप मिथ्या नहीं है झूठे नहीं है। शिप्रा

कॉलोनी का गड़बड़ का चिट्ठा आठ माह पहले मई  2022  में छपा हुआ है।  इसके बावजूद यह मेहरबानी चल रही है।



 मील वैसे तो कालवा के भ्रष्टाचार ऊपर और भूमाफिया पर कार्यवाही करने के लिए एक्टिव नजर आते हैं।कालवा के भ्रष्टाचार पर जब आरोप लगाया गया तो बड़े मील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने कांग्रेस पार्टी में ओमप्रकाश कालवा को अध्यक्ष बनाया अब अगर कोई गड़बड़ हो रही है भ्रष्टाचार हो रहा है तो करने वाला जिम्मेदार है हम जिम्मेवार नहीं है।

भाजपा नेताओं की कॉलोनी पर स्पष्ट है कि नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा वहां कार्रवाई नहीं कर रहे। कालवा का कर्तव्य बनता है। शिकायत काफी समय से अखबार में छपी हुई है,उसे झुठलाया नहीं जा सकता। अखबार में छपना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। कालवा कहे कि वहां गड़बड़ी नहीं है। गड़बड़ी के कारण भाजपा नगरपालिका और कालवा के भ्रष्टाचारों पर चुप है तथा विरोध नहीं कर रही क्योंकि इन्हीं नेताओं का पद है।


 ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी के नेता नगर मंडल आदि प्रदर्शन नहीं करते बहुत बड़ा कारण है। ओमप्रकाश कालवा कॉलोनी पर कार्रवाई नहीं करना चाहते लेकिन बड़े मील  खुद जब कॉलोनी में जा करके आ गए और काफी दिन बीत गए 1 महीने से ज्यादा समय बीत गया है तब मील भी सवालों के घेरे में है। मील चुप क्यों है? कॉलोनी के अंदर या चारदीवारी बनाकर 3 बीघा से अधिक भूमि जो नेशनल हाईवे पर कम से कम 10 करोड़ की होगी इससे अधिक भी हो सकती है।  उस पर अतिक्रमण हटाकर नगर पालिका की जमीन को मुक्त करवाने के मामले में बड़े मील साहब की चुप्पी पर सवाल बहुत बड़ा उठा हुआ है,जब शहर के सौ डेढ़ सौ कब्जे टूट सकते हैं तो इस एक कॉलोनी का कब्जा क्यों नहीं टूटा? इसका जवाब बड़े मील को देना पड़ेगा?

हमने पहले समाचार बनाया था तब भी यह प्रश्न पैदा कर दिया था कि पग फेरे के बाद में अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मील साहब भी सवालों के घेरे में होंगे। कालवा जिस कॉलोनी पर कार्रवाई करना नहीं चाहता उस गड़बड़ी में मील साहब अपना निर्णय क्यों नहीं सुनाना चाहते?  नगरपालिका वहां पर अतिक्रमण तोड़ने की कार्यवाही क्यों नहीं करना चाहती? नगर पालिका प्रशासन मील साहब के कहने से कार्रवाई कर रहा है यह सभी को पता है तो फिर इस एक कॉलोनी को कब तक बचाया जाएगा।  भाजपा नेता कॉलोनी के मालिक भी चुप हैं,अगर कोई गड़बड़ नहीं है तो वे कहें बयान दें।


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